प्लाज़्मा को पहली बार 1879 में सर विलियम क्रुक्स द्वारा क्रुक्स ट्यूब में पहचाना गया था, जिन्होंने इसे “चमकदार पदार्थ” का नाम दिया था। क्रुक्स ट्यूब “कैथोड रे” की प्रकृति को बाद में 1897 में ब्रिटिश भौतिक विज्ञानी सर जे.जे. थॉमसन द्वारा पहचाना गया। 1928 में इरविंग लैंगमुइर ने इसे प्लाज्मा का नाम दिया। यदि आप प्लाज्मा भौतिकी क्या है के बारे में विस्तार से जानना चाहते हैं, तो यह ब्लॉग पूरा पढ़ें।
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प्लाज्मा भौतिकी क्या है?
फिजिक्स और केमिस्ट्री में, प्लाज़्मा आंशिक रूप से आयनीकृत एक गैस है, जिसमें इलेक्ट्रॉन्स का एक निश्चित अनुपात किसी एटम और मॉलिक्यूल के साथ बंधे होने के बजाय स्वतंत्र होता है। प्लाज़्मा में पॉजिटिव और नेगेटिव के स्वतंत्र रूप से घूमने की क्षमता प्लाज़्मा को इलेक्ट्रिकल कंडक्टर बनाती है जिसके परिणामस्वरूप यह मज़बूती से इलेक्ट्रिकल मैग्नेटिक क्षेत्रों से प्रतिक्रिया कर पाता है।
प्लाज़्मा के गुण सॉलिड, लिक्विड या गैस के गुणों से काफी विपरीत हैं और इसलिए इसे पदार्थ की एक भिन्न अवस्था माना जाता है। प्लाज़्मा आमतौर पर, एक न्यूट्रल-गैस के बादलों का रूप ले लेता है। गैस की तरह प्लाज़्मा का कोई निश्चित आकार या निश्चित आयतन नहीं होता जब तक इसे किसी पात्र में बंद न कर दिया जाए। लेकिन गैस के विपरीत किसी चुंबकीय क्षेत्र के प्रभाव में यह एक फिलामेंट, गुच्छे या दोहरी परत जैसे स्ट्रक्चर का निर्माण करता है।
भौतिकी और रसायन शास्त्र में, प्लाज्मा आंशिक रूप से आयनीकृत एक गैस है, जिसमें इलेक्ट्रॉनों का एक निश्चित अनुपात किसी परमाणु या अणु के साथ बंधे होने के बजाय स्वतंत्र होता है। प्लाज्मा में धनावेश और ऋणावेश की स्वतंत्र रूप से गमन करने की क्षमता प्लाज्मा को विद्युत चालक बनाती है जिसके परिणामस्वरूप यह दृढ़ता से विद्युत चुम्बकीय क्षेत्रों से प्रतिक्रिया कर पाता है।
प्लाज़्मा भौतिक विज्ञानी क्या करते हैं?
एक प्लाज़्मा भौतिक विज्ञानी एक वैज्ञानिक होता है जो प्लाज़्मा के बारे में अधिक जानने के लिए अलग-अलग प्रयोग विकसित करता है और उन्हें करने का प्रयास करता है। प्लाज़्मा स्वतंत्र रूप से चलने वाले इलेक्ट्रॉन्स और आयनों का संग्रह होता है, जिसमें सामूहिक घटनाएं वेव सिस्टम के व्यवहार पर हावी होती हैं।
फिजिक्स में प्लाज्मा के रूप
प्लाज़्मा नेचुरल और आर्टिफिशियल दोनों तरह से बनाया जा सकता है। पृथ्वी-आधारित या अंतरिक्ष-आधारित प्लाज़्मा नेचुरल रूप से पाए जा सकते हैं। लेकिन उद्योगों और प्रोडक्शन इंडस्ट्री की जरूरतों को पूरा करने के लिए आर्टिफिशियल प्लाज़्मा का उत्पादन किया जाता है।
प्लाज्मा भौतिक कोर्सेज
दुनिया भर में केवल कुछ ही कॉलेज बैचलर प्लाज्मा भौतिकी कोर्स प्रदान करते हैं। हालांकि, बारह साल की स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद, व्यक्ति विज्ञान में बैचलर्स डिग्री हासिल कर सकते हैं, जिसके बाद मास्टर और PhD स्तरों पर प्लाज़्मा भौतिकी का अध्ययन करने के लिए कई विकल्प हैं। कई विश्वविद्यालय प्लाज़्मा भौतिकी में मास्टर डिग्री प्रदान करते हैं, कुछ एक विशेषता प्रदान करते हैं। प्लाज़्मा भौतिक क्या है से जुड़े कोर्सेज की सूची नीचे दी गई है:
बैचलर डिग्री कोर्स
- Bachelor of Science in Physics
- MSc Physics
- Bachelor of Engineering in EP
- Bachelor of Science in EP
- Bachelor of Technology in EP
- BSc (Hons) Physics and Astrophysics
- BSc Physics Bachelor of Science in Physics – Nuclear Science
- BSc (Hons) Physics with Particle Physics and Cosmology
- Bachelor of Science (Honors) in Materials Science
- Bachelor of Arts in Physics – Physical Theory and Experimental Technique
- Bachelor of Medical and Radiation Physics
- Bachelor of Science (Biomolecular Physics)
- Bachelor of Science in Molecular Biochemistry and Biophysics
- Bachelor of Science (Honors) (Earth Science)
- BSc (Hons) Theoretical Physics and Applied Mathematics
- Bachelor of Science in Physics – Earth and Planetary Sciences (Climate Focus)
- Bachelor of Science (Honors) (Atmospheric Science)
- Bachelor of Science in Physics and Astronomy
- Bachelor of Science in Nuclear Medicine Technology
मास्टर डिग्री कोर्स
- Master of Science in Physics – Optics and Medical Imaging
- MSc in Fusion Energy
- MSc by Research in Astrophysical and Geophysical Fluid Dynamics – Magnetohydrodynamic Experiments
- MSc – Theoretical Physics MSc Space Exploration Systems
- Master of Applied Science in Astrophysics and Astronomy
- MSc Physics of Materials
- Master of Science in Nuclear, Plasma, and Radiological Engineering
- MSc (Res) Particle Physics
- Physics: Energy and the Environment MSc
- MSc by Research Physics
- Master of Science in Medical Physics
- Master of Science in EP
- MEng in Engineering Physics
- Masters in Physics (Applied and Engineering Physics)
PhD डिग्री कोर्सेज
- Doctor of Philosophy in Biophysical Sciences and Medical Physics
- Doctor of Philosophy in Applied Physics
- Doctor of Philosophy in High Energy Physics
- Doctor of Philosophy in Physics – Condensed Matter Physics
- Doctor of Philosophy in Physics – Materials Physics
- Doctor of Philosophy in Earth System Science
विदेश में टॉप यूनिवर्सिटीज
प्लाज़्मा भौतिकी की पढ़ाई कराने वाले दुनिया की टॉप यूनिवर्सिटीज की सूची नीचे दी गई है:
- प्रिंसटन विश्वविद्यालय– प्रिंसटन, न्यू जर्सी
- कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय– कैम्ब्रिज, इंग्लैंड
- मैसाचुसेट्स इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी), कैम्ब्रिज, मैसाचुसेट्स
- क्योटो विश्वविद्यालय, क्योटो, जापान
- हार्वर्ड विश्वविद्यालय, कैम्ब्रिज, मैसाचुसेट्स
- ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय, ऑक्सफोर्ड, इंग्लैंड
- इंपीरियल कॉलेज लंदन, इंग्लैंड, यूके
- ईटीएच ज्यूरिख, ज्यूरिख, स्विट्जरलैंड
- टोक्यो विश्वविद्यालय, टोक्यो, जापान
- म्यूनिख के तकनीकी विश्वविद्यालय, जर्मनी
भारत में टॉप कॉलेज और यूनिवर्सिटीज
प्लाज़्मा भौतिकी की पढ़ाई कराने वाले भारत के टॉप कॉलेजों की सूची नीचे दी गई है:
- टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च
- IIT- मद्रास
- IIT- बैंगलोर
- इंटरनेशनल सेंटर फॉर थ्योरेटिकल साइंस, बैंगलोर
- IIT- बॉम्बे
- इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ साइंस एजुकेशन एंड रिसर्च- कोलकत्ता
- प्लाज़्मा रिसर्च इंस्टिट्यूट- गुजरात
- रमन रिसर्च इंस्टिट्यूट
- साहा इंस्टिट्यूट ऑफ न्यूक्लियर फिजिक्स
- प्लाज्मा भौतिकी सेंटर- असम
योग्यता
प्लाज़्मा भौतिक विज्ञानी बनने के लिए आवश्यक सामान्य योग्यता नीचे दी गई है:
- उम्मीदवारों ने किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से (भौतिकी और गणित में) 10+2 प्रथम श्रेणी से पास किया हो।
- किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से सामान्य भौतिकी या सम्बंधित विषय में बैचलर डिग्री हासिल की हो।
- मास्टर डिग्री प्रोग्राम के लिए संबंधित क्षेत्र में प्रथम श्रेणी के साथ बैचलर्स डिग्री होना आवश्यक है। साथ ही कुछ यूनिवर्सिटीज प्रवेश परीक्षा के आधार पर भी एडमिशन स्वीकार करतीं हैं।
- BE डिग्री वाले इंजीनियर जिनके पास प्लाज्मा भौतिकी मुख्य विषय है, वे भी इस क्षेत्र में रिसर्चर या फेलो रिसर्च असिस्टेंट के रूप में काम कर सकते हैं।
- विदेश की अधिकतर यूनिवर्सिटीज बैचलर्स के लिए SAT और मास्टर्स कोर्सेज के लिए GRE स्कोर की मांग करते हैं।
- विदेश की यूनिवर्सिटीज में एडमिशन के लिए IELTS या TOEFL टेस्ट स्कोर, अंग्रेजी प्रोफिशिएंसी के प्रमाण के रूप में ज़रूरी होते हैं।
- विदेश यूनिवर्सिटीज में पढ़ने के लिए SOP, LOR, सीवी/रिज्यूमे और पोर्टफोलियो भी जमा करने की ज़रूरत होती है।
आवेदन प्रक्रिया
विदेश के विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया इस प्रकार है–
- आपकी आवेदन प्रक्रिया का फर्स्ट स्टेप सही कोर्स चुनना है, जिसके लिए आप AI Course Finder की सहायता लेकर अपने पसंदीदा कोर्सेज को शॉर्टलिस्ट कर सकते हैं।
- एक्सपर्ट्स से कॉन्टैक्ट के पश्चात वे कॉमन डैशबोर्ड प्लेटफॉर्म के माध्यम से कई विश्वविद्यालयों की आपकी आवेदन प्रक्रिया शुरू करेंगे।
- अगला कदम अपने सभी दस्तावेज़ों जैसे SOP, निबंध, सर्टिफिकेट्स और LOR और आवश्यक टेस्ट स्कोर जैसे IELTS, TOEFL, SAT, ACT आदि को इकट्ठा करना और सुव्यवस्थित करना है।
- यदि आपने अभी तक अपनी IELTS, TOEFL, PTE, GMAT, GRE आदि परीक्षा के लिए तैयारी नहीं की है, जो निश्चित रूप से विदेश में अध्ययन करने का एक महत्वपूर्ण कारक है, तो आप Leverage Live कक्षाओं में शामिल हो सकते हैं। ये कक्षाएं आपको अपने टेस्ट में उच्च स्कोर प्राप्त करने का एक महत्त्वपूर्ण कारक साबित हो सकती हैं।
- आपका एप्लीकेशन और सभी आवश्यक दस्तावेज़ जमा करने के बाद, एक्सपर्ट्स आवास, छात्र वीज़ा और छात्रवृत्ति / छात्र लोन के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू करेंगे ।
- अब आपके प्रस्ताव पत्र की प्रतीक्षा करने का समय है जिसमें लगभग 4-6 सप्ताह या उससे अधिक समय लग सकता है। ऑफर लेटर आने के बाद उसे स्वीकार करके आवश्यक सेमेस्टर शुल्क का भुगतान करना आपकी आवेदन प्रक्रिया का अंतिम चरण है।
भारत के विश्वविद्यालयों में आवेदन प्रक्रिया, इस प्रकार है–
- सबसे पहले अपनी चुनी हुई यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट में जाकर रजिस्ट्रेशन करें।
- यूनिवर्सिटी की वेबसाइट में रजिस्ट्रेशन के बाद आपको एक यूजर नेम और पासवर्ड प्राप्त होगा।
- फिर वेबसाइट में साइन इन के बाद अपने चुने हुए कोर्स का चयन करें जिसे आप करना चाहते हैं।
- अब शैक्षिक योग्यता, वर्ग आदि के साथ आवेदन फॉर्म भरें।
- इसके बाद आवेदन फॉर्म जमा करें और आवश्यक आवेदन शुल्क का भुगतान करें।
- यदि एडमिशन, प्रवेश परीक्षा पर आधारित है तो पहले प्रवेश परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन करें और फिर रिजल्ट के बाद काउंसलिंग की प्रतीक्षा करें। प्रवेश परीक्षा के अंको के आधार पर आपका चयन किया जाएगा और लिस्ट जारी की जाएगी।
आवश्यक दस्तावेज़
कुछ ज़रूरी दस्तावेज़ों की लिस्ट नीचे दी गई हैं–
- आधिकारिक शैक्षणिक ट्रांसक्रिप्ट
- स्कैन किए हुए पासपोर्ट की कॉपी
- IELTS या TOEFL, आवश्यक टेस्ट स्कोर
- प्रोफेशनल/एकेडमिक LORs
- SOP
- निबंध (यदि आवश्यक हो)
- पोर्टफोलियो (यदि आवश्यक हो)
- अपडेट किया गया सीवी/रिज्यूमे
- एक पासपोर्ट और छात्र वीज़ा
- बैंक विवरण
एंट्रेंस एग्ज़ाम
टॉप एंट्रेंस की सूची नीचे दी गई है:
- JEE
- Joint Entrance Screening Test
- GATE: Graduate Aptitude Test in Engineering
- Guru Nanak Dev University (GNDU) Entrance Test
- Joint Admission Test for M.Sc
- Dr.M.G.R University M.Sc Entrance Exam
- Indian School of Mines All India Entrance Examination
- SAT (विदेश में बैचलर्स के लिए)
- GRE (विदेश में मास्टर्स के लिए)
- IMU CET
- LPU-NEST
- AUCET
- COMEDK
- Assam CEE
- BITSAT
- WBJEE
प्लाज्मा भौतिकी में करियर और सैलरी
भारत के साथ-साथ दुनिया भर के अन्य देशों में कुशल प्लाज़्मा भौतिकी वैज्ञानिकों के लिए कई संभावनाएं हैं। भौतिकी, गणित, या इंजीनियरिंग में विशेषज्ञता, या प्लाज़्मा भौतिकी में पीएचडी, लाभदायक करियर के द्वार खोलेगा।
- साइंटिस्ट्स स्पेशलाइज़िंग इन प्लाज़्मा फिजिक्स : भारत और दुनिया भर में कई रिसर्च संस्थान और सरकारी संगठन, रिसर्च परियोजनाओं पर काम करने के लिए प्लाज्मा भौतिकी वैज्ञानिकों को नियुक्त करते हैं। इसलिए रिसर्च के क्षेत्र में करियर बनाना एक बेहतर विकल्प है।
- बिज़नेस: स्पेक्ट्रोस्कोपिक इंस्ट्रूमेंटेशन के साथ-साथ कंप्यूटर प्रोग्रामिंग और डेटा हैंडलिंग स्किल बिज़नेस के लिए लाभदायक हो सकती है। नैनोफाइब्रिकेशन और प्लाज़्मा डायग्नोस्टिक्स में अनुभव रखने वाले उम्मीदवार विभिन्न औद्योगिक और तकनीकी सेटिंग्स में सफल करियर बना सकते हैं।
- यूनिवर्सिटी ऑफ़ प्लाज़्मा फिजिक्स: यह अनुमान है कि विश्वविद्यालयों में प्लाज़्मा भौतिकी टीचिंग और रिसर्च में भविष्य में तेजी से विकास होगा। विश्वविद्यालय में टीचिंग में करियर की अच्छी सम्भावनाएं हैं।
- प्लाज़्मा रीसर्च इंस्टिट्यूट: प्लाज़्मा रिसर्च इंस्टिट्यूट, भारत सरकार के न्यूक्लियर एनर्जी विभाग के अंतर्गत रिसर्च एवं विकास का एक इंस्टिट्यूट है। यह संस्थान बड़े पैमाने पर प्लाज़्मा विज्ञान में थ्योरेटिकल और एक्सपेरिमेंटल अध्ययनों में शामिल है।
जॉब प्रोफाइल | सालाना सैलरी ( INR ) |
प्लाज़्मा फिजिसिस्ट | 7 लाख से 10 लाख |
प्रोजेक्ट सइंटिफ़िक असिस्टेंट | 2 लाख से 4 लाख |
प्रोफेसर | 7 लाख से 10 लाख |
डाटा साइंटिस्ट | 5 लाख से 7 लाख |
FAQs
आवेशित कणों और तरल पदार्थों के विद्युतीय और चुंबकीय क्षेत्रों के साथ परस्पर क्रिया करने के अध्ययन को प्लाज्मा भौतिकी के रूप में जाना जाता है।
प्लाज्मा भौतिकी पृष्ठभूमि वाले व्यक्तियों के पास इंजीनियरिंग और भौतिकी में रोजगार के कई विकल्प हैं।
प्लाज्मा भौतिक विज्ञानी बनने के लिए आपके पास फिजिक्स या इंजीनियरिंग की डिग्री होनी आवश्यक है।
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