Parimey Sankhya Kise Kahate Hain: परिमेय संख्या किसे कहते हैं?

1 minute read
Parimey Sankhya Kise Kahate Hain

Parimey Sankhya Kise Kahate Hain: प्रिय विद्यार्थियों गणित एक महत्वपूर्ण विषय है क्योंकि यह न केवल हमारे दैनिक जीवन में उपयोगी होता है, बल्कि यह हमें तर्कशक्ति, समस्या समाधान और सोचने के तरीके को भी विकसित करने में मदद करता है। गणित का उपयोग खरीददारी, बजट बनाना, समय प्रबंधन, विज्ञान व तकनीक के अतिरिक्त विभिन्न क्षेत्रों में होता है। बताना चाहेंगे स्कूली परीक्षाओं के अलावा विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं में गणित विषय से संबंधित प्रश्न अकसर पूछे जाते हैं। इसलिए इस लेख में विद्यार्थियों को परिमेय संख्या किसे कहते हैं? (Parimey Sankhya Kise Kahate Hain) उदाहरण सहित बताया गया है। 

परिमेय संख्या किसे कहते हैं? – Parimey Sankhya Kise Kahate Hain

यदि किसी वास्तविक संख्या को दो पूर्ण संख्याओं के बटा के रूप में व्यक्त किया जा सकता है तो उसे परिमेय संख्या (Rational number) कहते हैं। अर्थात कोई संख्या p/q, जहाँ p और q दोनों पूर्ण संख्याएं हैं और जहाँ 𝑞≠0, एक परिमेय संख्या है। 

आसान शब्दों में कहें तो परिमेय संख्या (Parimey Sankhya) वह संख्या होती है जिसे दो पूर्णांकों (integer) के अनुपात के रूप में व्यक्त किया जा सकता है। ध्यान दें कि 1, 3, 5 व 7 आदि परिमेय संख्याओं के कुछ उदाहरण हैं। इसे भिन्न संख्याये भी कहते है।

परिमेय संख्या की मुख्य अवधारणाएँ 

परिमेय संख्या की मुख्य अवधारणाएँ इस प्रकार हैं:-

  • परिमेय संख्याओं में योग, घटाना, गुणन और विभाजन उसी प्रकार किए जाते हैं, जैसे भिन्नों में किए जाते हैं।
  • परिमेय संख्याएँ योग, व्यवकलन और गुणन की सक्रियाओं के अंतर्गत संवृत होती हैं।
  • परिमेय संख्याओं के लिए योग और गुणन की संक्रियाएँ
    (1) क्रमविनिमेय होती हैं।
    (ii) सहचारी होती हैं।
  • परिमेय संख्या 0 परिमेय संख्याओं के लिए योज्य तत्समक होता है।
  • परिमेय संख्या । परिमेय संख्याओं के लिए गुणन तत्समक होता है।
  • परिमेय संख्या a/b का योज्य प्रतिलोम (- a)/b होता है और (- a)/b का योज्य प्रतिलोम a/b होता है 
  • परिमेय संख्या a/b का व्युत्क्रम या गुणन प्रतिलोम c/d होता है, यदि a/b* c/d = 1 हो।
  • परिमेय संख्याओं को एक संख्या रेखा पर निरूपित किया जा सकता है।
  • दी हुई दो परिमेय संख्याओं के बीच में अपरिमित रूप से अनेक परिमेय संख्याएँ होती हैं। दी हई दो परिमेय संख्याओं के बीच में परिमेय संख्याएँ ज्ञात करने के लिए सहायक होती है।

परिमेय संख्या की विशेषताएँ

परिमेय संख्या की कुछ महत्वपूर्ण विशेषताएँ इस प्रकार हैं:-

  • एक शून्येतर परिमेय संख्या और उसके व्यूत्क्रम का गुणनफल 1 होता है। 
  • सभी पूर्णांक परिमेय संख्याएँ होती हैं क्योंकि उन्हें 1 के हर के साथ लिखा जा सकता है।
  • सभी सांत दशमलव (Terminating Decimals) परिमेय संख्याएँ होती हैं क्योंकि उन्हें भिन्न के रूप में बदला जा सकता है।
  • सभी आवर्ती दशमलव (Repeating Decimals) परिमेय संख्याएँ होती हैं क्योंकि उन्हें भी भिन्न के रूप में बदला जा सकता है।

FAQs 

परिमेय संख्या क्या होती है उदाहरण सहित बताइए?

परिमेय संख्या वह संख्या होती है जिसे p/q के रूप में दर्शाया जा सकता है, जहाँ p और q पूर्णांक हैं और q शून्य नहीं है। 

क्या 0.7777777 एक परिमेय संख्या है?

0.7777777 एक आवर्ती दशमलव वाली परिमेय संख्या है।

परिमेय संख्या किसे कहते हैं?

कोई भी संख्या जिसे भिन्न के रूप में लिखा जा सकता है, जहाँ अंश और हर दोनों पूर्णांक हों और हर शून्य न हो, एक परिमेय संख्या कहलाती है।

क्या सभी दशमलव संख्याएँ परिमेय संख्याएँ हैं?

नहीं, केवल सांत दशमलव (जैसे 0.5, 2.75) और आवर्ती दशमलव (जैसे 0.333…, 1.232323…) परिमेय संख्याएँ होती हैं।

परिमेय संख्याओं को दशमलव रूप में कैसे पहचाना जा सकता है?

परिमेय संख्याओं का दशमलव प्रसार या तो सांत (terminating) होता है, जैसे 0.5, या आवर्ती (repeating) होता है, जैसे 0.333…।

आशा है कि आपको इस लेख में परिमेय संख्या किसे कहते हैं? (Parimey Sankhya Kise Kahate Hain) की संपूर्ण जानकारी मिल गई होगी। ऐसी ही सामान्य ज्ञान और प्रतियोगी परीक्षाओं से संबंधित अधिक जानकारी के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें। 

Leave a Reply

Required fields are marked *

*

*