प्रतियोगी परीक्षाओं में करंट अफेयर्स से जुड़े क्वेश्चन पूछे जाते हैं, क्योंकि करंट अफेयर्स का उद्देश्य मनुष्य की समझ को विस्तार करना है। UPSC में प्री और मेंस एग्जाम के अलावा इंटरव्यू का भी महत्वपूर्ण रोल है, इसलिए कैंडिडेट्स को देश-दुनिया के बारे में जानना होगा और बड़ी घटनाओं को समझना होगा। इस ब्लाॅग में हम भारत के पहले राष्ट्रपति कौन थे (Bharat ke Pratham Rashtrapati kaun The) के बारे में जानेंगे जिससे आपकी तैयारी को मजबूती मिलेगी।
भारत के पहले राष्ट्रपति कौन थे? (Bharat ke Pratham Rashtrapati kaun The)
1950 में जब भारत गणतंत्र बना तो डाॅ. राजेंद्र प्रसाद को संविधान सभा द्वारा पहला राष्ट्रपति चुना गया। वह 1950 से 1962 तक वह पद पर रहे। वह भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हुए और बिहार क्षेत्र से एक प्रमुख नेता बन गए। महात्मा गांधी के समर्थक प्रसाद को 1931 के नमक सत्याग्रह और 1942 के भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान ब्रिटिश अधिकारियों द्वारा कैद कर लिया गया था।
स्वतंत्रता आंदोलन में प्रसाद की प्रमुख भूमिका थी। भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के साथ प्रसाद का पहला जुड़ाव 1906 में कलकत्ता में आयोजित वार्षिक सत्र के दौरान हुआ था, जहां उन्होंने कलकत्ता में अध्ययन करते हुए एक स्वयंसेवक के रूप में भाग लिया था। औपचारिक रूप से, वह वर्ष 1911 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हुए, जब वार्षिक सत्र फिर से कलकत्ता में आयोजित किया गया।
1916 में आयोजित भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के लखनऊ अधिवेशन के दौरान उनकी मुलाकात महात्मा गांधी से हुई। चंपारण में एक तथ्य-खोज मिशन के दौरान, महात्मा गांधी ने उन्हें अपने स्वयंसेवकों के साथ आने के लिए कहा। वह महात्मा गांधी के समर्पण, साहस और दृढ़ विश्वास से इतने प्रभावित हुए कि जैसे ही 1920 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा असहयोग प्रस्ताव पारित किया गया, उन्होंने वकील के अपने आकर्षक करियर के साथ-साथ विश्वविद्यालय में अपने कर्तव्यों से भी संन्यास ले लिया था।
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डाॅ. राजेंद्र प्रसाद के बारे में
डॉ. राजेंद्र प्रसाद का जन्म 3 दिसंबर 1884 को बिहार के सीवान जिले के जीरादेई गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम महादेव सहाय श्रीवास्तव और माता का नाम कमलेश्वरी देवी था। राजेंद्र प्रसाद ने 1902 में कलकत्ता के प्रेसीडेंसी कॉलेज में विज्ञान बैचलर के रूप में दाखिला लिया था।
1915 में राजेंद्र प्रसाद ने कलकत्ता यूनिवर्सिटी के कानून विभाग में मास्टर्स ऑफ लॉ की परीक्षा दी और स्वर्ण पदक हासिल किया। उन्होंने 1937 में इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से कानून में PhD की उपाधि प्राप्त की थी। इसके बाद उन्होंने एक शिक्षक, वकील के रूप में कार्य किया। बाद में भारत के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की भी महत्वपूर्ण भूमिका में रहे और स्वतंत्र भारत के पहले राष्ट्रपति बने थे। उनका निधन 28 फरवरी 1963 को हुआ था।
राष्ट्रपति के कार्य क्या हैं?
Bharat ke Pratham Rashtrapati kaun The जानने के साथ यह समझना जरूरी है कि भारत के राष्ट्रपति को संविधान की रक्षा करने की जिम्मेदारी और अधिकार दिया गया है। राष्ट्रपति के कार्य इस प्रकार हैंः
- राष्ट्रपति के पास भारत के प्रधानमंत्री को नियुक्त करने की शक्ति और जिम्मेदारी है।
- भारत के राष्ट्रपति मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति करते हैं।
- राष्ट्रपति की मौलिक जिम्मेदारी अखंडता को बनाए रखना है।
- राष्ट्रपति ही तीनों सेनाओं के प्रमुखों की नियुक्ति करते हैं।
- किसी दूसरे देश के साथ युद्ध होता है तो उसकी घोषणा राष्ट्रपति करते हैं
- राष्ट्रपति राज्यों के लिए नियुक्ति प्राधिकारी है और उनके पास ऐसे राज्यपाल को बर्खास्त करने की शक्ति भी है।
- राष्ट्रपति के पास अन्य देशों में राजदूतों जैसे आईएएस, आईपीएस, आईएफएस, अटॉर्नी जनरल इत्यादि सहित कई पदों पर नियुक्ति करने की शक्ति है।
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FAQs
डॉ. राजेंद्र प्रसाद का जन्म भारत के बिहार के सीवान जिले के जीरादेई गांव में हुआ था।
1962 में, राजेंद्र प्रसाद को भारत का सर्वोच्च नागरिक सम्मान “भारत रत्न” मिला। लगभग छह महीने तक चलने वाली एक संक्षिप्त बीमारी के बाद, 28 फरवरी, 1963 को डॉ प्रसाद का निधन हो गया।
भारत के प्रथम राष्ट्रपति महिला प्रतिभा देवी सिंह पाटिल थीं।
आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको भारत के पहले राष्ट्रपति कौन थे (Bharat ke Pratham Rashtrapati kaun The) के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। एग्जाम की तैयारी और बेहतर करने व UPSC में पूछे जाने वाले क्वैश्चंस के बारे में अधिक जानकारी के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।