UPSC prelims mock test in Hindi : अगर आप इस बार UPSC prelims देने वाले हैं तो, जान लें कि आपकी तैयारी एकदम मजबूत होनी चाहिए। जब आपकी तैयारी अच्छी होगी तभी आप एग्जाम पहली बार में पास कर पाएगें। आपको यूपीएससी एग्जाम के लिए उसके पूरे सिलेबस का पता होना चाहिए और पूरे सिलेबस की स्टडी के साथ-साथ आपको यूपीएससी प्रीलिम्स Mock Test सॉल्व करना भी बहुत जरुरी है। UPSC prelims mock Test in Hindi सॉल्व करने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे आपको एग्ज़ाम पैटर्न और प्रश्नों के प्रकार को आसानी से समझने में मदद मिलेगी।
Mock Test एग्जाम यूपीएससी प्रीलिम्स के सिलेबस को ध्यान में रख कर कंडक्टिंग बॉडी द्वारा स्टूडेंट्स की मदद के लिए जारी किए जाते हैं। इससे स्टूडेंट्स को यूपीएससी प्रीलिम्स मॉक टेस्ट देते हुए यह पता चलता है कि उनकी किन सब्जेक्ट्स में तैयारी अभी कम है और उन्हें किन सब्जेक्ट्स पर ज्यादा ध्यान देने की आवश्यकता हैं। साथ ही यूपीएससी एग्जाम में कैसे उन्हें अपना टाइम मैनेजमेंट करना है इसकी की प्रैक्टिस उन्हें इन मॉक टेस्ट के दौरान हो जाती हैं।
IAS एग्जाम कंडक्टिंग बॉडी | यूपीएससी |
एग्जाम मोड | ऑफलाइन |
आयुसीमा | 21 से 32 साल |
योग्यता | किसी भी स्ट्रीम से ग्रेजुएशन। |
एग्जाम पैटर्न | प्रीलिम्स (MCQs), मेन्स (डिस्क्रिप्टिव पेपर) |
IAS एग्जाम- प्रीलिम्स 2024 | रविवार- 16 जून 2024 |
IAS एग्जाम- मेन्स 2024 | रविवार – 20 सितंबर 2024 से प्रारंभ |
ऑफिशियल वेबसाइट | upsc.gov.in |
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UPSC क्या है?
यूपीएससी का पूरा नाम “यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन” जिसे हिंदी भाषा में (संघ लोक सेवा आयोग) के नाम से जाना जाता है। आजादी के तत्पश्चात 26 अक्टूबर 1950 को लोक सेवा आयोग के नाम में संशोधन कर संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) रख दिया गया। इस संशोधन का संबंध संविधान के आर्टिकल 315 से है। संघ लोक सेवा आयोग का भी कार्य ग्रेड A तथा B के अधिकारियों को सेंट्रल गवर्मेंट के लिए चयनित करना होता है। यूपीएससी सेंट्रल गवर्मेंट और स्टेट गवर्मेंट के स्तर पर कुल 24 सेवाओं की परीक्षा आयोजित करती है जिसमें IAS एग्जाम सबसे प्रमुख माना जाता है। इसे भारत की सर्वोच्च परीक्षा का दर्जा दिया गया है।
यूपीएससी प्रिलिम्स में कितने विषय होते हैं?
इसमें कैंडिडेट्स को दो पेपर देने होते हैं, दोनों सामान्य अध्ययन विषय पर आधारित होते है। प्रिलिम्स का पैटर्न कुछ इस प्रकार का होता है –
- सामान्य अध्ययन पेपर I
- CSAT या सामान्य अध्ययन पेपर- II
यूपीएससी प्रिलिम्स परीक्षा का सिलेबस
यूपीएससी प्रीलिम्स सिलेबस | अधिकतम अंक | परीक्षा की अवधि |
सामान्य अध्ययन पेपर – I -राष्ट्रीय और अंतरराष्टीय महत्व की सामयिक घटनाएं -भारत का इतिहास और भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन -भारतीय और विश्व भूगोल- भारत और विश्व का प्राकृतिक, सामाजिक एवं आर्थिक भूगोल -भारतीय राज्यतंत्र और शासन – संविधान, राजनैतिक प्रणाली, पंचायती राज, लोक नीति, अधिकारों संबंधी सामान्य मुद्दे, आदि। -आर्थिक और सामाजिक विकास – सतत विकास, गरीबी, समावेशन, जनसांख्यिकी, सामाजिक क्षेत्र में की गई पहल आदिI -पर्यावरण पारिस्थितिकी जैव-विविधता और मौसम परिवर्तन संबंधी सामान्य मुद्दे – जिनके लिए विषय विशेषज्ञता की आवश्यकता नहीं है -सामान्य विज्ञान | 200 अंक | 2 घंटे |
CSAT/सामान्य अध्ययन पेपर-II बोधगम्यता संचार कौशल सहित अंतर व्यैक्तिक कौशल तार्किक कौशल एवं विश्लेषणात्मक क्षमता निर्णय लेना और समस्या समाधान सामान्य मानसिक योग्यता आधारभूत संख्यनन (संख्याएं और उनके संबंध, विस्तार क्रम आदि ) ( 10वीं कक्षा का स्तर), आंकड़ों का निर्वाचन (चार्ट , ग्राफ, तालिका, आंकड़ों की पार्यप्ता आदि – 10वीं कक्षा का स्तर) | 200 अंक | 2 घंटे |
यूपीएससी प्रिलिम्स 2024 मॉक टेस्ट के फायदे
जैसा कि हम पहले भी कह चुके हैं टेस्ट सीरीज यूपीएससी की तैयारी का सबसे इम्पोर्टेन्ट पार्ट है। हर साल बहुत से IAS टॉपर्स इस परीक्षा को पास करने के लिए प्रिलिम्स मॉक टेस्ट सीरीज़ के महत्त्व के बारे में बताते हैं। प्रीलिम्स के लिए UPSC मॉक टेस्ट सीरीज के बहुत से लाभ हैं जैसे:-
- कैंडिडेट्स विषय- वस्तु से परिचित हो जाते हैं।
- कैंडिडेट्स अपनी तैयारी के स्तर का आकलन मॉक टेस्ट के जरिये कर सकते हैं।
- कैंडिडेट्स जितने ज्यादा मॉक टेस्ट देने में अपना समय देंगे , उतना ही वास्तविक परीक्षा में कम गलतियां होने की सम्भावना होगी। इससे कैंडिडेट्स की जानकारी में बढ़ोतरी तो होती ही है ,साथ ही अनुमान लगाने की क्षमता का भी डेवलपमेंट होता है। इसके लिए आपको प्रश्नों के साथ -साथ आंसर की (Answer key) भी दी जाती है।
- इससे कैंडिडेट्स को एग्जाम की आवश्यकता एवं नई मेथाडोलॉजी / एग्जाम पैटर्न के समावेश के अनुसार अपनी प्रिपरेशन की स्ट्रेटेजी को और ज्यादा बेहतर बनाने का भी अवसर मिलता है।
यूपीएससी प्रिलिम्स 2024 मॉक टेस्ट सीरिज की विशेषताएं
UPSC prelims mock test in Hindi के फायदे नीचे दिए गए हैं-
- यूपीएससी प्रिलिम्स मॉक टेस्ट का प्रैक्टिस एग्जाम वास्तविक एग्जाम का ही अनुकरण है, इसलिए मॉक टेस्ट का अभ्यास करने से कैंडिडेट्स को UPSC एग्जाम के इंपोर्टेंट इनपुट मिलेंगे।
- प्रिलिम्स टेस्ट (PT): यह एग्जाम ऑब्जेक्टिव प्रकार का होता है। इसमें 200-200 मार्क्स के 2 पेपर होते हैं। फर्स्ट पेपर, जनरल स्टडी 1 (GS-1) में जनरल नॉलेज के 100 क्वेशन पूछे जाते हैं , जबकि सेकंड पेपर में, जिसे CSAT (अभिरुचि परीक्षा या Aptitude Test) कहते हैं, उसमें जनरल एप्टीटुड के 80 प्रश्न पूछे जाते हैं।
- द्वितीय प्रश्न पत्र: CSAT में में निम्नलिखित क्षेत्रों से प्रश्न पूछे जाते हैं, जो नीचे दी गई सूची में दिए गए हैं-
- जनरल मैथ्स
- मानसिक क्षमता
- तार्किक परीक्षण
- निर्णय क्षमता एवं समस्या समाधान क्षमता
- सम्वाद सम्प्रेषण
- पैराग्राफ/ पैसेज कॉम्प्रिहेंशन
- बेसिक इंटरपर्सनल कम्युनिकेशन स्किल्स
- इन पेपर में 200 मार्क्स के कुल 80 क्वेशन पूछे जाते हैं। अर्थात प्रत्येक क्वेशन 2.5 अंक का होता है। दोनों पेपर में प्रत्येक गलत आंसर के लिए 1/3 नेगेटिव मार्किंग होती है। अर्थात प्रत्येक गलत आंसर के लिए एक तिहाई (अर्थात 0.83) आंसर काटे जाते हैं। सेकंड पेपर केवल क्वालीफाइंग प्रकृति का होता है।
- इसीलिए प्रिलिम्स परीक्षा को पास करने के लिए कैंडिडेट्स को इस पेपर में मिनिमम 33% यानी 66 मार्क्स लाने होते हैं। मुख्य परीक्षा में शामिल होने के लिए UPSC के द्वारा जो मेरिट लिस्ट तैयार की जाती है वह केवल जनरल स्टडी (क्वेशन पेपर -1) के आधार पर तैयार की जाती है, उसमें सेकंड पेपर के मार्क्स नहीं शामिल किये जाते हैं।
यूपीएससी प्रिलिम्स 2024 की तैयारी के लिए टिप्स
कैंडिडेट्स को एग्जाम में सफलता प्राप्त करने के लिए तैयारी करते समय नीचे दी गई टिप्स को फॉलो करना चाहिए-
- अपने सब्जेक्ट्स पर फोकस रखें और साथ ही उसकी रिवीजन शुरू करें
एग्जाम में रिवीजन उन सभी चीजों की दोबारा से जाँचने का एक शानदार तरीका है, जिनका पहले अध्ययन किया जा चुका है। एक मजबूत तैयारी की नींव पर स्टडी मटीरियल को रिवीजन करने से स्टूडेंट्स को उनके द्वारा सीखी गए नॉलेज को मजबूत करने में मदद मिलेगी। इसके अलावा, रिवीजन का उम्मीदवारों की तैयारियों पर एक मजबूत प्रभाव पड़ता है और टेस्ट के सवालों के जवाब देने में आत्मविश्वास और परीक्षा की चिंता को खत्म करने में भी मदद मिल सकती है।
- पिछले वर्षों के यूपीएससी क्वेश्चन पेपर्स को सॉल्व करें
कैंडिडेट्स को पिछले वर्षों के यूपीएससी क्वेश्चन पेपर्स को सॉल्व करना चाहिए जो एग्जाम में कैंडिडेट्स को उनके एग्जाम परफॉरमेंस का एवेलूशन करने में मदद करता है। पिछले वर्षों के एग्जाम के क्वेश्चन पेपर्स को सॉल्व करने से स्टूडेंट्स को यह देखने में मदद मिल सकती है कि उनकी तैयारी में कहां कमी है, इसके अलावा एक बार स्टूडेंट को इस बात का अंदाजा हो जाए कि सभी क्वेश्चन के आंसर लिखने में कितना समय लगता है, यह समय सीमा के दबाव को कम करने में मदद करता है और पेपर के प्रकार और पैटर्न पर उनकी पकड़ को मजबूत करता है।
- अधिक मॉक टेस्ट लें
एग्जाम से पहले जिन सब्जेक्ट्स में स्टूडेंट्स को कमी लग रही हैं उन पर अधिक से अधिक मॉक टेस्ट देकर उन एग्जाम की प्रैक्टिस करनी चाहिए। मॉक टेस्ट को बार-बार सॉल्व करने से मैन्स एग्जाम में भी मदद मिलती है क्योंकि यह न केवल परीक्षा को क्रैक करने की संभावना को बढ़ाता है।
- सकारात्मक रहें और अपनी एकाग्रता बनाएं रखें
कैंडिडेट्स को हमेशा किसी भी परिस्थिति में सकारात्मक रहना चाहिए और व्यायाम और अपनी अन्य हॉबी को अपने डेली रूटीन में शामिल करके शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रहने का प्रयास करना चाहिए। क्योंकि कैंडिडेट्स को उनकी यूपीएससी की तैयारी के दौरान स्वस्थ रहना बहुत महत्वपूर्ण होता हैं ।
- विशेषज्ञों से सलाह लेना
कैंडिडेट्स यूपीएससी प्रिलिम्स के लिए अपने प्रोफ़ेसर और अपने सीनियर से सलाह लेकर अपनी तैयारी को और बेहतर बना सकते हैं।
यूपीएससी प्रिलिम्स मॉक टेस्ट 2024
यूपीएससी प्रिलिम्स मॉक टेस्ट की तैयारी बहुत से कोचिंग सेंटर्स कराते हैं जिनमें विजन IAS, दृष्टि IAS, खान सर, और वाजीराम IAS कोचिंग सेंटर प्रमुख है। वैसे तो यूपीएससी की तैयारी कर रहें कैंडिडेट्स खुद से भी अपनी तैयारी कर सकते है और अगर उन्हें यूपीएससी प्रिलिम्स की तैयारी में अगर कोई कठिनाई आती हैं तो स्टूडेंट्स इन इंस्टीटूट्स के चैनल की भी मदद ले सकते हैं।
यूपीएससी प्रिलिम्स करेंट अफेयर्स
UPSC प्रीलिम्स करेंट अफेयर्स की तैयारी के लिए कुछ आवश्यक सोर्स हैं-
- Press Information Bureau (PIB)
- Daily Tribune
- The Hindu
- times of India
- democracy
- Indian Express
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FAQs
कोई भी निश्चित रूप से यह नहीं कह सकता कि कौन सा पेपर कठिन है प्रीलिम्स या मेन्स। लेकिन आम तौर पर यूपीएससी मेन्स को प्रीलिम्स की तुलना में अधिक कठिन माना जाता है क्योंकि मेन्स में बहुत महत्वपूर्ण सोच और राइटिंग स्किल्स की आवश्यकता होती है, जबकि प्रीलिम्स में केवल एमसीक्यू प्रकार के क्वेशन होते हैं।
सामान्य और आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग श्रेणी (EWS) के लिए IAS की आयु सीमा 21 से 32 है। अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति वर्ग के लिए यह 21 से 37 है। ओबीसी वर्ग से संबंधित लोगों के लिए यह 21 से 35 है।
UPSC प्रीलिम्स को पास करने के लिए NCERT की किताबें एक महत्वपूर्ण रिसोर्स हैं। लेकिन अन्य स्रोत उतने ही महत्वपूर्ण हैं जितने एनसीईआरटी की किताबें हैं।
सिविल सेवा (मुख्य) परीक्षा के लिखित भाग के लिए भारतीय भाषा माध्यम का चयन करने वाले कैंडिडेट्स इंटरव्यू के लिए माध्यम के रूप में या तो एक ही भारतीय भाषा या अंग्रेजी या हिंदी का चयन कर सकते हैं।
सभी माध्यमों के कैंडिडेट्स चाहे वह अंग्रेजी, हिंदी या क्षेत्रीय हो, को परीक्षा उत्तीर्ण करने की समान संभावना है।
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