UPSC 2023 :UPSC मेंस  के लिए जन विश्वास बिल 2023 (Jan vishwas bill 2023) टॉपिक पर महत्वपूर्ण शॉर्ट नोट्स 

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Jan vishwas bill upsc

UPSC मेंस एग्जाम के लिए Jan vishwas bill upsc  एक बहुत ही महत्वपूर्ण टॉपिक माना जाता है। इस साल इससे UPSC मेंस के पेपर में Jan vishwas bill upsc से  सम्बंधित प्रश्न पूछे जाने की उम्मीद जताई जा रही है। वर्तमान समय को देखते हुए इस विषय की प्रासंगिता और भी बढ़ जाती है। यहाँ Jan vishwas bill upsc से सम्बंधित कुछ महत्वपूर्ण शॉर्ट नोट्स दिए जा रहे हैं। ये नोट्स छोटे हैं इसलिए याद करने में आसान हैं।  

मुख्य सुर्खियां 

  • हाल ही में जन विश्वास विधेयक 2023 मानसून सत्र के दौरान जन बिश्वास बिल  लोकसभा में पास किया गया।  
  • इस विधेयक का लक्ष्य रहन सहन और व्यापार की प्रक्रिया को आसान बनाना है।  
  • यह बिल 22 दिसंबर 2022 को लोकसभा में पेश किया गया था।

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 जन विश्वास बिल के बारे में 

यहाँ  Jan vishwas bill upsc के बारे में बताया जा रहा है : 

इस बिल में 19 मंत्रालयों/ विभागों के द्वारा प्रशासित 42 केंद्रीय अधिनियमों में 183 प्रावधानों को अपराध मुक्त करने का प्रस्ताव रखा गया है।  इसमें मीडिया, कृषि, उद्योग, आईटी, खाद्य सुरक्षा और सिनेमेट्रोग्राफी जैसे क्षेत्र शामिल हैं।  

इस विधेयक का लक्ष्य उन छोटे अपराधों को अपराध की श्रेणी से हटाना है जिनसे आमजन और राष्ट्रीय सुरक्षा को कोई खतरा नहीं है।  

जन विश्वास बिल का महत्व 

Jan vishwas bill upsc के महत्व पर नीचे बिंदुओं में चर्चा की गई है : 

  • इससे न्याय पालिका पर अकारण पड़ने वाला दवाब कम होगा।  
  • इससे गंभीर दंड संहिता लगाए बिना तकनीकी और प्रक्रियात्मक चूक का समाधान करने में मदद मिलेगी।  
  • इससे विश्वास आधारित शासन को बढ़ावा मिलेगा।  
  • अपराध की गंभीरता और दंड के बीच संतुलन बनाने में मदद मिलेगी।  

जन विश्वास बिल से जुड़ी विशेष बातें : 

यहाँ Jan vishwas bill upsc से जुड़ी कुछ विशेष बातें बताई जा रही हैं : 

  • यह विधेयक कुछ मामलों में जेल या जुर्माने को हटाने या कुछ अन्य मामलों में दंड में बदलने का प्रावधान करता है। 
  • दंड का निर्धारण सम्बंधित मंत्रालय या विभाग के अधिकारियों द्वारा किया जाएगा।  
  • यह विधेयक कुछ मामलों में अपराधों के शमन की भी व्यवस्था करता है। इसके तहत कुछ मामलों में अधिकारी जेल जाने के बजाए आर्थिक जुर्माना देकर स्वयं को मामले से मुक्त करा सकते हैं।  
  • इस विधेयक में निर्दिष्ट अधिनियमों में विभिन्न अपराधों के लिये न्यूनतम राशि में 10% की वृद्धि के साथ प्रत्येक तीन वर्ष में ज़ुर्माने और ज़ुर्माने की आवधिक समीक्षा का प्रावधान है।
  • इस विधेयक द्वारा भारतीय डाकघर अधिनियम, 1898 जो कि वर्तमान स्थिति में अप्रचलित और अप्रासंगिक है, को सभी संबंधित अपराधों एवं दंडों के साथ निरस्त कर दिया गया है।

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जन विश्वास बिल में सम्मिलित क़ानून 

Jan vishwas bill upsc में निम्नलिखित क़ानून सम्मिलित हैं : 

  • वायु प्रदूषण और रोकथाम अधिनियम 1981 
  • आईटी एक्ट, 2000 
  • भारतीय वन अधिनियम, 1927 
  • पर्यावरण संरक्षण अधिनियम, 1986 
  • कॉपीराइट एक्ट, 1957 
  • पेटेंट एक्ट, 1970 
  • खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम, 2006 
  • रेलवे अधिनियम, 1989  

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