UPSC Law Optional Syllabus in Hindi: जानिए UPSC वैकल्पिक विधि (लॉ) विषय का संपूर्ण सिलेबस, एग्जाम पैटर्न, बेस्ट बुक्स

1 minute read
UPSC Law Optional Syllabus in Hindi

UPSC परीक्षा तीन भागों में कंडक्ट की जाती है जिसे प्रीलिम्स, मेंस और इंटरव्यू में विभाजित किया गया हैं। UPSC सिविल सर्विस के प्रिलिम्स परीक्षा को पास करने के बाद कैंडिडेट्स को मेंस एग्जाम को भी क्लियर करना अनिवार्य होता है। UPSC मेंस परीक्षा में कैंडिडेट्स को 48 वैकल्पिक विषयों में से किसी एक विषय को चुनने का विकल्प मिलता हैं। जिसमें एक प्रमुख वैकल्पिक विषय विधि (लॉ) को भी माना जाता है। यूपीएससी मेंस एग्जाम में वैकल्पिक विधि (लॉ) विषय की तैयारी करने के लिए कैंडिडेट्स को विधि (लॉ) विषय के कंप्लीट सिलेबस की जानकारी जरूर होनी चाहिए। यहां UPSC Law Optional Syllabus in Hindi का कंप्लीट सिलेबस दिया जा रहा है। जिसके माध्यम से आप अपनी परीक्षा की तैयारी और बेहतर तरीके से कर पाएंगे। 

UPSC क्या है?

संघ लोक सेवा आयोग जिसे इंग्लिश में ‘यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन’ (UPSC) के नाम से भी जाना जाता है। यह भारतीय संविधान द्वारा स्थापित एक कॉन्स्टिट्यूशनल बॉडी है, जो भारत सरकार के लोकसेवा के पदाधिकारियों की रिक्रूटमेंट के लिए एग्जाम कंडक्ट करता है। भारतीय कॉन्स्टिट्यूशनल के भाग-14 के अंतर्गत अनुच्छेद 315-323 में एक यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन और राज्यों के लिए ‘स्टेट पब्लिक सर्विस कमीशन’ (SPSC) के गठन का प्रोविजन है, जिसके माध्यम से देश के सबसे कठिन एग्जाम माने जाने वाले UPSC एग्जाम के माध्यम से देश के प्रमुख पदाधिकारियों की भर्ती की जाती है। जिसमें IAS, IPS, IFS, IRS और ITS जैसी अन्य पोस्ट शामिल होती हैं। 

UPSC वैकल्पिक विधि (लॉ) विषय का सिलेबस क्या है?

यहां UPSC Law Optional Syllabus in Hindi के मेंस वैकल्पिक विषय की कंप्लीट जानकारी दी जा रही है, जिन्हें आप नीचे दिए गए बिंदुओं में देख सकते हैं:-

UPSC Law Optional Syllabus in Hindi पेपर – 1

यहां कैंडिडेट्स के लिए UPSC Law Optional Syllabus in Hindi पेपर -1 का विस्तृत सिलेबस नीचे दिया गया है:- 

सांविधिक एवं प्रशासनिक विधि – (Constitutional and administrative Law): 

  1. संविधान एवं संविधानवाद; संविधान के सुस्पष्ट लक्षण
  2. मूल अधिकार-लोकहित याचिका, विधिक सहायता, विधिक सेवा प्राधिकरण
  3. मूल अधिकार-निदेशक तत्व तथा मूल कर्तव्यों के बीच संबंध
  4. राष्ट्रपति की संवैधानिक स्थिति तथा मंत्रिपरिषद् के साथ संबंध
  5. राज्यपाल तथा उसकी शक्तियां
  6. उच्चतम न्यायालय तथा उच्च न्यायालय
    1. नियुक्ति तथा स्थानांतरण
    2. शक्तियां, कार्य एवं अधिकारिता
  7. केंद्र, राज्य एवं स्थानीय निकाय
    1. संघ तथा राज्यों के बीच विधायी शक्तियों का वितरण
    2. स्थानीय निकाय
    3. संघ, राज्यों तथा स्थानीय निकायों के बीच प्रशासनिक संबंध
    4. सर्वोपरि अधिकार-राज्य संपत्ति-सामान्य संपत्ति-समुदाय संपत्ति
  8. विधायी शक्तियां , विशेषाधिकार एवं उन्मुक्ति
  9. संघ एवं राज्य के अधीन सेवाएं
    1. भर्ती एवं सेवा शर्तें: सांविधानिक सुरक्षा; प्रशासनिक अधिकरण 
    2. संघ लोक सेवा आयोग एवं राज्य लोक सेवा आयोग-शक्ति एवं कार्य 
    3. निर्वाचन आयोग-शक्ति एवं कार्य 
  10. आपात् उपबंध
  11. संविधान संशोधन
  12. नैसर्गिक न्याय के सिद्धांत-आविर्भूव होती प्रवृतियाँ एवं न्यायिक उपागम
  13. प्रत्यायोजित विधान एवं इसकी सांविधानिकता
  14. शक्तियों एवं सांविधानिक शासन का पृथक्करण
  15. प्रशासनिक कार्रवाई का न्यायिक पुनर्विलोकन
  16. ओम्बड्समैन: लोकायुक्त, लोकपाल

अंतरराष्ट्रीय विधि – (International Law):

  1. अंतरराष्ट्रीय विधि की प्रकृति तथा परिभाषा
  2. अंतरराष्ट्रीय विधि तथा राष्ट्रीय विधि के बीच संबंध
  3. राज्य मान्यता तथा राज्य उत्तराधिकार
  4. समुद्र नियम: अंतर्देशीय जलमार्ग, क्षेत्रीय समुद्र, समीपस्थ परिक्षेत्र, महाद्वीपीय उपतट, अनन्य आर्थिक परिक्षेत्र तथा महासमुद्र
  5. व्यक्ति: राष्ट्रीयता, राज्यहीनता-मानवाधिकार तथा उनके प्रवर्तन के लिए उपलब्ध प्रक्रियाएं
  6. राज्यों की क्षेत्राीय अधिकारिता-प्रत्यर्पण तथा शरण
  7. संधियां: निर्माण, उपयोजन, पर्यवसान और आरक्षण
  8. संयुक्त राष्ट्र: इसके प्रमुख अंग, शक्तियां कृत्य और सुधार
  9. विवादों का शांतिपूर्ण निपटारा: विभिन्न तरीके
  10. बल का विधिपूर्ण आश्रय: आक्रमण, आत्मरक्षा,हस्तक्षेप
  11. अंतरराष्ट्रीय मानववादी विधि के मूल सिद्धांत-अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन एवं समकालीन विकास
  12. परमाणु अस्त्रों के प्रयोग की वैधता, परमाणु अस्त्रों के परीक्षण पर रोक – परमाणवीय अप्रसार संधि, सी.टी.बी.टी.
  13. अंतरराष्ट्रीय आतंकवाद, राज्यप्रवर्तित आतंकवाद , अपहरण, अंतरराष्ट्रीय आपराधिक न्यायालय
  14. नए अंतरराष्ट्रीय आर्थिक आदेश तथा मौद्रिक विधि, WTO,TRIPS,GATT,IMF, विश्व बैंक
  15. मानव पर्यावरण का संरक्षण तथा सुधार – अंतरराष्ट्रीय प्रयास

UPSC Law Optional Syllabus in Hindi पेपर – 2 

यहां कैंडिडेट्स के लिए UPSC Law Optional Syllabus in Hindi पेपर – 2 का विस्तृत सिलेबस नीचे दिया गया है:- 

अपराध विधि – (Law of Crimes): 

  1. आपराधिक दायित्व के सामान्य सिद्धांत: आपराधिक मनःस्थिति तथा आपराधिक कार्य। सांविधिक अपराधों में आपराधिक मनःस्थिति
  2. दंड के प्रकार एवं नई प्रवृत्तियाँ जैसे कि मृत्यु दंड उन्मूलन
  3. तैयारियां तथा आपराधिक प्रयास
  4. सामान्य अपवाद
  5. संयुक्त तथा रचनात्मक दायित्व
  6. दुष्प्रेरण।
  7. आपराधिक षडयंत्र
  8. राज्य के प्रति अपराध
  9. लोक शांति के प्रति अपराध
  10.  मानव शरीर के प्रति अपराध 
  11. संपत्ति के प्रति अपराध
  12. स्त्राी के प्रति अपराध
  13. मानहानि 
  14. भ्रष्टाचार निरोाधक अधिनियम, 1988
  15. सिविल अधिकार संरक्षण अधिनियम, 1955 एवं उत्तरवर्ती विधायी  विकास
  16. अभिवचन सौदा

अपकृत्य विधि (Law of Torts):

  1. प्रकृति तथा परिभाषा
  2. त्रुटि तथा कठोर दायित्व पर आधारित दायित्व, आत्यंतिक दायित्व
  3. प्रतिनिधिक दायित्व, राज्य दायित्व सहित
  4. सामान्य प्रतिरक्षा
  5. संयुक्त अपकृत्यकर्ता
  6. उपचार
  7. उपेक्षा
  8. मानहानि
  9. उत्पात 
  10. षडयंत्र
  11. अपराधीकृत  बंदीकरण
  12. विद्वेषपूर्ण अभियोजन
  13. उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम, 1986

संविदा विधि और वाणिज्यिक विधि (Law of Contracts and Mercantile Law):

  1. संविदा का स्वरूप और निर्माण/ ई-संविदा
  2. स्वतंत्र सम्मति को दूषित करने वाले कारक
  3. शून्य, शून्यकरणीय, अवैध तथा अप्रवर्तनीय करार
  4. संविदा का पालन तथा उन्मोचन
  5. संविदाकल्प
  6. संविदा भंग के परिणाम
  7. क्षतिपूर्ति, गारंटी एवं बीमा संविदा
  8. अभिकरण संविदा
  9. माल की बिक्री तथा अवक्रय (हायर परचेज)
  10. भागीदारी का निर्माण तथा विघटन
  11. परक्राम्य लिखत अधिनियम, 1881
  12. माध्यस्थम  तथा सुलह अधिनियम , 1996
  13. मानक रूप संविदा
  1. लोकहित याचिका
  2. बौद्धिक संपदा अधिकार-संकल्पना, प्रकार/संभावनाएं
  3. सूचना प्रौद्योगिकी विधि, जिसमें साइबर विधियां शामिल हैं, संकल्पना, प्रयोजन /संभावनाएं
  4. प्रतियोगिता विधि – संकल्पना, प्रयोग/संभावनाएं
  5. वैकल्पिक विवाद समाधान -संकल्पना, प्रकार/संभावनाएं
  6. पर्यावरणीय विधि से संबंधित प्रमुख कानून
  7. सूचना का अधिकार अधिनियम
  8. संचार माध्यमों (मीडिया) द्वारा विचारण

UPSC विधि (लॉ) सिलेबस की PDF 

यहां UPSC विधि (लॉ) मेंस वैकल्पिक विषय के सिलेबस की यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन की ऑफिशियल सिलेबस की PDF दी जा रही है। जिसे आप आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं:-

यहां से करे डाउनलोड – UPSC सिलेबस PDF डाउनलोड लिंक 

UPSC विधि (लॉ) विषय की तैयारी के लिए बेस्ट बुक्स 

यहां यूपीएससी विधि (लॉ) मेंस वैकल्पिक विषय की तैयारी कर रहे कैंडिडेट्स के लिए बेस्ट बुक्स की सूची नीचे दी गई टेबल में दी जा रही है। जिसके माध्यम से आप UPSC Law Optional Syllabus in Hindi की टॉपिक वाइज प्रिपरेशन कर सकते हैं:-

बुक्स ऑथर और पब्लिकेशन यहां से खरीदें 
प्रशासनिक विधि सी.के. टकवानीयहां से खरीदें
हिन्दू लॉ आर.के. अग्रवाल यहां से खरीदें
भारतीय संविधानआचार्य दुर्गा दास बासु यहां से खरीदें
भारतीय संविधानपी.एम. बक्शीयहां से खरीदें
हमारा संविधानसुभास कश्यप यहां से खरीदें
आधुनिक हिन्दू लॉ पारस दीवान यहां से खरीदें
भारतीय दंड संहितामुरलीधर चतुर्वेदी यहां से खरीदें
संविदा विधि डॉ. अवतार सिंह यहां से खरीदें
मानव अधिकार एवं अंतर्राष्ट्रीय विधि डॉ. एस .के. कपूर यहां से खरीदें

UPSC में कितने पेपर होते है?

UPSC परीक्षा को तीन मुख्य भागों में विभाजित किया गया है। जिसमें प्रिलिम्स परीक्षा, मेंस परीक्षा और इंटरव्यू शामिल होता हैं। प्रिलिम्स परीक्षा एक स्क्रीनिंग परीक्षा है जो कैंडिडेट्स को अगले चरण, यानी मेंस परीक्षा के लिए योग्य बनाती है। मेंस एग्जाम में पास होने वाले कैंडिडेट्स ही इंटरव्यू के लिए योग्य माने जाते हैं। 

  1. प्रिलिम्स परीक्षा
  2. मेंस परीक्षा
  3. इंटरव्यू 

UPSC परीक्षा का एग्जाम पैटर्न क्या है?

UPSC प्रिलिम्स सिविल सर्विस एग्जाम का स्क्रीनिंग चरण है जो हर साल यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन (UPSC) द्वारा कंडक्ट किया जाता है। इस चरण को मुख्यत प्रिलिम्स एग्जाम के नाम से जाना जाता है। यहां UPSC प्रिलिम्स एग्जाम के दोनों क्वेश्चन पेपर्स का एग्जाम पैटर्न नीचे दी गई टेबल में दिया जा रहा हैं:-

प्रिमिल्स एग्जाम – जनरल स्टडी 

क्वेश्चन की संख्या100
कुल मार्क्स 200 
एग्जाम टाइमिंग 2 घंटे
नेगेटिव मार्किंग एक तिहाई
एग्जाम टाइप ऑब्जेक्टिव टाइप

प्रिलिम्स एग्जाम – सिविल सर्विसेज एप्टीट्यूड टेस्ट (CSAT)

क्वेश्चन की संख्या80
कुल मार्क्स 200 
एग्जाम टाइमिंग 2 घंटे
नेगेटिव मार्किंग एक तिहाई
एग्जाम टाइप ऑब्जेक्टिव टाइप

नोट – कैंडिडेट्स को UPSC प्रिलिम्स एग्जाम के दोनों पेपर में सम्मिलित होना अनिवार्य होता हैं। यदि कोई कैंडिडेट UPSC के दोनों GS-1 और GS-2 पेपर में शामिल नहीं होता तो वह अयोग्य ठहराया जाएगा। UPSC प्रिलिम्स का का दूसरा पेपर सिविल सर्विसेज एप्टीट्यूड टेस्ट (CSAT) क्वालीफाइंग नेचर का होता है जिसमें पास होने के लिए  मिनिमस 33% मार्क्स होने अनिवार्य होते है। 

UPSC मेंस एग्जाम

विषय कुल मार्क्स 
पेपर A: अनिवार्य भारतीय भाषा 300 
पेपर B: इंग्लिश  300 
पेपर I: निबंध250 
पेपर II: सामान्य अध्ययन – I250 
पेपर III: सामान्य अध्ययन – II250 
पेपर IV: सामान्य अध्ययन – III250 
पेपर V: सामान्य अध्ययन – IV250 
पेपर VI: वैकल्पिक – I250 
पेपर VII: वैकल्पिक – II250 

नोट: UPSC के दोनों एग्जाम में क्वालीफाई करने के बाद स्टूडेंट्स के मार्क्स के आधार पर मेरिट तैयार की जाती है। जिसके अनुसार टॉप रैंक प्राप्त करने वाले कैंडिडेट्स को इंटरव्यू के लिए आमंत्रित किया जाता हैं।  

UPSC के लिए योग्यता क्या है?

UPSC परीक्षा के लिए न्यूनतम शैक्षणिक योग्यता ग्रेजुएशन होती है। UPSC के सिविल सर्विस एग्जाम में हिस्सा लेने के लिए कैंडिडेट को भारत के किसी भी मान्यता प्राप्त बोर्ड से ग्रेजुएशन कंप्लीट करनी होगी। इसके साथ ही ग्रेजुएशन के तृतीय वर्ष यानी आखिरी वर्ष के स्टूडेंट्स भी UPSC की परीक्षा देने के लिए योग्य माने जाते हैं। 

UPSC एग्जाम के लिए आयु सीमा 

  • जनरल वर्ग और EWS : 21 से 32 वर्ष
  • विशेष पिछड़ा वर्ग यानी OBC : 21 से 35 वर्ष
  • अनुसूचित जाति / अनुसूचित जन जाति : 21 से 37 वर्ष
  • शारीरिक रूप से अक्षम : 21 से 42 वर्ष

FAQs

UPSC विधि वैकल्पिक विषय क्या है?

UPSC विधि मुख्य परीक्षा के लिए लोकप्रिय UPSC वैकल्पिक विषयों में से एक माना जाता है। विधि विषय से कैंडिडेट्स को भारतीय लॉ और अंतरराष्ट्रीय लॉ के जटिल विषयों का अध्ययन करने का अवसर मिलता है। 

क्या मुझे UPSC में लॉ वैकल्पिक विषय लेना चाहिए?

UPSC मेंस परीक्षा में कैंडिडेट्स को 48 वैकल्पिक विषयों में से किसी एक वैकल्पिक विषय को चुनने का विकल्प मिलता हैं। जिसमें एक प्रमुख वैकल्पिक विषय लॉ का भी माना जाता है जोकि एक स्कोरिंग पेपर होता हैं। जिसे आप UPSC मेंस वैकल्पिक विषय के रूप में चुन सकते हैं। 

UPSC लॉ वैकल्पिक विषय में कौन से टॉपिक शामिल हैं?

UPSC लॉ वैकल्पिक सिलेबस में सांविधिक एवं प्रशासनिक विधि, अंतरराष्ट्रीय विधि, अपराध विधि, अपकृत्य विधि, संविदा विधि और वाणिज्यिक विधि और समकालीन विधिक विकास आदि टॉपिक शामिल हैं।

यूपीएससी पास करने के लिए कुल कितने नंबर होने चाहिए?

UPSC प्रीलिम्स के लिए आपको 200 अंकों में से 120 अंकों को प्राप्त करना अनिवार्य है। जहाँ आपको प्रत्येक सवाल के सही आंसर के लिए 2 अंक और सवाल गलत हो जाने पर नेगेटिव मार्किंग के 0.66 अंक कट जाते हैं। इसी प्रकार आपको UPSC मेंस में पास होने के लिए आपको 1750 अंकों में से न्यूनतम 900 या 950 से अधिक अंक लाने ही होते हैं।

UPSC में कितने विषय हैं?

यूपीएससी में कुल नौ अनिवार्य विषय होते हैं। जिसमें सात पेपरों के अलावा, दो क्वालीफाइंग पेपर, पेपर-ए (भारतीय भाषा) और पेपर-बी (अंग्रेजी भाषा) का होता हैं। 

उम्मीद है कि आपको UPSC Law Optional Syllabus in Hindi ब्लाॅग में यूपीएससी विधि (लॉ) सिलेबस की पूरी जानकारी मिल गई होगी, जिससे आपको UPSC परीक्षा क्लियर करने में मदद मिलेगी। ऐसे ही UPSC से जुड़े ब्लॉग पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

प्रातिक्रिया दे

Required fields are marked *

*

*