भारत में अप्रैल के महीने में राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस मनाया जाता है। हर साल अप्रैल महीने में मनाया जाने वाला यह दिवस उन सिविल सेवकों को सम्मानित करने का अवसर है जो देश के शासन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। भारतीय सिविल सेवा (ICS) देश की सबसे प्रतिष्ठित सेवाओं में से एक है। इसमें भारतीय प्रशासनिक सेवा (IAS), भारतीय पुलिस सेवा (IPS), भारतीय विदेश सेवा (IFS) और अन्य कई सेवाएं शामिल हैं। वहीं बता दें कि राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले उम्मीदवारों के लिए भी एक महत्वपूर्ण विषय है। ऐसे में इस ब्लॉग में हम आपके साथ राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस (National Civil Service Day in Hindi) का इतिहास, महत्व और इस वर्ष का थीम क्या है, इस बारे में जानकारी साझा करेंगे।
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राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस के बारे में
सिविल सेवक देश के संविधान के रक्षक हैं। वह, आंतरिक सुरक्षा बनाए रखने, कानून व्यवस्था बनाए रखने और राष्ट्रीय सीमाओं की रक्षा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ऐसे में उनके इस योगदान को सम्मानित करने के लिए प्रतिवर्ष 21 अप्रैल को भारत में राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस मनाया जाता है। यह दिवस उन लोक सेवकों को समर्पित है जो देश की प्रगति के लिए दिन-रात परिश्रम करते हैं। नीति निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए वे सामाजिक न्याय, समानता जैसे महत्वपूर्ण लक्ष्यों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण योगदान देते हैं। राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस के समारोह में राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, मंत्रीगण, विभिन्न वर्गों के सिविल सेवक, मीडिया कर्मी आदि शामिल होते हैं। ऐसे में आईये जानते हैं इस दिवस का इतिहास और महत्व क्या है।
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राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस का इतिहास क्या है?
National Civil Service Day in Hindi के माध्यम से जानते हैं कि राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस का इतिहास क्या है? तो आपको बता दें कि यह विशेष दिवस केवल एक उत्सव नहीं है, बल्कि भारतीय सिविल सेवाओं के गौरवशाली इतिहास का प्रतीक है। इस विशेष दिन का इतिहास 1947 से जुड़ा हुआ है। बता दें कि स्वतंत्रता के बाद, 21 अप्रैल 1947 को, भारत के पहले गृह मंत्री, सरदार वल्लभभाई पटेल ने नव नियुक्त भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारियों को संबोधित किया था। नई दिल्ली में मेटकाफ हाउस में आयोजित इस ऐतिहासिक भाषण में, उन्होंने सिविल सेवकों को “भारत का स्टील फ्रेम’ के रूप में वर्णित किया था। उन्होंने उनकी महत्वपूर्ण भूमिका को रेखांकित किया जो नवनिर्मित राष्ट्र को एकजुट और मजबूत बनाने में निभानी थी। वहीं राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस का पहला समारोह 2006 को नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित किया गया था। तब से लेकर हर साल यह दिवस मनाया जा रहा है।
राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस कब मनाया जाता है?
राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस हर साल 21 अप्रैल को मनाया जाता है। यह दिवस 1947 में लौहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल द्वारा दिल्ली के मेटकाफ हाउस में आईएएस अधिकारियों को दिए गए ऐतिहासिक भाषण की स्मृति में मनाया जाता है। अपने भाषण में पटेल जी ने सिविल सेवकों को ‘स्टील फ्रेम ऑफ इंडिया’ के रूप में संबोधित किया था।
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राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस का महत्व क्या है?
राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस सिविल सेवकों के लिए कृतज्ञता व्यक्त करने और उनकी सेवा को सम्मानित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है। इस दिवस का महत्व निम्नलिखित हैं-
- यह दिवस सिविल सेवकों के अमूल्य योगदान और राष्ट्र निर्माण में उनकी भूमिका को सम्मानित करने का अवसर प्रदान करता है।
- यह उन सभी युवाओं को प्रेरित करता है जो देश की सेवा करने और सिविल सेवाओं में शामिल होने का सपना देखते हैं।
- यह दिवस नागरिकों में सिविल सेवाओं की भूमिका और उनके महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने में मदद करता है।
राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस क्यों मनाते हैं?
यह दिवस भारत के विकास और प्रगति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले सिविल सेवकों को सम्मानित करने का अवसर है। यह दिवस सरदार वल्लभभाई पटेल द्वारा दिए गए ऐतिहासिक भाषण की स्मृति में मनाया जाता है, जिसमें उन्होंने सिविल सेवकों को ‘भारत का स्टील फ्रेम’ कहकर सम्बोधित किया था। उसके बाद 2006 को, भारत सरकार ने इस ऐतिहासिक दिन को चिह्नित करने के लिए राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस घोषित किया। तब से लेकर साल यह दिवस मनाया जा रहा है।
राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस कैसे मनाते हैं?
राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस पूरे भारत में विभिन्न कार्यक्रमों और उत्सवों के साथ मनाया जाता है। इस दिन सिविल सेवकों को पुरस्कार प्रदान किये जाते हैं, सरकारी कार्यालयों में ध्वजारोहण समारोह आयोजित किए जाते हैं, विभिन्न विभागों द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है, सिविल सेवा से जुड़े विषयों पर सेमिनार और वार्तालाप आयोजित किए जाते हैं।
राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस से जुड़े फैक्ट्स
राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस से जुड़े फैक्ट्स इस प्रकार से हैं:
- सिविल सेवा दिवस भारत में हर साल 21 अप्रैल को मनाया जाता है।
- 21 अप्रैल की यह तारीख इसलिए चुनी गई क्योंकि यह वह दिन था जब 1947 में ‘लौहपुरुष’ सरदार पटेल ने सिविल सेवकों को राष्ट्र निर्माण में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका की याद दिलाई थी।
- अपने इस ऐतिहासिक भाषण में, उन्होंने सिविल सेवकों को “स्टील फ्रेम” कहकर सम्बोधित किया था।
- 21 अप्रैल 2006 को, भारत सरकार ने इस ऐतिहासिक दिन को चिह्नित करने के लिए राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस घोषित किया।
- राष्ट्रीय सिविल सेवा दिवस समारोह का आयोजन प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग (डीएआरपीजी) द्वारा किया जाता है।
- यह दिवस सिविल सेवकों के योगदान को सम्मानित करने, उन्हें प्रेरित करने और नागरिकों में जागरूकता बढ़ाने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।
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FAQs
प्रत्येक वर्ष 21 अप्रैल को, भारत में सिविल सेवकों के प्रयासों और राष्ट्र निर्माण में उनके अमूल्य योगदान का सम्मान करने के लिए सिविल सेवा दिवस मनाया जाता है। यह दिवस हमें यह याद दिलाता है कि सिविल सेवक लोकतंत्र के मजबूत स्तंभ हैं। वे नीति निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, कानून और व्यवस्था बनाए रखते हैं, और सामाजिक न्याय और समानता को बढ़ावा देते हैं।
चार्ल्स कॉर्नवालिस, जिन्हें ‘भारत में सिविल सेवा का जनक’ माना जाता है, एक ब्रिटिश जनरल थे जिन्होंने 1786 से 1793 तक ब्रिटिश भारत के गवर्नर-जनरल के रूप में कार्य किया।
सिविल सेवा सरकारी अधिकारियों का एक समूह है जो राजनीतिक या न्यायिक कार्यों के अलावा विभिन्न नागरिक कार्यों का संचालन करता है।
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