Hanuman Jayanti in Hindi: हनुमान जयंती को भगवान बजरंगबली के जन्मोत्सव के रूप में चैत्र मास की पूर्णिमा को मनाया जाता है। वर्ष 2025 में यह पावन पर्व 12 अप्रैल को श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाएगा। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान हनुमान को भगवान शिव का अवतार माना जाता है, जिनका जन्म चैत्र पूर्णिमा के दिन मंगलवार को हुआ था। इसी कारण मंगलवार को हनुमान जी का विशेष दिन माना जाता है। संकट मोचक कहलाने वाले हनुमान जी अपने भक्तों के सभी कष्टों का निवारण करते हैं। इस ब्लॉग में Hanuman Jayanti 2025 in Hindi से जुड़ी सम्पूर्ण जानकारी दी गई है।
This Blog Includes:
- वर्ष 2025 में हनुमान जयंती की तिथि क्या है?
- हनुमान जयंती का महत्व
- इस बार की हनुमान जयंती क्यों अधिक महत्वपूर्ण है?
- हनुमान जयंती क्यों मनाई जाती है?
- हनुमान जयंती कैसे मनाई जाती है?
- हनुमान जयंती के लिए पूजा का मुहूर्त
- हनुमान जी से क्या सीख सकते हैं छात्र
- भारत में हनुमान जी के प्रसिद्ध मंदिर
- साल में दो बार क्यों मनाई जाती है हनुमान जयंती?
- FAQs
वर्ष 2025 में हनुमान जयंती की तिथि क्या है?
वर्ष 2025 में हनुमान जयंती का पर्व शनिवार, 12 अप्रैल 2025 को मनाई जाएगी। यह पर्व भगवान हनुमान के जन्मोत्सव के रूप में चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भक्तगण हनुमान जी की पूजा-अर्चना करते हैं और उनके प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हैं। हनुमान जयंती की तिथि 12 अप्रैल 2025 को प्रातः 3:21 से लेकर 13 अप्रैल 2025 को प्रातः 5:51 बजे तक होगी। हनुमान जयंती के दिन भक्तगण मंदिरों में जाकर पूजा-पाठ करते हैं, हनुमान चालीसा का पाठ करते हैं, और भगवान हनुमान के प्रति अपनी भक्ति प्रकट करते हैं। यह पर्व हमें हनुमान जी के प्रति समर्पण, शक्ति और सेवा भाव की याद दिलाता है।
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हनुमान जयंती का महत्व
हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti in Hindi का बहुत महत्व होता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन हनुमान जी की पूजा करने पर विशेष लाभ मिलता है। मान्यता है कि इस दिन बजरंग बलि की आराधना करने वाले को सुख शान्ति की प्राप्ति होती है और उसके जीवन से सभी कष्ट दूर हो जाते हैं। इसके अलावा जिन लोगों पर शनि की अशुभ दशा चल रही होती है, वे अगर हनुमान जयंती पर व्रत के साथ हनुमान जी की स्तुति करें और भजन करें तो उनके शनि दोष दूर हो जाते हैं।
इस बार की हनुमान जयंती क्यों अधिक महत्वपूर्ण है?
इस बार की हनुमान जयंती अधिक महत्वपूर्ण है क्योंकि इस बार हनुमान जयंती मंगलवार को पड़ रही है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हनुमान जी का जन्म भी चैत्र मास की पूर्णिमा को मंगलवार के दिन हुआ था। इस कारण से मंगलवार को हनुमान जी का दिन माना जाता है। हनुमान जी के भक्त मंगलवार का व्रत रखते हैं और हनुमान जी की पूजा करते हैं। इस बार हनुमान जयंती मंगलवार को ही पड़ रही है जो कि एक बहुत अच्छा संयोग है। ऐसा संयोग कई सालों में एक बार आता है, इसलिए इस साल की हनुमान हनुमान जयंती बहुत महत्वपूर्ण है।
हनुमान जयंती क्यों मनाई जाती है?
हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti in Hindi) भगवान हनुमान के जन्मदिवस के रूप में मनाई जाती है। यह दिन भगवान हनुमान की भक्ति, शक्ति, साहस और निस्वार्थ सेवा को स्मरण करने का अवसर होता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान हनुमान को भगवान शिव का 11वां रुद्र अवतार माना जाता है, जो त्रेता युग में प्रभु श्रीराम की सेवा और रावण के विनाश के लिए अवतरित हुए थे। हनुमान जयंती इस बात की याद दिलाती है कि सच्ची भक्ति में अद्भुत शक्ति होती है इसके साथ हम सभी को धर्म और सच्चाई की रक्षा के लिए सदैव तैयार रहना चाहिए।
हनुमान जयंती कैसे मनाई जाती है?
हनुमान जयंती के अवसर पर हनुमान जी की धूमधाम से शोभायात्रा निकाली जाती है। हनुमान जयंती के दिन लोग एक दूसरे को शुभकामनाएं देकर प्रसाद के रूप में हलुआ, गुड़, रेवड़ी और बूंदी एवं बूंदी के लड्डू एवं बताशे आदि बाँटते हैं।
इस अवसर पर मंदिरों में हनुमान आरती का पाठ किया जाता है और हनुमान जी की स्तुति की जाती है। इस अवसर पर कुछ लोग घरों में सुन्दर काण्ड का पाठ भी कराते हैं।
हनुमान जयंती के लिए पूजा का मुहूर्त
हिंदू पंचांग के अनुसार, वर्ष 2025 में हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti in Hindi) का प्रारंभ 12 अप्रैल 2025, शनिवार को प्रातः 3:20 बजे से होगा, और इसका समापन 13 अप्रैल 2025, रविवार को प्रातः 5:52 बजे होगा।
हनुमान जी से क्या सीख सकते हैं छात्र
हनुमान जी से छात्र बहुत सारी बातें सीखकर अपने जीवन को सफल बना सकते हैं :
- छात्र हनुमान जी से एकाग्रता सीख सकते हैं।
- छात्र हनुमान जी से प्रबंधन के गुण सीख सकते हैं।
- छात्र हनुमान जी से सदाचार और ब्रह्मचर्य का पालन करना सीख सकते हैं।
- छात्र हनुमान जी से सीख सकते हैं कि कब बोलना चाहिए, कितना बोलना चाहिए और कहाँ और कैसे बोलना चाहिए।
- छात्र हनुमान जी से गुरुओं, माता पिता और बड़ों का सम्मान करना सीख सकते हैं।
भारत में हनुमान जी के प्रसिद्ध मंदिर
यहाँ हनुमान जी के कुछ प्रसिद्ध मंदिरों के बारे में बताया जा रहा है :
- हनुमान मंदिर, प्रयागराज (उत्तर प्रदेश)
- हनुमानगढ़ी, अयोध्या (उत्तर प्रदेश)
- सालासर हनुमान मंदिर, (राजस्थान)
- हनुमान धारा, चित्रकूट (उत्तर प्रदेश)
- श्री संकट मोचन मंदिर, वाराणसी (उत्तर प्रदेश)
- भेट, द्वारका (गुजरात)
- बालाजी हनुमान मंदिर, मेंहदीपुर (राजस्थान)
- डुल्या मारुती, पुणे (महाराष्ट्र)
- श्री कष्टभंजन हनुमान मंदिर, सारंगपुर (गुजरात)
- हम्पी का हनुमान मंदिर, बेल्लारी (कर्नाटक)
- बागेश्वर धाम (मध्य प्रदेश)
साल में दो बार क्यों मनाई जाती है हनुमान जयंती?
हनुमान जयंती (Hanuman Jayanti) साल में दो बार मनाई जाती है। एक चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि के दिन और दूसरी बार कार्तिक माह की चतुर्थी के दिन। इसके पीछे की वजह यह है कि महर्षि वाल्मीकि के द्वारा लिखित रामायण के अनुसार चैत्र माह की पूर्णिमा के दिन हनुमान जी ने धरती पर जन्म लिया था। जबकि कार्तिक माह की चतुर्थी वाले दिन माता सीता ने हनुमान जी की सेवा और माता सीता और भगवान राम के प्रति उनकी भक्ति से खुश होकर उन्हें अमर होने का वरदान दिया था। यही कारण है कि हनुमान जयंती साल में दो बार मनाई जाती है।
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FAQs
हनुमान जयंती के दिन हनुमान जी की पूजा करने से भक्तों के कष्ट दूर होते हैं और उनके घर में सुख शांति आती है।
हनुमान जयंती का अर्थ है – हनुमान जी का जन्मदिवस।
हनुमान जी को केला, नाशपाती, सेब और संतरे जैसे फलों का भोग लगाना शुभ माना जाता है।
हनुमान जयंती वर्ष में दो बार क्यों मनाई जाती है?
ऐसा इसलिए क्योंकि इस दिन माता सीता ने हनुमान जी को अमरता का वरदान दिया था। अगर आसान भाषा में कहे तो चैत्र महीने में केसरी नंदन का जन्म हुआ था वही कार्तिक के महीने में अमर होने का वरदान मिला। इसलिए दोनों ही दिन यह जन्म उत्सव मनाया जाता है।
2025 में हनुमान जी जयंती कब है?
हनुमान जन्मोत्सव शुभ मुहूर्त 2025: द्रिक पंचांग के अनुसार, पूर्णिमा तिथि 12 अप्रैल 2025 को सुबह 03 बजकर 21 मिनट पर प्रारंभ होगी और पूर्णिमा तिथि का समापन 13 अप्रैल 2025 को सुबह 05 बजकर 51 मिनट पर होगा। उदया तिथि में हनुमान जन्मोत्सव 12 अप्रैल 2025 को मनाया जाएगा।
हनुमान जयंती और हनुमान जन्मोत्सव में क्या अंतर है?
भगवान कृष्ण की तरह, भगवान हनुमान का भी दिव्य जन्म हुआ था जैसा कि वाल्मीकि रामायण के किष्किन्धा कांड के इस श्लोक में वर्णित है। कुछ लोगों का तर्क है कि हनुमान जी के जन्मदिन को जयंती के बजाय जन्मोत्सव कहना उचित होगा, क्योंकि बजरंगबली अमर हैं और जयंती उस व्यक्ति के लिए प्रयोग की जाती है जो अब इस दुनिया में जीवित नहीं है।
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