Essay on Mahavir Jayanti – महावीर जयंती पर आसान भाषा में ऐसे लिखें निबंध

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Essay On Mahavir Jayanti in Hindi

प्रत्येक वर्ष चैत्र मॉस के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को महावीर जयंती मनाई जाती है। इस वर्ष 21 अप्रैल को महावीर जयंती मनाई जाएगी। स्वामी महावीर जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर थे। मात्र 30 वर्ष की आयु में वे महलों का सुख छोड़कर तपस्या करने वन में चले गए थे। भगवान महावीर ने समाज के सुधार के लिए उपदेश दिए थे। अक्सर विद्यार्थियों को परीक्षा में महावीर जयंती पर निबंध लिखने के लिए दिया जाता है। इस ब्लॉग में महावीर जयंती पर निबंध (Essay On Mahavir Jayanti in Hindi) दिया गया है। 

महावीर स्वामी कौन हैं? 

स्वामी महावीर का वास्तविक नाम वर्धमान था। वे जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर थे। वे जैन धर्म के 23वें तीर्थंकर पार्श्वनाथ के आध्यात्मिक उत्तराधिकारी थे। महावीर स्वामी का जन्म छठी शताब्दी ईसा पूर्व में प्राचीन भारत के एक राज परिवार में हुआ था। उनकी माता का नाम त्रिशला और पिता का नाम था। महावीर जैन ने केवल 30 वर्ष की आयु में सभी सांसारिक  सुख सुविधाओं को छोड़कर सन्यास धारण कर लिया था। उन्होंने पूरे तीस वर्षों तक उपदेश देना जारी रखा। छठी शताब्दी ईसा पूर्व में मोक्ष प्राप्त किया।

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Essay on Mahavir Jayanti – महावीर जयंती पर 100 शब्दों में निबंध 

यहाँ महावीर जयंती पर निबंध (Essay On Mahavir Jayanti in Hindi) पर 100 शब्दों में निबंध दिया जा रहा है: 

महावीर जयंती, भगवान महावीर के जन्म का पावन अवसर है, यह जैन धर्म के अनुयायियों के लिए सबसे बड़ा पर्व है। महावीर जयंती जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर के जन्म की स्मृति में मनाई जाती है। महावीर जयंती प्रतिवर्ष चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाई जाती है। भगवान महावीर का जन्म 599 ईसा पूर्व में बिहार के कुंडग्राम नाम के स्थान पर हुआ था। वे राजा सिद्धार्थ और त्रिशाला के पुत्र थे। बचपन से ही वे दयालु प्रवृत्ति के थे। मात्र 30 वर्ष की आयु में उन्होंने अपना सांसारिक जीवन छोड़कर सन्यास ले लिया था। महावीर जयंती हमें भगवान महावीर के जीवन और शिक्षाओं से प्रेरणा लेने का अवसर प्रदान करती है। स्वामी महावीर की शिक्षाओं से हमें अहिंसा, करुणा, क्षमा और सत्य जैसे नैतिक मूल्यों का पालन करने के लिए प्रेरित करती है। महावीर जयंती केवल एक धार्मिक त्यौहार नहीं है बल्कि यह एक आत्म सुधार और आत्म शुद्धि के मार्ग को अपनाने का अवसर है।

महावीर जयंती पर निबंध

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Essay on Mahavir Jayanti – महावीर जयंती पर 200 शब्दों में निबंध

यहाँ महावीर जयंती पर निबंध (Essay On Mahavir Jayanti in Hindi) पर 200 शब्दों में निबंध दिया जा रहा है:

महावीर जयंती स्वामी महावीर के जन्म दिवस को महावीर जयंती के रूप में मनाया जाता है। स्वामी महावीर का जन्म 599 ईसापूर्व में हुआ था। वे एक शाही खानदान से ताल्लुक रखते थे। उनके पिता का नाम सिद्धार्थ और माता का नाम त्रिशाला था। महावीर जयंती भगवान महावीर के जन्म के उत्सव के रूप में मनाई जाती है। महावीर जयंती का इतिहास लगभग ढाई हज़ार वर्षों पुराना है। स्वामी महावीर ने महज तीस साल की उम्र में संसार को त्यागकर वैराग्य धारण कर लिया था। उन्होंने अपने जीवन के 12 वर्ष वन में तपस्या करने और संसार के विभिन्न धर्मों को अध्ययन करने में व्यतीत किए थे। 

भगवान महावीर जैन की शिक्षाएं  

भगवान महावीर की कुछ शिक्षाएं इस प्रकार हैं : 

  • महावीर जैन ने अपनी शिक्षाओं में सत्य और अहिंसा का सन्देश दिया था।  
  • उनका कहना था कि मनुष्य को सादा और आध्यात्मिक जीवन जीना चाहिए। 
  • उनका कहना था कि मनुष्य को पृथ्वी पर रहने वाले प्रत्येक जीव के साथ उदारता बरतनी चाहिए चाहे वह छोटे से छोटा जीव क्यों न हो।  
  • महावीर जैन ने चोरी करने को बहुत खराब अपराध माना है। 

आज के समय में भगवान महावीर की शिक्षाओं की प्रासंगिता 

आज के समय में भी स्वामी महावीर की शिक्षाएं आज के समय में भी उतनी ही प्रासंगिक हैं जितनी प्राचीन काल में हुआ करती थीं। आज के समय में जब झूठ, लालच, हिंसा और धोखा इतना बढ़ चुका है, ऐसे समय में स्वामी महावीर जैन की शिक्षाएं और भी महत्वपूर्ण बन पड़ती हैं। एक बेहतर समाज बनाने के लिए लोगों को भगवान महावीर की शिक्षाओं का अनुसरण करना चाहिए। 

Essay on Mahavir Jayanti – महावीर जयंती पर 500 शब्दों में निबंध

यहाँ महावीर जयंती पर निबंध (Essay On Mahavir Jayanti in Hindi) पर 500 शब्दों में निबंध दिया जा रहा है : 

प्रस्तावना 

स्वामी महावीर महान धार्मिक और दार्शनिक तीर्थंकर थे। वे जैन धर्म के 24वें तीर्थंकर थे। उनका जन्म 599 ई.पू.

में हुआ था। हर साल चैत्र मॉस के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को महावीर जयंती मनाई जाती है। स्वामी महावीर जैन धर्म के प्रमुख तीर्थंकर थे और वे जैन धर्म के उद्दीपक भी माने जाते हैं। 

स्वामी महावीर के बारे में 

स्वामी महावीर  का जीवन प्रेम और विनम्रता के संदेशों से भरा था। उन्होंने लोगों को शांति और अहिंसा के लिए प्रेरित किया। उनके जीवन का प्रमुख उद्देश्य था, लोगों में नैतिकता का संचार करना। स्वामी महावीर ने अपने जीवन के बाद लगभग 12 वर्षों तक तपस्या की थी। स्वामी महावीर का जन्म 599 ईसा पूर्व में एक राज परिवार में हुआ था। उनके पिता का नाम महाराज सिद्धार्थ और माता का नाम त्रिशला था। उनका जन्म वैशाली गणराज्य के क्षत्रियकुंड (कुंडग्राम) वैशाली में अयोध्या इक्ष्वाकुवंशी क्षत्रिय परिवार हुआ था। महावीर जैन ने मात्र 30 वर्ष की आयु में संसार को त्यागकर वैराग्य धारण कर लिया था। 

स्वामी महावीर की जैन धर्म के उत्थान में भूमिका 

स्वामी महावीर ने जैन धर्म के उत्थान के लिए बहुत कार्य किए थे। स्वामी महावीर ने जैन धर्म के तत्वों को विस्तार प्रदान किया। उन्होंने अपने अनुयायियों को जैन धर्म के बारे में स्पष्ट और आसानी से समझे जा सकने वाले उपदेश प्रदान किए थे। उन्होंने जैन धर्म का दूर दूर तक प्रचार प्रसार करने में भी बड़ी भूमिका निभाई थी। उनकी वजह से जैन धर्म भारत के विभिन्न हिस्सों और पड़ोसी राज्यों तक भी फ़ैल सका। 

स्वामी महावीर की प्रमुख शिक्षाएं 

स्वामी महावीर की प्रमुख शिक्षाएं इस प्रकार हैं : 

  • स्वामी महावीर ने अपने अनुयायियों को सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने का उपदेश दिया था। 
  • उन्होंने अपने अनुयायियों से त्याग और संयम के साथ रहने के लिए कहा था। 
  • स्वामी महावीर प्रेम और करुणा के साथ जीवन व्यतीत करने की शिक्षा देते थे।  
  • भगवान महावीर ने अपने अनुयायियों से सदाचार के मार्ग पर चलने के लिए कहा करते थे। 
  • भगवान महावीर ने क्षमा करने को सबसे उत्तम मानवीय गुण बताया था। 

जैन सम्प्रदाय के लोगों द्वारा मनाई जाती है महावीर जयंती

महावीर जयंती बड़े उल्लास के साथ मनाई जाती है। महावीर जयंती के दिन लोग प्रभातफेरी, और शोभायात्रा निकालते हैं। महावीर जयंती के दिन जैन सम्प्रदाय के लोग अनुष्ठान भी करते हैं। इस दिन भगवान महावीर की मूर्ति का जलाभिषेक किया जाता है। महावीर जयंती के दिन जैन धर्म के धर्मगुरु लोगों को भगवान महावीर के उपदेश और शिक्षाएं पढ़कर सुनाते हैं। वे उन्हें भगवान महावीर के बताएं मार्ग पर चलने के लिए कहते हैं। महावीर जयंती के अवसर पर जैन मंदिरों में विशेष पूजा की जाती है।

 उपसंहार 

स्वामी महावीर को महानिर्वाण की प्राप्ति भाद्रपद कृष्ण त्रयोदशी को हुई थी। उनके द्वारा दिए गए उपदेश और शिक्षाएं आज भी महत्वपूर्ण हैं और मनुष्य को श्रेष्ठता को प्राप्त करने के लिए प्रेरित करती हैं। भगवान महावीर केवल जैन धर्म के अनुयायियों के लिए ही नहीं बल्कि पूरे भारतवर्ष के लोगों के लिए पूजनीय हैं। यह हमारे लिए बड़े ही गर्व का विषय है कि स्वामी महावीर जैसी महान आत्मा ने भारत में जन्म लिया। स्वामी महावीर की जयंती एक अवसर है उनके जीवन से सीख लेने का और उनकी शिक्षाओं का अनुसरण करने का।  

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FAQs

महावीर का संदेश क्या था?

स्वामी महावीर का मुख्य संदेश “अहिंसा सबसे बड़ा धर्म है” था। 

महावीर का उद्देश्य क्या था?

भगवान महावीर ने अपने प्रवचनों में धर्म, सत्य, अहिंसा, ब्रह्मचर्य और अपरिग्रह, क्षमा पर सबसे अधिक जोर दिया। त्याग और संयम, प्रेम और करुणा, शील और सदाचार ही उनके प्रवचनों का उपदेश दिया था। 

महावीर का अर्थ क्या है?

महावीर का अर्थ महानायक होता है।

आशा है कि आपको महावीर जयंती पर निबंध (Essay On Mahavir Jayanti in Hindi) की जानकारी मिली होगी जो आपके सामान्य ज्ञान को बढ़ाने का काम करेगी। इसी प्रकार के अन्य ट्रेंडिंग इवेंट्स पर ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बनें रहें।

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