भारत के झंडे यानि राष्ट्रीय ध्वज को तिरंगा भी कहा जाता है। इसका कारण है कि इसमें तीन रंगों को मिलाकर इसे तैयार किया गया है। यह तीन रंग हैं, केसरिया, सफ़ेद और हरा। ये तीन रंग अलग अलग मतलब और भावनाओं को प्रकट करते हैं। भारत देश का तिरंगा हर भारतीय की आन-बान शान है। ऐसे में राष्ट्रीय ध्वज से जुड़े सवाल प्रतियोगी परीक्षाओं के अलावा स्कूल और काॅलेज की परीक्षाओं में भी पूछ लिए जाते है। इसलिए आज के इस ब्लॉग में हम 20 Facts About Indian Flag in Hindi के बारे में जानेंगे।
10 Facts About Indian Flag in Hindi (1-10)
स्टूडेंट्स के लिए Facts About Indian Flag in Hindi यहाँ दिए गए है :
- भारत का राष्ट्रीय ध्वज केसरिया, सफेद और हरे रंग से मिलकर बना है जिसके बीच में नेवी ब्लू रंग का 24 तीलियां वाला अशोक चक्र है।
- भारत के झंडे को 117 सालों में अब तक कुल 6 बार बदला जा चुका है।
- तिरंगे का जो स्वरुप हम आज देखते हैं वह भारतीय स्वतंत्रता सैनानी और राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य पिंगली वेंकैया के द्वारा डिज़ाइन किया गया था।
- राष्ट्रीय झंडे को 22 जुलाई 1947 के दिन संविधान सभा की बैठक में स्वतंत्र भारत के झंडे के रूप में स्वीकार किया गया था।
- वर्ष 1906 में कलकत्ता में भारत का पहला राष्ट्रीय ध्वज फहराया गया था।
- वर्ष 1907 में देश के लिए दूसरा झंडा प्रस्तावित किया गया। यह झंडा भीकाजीकामा ने अपने क्रांतिकारी साथियों के साथ मिलकर तैयार किया था जिसमें झंडे में केसरिया, पीले और हरे रंग की तीन पट्टियां थीं और बीच में वंदे मातरम लिखा हुआ था।
- 1917 में देश के लिए एक और झंडा प्रस्तावित किया गया। यह नया झंडा एनी बेसेंट और लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक ने तैयार किया था और इस झंडे में पांच लाल रंग की और चार हरे रंग की पट्टी थीं।
- वर्ष 1921 में विजयवाड़ा में कांग्रेस की एक बैठक में एक व्यक्ति ने गांधी जी को एक झंडा दिया जो की लाल रंग का बना हुआ था जिसके बाद गांधी जी ने इस झंडे में बदलाव करते हुए इसमें सफ़ेद रंग की पट्टी जोड़ दी और इसमें उन्होंने बीच में चरखा भी अंकित किया था।
- वर्ष 1931 में फिर से एक और तिरंगा झंडा तैयार किया गया जिसमें सबसे ऊपर केसरिया रंग, बीच में सफेद रंग और अंत में हरे रंग की पट्टी बनी हुई थी। इसके बीच में एक छोटा सा चरखा भी बना हुआ था।
- राष्ट्रीय ध्वज में तीन रंग हैं जिसमें केसरिया रंग साहस और बलिदान का प्रतिनिधित्व करता है, सफेद रंग शांति का प्रतिनिधित्व करता है और हरा रंग समृद्धि का प्रतिनिधित्व करता है। ध्वज के बीच में अशोक चक्र जीवन चक्र का प्रतिनिधित्व करता है।
तिरंगा के रंगों के बारे में
भारत के राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे में सबसे ऊपर केसरिया रंग होता है। यह शौर्य और बलिदान का प्रतीक है। बीच में सफ़ेद रंग होता है जो कि शांति का प्रतीक है। सबसे नीचे हरा रंग होता है जो कि हरियाली और सुख समृद्धि का प्रतीक माना जाता है। इसके बीच में दर्शाया गया अशोक चक्र सारनाथ स्थित अशोक स्तम्भ से लिया गया है। यह कर्तव्य का प्रतीक है।
10 Facts About Indian Flag in Hindi (11- 20)
हमारे राष्ट्रीय ध्वज के बारे में कुछ और रोचक और आश्चर्यजनक तथ्य निम्नलिखित है :
- भारत का पहला झंडा 1906 में अस्तित्व में आया था।
- तिरंगे को भारतीय ध्वज के तौर पर मान्यता मिलने में करीब 45 साल का समय लगा।
- पहली बार राष्ट्र्रीय ध्वज पंडित जवाहर लाल नेहरू द्वारा लाल किले पर फहराया था।
- राष्ट्रीय ध्वज की लंबाई-चौड़ाई का अनुपात 3:2 है। यानी कि ध्वज की लंबाई इसकी चौड़ाई का 1.5 गुना है।
- राष्ट्रीय ध्वज में धर्म चक्र को विधि का चक्र भी कहा जाता है। यह तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व मौर्य सम्राट अशोक द्वारा बनाए गए सारनाथ मंदिर से लिया गया है।
- पूरे देश में केवल संसद भवन में ही एक साथ तीन तिरंगे झंडे फहराए जाते हैं।
- भारत में बंगलुरू से 420 किलोमीटर दूर ‘हुबली’ एक मात्र लाइसेंस प्राप्त संस्थान है जहाँ झंडा बनाने और सप्लाई करने का काम किया जाता है।
- लोगों को अपने घरों में तिरंगा झंडा फहराने की इजाजत 22 दिसंबर 2002 में सुप्रीम कोर्ट के द्वारा दी गई।
- भारतीय तिरंगे पर कुछ भी लिखना या बनाना गैरकानूनी है। ऐसे करने पर सजा भी हो सकती है।
- यदि कोई व्यक्ति ‘फलैग कोड ऑफ इंडिया’ में बताए गए नियमों का उल्लंघन करता है तो उसे तीन साल की कैद या जुर्माना या फिर दोनों हो सकते हैं।
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