Rahi Masoom Raza in Hindi: राही मासूम रज़ा हिंदी और उर्दू साहित्य जगत में अपना अग्रणी स्थान रखते हैं। वहीं साहित्य की अनेक विधाओं में उन्होंने कई अनुपम कृतियों का सृजन किया है। इसके अलावा बी.आर. चोपड़ा के निर्देशन में बने महत्त्वपूर्ण दूरदर्शन धारावाहिक ‘महाभारत’ में पटकथा और संवाद-लेखक के रूप राही मासूम रज़ा को विशेष ख्याति मिली है। साहित्य और कला जगत में अपना अहम योगदान देने के लिए उन्हें भारत सरकार द्वारा ‘पद्म श्री’ और ‘पद्म भूषण’ से भी सम्मानित किया जा चुका है। फिल्म जगत में ‘मैं तुलसी तेरे आँगन की’ फ़िल्म की पटकथा के लिए उन्हें वर्ष 1979 में ‘फिल्म फेयर अवॉर्ड’ से नवाजा गया था।
बता दें कि राही मासूम रज़ा की रचनाओं को विद्यालय के अलावा बी.ए. और एम.ए. के सिलेबस में विभिन्न विश्वविद्यालयों में पढ़ाया जाता हैं। वहीं बहुत से शोधार्थियों ने उनके साहित्य पर पीएचडी की डिग्री प्राप्त की हैं। इसके साथ ही UGC/NET में हिंदी विषय से परीक्षा देने वाले स्टूडेंट्स के लिए भी राही मासूम रज़ा का जीवन परिचय और उनकी साहित्यिक रचनाओं का अध्ययन करना आवश्यक हो जाता है।
आइए अब हम प्रख्यात साहित्यकार राही मासूम रज़ा का जीवन परिचय (Rahi Masoom Raza in Hindi) और उनकी साहित्यिक रचनाओं के बारे में विस्तार से जानते हैं।
नाम | राही मासूम रज़ा (Rahi Masoom Raza) |
जन्म | 1 सितंबर, 1927 |
जन्म स्थान | गंगौली गाँव, गाजीपुर जिला, उत्तर प्रदेश |
शिक्षा | पीएच.डी (अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय) |
पेशा | अध्यापक, साहित्यकार, कवि, पटकथा-लेखक |
भाषा | हिंदी, उर्दू |
विधाएँ | उपन्यास, कहानी, कविता, जीवनी |
उपन्यास | ‘आधा गाँव’, ‘टोपी शुक्ला’, ‘हिम्मत जौनपुरी’ आदि। |
हिंदी कविता संग्रह | ‘मैं एक फेरीवाला’ |
उर्दू कविता संग्रह | ‘कारोबारे तमन्ना’, ‘क़यामत’, ‘मुहब्बत के सिवा’ |
जीवनी | छोटे आदमी की बड़ी कहानी |
पुरस्कार एवं सम्मान | ‘पद्म श्री’, ‘पद्म भूषण’, ‘फिल्म फेयर अवॉर्ड’ |
निधन | 15 मार्च, 1992 |
This Blog Includes:
- उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में हुआ था जन्म – Rahi Masoom Raza Ka Jivan Parichay
- अध्यापन से की करियर की शुरुआत
- शायरी से किया लेखन का आरंभ
- फिल्म जगत में मिली शोहरत
- राही मासूम रज़ा की साहित्यिक रचनाएँ – Rahi Masoom Raza Ki Rachnaye
- पुरस्कार एवं सम्मान
- बंबई में हुआ निधन
- पढ़िए भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय
- FAQs
उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में हुआ था जन्म – Rahi Masoom Raza Ka Jivan Parichay
प्रतिष्ठित कवि-कथाकार और पटकथा-लेखक राही मासूम रज़ा का जन्म 1 सितंबर, 1925 को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के गंगौली गाँव में हुआ था। जब वह मात्र 11 वर्ष के थे उस दौरान उन्हें टीबी की बीमारी हो गई। तब इस बीमारी का कोई इलाज नहीं था। इसलिए उनका स्कूल जाना छूट गया और फिर उन्होंने घर से ही अपनी प्रारंभिक शिक्षा की शुरुआत की।
अध्यापन से की करियर की शुरुआत
राही मासूम रज़ा ने ‘अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय’ से ‘उर्दू साहित्य के भारतीय व्यक्तित्व’ पर पीएच.डी.की डिग्री हासिल की थी। इसके बाद उन्होंने जीविकोपार्जन के लिए अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में ही कई वर्षों तक अध्यापन का कार्य किया। यहाँ वह छात्रों को उर्दू साहित्य पढ़ाते थे।
शायरी से किया लेखन का आरंभ
राही मासूम रज़ा ने लेखन की शुरुआत शायरी से की और इसमें अपना एक मुकाम भी बनाया। किंतु बाद में वह गद्य साहित्य की कई विधाओं में रचना करने लगे। उनके बारे में कहा जाता था कि वह एक साथ कई स्क्रिप्ट्स पर काम किया करते थे।
फिल्म जगत में मिली शोहरत
कुछ वर्षों तक अध्यापन कार्य करने के बाद उन्होंने वर्ष 1967 के आरंभ में मुंबई का रुख किया जहाँ एक उज्जवल भविष्य उनका इंतजार कर रहा था। यहाँ उनका शुरूआती जीवन संघर्षमय रहा और उन्होंने कई चुनौतियों का सामना भी करना पड़ा। लेकिन इस दौरान उनकी हिंदी के दो लोकप्रिय साहित्यकार ‘धर्मवीर भारती’ और ‘कमलेश्वर’ ने सहायता की। इसके साथ ही उन्होंने कई फिल्म निर्माता और निर्देशकों से राही मासूम रजा का परिचय करवाया था।
वहीं बी.आर. चोपड़ा के निर्देशन में बने महत्त्वपूर्ण दूरदर्शन धारावाहिक ‘महाभारत’ में पटकथा और संवाद-लेखक के रूप राही मासूम रज़ा को विशेष ख्याति मिली। इसके साथ ही उन्होंने कई फिल्मों की पटकथा और संवाद भी लिखे।
राही मासूम रज़ा की साहित्यिक रचनाएँ – Rahi Masoom Raza Ki Rachnaye
यहाँ प्रख्यात साहित्यकार राही मासूम रज़ा का जीवन परिचय (Rahi Masoom Raza in Hindi) के साथ ही उनकी संपूर्ण साहित्यिक रचनाओं के बारे में भी बताया गया है, जो कि इस प्रकार हैं:-
हिंदी उपन्यास
- आधा गाँव
- टोपी शुक्ला
- हिम्मत जौनपुरी
- सीन : 75
- असन्तोष के दिन
- ओस की बूँद
- दिल एक सादा काग़ज़
- कटरा बी आर्जू
- नीम का पेड़
उर्दू उपन्यास
- कारोबारे तमन्ना
- क़यामत
- मुहब्बत के सिवा
हिंदी कविता-संग्रह
- मैं एक फेरीवाला
उर्दू कविता-संग्रह
- नया साल
- मौजे-गुल : मौजे सबा
- रक्से-मय
- अजनबी शहर : अजनबी रास्ते
हिंदी-उर्दू महाकाव्य
- अट्ठारह सौ सत्तावन
जीवनी
- छोटे आदमी की बड़ी कहानी
पुरस्कार एवं सम्मान
राही मासूम रज़ा (Rahi Masoom Raza in Hindi) को आधुनिक साहित्य और कला के क्षेत्र में अपना विशेष योगदान देने के लिए सरकारी और ग़ैर सरकारी संस्थाओं द्वारा कई पुरस्कारों व सम्मान से पुरस्कृत किया जा चुका है, जो कि इस प्रकार हैं:-
- पद्म श्री
- पद्म भूषण
- फिल्म फेयर अवॉर्ड
बंबई में हुआ निधन
राही मासूम रज़ा ने कई दशकों तक साहित्य और कला जगत में अपना अहम योगदान दिया। वहीं उनका लोकप्रिय उपन्यास ‘आधा गाँव’ हिंदी साहित्य में अपना विशिष्ठ स्थान रखता है। साहित्य जगत को रोशन करने वाले समादृत रचनाकार राही मासूम रज़ा का 15 मार्च 1992 को 64 वर्ष की आयु में बंबई (वर्तमान मुंबई) में निधन हुआ। किंतु उनकी रचनाओं के लिए उन्हें आज भी याद किया जाता है।
पढ़िए भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय
यहाँ प्रख्यात साहित्यकार राही मासूम रज़ा का जीवन परिचय (Rahi Masoom Raza in Hindi) के साथ ही भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय की जानकारी भी दी जा रही हैं। जिसे आप नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं:-
FAQs
उनका जन्म 1 सितंबर, 1927 को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के गंगौली गाँव में हुआ था।
यह राही मासूम रज़ा का बहुचर्चित उपन्यास है।
बता दें कि ‘मैं तुलसी तेरे आँगन की’ फ़िल्म की पटकथा के लिए उन्हें ‘फिल्म फेयर अवॉर्ड’ से सम्मानित किया गया था।
राही मासूम रज़ा का 15 मार्च 1992 को 64 वर्ष की आयु में बंबई में निधन हुआ था।
महाभारत की पटकथा हिंदी कवि पंडित नरेंद्र शर्मा और प्रख्यात साहित्यकार राही मासूम रजा ने लिखी थी, जो वेदव्यास के महाकाव्य पर आधारित थी।
आशा है कि आपको प्रख्यात साहित्यकार राही मासूम रज़ा का जीवन परिचय (Rahi Masoom Raza in Hindi) पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध कवियों और महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।