राही मासूम रज़ा हिंदी और उर्दू साहित्य जगत में एक अग्रणी स्थान रखते थे। साहित्य की अनेक विधाओं में उन्होंने कई अनुपम कृतियों का सृजन किया। बी.आर. चोपड़ा के निर्देशन में बने महत्त्वपूर्ण दूरदर्शन धारावाहिक ‘महाभारत’ में पटकथा और संवाद-लेखक के रूप में राही मासूम रज़ा को विशेष ख्याति प्राप्त हुई। साहित्य और कला जगत में अपने उल्लेखनीय योगदान के लिए उन्हें भारत सरकार द्वारा वर्ष 1970 में ‘पद्म श्री’ से सम्मानित किया गया था। फिल्म जगत में, ‘मैं तुलसी तेरे आँगन की’ फ़िल्म की पटकथा के लिए उन्हें वर्ष 1979 में ‘फिल्मफेयर पुरस्कार’ से भी नवाज़ा गया।
राही मासूम रज़ा की रचनाओं को विद्यालयों के साथ-साथ बी.ए. और एम.ए. के पाठ्यक्रम में विभिन्न विश्वविद्यालयों में पढ़ाया जाता है। कई शोधार्थियों ने उनके साहित्य पर पीएचडी की डिग्री प्राप्त की है। इसके साथ ही, UGC-NET में हिंदी विषय में परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों के लिए भी राही मासूम रज़ा का जीवन परिचय और उनकी साहित्यिक रचनाओं का अध्ययन करना महत्त्वपूर्ण हो जाता है।
| नाम | राही मासूम रज़ा |
| जन्म | 1 सितंबर, 1927 |
| जन्म स्थान | गंगौली गाँव, गाजीपुर जिला, उत्तर प्रदेश |
| शिक्षा | पीएच.डी (अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय) |
| पेशा | अध्यापक, साहित्यकार, कवि, पटकथा-लेखक |
| भाषा | हिंदी, उर्दू |
| विधाएँ | उपन्यास, कहानी, कविता, जीवनी |
| उपन्यास | ‘आधा गाँव’, ‘टोपी शुक्ला’, ‘हिम्मत जौनपुरी’ आदि। |
| हिंदी कविता संग्रह | ‘मैं एक फेरीवाला’ |
| उर्दू कविता संग्रह | ‘कारोबारे तमन्ना’, ‘क़यामत’, ‘मुहब्बत के सिवा’ |
| जीवनी | छोटे आदमी की बड़ी कहानी |
| पुरस्कार एवं सम्मान | ‘पद्म श्री’, ‘पद्म भूषण’, ‘फिल्म फेयर अवॉर्ड’ |
| निधन | 15 मार्च, 1992 |
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उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले में हुआ था जन्म
प्रतिष्ठित कवि-कथाकार और पटकथा लेखक राही मासूम रज़ा का जन्म 1 सितंबर 1927 को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर ज़िले के गंगौली गाँव में हुआ था। जब वह मात्र 11 वर्ष के थे, तब उन्हें टीबी जैसी गंभीर बीमारी हो गई। उस समय इस रोग का कोई प्रभावी इलाज नहीं था। इस कारण उनकी औपचारिक स्कूली शिक्षा बाधित हो गई, और उन्होंने घर पर ही अपनी प्रारंभिक शिक्षा आरंभ की।
अध्यापन से की करियर की शुरुआत
राही मासूम रज़ा ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से ‘उर्दू साहित्य के भारतीय व्यक्तित्व’ विषय पर पीएच.डी. की डिग्री प्राप्त की थी। इसके बाद उन्होंने जीविकोपार्जन के लिए अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में ही कई वर्षों तक अध्यापन कार्य किया, जहाँ वे छात्रों को उर्दू साहित्य पढ़ाते थे।
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शायरी से किया लेखन का आरंभ
राही मासूम रज़ा ने अपने लेखन की शुरुआत शायरी से की और इसमें उन्होंने एक विशिष्ट स्थान प्राप्त किया। बाद में वे गद्य साहित्य की अनेक विधाओं में सक्रिय हो गए। कहा जाता है कि वे एक ही समय में कई स्क्रिप्ट्स पर काम करते थे।
फिल्म जगत में मिली शोहरत
कुछ वर्षों तक अध्यापन कार्य करने के बाद, वर्ष 1967 की शुरुआत में राही मासूम रज़ा ने मुंबई का रुख किया, जहाँ एक उज्जवल भविष्य उनका इंतजार कर रहा था। वहाँ उनका शुरुआती जीवन संघर्षमय रहा और उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। इस कठिन समय में हिंदी के प्रतिष्ठित साहित्यकार धर्मवीर भारती और कमलेश्वर ने उनकी सहायता की तथा उन्हें कई फिल्म निर्माताओं और निर्देशकों से मिलवाया।
वहीं बी.आर. चोपड़ा के निर्देशन में बने महत्त्वपूर्ण दूरदर्शन धारावाहिक ‘महाभारत’ में पटकथा और संवाद-लेखक के रूप में राही मासूम रज़ा को विशेष ख्याति प्राप्त हुई। इसके साथ ही उन्होंने कई फिल्मों की पटकथा और संवाद भी लिखे।
राही मासूम रज़ा की साहित्यिक रचनाएँ
राही मासूम रज़ा की प्रमुख साहित्यिक रचनाओं की सूची नीचे दी गई है:-
हिंदी उपन्यास
- आधा गाँव
- टोपी शुक्ला
- हिम्मत जौनपुरी
- सीन : 75
- असन्तोष के दिन
- ओस की बूँद
- दिल एक सादा काग़ज़
- कटरा बी आर्जू
- नीम का पेड़
उर्दू उपन्यास
- कारोबारे तमन्ना
- क़यामत
- मुहब्बत के सिवा
हिंदी कविता-संग्रह
- मैं एक फेरीवाला
उर्दू कविता-संग्रह
- नया साल
- मौजे-गुल : मौजे सबा
- रक्से-मय
- अजनबी शहर : अजनबी रास्ते
हिंदी-उर्दू महाकाव्य
- अट्ठारह सौ सत्तावन
जीवनी
- छोटे आदमी की बड़ी कहानी
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पुरस्कार एवं सम्मान
राही मासूम रज़ा को आधुनिक साहित्य और कला के क्षेत्र में उनके विशेष योगदान के लिए सरकारी और ग़ैर-सरकारी संस्थाओं द्वारा कई पुरस्कार और सम्मान प्रदान किए गए हैं, जो इस प्रकार हैं:-
- पद्म श्री
- पद्म भूषण
- फिल्म फेयर अवॉर्ड
बंबई में हुआ निधन
राही मासूम रज़ा ने कई दशकों तक साहित्य और कला जगत में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनका लोकप्रिय उपन्यास ‘आधा गाँव’ हिंदी साहित्य में विशिष्ट स्थान रखता है। साहित्य जगत के प्रख्यात रचनाकार राही मासूम रज़ा का 15 मार्च 1992 को मुंबई में निधन हुआ। उनके साहित्यिक योगदान के लिए उन्हें आज भी सम्मान और श्रद्धांजलि दी जाती है।
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FAQs
राही मासूम रज़ा का जन्म 1 सितंबर, 1927 को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के गंगौली गाँव में हुआ था।
‘आधा गाँव’ राही मासूम रज़ा का बहुचर्चित उपन्यास है।
‘मैं तुलसी तेरे आँगन की’ फ़िल्म की पटकथा के लिए राही मासूम रज़ा को ‘फिल्म फेयर अवॉर्ड’ से सम्मानित किया गया था।
महाभारत की पटकथा हिंदी कवि पंडित नरेंद्र शर्मा और प्रख्यात साहित्यकार राही मासूम रजा ने लिखी थी, जो वेदव्यास के महाकाव्य पर आधारित थी।
आशा है कि आपको प्रगतिशील लेखक राही मासूम रज़ा का जीवन परिचय पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध कवियों और महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।
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