एमबीबीएस के बाद पीजी कैसे करें?

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MBBS के बाद पीजी कोर्स कैसे करें?

1975 में, भारत सरकार ने नेशनल बोर्ड ऑफ़ एग्जामिनेशन, एक स्वायत्त संगठन, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय की स्थापना की थी। इसका मुख्य उद्देश्य एमबीबीएस के बाद मॉडर्न मेडिसिन और अलाइड साइंस के विभिन्न विषयों में पोस्टग्रेजुएट और पोस्टडॉक्टोरल कोर्सेज को कंडक्ट करना है। MBBS ke baad PG आपको मेडिकल के विभिन्न क्षत्रों में स्पेशलाइजेशन करने का अवसर देती है। इस ब्लॉग में जानिए MBBS ke baad PG कैसे करें और कहां से करें।

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एमबीबीएस के बाद के पीजी कोर्स

बैचलर ऑफ मेडिसिन और बैचलर ऑफ सर्जरी (MBBS) यह मेडिकल के क्षेत्र की बैचलर डिग्री है। एमबीबीएस के बाद स्पेशलाइजेशन के लिए छात्र पीजी कोर्सेज का चयन करते हैं। नीचे MBBS ke baad PG courses की लिस्ट दी गई है :

एमडी/एमएस/डिप्लोमा

एमबीबीएस के बाद ज्यादातर छात्र अपनी पढ़ाई आगे जारी रखना चाहते हैं और स्पेशलाइजेशन के लिए एमडी/एमएस/डिप्लोमा में एडमिशन ले सकते हैं। 2021 की एक रिपोर्ट के अनुसार MBBS ke baad PG स्पेशलाइजेशन के लिए देश भर में एमडी/एमएस के लिए 6,000 से ज्यादा सीट्स खाली हैं, जो DNB सीटों के बराबर है।

एमडी स्पेशलाइजेशन

  • एयरोस्पेस मेडिसिन
  • एनाटॉमी
  • एनेस्थिसियोलॉजी
  • बायोकेमिस्ट्री
  • बायोफिज़िक्स
  • सामुदायिक चिकित्सा
  • त्वचाविज्ञान, वेनेरोलॉजी और कुष्ठ रोग
  • इमरजेंसी मेडिसिन
  • फैमिली मेडिसिन
  • फोरेंसिक मेडिसिन
  • जनरल मेडिसिन
  • गरिएट्रिक्स (Geriatrics )
  • स्वास्थ्य प्रशासन
  • अस्पताल प्रशासन
  • इम्यूनोहेमेटोलॉजी और रक्त आधान
  • संक्रामक रोग
  • समुद्री चिकित्सा
  • मेडिकल जेनेटिक्स
  • माइक्रोबायोलॉजी
  • नाभिकीय औषधि
  • पीडियाट्रिक्स
  • उपशामक चिकित्सा
  • पैथोलॉजी
  • फार्माकोलॉजी
  • मनोरोग
  • शारीरिक चिकित्सा और पुनर्वास
  • फिजियोलॉजी
  • पल्मोनरी मेडिसिन
  • रेडियोडायग्नोसिस
  • रेडियोथेरेपी
  • श्वसन चिकित्सा
  • स्पोर्ट्स मेडिसिन
  • ट्रॉपिकल मेडिसिन

एमएस विशेषज्ञता

  • ईएनटी
  • जनरल सर्जरी
  • प्रसूति एवं स्त्री रोग
  • नेत्र विज्ञान
  • हड्डी रोग
  • ओटोरहिनोलारिंजोलॉजी
  • अभिघात विज्ञान और सर्जरी

डिप्लोमा विशेषज्ञता

  • एलर्जी और क्लिनिकल इम्यूनोलॉजी
  • एनेस्थिसियोलॉजी
  • क्लीनिकल पैथोलॉजी
  • सामुदायिक चिकित्सा/सार्वजनिक स्वास्थ्य
  • त्वचाविज्ञान, वेनेरोलॉजी, और कुष्ठ रोग
  • ईएनटी
  • फोरेंसिक मेडिसिन
  • स्वास्थ्य शिक्षा
  • स्वास्थ्य प्रशासन
  • इम्यूनोहेमेटोलॉजी और रक्त आधान
  • प्रसूति एवं स्त्री रोग
  • व्यावसायिक स्वास्थ्य
  • नेत्र विज्ञान
  • हड्डी रोग
  • ओटोरहिनोलारिंजोलॉजी
  • पीडियाट्रिक्स
  • मनश्चिकित्सा
  • शारीरिक चिकित्सा और पुनर्वास
  • पल्मोनरी मेडिसिन
  • रेडियो निदान
  • विकिरण चिकित्सा
  • स्पोर्ट्स मेडिसिन
  • ट्रॉपिकल मेडिसिन
  • क्षय रोग और छाती के रोग
  • वाइरालजी

मास्टर्स इन मेडिकल साइंस एंड टेक्नोलॉजी (MMST)

MBBS ke baad PG कोर्स में मास्टर्स इन मेडिकल साइंस एंड टेक्नोलॉजी (MMST), तीन साल का फिजिशियन साइंटिस्ट ट्रेनिंग कराने वाला पोस्टग्रेजुएट अकादमिक मेडिकल प्रोफेशनल डिग्री कोर्स है। MMST ग्रेजुएट्स विभिन्न हॉस्पिटल्स, मेडिकल इंडस्ट्रीज और रिसर्च इंस्टिट्यूट को टेक्निकल जानकारी देने में सक्षम होते हैं। 

MMST कोर्स उन छात्रों के लिए है, जो मेडिकल साइंस और टेक्नोलॉजी की पढ़ाई कर अपने करियर को अलग ऊंचाइयों पर ले जाना चाहते हैं। इस कोर्स में आपको हैंडलिंग मेडिकल इक्विपमेंट, मॉडर्न टेक्नोलॉजी और टेक्निक्स की गहन नॉलेज और जानकारी दी जाती है। MMST कोर्स के अंदर आने वाले क्षेत्र इस प्रकार हैं। 

  • मेडिकल इमेजिंग और इमेज एनालिसिस
  • टेलीमेडिसिन एंड टेली सर्जरी
  • प्रजनन स्वास्थ्य
  • हेल्थकेयर सूचना प्रबंधन प्रणाली
  • निवारक और प्रोत्साहक स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली
  • ऑन्कोलॉजी में बायो-मार्कर और उनका अनुप्रयोग
  • टिश्यू अभियांत्रिकी
  • बायोमैटिरियल्स
  • बायो – एमईएमएस इन मेडिसिन
  • बायो-एमईएमएस और सेंसर
  • वाउन्ड हीलिंग रिसर्च
  • हर्बल दवा
  • इंस्ट्रूमेंटेशन, रिहैबिलिटेशन इंजीनियरिंग

डिप्लोमा/मास्टर्स इन ऑक्यूपेशनल हेल्थ

डिप्लोमा/मास्टर्स इन ऑक्यूपेशनल हेल्थ, एमबीबीएस के बाद एक उभरते और फेमस कोर्स में से एक है। ऑक्यूपेशनल सेफ्टी एंड हेल्थ में डिग्री आपको लोगों के लिए सेफ वर्किंग एनवायरनमेंट तैयार करने में मदद करती है। इस कोर्स में सुरक्षा, खतरनाक सामग्री प्रबंधन और दुर्घटना जांच आदि जैसे विषय शामिल हैं। 

एमटेक इन बायोमेडिकल इंजीनियरिंग औरबायोलॉजिकल साइंस

एमटेक इन बायोमेडिकल इंजीनियरिंग औरबायोलॉजिकल साइंस कोर्स का उद्देश्य मेडिकल साइंस और टेक्नोलॉजी के बीच ऐसा सम्बन्ध बनाना है जो मेडिकल डायग्नोसिस, रिसर्च, ट्रीटमेंट और सपोर्ट सिस्टम के लिए बेटर सिस्टम विकसित कर सके। इस कोर्स में छात्रों को बायोलॉजिकल डाटा के लिए अल्गोरिथम तैयार करना सिखाया जाता है। 

डिप्लोमैट ऑफ़ नेशनल बोर्ड (DNB)

डिप्लोमैट ऑफ़ नेशनल बोर्ड (DNB) एक पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री है, जो एमडी/एमएस के समान स्पेशलाइजेशन के लिए की जाती है। यह डॉक्टरेट ऑफ़ मेडिसिन DM) और मास्टर ऑफ़ चिरूर्जिकल (MCh) की डिग्री के बराबर है जो क्रमशः मेडिकल एंड सर्जिकल सुपर स्पेशलटीएस के लिए दी जाती है। जिन छात्रों ने अपने संबंधित विषय में MD/MS/FCPS प्रोग्राम पूरा किया है, वे भी रेगुलर डीएनबी ट्रैनीस के साथ फाइनल डीएनबी सर्टिफिकेशन एग्जाम देने के लिए योग्य है। 

मास्टर्स इन पब्लिक हेल्थ

मास्टर्स इस पब्लिक हेल्थ 2 वर्षीय पोस्टग्रेजुएट कोर्स या एक वर्षीय पोस्टग्रेजुएट डिप्लोमा कोर्स है। इसे मेडिकल काउन्सिल ऑफ़ इंडिया द्वारा एप्रूव्ड किया जाता है। इस कोर्स में उन छात्रों को प्राथमिकता दी जाती है जिन्होंने स्वास्थ्य संबंधी क्षेत्र में बैचलर्स डिग्री की हो जैसे- चिकित्सा, दंत चिकित्सा, फार्मेसी, फिजियोथेरेपी, नर्सिंग और पैरामेडिकल विज्ञानआदि। MPH कोर्स में 5 क्षेत्र पर फोकस किया जाता है-

  • बायोस्टैटिस्टिक्स
  • महामारी विज्ञान
  • पर्यावरणीय स्वास्थ्य
  • स्वास्थ्य नीति और स्वास्थ्य प्रशासन
  • सामाजिक और व्यवहार विज्ञान

कंबाइंड मेडिकल सर्विसेज (CMS)

भारत सरकार के अधीन आने वाले इंडियन ऑर्डनेन्स फैक्ट्रीज, इंडियन रेलवे, म्युनिसिपल कारपोरेशन ऑफ़ दिल्ली, न्यू दिल्ली म्युनिसिपल काउन्सिल में मेडिकल ऑफिसर की भर्ती के लिए यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन द्वारा कंबाइंड मेडिकल सर्विस (CMS) एग्जाम कंडक्ट करवाया जाता है। CMS की लिखित परीक्षा पास करने के बाद UPSC द्वारा इंटरव्यू आयोजित किया जाता है। 

नीट पीजी के बिना एमबीबीएस के बाद कोर्सेज

एमबीबीएस के लिए NEET एंट्रेंस एग्जाम और पीजी कोर्सेज के लिए NEET-PG एंट्रेंस एग्जाम क्लियर करना होता है। लेकिन कुछ पीजी कोर्सेज ऐसे हैं जो बिना नीट पीजी के एमबीबीएस के बाद कर सकते हैं।

आप AI Course Finder की मदद से अपनी प्रोफाइल के अनुसार सही यूनिवर्सिटी और अपनी पसंद का कोर्स चुन सकते हैं।

योग्यता

एमबीबीएस के बाद पीजी कोर्स के लिए योग्यता नीचे दी गई है:

  • एमबीबीएस के लिए ज़रुरी है कि छात्र ने अपनी 12th की पढ़ाई PCB (भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान) से पूरी की हो।
  • छात्र ने 12वीं कक्षा अपनी चुनी हुई यूनिवर्सिटी या कॉलेज द्वारा प्रवेश के लिए निर्धारित न्यूनतम 50% अंक के साथ उत्तीर्ण की हो।
  • एमबीबीएस के बाद पीजी कोर्स के लिए किसी भी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय से एमबीबीएस की डिग्री, या अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त मेडिकल स्कूल से समकक्ष डिग्री।
  • यूके के बाहर इंटर्नशिप के स्वीकार्य पैटर्न को पूरा करने की अत्यधिक अनुशंसा की जाती है।
  • 2-3 साल का प्रासंगिक कार्य अनुभव आपके करियर की संभावनाओं को और बढ़ा सकता है। अपने पर्यवेक्षण सलाहकारों द्वारा हस्ताक्षरित विशेषता प्रशिक्षण (CREST) में प्रवेश करने के लिए तत्परता प्रमाणपत्र प्राप्त करने से आप प्रशिक्षण पदों के लिए आवेदन कर सकेंगे।
  • विदेश के विश्वविद्यालयों में एडमिशन के लिए भाषा प्रवीणता के रूप में IELTSTOEFLPTE टेस्ट अंक ज़रूरी होते हैं। 
  • IELTS स्कोर 6.5-7.5 की सीमा के बीच होना चाहिए।
  • ओईटी (व्यावसायिक अंग्रेजी टेस्ट) में ‘बी’ यह साबित करने के लिए कि आप अंग्रेजी भाषा में कुशल हैं।
  • विदेश विश्वविद्यालयों में एडमिशन के लिए SOPLOR और CV/Resume जैसे दस्तावेजों की भी आवश्यकता होती है।

विश्व के शीर्ष चिकित्सा विश्वविद्यालय और फीस

विदेशों में कई प्रसिद्ध मेडिकल स्कूल एमबीबीएस डिग्री के समान मेडिकल डिग्री प्रदान करते हैं जो छात्रों को अधिक जोखिम के साथ-साथ बेहतर फैकल्टी, सुविधाएं और प्लेसमेंट की संभावनाएं प्रदान करते हैं। द टाइम्स ग्लोबल रैंकिंग 2022 के साथ, कुछ सर्वश्रेष्ठ अंतरराष्ट्रीय मेडिकल कॉलेजों की लिस्ट नीचे दी गई है–

यूनिवर्सिटी का कॉलेजक्यूएस वर्ल्ड रैंकिंग फॉर मेडिसिन 2021स्थान INR . में औसत शुल्क
हार्वर्ड मेडिकल स्कूल1अमेरीका38 लाख 
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय2यूके36.6 लाख 
स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय3अमेरीका1.30 करोड़
कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय4यूके60 लाख 
जॉन्स हॉपकिन्स विश्वविद्यालय5अमेरीका42.5 लाख 
करोलिंस्का संस्थान6स्वीडन 14.7 लाख 
कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, लॉस एंजिल्स (यूसीएलए)7अमेरीका20 लाख 
येल विश्वविद्यालय8अमेरीका55 लाख 
यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन9यूके27.8 लाख 
इंपीरियल कॉलेज लंदन10यूके32 लाख 

Mega UniConnect, दुनिया का पहला और सबसे बड़ा यूनिवर्सिटी फेयर जहाँ आपको घर बैठे ही मिल सकता है आपकी पसंद की यूनिवर्सिटी के रिप्रेजेंटेटिव से बात करने का मौका। 

भारत में सर्वश्रेष्ठ मेडिकल कॉलेज 

2021 के लिए एनआईआरएफ रेटिंग के अनुसार, भारत में एमबीबीएस के बाद पीजी करने के लिए शीर्ष चिकित्सा संस्थानों का उल्लेख नीचे किया गया है:

महाविद्यालय मेडिकल रैंकिंग
एनआईआरएफ 2021
स्थान 
ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज 1नई दिल्ली 
पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च  2चंडीगढ़
क्रिश्चियन मेडिकल कॉलेज, वेल्लोर 3वेल्लोर
नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ मेंटल हेल्थ एंड न्यूरोसाइंस 4बैंगलोर
संजय गांधी पोस्टग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज 5लखनऊ
अमृता विश्व विद्यापीठम6कोयंबटूर
बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी 7वाराणसी
जवाहरलाल इंस्टीट्यूट ऑफ पोस्टग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च  8पुदुचेरी
किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी9लखनऊ
कस्तूरबा मेडिकल कॉलेज, मणिपाली10मणिपाल

आवेदन प्रक्रिया

भारत और विदेश दोनों के लिए आवेदन प्रक्रिया नीचे दी गई है:

विदेश में आवेदन प्रक्रिया

विदेश के विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया इस प्रकार है–

यदि आप विदेश में पढ़ना चाहते हैं, तो एप्लीकेशन प्रोसेस की जानकारी के लिए आप हमारे Leverage Edu एक्सपर्ट्स को 1800 572 000 पर कॉल कर सकते है। 

  • आपकी आवेदन प्रक्रिया का फर्स्ट स्टेप सही कोर्स चुनना है, जिसके लिए आप हमारे AI Course Finder की सहायता लेकर अपने पसंदीदा कोर्सेज को शॉर्टलिस्ट कर सकते हैं। 
  • हमारे एक्सपर्ट्स से कॉन्टैक्ट के पश्चात वे हमारे कॉमन डैशबोर्ड प्लेटफॉर्म के माध्यम से कई विश्वविद्यालयों की आपकी आवेदन प्रक्रिया शुरू करेंगे। 
  • अगला कदम अपने सभी दस्तावेजों जैसे SOP, निबंध (essay), सर्टिफिकेट्स और LOR और आवश्यक टेस्ट स्कोर जैसे IELTSTOEFLSATACT आदि को इकट्ठा करना और सुव्यवस्थित करना है। 
  • यदि आपने अभी तक अपनी IELTSTOEFLPTEGMATGRE आदि परीक्षा के लिए तैयारी नहीं की है, जो निश्चित रूप से विदेश में अध्ययन करने का एक महत्वपूर्ण कारक है, तो आप हमारी Leverage Live कक्षाओं में शामिल हो सकते हैं। ये कक्षाएं आपको अपने टेस्ट में उच्च स्कोर प्राप्त करने का एक महत्त्वपूर्ण कारक साबित हो सकती हैं।
  • आपका एप्लीकेशन और सभी आवश्यक दस्तावेज जमा करने के बाद, एक्सपर्ट्स आवास, छात्र वीजा और छात्रवृत्ति / छात्र लोन के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू करेंगे । 
  • अब आपके प्रस्ताव पत्र की प्रतीक्षा करने का समय है जिसमें लगभग 4-6 सप्ताह या उससे अधिक समय लग सकता है। ऑफर लेटर आने के बाद उसे स्वीकार करके आवश्यक सेमेस्टर शुल्क का भुगतान करना आपकी आवेदन प्रक्रिया का अंतिम चरण है। 

एक आकर्षक SOP लिखने से लेकर कंप्लीट एप्लीकेशन प्रोसेस में मदद के लिए आप हमारे Leverage Edu के एक्सपर्ट्स की सहायता ले सकते हैं।

भारतीय विश्वविद्यालयों में आवेदन प्रक्रिया

भारत के विश्वविद्यालयों में आवेदन प्रक्रिया, इस प्रकार है–

  1. सबसे पहले अपनी चुनी हुई यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट में जाकर रजिस्ट्रेशन करें।
  2. यूनिवर्सिटी की वेबसाइट में रजिस्ट्रेशन के बाद आपको एक यूजर नेम और पासवर्ड प्राप्त होगा।
  3. फिर वेबसाइट में साइन इन के बाद अपने चुने हुए कोर्स का चयन करें जिसे आप करना चाहते हैं।
  4. अब शैक्षिक योग्यता, वर्ग आदि के साथ आवेदन फॉर्म भरें।
  5. इसके बाद आवेदन फॉर्म जमा करें और आवश्यक आवेदन शुल्क का भुगतान करें। 
  6. यदि एडमिशन, प्रवेश परीक्षा पर आधारित है तो पहले प्रवेश परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन करें और फिर रिजल्ट के बाद काउंसलिंग की प्रतीक्षा करें। प्रवेश परीक्षा के अंको के आधार पर आपका चयन किया जाएगा और लिस्ट जारी की जाएगी।

आवश्यक दस्तावेज़  

नीचे उन महत्वपूर्ण दस्तावेजों की सूची दी गई है, जिन्हें आपको एमबीबीएस आवेदन के लिए प्रदान करने की आवश्यकता हो सकती है: 

  • आवेदन पत्र, विधिवत भरा हुआ
  • प्रवेश परीक्षा और अंग्रेजी दक्षता परीक्षा स्कोरकार्ड
  • व्यक्तिगत पहचान दस्तावेज।
  • उद्देश्य का विवरण (SOP) और/या प्रेरणा पत्र
  • सिफारिश के पत्र (LOR)
  • आपके डिप्लोमा की प्रतियां और, स्थिति के आधार पर, अंग्रेजी में अनुवाद
  • पिछले अकादमिक टेप और रिकॉर्ड
  • स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र से संबंधित स्वैच्छिक या कार्य अनुभव का अन्य प्रमाण (यदि कोई हो)
  • छात्र पासपोर्ट और वीजा अगर विदेश में एमबीबीएस करने की योजना बना रहे हैं
  • व्यक्तिगत पासपोर्ट आकार के फोटो

एमबीबीएस के बाद करियर और सैलरी  

MBBS ke baad PG करने के बाद आपके लिए करियर के कई रास्ते खुल जाते है, जिनमें से कुछ लोकप्रिय क्षेत्र और जॉब प्रोफाइल सैलरी के साथ नीचे गई गई है:

  • चिकित्सा शिक्षक / प्रोफेसर
  • अस्पताल प्रशासन
  • सार्वजनिक स्वास्थ्य कार्य
  • चिकित्सा पत्रकारिता और चिकित्सा लेखन
  • निवेश बैंकिंग
  • उद्यमिता
  • स्वास्थ्य सूचना विज्ञान और विश्लेषिकी
  • मेडिको-लीगल एडवाइजर
  • फोरेंसिक मनश्चिकित्सा
  • शैक्षणिक चिकित्सा
  • रेडियोलॉजी / डायग्नोस्टिक इमेजिंग
  • नैदानिक ​​फोरेंसिक चिकित्सा परीक्षक
  • स्पोर्ट्स मेडिसिन
  • प्रत्यारोपण समन्वयक
  • चिकित्सा या औषधि शोधकर्ता
  • लोक सेवा ( यूपीएससी , एसएससी , आदि)
  • शैक्षणिक चिकित्सा
नौकरी प्रोफ़ाइलवेतन वार्षिक (INR)
मेडिकल प्रोफेसर2 लाख -30 लाख
विशेषज्ञ चिकित्सक18.4 लाख-30 लाख
केंद्रीय स्वास्थ्य सेवा में जूनियर स्केल पद56,100-1,77,500/- प्रति माह
नई दिल्ली नगर परिषद में जीडीएमओ56,100-1,77,500/- प्रति माह
चिकित्सा वैज्ञानिक67,89,250 लाख

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FAQs

क्या MBBS ke baad PG करने के लिए नीट-पीजी जरूरी है?

MBBS ke baad पढ़ाई जारी रखने के लिए आपको नीट-पीजी की आवश्यकता होती है। एमबीबीएस के बाद मास्टर डिग्री के लिए आपके एमबीबीएस में न्यूनतम 50% होने आवश्यक है। लेकिन कुछ कोर्स ऐसे भी हैं जिनके लिए नीट पीजी की आवश्यकता नहीं है जैसे- अस्पताल प्रबंधन और अस्पताल प्रशासन में एमबीए, जैव सूचना विज्ञान में एमबीए, कम्प्यूटेशनल बायोलॉजी में एमएससी, फार्मास्युटिकल मार्केटिंग में एमबीए / मास्टर्स ।

क्या एमबीबीएस के बाद एमबीए करना सही है?

आज कल कई मेडिकल स्टूडेंट्स एमबीबीएस की पढ़ाई पूरी करने के बाद एमबीए का विकल्प चुनते हैं। मेडिकल क्षेत्र में मैनेजमेंट को समझने के लिए एमबीए बहुत अच्छा विकल्प है।

एमबीबीएस के बाद एमएस कितने समय का कोर्स है?

एमबीबीएस के बाद एमएस कोर्स आमतौर पर स्पेशलाइजेशन के आधार पर 1 से 3 साल की अवधि के होते हैं।

एमबीबीएस के बाद एमडी कितने साल का कोर्स है?

एमबीबीएस के बाद एमडी कोर्स 3 साल का डिग्री और 2 साल का डिप्लोमा प्रोग्राम शामिल है।

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उम्मीद है कि आपको इस ब्लॉग से MBBS ke baad PG कोर्स के विकल्पों के बारे में पूरी जानकारी मिली होगी। यदि आप भी विदेश में एमबीबीएस और एमबीबीएस के बाद पीजी की पढ़ाई करना चाहते हैं, तो आज ही हमारे Leverage Edu के एक्सपर्ट के साथ 30 मिनट का फ्री सेशन 1800 57 2000 पर कॉल करके बुक करें।

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