MA पोलिटिकल साइंस सिलेबस

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राजनीती के क्षेत्र में अपना करियर बनाने के इच्छुक छात्रों के लिए एमए पॉलिटिकल साइंस, एक बेहतरीन शैक्षणिक बैकग्राउंड प्रदान करता है। आमतौर पर यह 2 साल का पोस्टग्रेजुएट कोर्स है। यह कोर्स ग्रेजुएट छात्रों को भारत और अंतरराष्ट्रीय राजनीति का विशेष ज्ञान प्रदान करता है। MA Political Science syllabus in Hindi को चार सेमेस्टर में बाँटा जा सकता है। इसमें राजनीतिक सिद्धांत, महत्वपूर्ण विश्लेषण, दर्शन और नैतिकता के साथ-साथ वैकल्पिक विषय जैसे नागरिकता, आधुनिक राज्य में तुलनात्मक दृष्टिकोण, महत्वपूर्ण परंपराओं में राजनीतिक सिद्धांत आदि शामिल हैं। आइए ब्लॉग के माध्यम से विस्तार से जानते हैं MA Political Science Syllabus in Hindi के बारे में।

कोर्सMA इन पॉलिटिकल साइंस 
फुल फॉर्ममास्टर ऑफ़ आर्ट्स इन पॉलिटिकल साइंस 
योग्यताBA डिग्री में कम से कम 50 % अंक 
एडमिशन प्रोसेसएंट्रेंस/मैरिट 
टॉप एंट्रेंस एग्ज़ामBHU PET, JNUEE, DUET, IPU CET आदि 
MA पॉलिटिकल साइंस में विषयपॉलिटिकल थ्योरी, पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन, इंटरनैशनल रिलेशन्स, कम्पेरेटिव पॉलिटिक्स और पब्लिक लॉज़ आदि। 
MA पॉलिटिकल साइंस फीसINR 20,000-80,000
MA पॉलिटिकल साइंस सैलरीINR 4-8 LPA
MA पॉलिटिकल साइंस के बाद जॉब प्रोफाइल्सपॉलिटिकल कंसलटेंट, अकैडमिशियन, एक्टिविस्ट और पॉलिटिकल कंटेंट राइटर आदि 
MA पॉलिटिकल साइंस में रिक्रूटमेंट के क्षेत्रयुनिवर्सिटीज़, एडमिनिस्ट्रेशन, कैंपेन, पॉलिटिकल हॉउसिज़ आदि। 

MA पॉलिटिकल साइंस क्या है?

एक मास्टर डिग्री होने के कारण MA पॉलिटिकल साइंस में आपको दुनिया भर के पॉलिटिकल इंस्टिट्यूशंस और उनके काम करने के तरीके की गहन जानकारी देखने को मिलेगी, जो पॉलिटिकल साइंस में रूचि रखने वाले व्यक्ति के लिए अत्यंत लाभदायक साबित हो सकती है। मोटे तौर पर देखा जाए तो यह कोर्स और इससे जुड़ी शाखाएं सरकार के ऑपरेशनल स्ट्रक्चर और जनता के साथ तालमेल पर केंद्रित है जिसमें समाज शास्त्र, इकोनॉमिक्स और इंटरनैशनल रिलेशन्स जैसी टर्म्स शामिल हैं। इस प्रोग्राम की लोकप्रियता और प्रसिद्धि के कारण दुनिया भर के विश्वविद्यालयों ने इस कोर्स को प्राथमिकता दी है जिसमें लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स एंड पॉलिटिकल साइंस और हार्वर्ड युनिवर्सिटी जैसी बड़ी और प्रख्यात युनिवर्सिटीज़ शामिल हैं। 

MA पॉलिटिकल साइंस क्यों चुनें?

पॉलिटिकल साइंस में मास्टर डिग्री भविष्य में आपके लिए काफी फायदेमंद साबित हो सकती है। इससे जुड़े फायदों के बारे में विस्तार से जानने के लिए नीचे दिए गए पॉइंट्स पर नज़र डालें –

  • राजनीतिक ज्ञान के साथ आप अपने समस्त व्यक्तित्व में एक बड़ा बदलाव देख पाएंगे जिसमें आपकी बोल-चाल का तरीका और सोचने की प्रक्रिया में ख़ास अंतर देखने को मिल सकता है। 
  • जनता और आस-पास के व्यक्तियों की प्रतिक्रिया को मैनेज करने की कला में बढ़ोतरी। 
  • पॉलिटिकल सेंस रखने वाले व्यक्तियों की संगती और ज्ञान आपको इन्फ्लुएंस कर सकता है, जिससे आपके लिखने और बात करने के तरीके में बदलाव की संभावना है। यह बदलाव आपको आपके आने वाले जीवन में आपकी फील्ड से जुड़े कार्यो में मदद कर सकता है। 
  • यह कोर्स करने के दौरान आप कानून, शिक्षा, जर्नलिज़्म, पॉलिटिक्स, सिविल सर्विसिज़ के बारे में सिखाया जाता है, जिसके चलते आप इन सभी फील्ड्स में महारत हासिल करने योग्य होते हैं।
  • यह कोर्स आपको राजनीतिक तौर तरीके के साथ साथ दुनिया में चल रही गतिविधियों में शामिल होने और उनके बारे ज्ञान प्रदान करते है।

MA पॉलिटिकल साइंस में विषय और सिलेबस 

MA पोलिटिकल साइंस एक 2 वर्षीय कोर्स है जिसे 4 सेमेस्टर में बांटा गया है। इन सभी सेमेस्टर्स का लक्ष्य और फोकस का केंद्र एक दूसरे से भिन्न है जिससे इस कोर्स की ब्रॉड रेंज को कवर किया जा सकता है। पहले वर्ष में 2 सेमेस्टर है जिसका मुख्य केंद्र आपको कम्पेरेटिव पॉलिटिकल एनालिसिस, थ्योरी ऑफ़ इंटरनैशनल रिलेशन्स, थीम्स इन वर्ल्ड पॉलिटिक्स के बारे में गहन जानकारी देना है। हालांकि या सिलेबस विश्विद्यालयों के अनुसार अलग भी हो सकता है। MA Political Science Syllabus in Hindi की सेमेस्टर के अनुसार जानकारी नीचे दी गई है:

सेमेस्टर 1 

सब्जेक्ट्स टॉपिक्स 
डिबेट्स इन पॉलिटिकल थ्योरी -पॉलिटिकल कॉन्टेक्स्ट
-डिबेट्स ऑन फ्रीडम
-डिबेट्स ऑन जस्टिस
-डिबेट्स ऑन इक्वालिटी
-डिबेट्स ऑन डेमोक्रेटिक पॉलिटिकल कम्युनिटी
-डिबेट्स ऑन राइट्स 
पॉलिटिकल डेवलपमेंट -क्लास, कास्ट, ट्राइब एंड जेंडर
-अप्रोचिज़ टू पॉलिटिक्स
-डेवलपमेंट प्रोसेस
-पॉलिटिकल पार्टीज़
-रिलिजन, रीजन एंड लैंग्वेज
-एलेक्शंस
-सोशल मूवमेंट्स, ऑब्जेक्टिव्स
-मेथड्स,इम्पैक्ट एंड रीसेंट ट्रेंड्स 
कम्पेरेटिव पॉलिटिकल एनालिसिस-डेवलपमेंट
-कम्पेरेटिव मेथड्स एंड अप्रोचिज़
-थेओरीज़ ऑफ़ स्टेट
-नैशनलिस्म एंड एंटी
-कोलोनियल स्ट्रगल्स
-कम्पेरेटिव पार्टी सिस्टम
-सोशल मूवमेंट्स एंड रिवोल्युशन्स 
थ्योरी ऑफ़ इंटरनैशनल रिलेशंस -अल्टरनेटिव अप्रोचिज़ इन इंटरनैशनल रिलेशंस
-रियलिज़्म, वेरियंट्स एंड कॉम्प्लिमेंट्स
-इंट्रोडक्शन टू इंटरनैशनल रिलेशन्स 

यह भी पढ़ें : पॉलिटिकल साइंस में PhD  

सेमेस्टर 2 

सब्जेक्ट्स टॉपिक्स 
एडमिनिस्ट्रेटिव थेओरीज़ -थ्योरी एंड अप्रोचिज़ ऑफ़ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन
-कंटेक्शुअल पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन
-कंटेम्प्ररी डेवलपमेंटस-ग्रासरूट्स गवर्नेंस
-अल्टरनेटिव पर्सपेक्टिव्स 
थीम्स इन वर्ल्ड पॉलिटिक्स एंड इंटरनैशनल पॉलिटिकल इकॉनमी -इंटरनैशनल पॉलिटिकल इकॉनमी
-ग्लोबल चैलेंजिस एंड मूवमेंट्स
-इंटरनैशनल पॉलिटिकल इकॉनमी
-थीम्स इन वर्ल्ड पॉलिटिक्स 
की टेक्स्ट्स इन पॉलिटिकल फिलॉसोफी  -इंटरप्रेटेशन
-थियोरीज़ ऑफ़ इंटरप्रेटेशन
-प्रॉब्लम्स इन इंटरप्रिटिंग डाटा
-हिस्ट्री ऑफ़ आइडियाज़
-द इम्पोर्टेंस ऑफ़ लैंगुएज 
टेक्स्ट्स ऑफ़ फिलॉस्फर्स प्लाटो, अरिस्टोटल, लोके, रोउसेऔ आदि 

नोट : युनिवर्सिटी और जगह अनुसार आपके कोर्स के सब्जेक्ट्स में बदलाव देखा जा सकता है। 

सेमस्टर 3 

सब्जेक्ट्स टॉपिक्स 
इंटरप्रेटिंग मॉडर्न वर्ल्ड -द कॉन्सेप्शन ऑफ़ द मॉडर्न पर्स्पेक्टिव ऑफ़ जस्टिस एंड सोशल ट्रांसफॉर्मेशन
-डेवेलपमेंट एंड इट्स क्रिटिक्स
-द कॉन्सेप्शन ऑफ़ नेशनलिज़्म
-डिबेट्स ऑन ग्लोबलाईज़ेशन
-कम्युनिटी
-सिविल सोसाइटी
-पब्लिक स्फेयर
पॉलिटिकल सोशियोलॉजी -सिटिज़नशिप
-सोशल मूवमेंट्स
-पॉलिटिकल कल्चर एंड सोशल कैपिटल
-रोल ऑफ़ मीडिया 
इलेक्टिवस 

सेमेस्टर 4 

किसी खास सब्जेक्ट में फोकस ना होकर आखिरी सेमेस्टर में छात्र की सिलेबस लिस्ट में कोर्स की पूरी जानकारी को लेकर थीसिस लिखने को दिया जाता है। जिससे कोर्स से जुड़ी सभी जानकारी एक जगह एकत्रित होने के साथ-साथ रिकॉल हो जाती हैं। एक मास्टर डिग्री होने के कारण इस प्रोसेस का भविष्य में  विद्यार्थी को काफी लाभ पहुँचता है।  

MA पॉलिटिकल साइंस में स्पेशलाइज़ेशन्स 

जैसा कि हमनें सिलेबस में बताया है कि हर छात्र को एक विशेष टॉपिक को चुन कर उसमें विशिष्ट एकाग्रता से कार्य की आवश्यकता होती है। MA पॉलिटिकल साइंस में मास्टर डिग्री में आने वाले कुछ प्रसिद्ध स्पेशलाइज़ेशन की लिस्ट नीचे दी गई है। जिसमें से एक चुनकर आप अपनी डिग्री को पूरा कर सकतें हैं। ध्यान रहे कि यह स्पेशलाइज़ेशन्स विभिन्न जगहों और उसमें स्थित युनिवर्सिटीज़ के अनुसार अलग हो सकती हैं-

  • पब्लिक लॉ 
  • डेमोक्रेसी एंड कॉन्स्टीट्यूशनल डिज़ाइन 
  • ग्लोबल गवर्नेंस 
  • एडवोकैसी एंड पब्लिक पॉलिसी 
  • रोल ऑफ़ पब्लिक इंस्टिट्यूशंस 
  • एथिक्स एंड पॉलिटिक्स 
  • पीस एंड कॉन्फ्लिक्ट स्टडीज़ 
  • अंडरस्टैंडिंग फॉरेन पॉलिसी 
  • क्वांटिटेटिव रिसर्च इन पॉलिटिक्स

MA पॉलिटिकल साइंस में डिस्टेंस लर्निंग 

विद्यार्थी जो किसी और क्षेत्र का हिस्सा होकर भी किसी और युनिवर्सिटी में पढ़ाई का ख़्वाब देखते हैं वे डिस्टेंस लर्निंग का विकल्प चुन सकते हैं। कोरोना महामारी के चलते हर कोर्स में डिस्टेंस लर्निंग की महत्ता बढ़ गई है, जिसमें छात्र को घर रहकर ही पढ़ाई करके और एग्ज़ाम देकर डिग्री प्राप्त हो जाती है। मास्टर डिग्री होने के कारण इस डिग्री की अवधि 2 साल है जिसे 4 सेमेस्टर में बांटा गे है। डिस्टेंस लर्निंग के विकल्प के साथ MA पॉलिटिकल साइंस की डिग्री आपको 2-5 साल की देखने को मिल सकती  है। डिस्टेंस लर्निंग में फीस की अगर बात की जाए तो लगभग INR 10,000-25,000 का खर्च हो सकता है। 

योग्यताओं में छात्र के पास किसी मान्यता प्राप्त युनिवर्सिटी से बैचलर डिग्री होना आवश्यक है। MA पॉलिटिकल साइंस में डिस्टेंस लर्निंग मेरिट के आधार पर उपलब्ध कराई जाती है जिसकी वजह से आपके एडमिशन में बैचलर डिग्री के अंको का ज़्यादा महत्व है। MA पॉलिटिकल साइंस के कोर्स में डिस्टेंस लर्निंग उपलब्ध कराने वाली टॉप युनिवर्सिटीज़ के नाम नीचे दिए गए हैं। 

कॉलेज का नाम स्थान एवरेज सालाना फीस (INR)
नालंदा ओपन युनिवर्सिटी पटना 7,200 
तमिल नाडु ओपन युनिवर्सिटी चेन्नई 6,682
डॉ बी.आर अम्बेडकर ओपन युनिवर्सिटी हैदराबाद 4,400
दिल्ली युनिवर्सिटी स्कूल ऑफ़ ओपन लर्निंग दिल्ली 4,990
IGNOU दिल्ली 9,000

टॉप विदेशी यूनिवर्सिटीज़  

विश्व में MA पॉलिटिकल साइंस के कोर्स और उसके वैरिएंट्स में डिग्री उपलब्ध कराने वाली अनेक यूनिवर्सिटीज़  मौजूद हैं जिसमें से आप अपनी सहूलियत अनुसार एक को चुनकर अपना कोर्स पूरा कर सकते हैं। आपके कोर्स के लिए एक बेहतर यूनिवर्सिटी की आपकी खोज में मदद के लिए हमने विश्व की टॉप यूनिवर्सिटीज़  की लिस्ट नीचे दी है जिसमें आप MA पॉलिटिकल साइंस के बाद पढ़ाई कर सकते हैं-

आप UniConnect के जरिए विश्व के पहले और सबसे बड़े ऑनलाइन विश्वविद्यालय मेले का हिस्सा बनने का मौका पा सकते हैं, जहाँ आप अपनी पसंद के विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि से सीधा संपर्क कर सकेंगे।

टॉप भारतीय यूनिवर्सिटीज़   

MA पॉलिटिकल साइंस और उसके वैरिएंट्स में कोर्स उपलब्ध कराने वाली टॉप भारतीय यूनिवर्सिटीज़ के नाम कुछ इस प्रकार है:

कॉलेजशहर 
हिन्दू कॉलेज दिल्ली 
प्रेसीडेंसी कॉलेज चेन्नई 
लेडी श्री राम कॉलेज फॉर वोमेन दिल्ली 
सेंट ज़ेवियर कॉलेज कोलकाता 
गार्गी कॉलेज दिल्ली 
रामजस कॉलेज दिल्ली 
चंडीगढ़ युनिवर्सिटी चंडीगढ़ 
प्रेसीडेंसी युनिवर्सिटी कोलकाता 
लेडी ब्राबोर्न कॉलेज कोलकाता 
ओस्मानिया युनिवर्सिटी हैदराबाद 

योग्यता

MA Political Science syllabus in Hindi से जुड़े कोर्सेज में रूचि रखने वाले विद्यार्थियों का निम्नलिखित योग्यताओं को पूर्ण करना आवश्यक है-

  • कैंडिडेट की बारहवीं किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से होना आवश्यक है। जिसमें कम से कम 50 % मार्क्स होना अनिवार्य माना गया है। 
  • MA पॉलिटिकल साइंस के लिए किसी विशेष स्ट्रीम को प्राथमिकता नहीं दी गई है। आप किसी भी स्ट्रीम से अपनी बारहवीं उत्तीर्ण कर सकते है। 
  • MA पॉलिटिकल साइंस एक मास्टर डिग्री होने के कारण कैंडिडेट की बैचलर डिग्री को ख़ास महत्वता दी जाती है। यह बैचलर डिग्री आप पॉलिटिकल साइंस से जुड़े कोर्सिज़ जैसे BA पॉलिटिकल साइंस या अन्य प्रासंगिक क्षेत्र में उत्तीर्ण कर सकते हैं। 
  • एक कॉम्पटेटिव GRE स्कोर या युनिवर्सिटी द्वारा निर्धारित कोई अन्य एंट्रेंस टेस्ट क्लियर करना आवश्यक। 
  • विदेश में अपनी मास्टर डिग्री अप्लाई कर रहे छात्रों का इंग्लिश प्रोफिशिएंसी टेस्ट का स्कोर मायने रखता है। इसमें IELTS या TOEFL,PTE आदि टेस्ट शामिल हैं।
  • विदेश में पढ़ने के इच्छा रखने वाले विद्यार्थियों को SOP और  LOR जमा कराना अनिवार्य है। 

नोट : यह योग्यताएं MA पॉलिटिकल साइंस और उससे जुड़े प्रोग्राम्स के लिए एक बेसिक मापदंड है। आपकी चुनी गई युनिवर्सिटी अनुसार इसमें बदलाव देखने को मिल सकते हैं।

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JNU MA पोलिटिकल साइंस एंट्रेंस एग्जाम सिलेबस

MA पोलिटिकल साइंस प्रवेश परीक्षा के लिए सिलेबस यहां दिया गया है: 

यूनिट I

A) सोशल एंड पोलिटिकल थॉट्स ऑफ़ मॉडर्न इंडिया

B) वेस्टर्न पोलिटिकल थॉट

C) कॉन्सेप्ट्स एंड अप्रोचेस इन पोलिटिकल थ्योरी

यूनिट II

D) कंस्टीटूशन एंड पोलिटिकल इंस्टीटूशन ऑफ़ इंडिया

E) स्टेट एंड पॉलिटिक्स इन इंडिया

F) पोलिटिकल प्रोसेसेज एंड पब्लिक पॉलिसीस इन इंडिया

यूनिट III

G) कम्पेरेटिव गवर्नमेंट एंड पॉलिटिक्स

H) इंटरनेशनल रिलेशन्स

विदेश में आवेदन प्रक्रिया

विदेश के विश्वविद्यालयों में आवेदन करने वाले अंतरराष्ट्रीय छात्रों को अपनी आवेदन प्रक्रिया का ख़ास ध्यान रखना होगा, नीचे दिए गए स्टेप्स को ध्यान से पढ़ें-

  • कोर्सेज़ और युनिवर्सिटीज़ को शॉर्टलिस्ट करें: आवेदन प्रक्रिया में पहला स्टेप आपके शैक्षणिक प्रोफ़ाइल के अनुसार कोर्सेज़ और युनिवर्सिटीज़ को शॉर्टलिस्ट करना है। छात्र AI Course Finder के माध्यम से कोर्स और युनिवर्सिटी को शॉर्टलिस्ट कर सकते हैं और उन युनिवर्सिटीज़ की एक लिस्ट तैयार कर सकते हैं, जहां उन्हें अप्लाई करना सही लगता है।
  • अपनी समय सीमा जानें: अगला कदम विदेश में उन युनिवर्सिटीज़ और कॉलेजों की समय सीमा जानना है, जिनमें आप आवेदन करने का सोच रहे हैं। अंतरराष्ट्रीय छात्रों को आवेदन प्रक्रिया के लिए काफी पहले (वास्तविक समय सीमा से एक वर्ष से 6 महीने पहले) ध्यान देना होता है। यह सुनिश्चित करता है कि छात्र कॉलेज की सभी आवश्यकताओं जैसे SOP, सिफारिश के पत्र, फंडिंग / स्कॉलरशिप का विकल्प और आवास को पूरा कर सकते हैं।
  • प्रवेश परीक्षा दें: विदेशी यूनिवर्सिटीज़ के लिए आवेदन प्रक्रिया के तीसरे स्टेप मे छात्रों को IELTSTOEFLPTE और यूनिवर्सिटी क्लिनिकल एप्टीट्यूड टेस्ट (UCAT) जैसे टेस्ट देने होते हैं। इंग्लिश प्रोफिशिएंसी टेस्ट में एक नया Duolingo टेस्ट है जो छात्रों को अपने घरों से परीक्षा में बैठने की अनुमति देता है और दुनिया भर में स्वीकार किया जाता है।
  • अपने दस्तावेज़ कंप्लीट करें: अगला कदम आवेदन प्रक्रिया के लिए सभी आवश्यक दस्तावेज़ो और स्कोर को पूरा करके एक जगह पर संभल लें। इसका मतलब है कि छात्रों को अपना SOP लिखना शुरू कर देना चाहिए, शिक्षकों और सुपरवाइज़र्स से सिफारिश के पत्र प्राप्त करना चाहिए और अपने फाइनेंशियल स्टेटमेंट्स को अन्य दस्तावेज़ों जैसे टेस्ट स्कोरकार्ड के साथ सिस्टेमैटिक तरह से रखलें। COVID-19 महामारी के साथ, छात्रों को अपना वैक्सीन प्रमाणपत्र डाउनलोड करना होगा। 
  • अपने आवेदन करने की प्रक्रिया प्रारंभ करें: एक बार जब आपके पास सभी दस्तावेज़ मौजूद हों, तो छात्र सीधे या UCAS के माध्यम से आवेदन प्रक्रिया शुरू कर सकते हैं। विदेश की युनिवर्सिटीज़ में आवेदन करने वाले छात्र जो सीधे आवेदन स्वीकार करते हैं, वे युनिवर्सिटी वेबसाइट के माध्यम से आवेदन करके शुरू कर सकते हैं। उन्हें कोर्सेज़ का चयन करना होगा, आवेदन शुल्क का भुगतान करना होगा और ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया शुरू करनी होगी।

भारत में आवेदन प्रक्रिया

MA पॉलिटिकल साइंस में एडमिशन के लिए निम्नलिखित स्टेप्स को फॉलो करना आवश्यक है। यह आवेदन प्रक्रिया आपको आपके मन चाहे कॉलेज में एडमिशन दिलाने के लिए महत्वपूर्ण है-

  • पहले MA पॉलिटिकल साइंस से जुड़े सभी कोर्सेज को जानें और अपने लिए एक बेहतर विकल्प चुनें। 
  • उसके बाद कौन से कॉलेज आपका चुना कोर्स उपलब्ध करातें है पता लगाएं। 
  • ध्यान से कोर्स और कॉलेज के लिए दी गई योग्यता को पढ़ें। 
  • MA पॉलिटिकल साइंस में आपके चुनें विकल्प के लिए देने वाले एंट्रेंस एग्ज़ाम्स का पता लगाएं और आपके कॉलेज द्वारा स्वीकार किया जाने योग्य एग्ज़ाम चुनें। कुछ विश्वविद्यालय मेरिट बेसिस पर भी एडमिशन स्वीकार करते हैं तो इस बात का भी ध्यान रखें। 
  • MA पॉलिटिकल साइंस प्रोग्राम के लिए एनरोल कर रहे कैंडिडेट का ज़्यादातर मामलों में एंट्रेंस एग्ज़ाम क्लियर करना आवश्यक है क्योंकि मास्टर डिग्री देने वाली अधिकत्तर युनिवर्सिटीज़ और इंस्टिट्यूट्स एंट्रेंस टैस्ट के स्कोर के हिसाब से ही एडमिशन लेते है। 
  • कई युनिवर्सिटीस आपके एंट्रेंस एग्ज़ाम रिज़ल्ट अनुसार डायरेक्ट एडमिशन भी देतीं हैं जबकि कुछ उसके बाद भी एडिशनल चीज़ों के मुताबिक़ सेलेक्शन किया करतीं हैं जिसमें ज़्यादातर ग्रुप डिस्कशन और पर्सनल इंटरव्यू शामिल होतें हैं। 
  • रिज़ल्ट आने के बाद, काउंसिलिंग के लिए रजिस्टर करें और प्रोसेस फॉलो करें। 
  • अपने चुनें गए कॉलेज और कोर्स को काउंसिलिंग में सेलेक्ट करें। 
  • रजिस्टर करें और दस्तावेज़ जमा कराएं।

आवश्यक दस्तावेज़  

कुछ जरूरी दस्तावेज़ों की लिस्ट नीचे दी गई हैं–

MA पोलिटिकल साइंस बुक्स

MA पोलिटिकल साइंस की कुछ महत्वपूर्ण किताबों की सूची नीचे दी गई है:

Books Buy Now
IGNOU Master in Political Science MPS 1-4 Buy Now
MPS-002 International Relations : Theory And Problems in Hindi Buy Now
Sahitya Bhawan Antrarashtriya Rajneeti book by Fadia in Hindi Buy Now
Sahitya Bhawan Bhartiya Shasan Evam Rajniti book by Fadia in Hindi Buy Now
Sahitya Bhawan Bhartiya Prashasan book by Fadia in HindiBuy Now 
Sahitya Bhawan Antarrashtriya Sangathan Buy Now
Sahitya Bhawan Bharat Mein Lok PrashasanBuy Now

प्रसिद्ध प्रवेश परीक्षाएं

MA पॉलिटिकल साइंस के कोर्स में एडमिशन के लिए कुछ युनिवर्सिटीज़ मेरिट बेस पर एडमिशन कराती है और कुछ एंट्रेंस एग्ज़ाम को एडमिशन का बेहतर विकल्प मानती हैं। इस पोर्शन में हम जानेंगे कि कौनसे एंट्रेंस एग्ज़ाम है जो MA पॉलिटिकल साइंस में एडमिशन हेतु अनिवार्य माने गए हैं। ध्यान रहे कि हर युनवर्सिटी की पसंद और तरीका एक दूसरे से अलग पाया जा सकता है। एंट्रेंस एग्ज़ाम की लिस्ट नीचे मेंशन की गई है –

  • BHU PET 
  • IPU CET 
  • DUCET 
  • OUCET 
  • JNUEE
  • CUEE
  • AUCET
  • DUET
  • GRE
  • TS CPGET
  • Allahabad PGAT
  • GMAT 
  • IELTS
  • TOEFL
  • SAT 
  • LSAT 
  • PTE 

MA पॉलिटिकल साइंस के बाद स्कोप

समय अनुसार पॉलिटिकल साइंस में मास्टर डिग्री की मांग बढ़ रही है। जिसके कारण छात्रों में पॉलिटिकल साइंस को लेकर रूचि भी बढ़ती नज़र आ रही है। MA पॉलिटिकल साइंस में डिग्री प्राप्त करने के बाद आप पब्लिक और प्राइवेट दोनों क्षेत्रों में नौकरी के लिए अप्लाई कर सकते हैं जिससे आपके करियर में ग्रोथ का दायरा बढ़ता है और आप ज़्यादा से ज़्यादा नौकरियों के लिए योग्य माने जाते है।

MA पॉलिटिकल साइंस में स्कोप की अगर बात करें तो केवल नौकरी ही नहीं अगर आप अपने ज्ञान अर्जित करने का लेवल और बेहतर करना चाहते है तो आगे पढ़ भी सकते हैं। छात्र पॉलिटिकल साइंस में मास्टर पूरी करने के बाद पॉलिटिकल साइंस में M.Phil और PhD करने का विकल्प भी चुन सकतें हैं। जिससे आपको आपके विषय में ज्ञान के साथ साथ उच्च डिग्री पाने का भी मौका मिल सकता है। बेहतर डिग्री बेहतर विकल्पों का रास्ता भी खोलती है, जो भविष्य में मिलने वाले मौकों की संख्या बढ़ाता है। आप चाहें तो मास्टर्स पूरी करने के बाद विदेश में जाकर भी अपना करियर जारी रख सकतें हैं और सेमिनार, रिसर्च जैसे ऑप्शंस को अपनी लिस्ट में शामिल कर सकतें हैं।

टॉप रिक्रूटर्स

टॉप रिक्रूटर की श्रेणी में वे कंपनीज़ आती हैं, जो एक विशेष कोर्स किए छात्र को महत्व देती है और नौकरी देने में सक्षम होती हैं। MA पॉलिटिकल साइंस के बाद निम्नलिखित रिक्रूटिंग क्षेत्र अहम माने गए हैं –

  • Oracle
  • Kotak
  • Concentrix
  • Corporation
  • United Nations
  • Oxford Research Group
  • Thomson Reuters

जॉब प्रोफाइल्स और सैलरी

आइए जानते है पॉलिटिकल साइंस में मास्टर डिग्री के बाद आप कौनसी जॉब प्रोफाइल्स के लिए अप्लाई करने योग्य हो सकते है, इसकी जानकारी नीचे दी गई है-

  • पॉलिटिकल कंसल्टेंट 
  • पॉलिसी एनालिस्ट 
  • लेजिस्लेटिव असिस्टेंट 
  • पब्लिक ओपिनियन एनालिस्ट 
  • कैंपेन ऑर्गनाइज़र 
  • कॉर्पोरेट सोशल पॉलिसी इश्यूज़ एनालिस्ट 
  • पॉलिटिकल कॉमेंटेटर 
  • लेजिस्लेटिव एनालिस्ट 
  • लाबीस्ट 
  • कॉर्पोरेशन लेजिस्लेटिव इश्यूज़ मैनेजर 
  • लेजिस्लेटिव कोऑर्डिनेटर 

सैलरी की बात कि जाए तो MA पॉलिटिकल साइंस में डिग्री के बाद आपकी एवरेज सैलरी कुछ इस प्रकार हो सकती है। हलाकि ये सैलरी आपके चुने गए जॉब रोल और पूर्व किए कोर्स की श्रेणी पर निर्भर करती है। जॉब प्रोफाइल के अनुसार औसत सैलरी निम्नलिखित हैं –

जॉब रोलएवरेज सैलरी (INR)
पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन8 लाख
पॉलिटिकल कोरेस्पोंडेंट 6 लाख
पॉलिटिकल कॉन्टेंट राइटर 5.5 लाख
PR एग्ज़िक्युटिव 7 लाख
पॉलिटिकल एक्टिविस्ट 6.5 लाख
आर्किविस्ट 5 लाख

FAQs

पॉलिटिकल साइंस में कौन कौन सा विषय होता है?

राजनीति विज्ञान अध्ययन का एक विस्तृत विषय या क्षेत्र है। राजनीति विज्ञान में ये तमाम बातें शामिल हैं: राजनीतिक चिन्तन, राजनीतिक सिद्धान्त, राजनीतिक दर्शन, राजनीतिक विचारधारा, संस्थागत या संरचनागत ढाँचा, तुलनात्मक राजनीति, लोक प्रशासन, अन्तरराष्ट्रीय कानून और संगठन आदि।

Ma पॉलिटिकल साइंस में कितने सब्जेक्ट होते हैं?

इसमें पॉलिटिकल थ्योरी, क्रिटिकल एनालिसिस, फिलॉसोफी और एथिक्स के साथ-साथ ऑप्शनल सब्जेक्ट्स जैसे थीम्स इन सिटिज़नशिप, कम्पेरेटिव परस्पेक्टिव्स इन मॉडर्न स्टेट, पॉलिटिकल थ्योरी इन इम्पोर्टेन्ट ट्रेडिशंस आदि शामिल हैं।

राजनीति विज्ञान का क्षेत्र क्या है?

आधुनिक राजनीति विज्ञान में विभिन्न राजनीतिक क्रियाकलापों का भी अध्ययन किया जाता है। आज राजनीति विज्ञान में विभिन्न राजनीतिक संस्थाओं के अध्ययन के साथ-साथ राज्य, कानून, सम्प्रभुता, अधिकार, न्याय आदि अवधारणाओं और सरकार के कार्यों का भी अध्ययन किया जाता है।

उम्मीद है, MA Political Science syllabus in Hindi में आने वाले विषयों के बारे में आपको पता चल गया होगा। यदि आप विदेश में MA पोलिटिकल साइंस करना चाहते हैं तो आज ही Leverage Edu एक्सपर्ट को 1800 572 000 पर कॉल करके 30 मिनट का फ्री सेशन बुक करें और उचित मार्गदर्शन पाएं। 

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