Loksabha in Hindi : लोकसभा क्या है और इसकी शक्तियां व कार्य क्या हैं?

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Loksabha in Hindi लोकसभा क्या है और इसकी शक्तियां व कार्य क्या हैं (1)

Loksabha in Hindi : संसद देश का सर्वोच्च विधायी निकाय है। हमारी संसद राष्ट्रपति और दो सदनों-लोक सभा (हाउस आफ द पीपुल) और राज्य सभा (कांसिल ऑफ स्टेट्स) से मिलाकर बनती है। राष्ट्रपति के पास संसद के किसी भी सदन की बैठक बुलाने और सत्रावसान करने अथवा लोक सभा को भंग करने का अधिकार है। लोकसभा से जुड़े प्रश्नों के बारे में UPSC में प्री, मेंस एग्जाम और इंटरव्यू के अलावा अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में भी पूछा जाता है। इसलिए आज के इस ब्लाॅग में हम लोकसभा क्या है और इसकी शक्तियां व कार्य क्या हैं (Loksabha in Hindi) के बारे में जानेंगे।

Loksabha in Hindiमुख्य बिंदु
लोकसभाभारतीय संसद का निचला सदन।
स्थापना26 जनवरी 1950
कुल सदस्य संख्याअधिकतम 552 (वर्तमान में 543 निर्वाचित और 2 मनोनीत सदस्य)
अध्यक्ष (स्पीकर)लोकसभा के संचालन का प्रमुख अधिकारी।
कार्यकाल5 वर्ष (जरूरत पड़ने पर राष्ट्रपति इसे भंग कर सकते हैं)।
चुनाव प्रणालीप्रत्यक्ष चुनाव, प्रथम-पास-द-पोस्ट प्रणाली।
मतदाता पात्रता18 वर्ष या उससे अधिक आयु के भारतीय नागरिक।
प्रमुख शक्तियाँकानून निर्माण, वित्त विधेयक पारित करना और सरकार को विश्वास मत देना या वापस लेना।
राज्यों का प्रतिनिधित्वजनसंख्या के आधार पर राज्यों के लिए सीटों का आवंटन।
विशेष अधिकारराष्ट्रपति के चुनाव में भागीदारी और सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश करना।
सत्रबजट सत्र, मानसून सत्र और शीतकालीन सत्र।
पहली लोकसभा1952 में गठित।

लोकसभा (LokSabha) क्या है?

लोकसभा (Loksabha in Hindi) वयस्क मताधिकार के आधार पर प्रत्यक्ष चुनाव द्वारा चुने गए लोगों के प्रतिनिधियों से बनी है। संविधान द्वारा परिकल्पित सदन की अधिकतम शक्ति अब 552 है (530 सदस्य राज्यों का प्रतिनिधित्व करने के लिए, 20 सदस्य केंद्र शासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व करने के लिए, और एंग्लो-इंडियन समुदाय के दो से अधिक सदस्य राष्ट्रपति द्वारा नामित नहीं किए जाएंगे, यदि, उनकी राय में) , उस समुदाय का सदन में पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं है)।

लोकसभा की कुल निर्वाचित सदस्यता राज्यों के बीच इस प्रकार वितरित की जाती है कि प्रत्येक राज्य को आवंटित सीटों की संख्या और राज्य की जनसंख्या के बीच का अनुपात, जहां तक संभव हो, सभी राज्यों के लिए समान हो।

वर्तमान में लोकसभा में 545 सदस्य हैं। इनमें से 530 सदस्य राज्यों से और 13 केंद्र शासित प्रदेशों से सीधे चुने जाते हैं, जबकि दो को एंग्लो-इंडियन समुदाय का प्रतिनिधित्व करने के लिए राष्ट्रपति द्वारा नामित किया जाता है।

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संविधान के 84वें संशोधन अधिनियम के बाद, 1971 की जनगणना के आधार पर लोकसभा में विभिन्न राज्यों को आवंटित मौजूदा सीटों की कुल संख्या, वर्ष 2026 के बाद होने वाली पहली जनगणना तक अपरिवर्तित रहेगी।

लोकसभा का कार्यकाल, जब तक कि इसे पहले भंग न किया जाए, इसकी पहली बैठक के लिए नियुक्त तिथि से पांच वर्ष है। हालांकि, जब आपातकाल की उद्घोषणा लागू होती है, तो इस अवधि को संसद द्वारा कानून द्वारा एक समय में एक वर्ष से अधिक नहीं बढ़ाया जा सकता है। इसके अलावा किसी भी मामले में उद्घोषणा समाप्त होने के बाद छह महीने की अवधि से अधिक नहीं बढ़ाया जा सकता है।

लोकसभा की संरचना और सदस्य संख्या

लोकसभा की संरचना और सदस्य संख्या यहां दी जा रही है-

  • कुल सदस्य संख्या: अधिकतम 552 सदस्य हो सकते हैं। 530 सदस्य राज्यों से। 20 सदस्य केंद्र शासित प्रदेशों से। 2 सदस्य एंग्लो-इंडियन समुदाय से राष्ट्रपति द्वारा मनोनीत (अब समाप्त)।
    वर्तमान सदस्य संख्या: वर्तमान में लोकसभा में 543 निर्वाचित सदस्य हैं।
  • सीटों का विभाजन: लोकसभा की सीटें राज्यों की जनसंख्या के आधार पर विभाजित हैं।
  • कार्यकाल: लोकसभा का कार्यकाल 5 वर्षों का होता है। इसे समय से पहले भंग भी किया जा सकता है।

लोकसभा सीट कितनी हैं?

लोकसभा (LokSabha) की ताकत 545 सदस्य हैं, जिसमें से 530 सभी राज्यों का प्रतिनिधित्व करते हैं, 13 केंद्र शासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व करते हैं, और भारत के राष्ट्रपति शेष 2 को नामित करते हैं।

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लोकसभा का प्रथम सत्र कब आयोजित हुआ था?

वयस्‍क मताधिकार के आधार पर प्रत्‍यक्ष निर्वाचन द्वारा चुने गए प्रतिनिधि लोक सभा के सदस्य होते हैं। लोकसभा का प्रथम सत्र 13 मई 1952 को शुरू हुआ था। लोकसभा का सामान्‍य कार्यकाल 5 वर्षों का है, लेकिन इसे राष्‍ट्रपति द्वारा पहले भी डिसइंटीग्रेटेड किया जा सकता है। 

लोकसभा में प्रश्नकाल क्या है?

आम तौर पर, लोकसभा की बैठक का पहला घंटा यानी 11 बजे से 12 बजे तक का समय प्रश्नों के लिए समर्पित होता है और इस घंटे को प्रश्नकाल कहा जाता है। संसद की कार्यवाही में इसका विशेष महत्व है। प्रश्न पूछना सदस्यों का अंतर्निहित और निरंकुश संसदीय अधिकार है। प्रश्नकाल के दौरान सदस्य प्रशासन और सरकारी गतिविधि के हर पहलू पर प्रश्न पूछ सकते हैं। राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्रों में सरकार की नीतियां तेजी से फोकस में आती हैं क्योंकि सदस्य प्रश्नकाल के दौरान प्रासंगिक जानकारी प्राप्त करने का प्रयास करते हैं।

प्रश्नकाल के दौरान सरकार को मानो कठघरे में खड़ा कर दिया जाता है और प्रत्येक मंत्री, जिसकी सवालों के जवाब देने की बारी होती है, को खड़ा होना पड़ता है और अपने प्रशासन की भूल-चूक के लिए जवाब देना पड़ता है। प्रश्नकाल के माध्यम से सरकार राष्ट्र की नब्ज को तुरंत समझने और उसके अनुसार अपनी नीतियों और कार्यों को अपनाने में सक्षम होती है। संसद में प्रश्नों के माध्यम से सरकार लोगों के साथ संपर्क में रहती है, क्योंकि सदस्य प्रशासन से संबंधित मामलों में जनता की शिकायतों को दूर करने में सक्षम होते हैं।

लोकसभा क्या है और इसकी शक्तियां व कार्य क्या हैं

प्रश्न मंत्रालयों को उनकी नीति और प्रशासन पर लोकप्रिय प्रतिक्रिया का आकलन करने में सक्षम बनाते हैं। प्रश्न मंत्रियों के ध्यान में कई खामियां लाते हैं जिन पर अन्यथा ध्यान नहीं दिया जाता। जब सदस्यों द्वारा उठाए गए मामले जनता के हित के लिए काफी गंभीर होते हैं और व्यापक सार्वजनिक महत्व के होते हैं, तो कभी-कभी सवालों के कारण आयोग, जांच न्यायालय या यहां तक कि कानून की नियुक्ति भी हो सकती है।

प्रश्नकाल संसदीय कार्यवाही का एक दिलचस्प हिस्सा है। यद्यपि कोई प्रश्न मुख्य रूप से जानकारी मांगता है और किसी विशेष विषय पर तथ्य प्राप्त करने का प्रयास करता है, प्रश्न पूछने वाले सदस्यों और उनका उत्तर देने वाले मंत्रियों के बीच कई बार जीवंत और हाजिर जवाबी होती है। ये जवाब कभी-कभी बुद्धि और हास्य की झलक के साथ भी जुड़ जाते हैं। यही कारण है कि प्रश्नकाल के दौरान सार्वजनिक दीर्घाएं और प्रेस दीर्घाएं भरी रहती हैं।

लोकसभा का कार्य क्या है?

  • विधायी कार्य- संसद का मुख्य कार्य जनता के सामाजिक कल्याण के लिए कानूनों का निर्माण करना है। यह किसी भी विषय पर कानून बना सकती है। साधारण विधेयक संसद के दोनों सदनों में से किसी में भी प्रस्तावित किया जा सकता है, लेकिन दोनों सदनों से पारित होना अनिवार्य है।
  • संशोधन संबंधी कार्य- लोकसभा राज्य सभा के साथ संविधान में संशोधन कर सकती है और संविधान में संशोधन संबंधी विधेयक संसद के किसी भी सदन में प्रस्तावित किया जा सकता है।
  • कार्यपालिका पर नियंत्रण- कार्यपालिका के निचले सदन के प्रति उत्तरदायी होने के कारण लोकसभा एडमिनिस्ट्रेशन पर अपना नियंत्रण बनाए रखती है। अगर कार्यपालिका लोकसभा का विश्वास लेने में सक्षम नहीं है तो उसे त्याग पत्र देना पड़ता है।

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लोकसभा (Loksabha in Hindi) की शक्तियां क्या हैं?

लोकसभा (Loksabha in Hindi) को जानने के साथ ही उसकी शक्तियां जाननी आवश्यक हैं, जोकि इस प्रकार हैंः

  • कि‍सी कर का एवाॅयडेंस, चेंज या रेगुलेंशंस
  • किसी भी विधेयक को विधि बनाने के पूर्व लोकसभा की स्वीकृति जरूरी है
  • लोकसभा के सदस्य मंत्रियों और उनके कार्यों के संबंध में क्वैश्चन पूछ सकते हैं और संबंधित मंत्री को उन क्वैश्चन का आंसर देना होता है
  • लोकसभा अपने अध्यक्ष और उपाध्यक्ष का चुनाव करती है।
  • लोकसभा राज्यसभा के साथ मिलकर उपराष्ट्रपति का चुनाव करती है।
  • लोकसभा के निर्वाचित सदस्य राष्ट्रपति के चुनाव में भाग लेते हैं।
  • भारत सरकार द्वारा धन उधार लेने का या कोई प्रत्‍याभूति‍ देने का वि‍नि‍यमन संशोधन
  • भारत की नि‍धि ‍में धन जमा करना या उसमें से धन नि‍कालना
  • भारत की संचि‍त नि‍धि ‍में से धन का एप्रोप्रियेशन
  • लोकससभा राष्ट्रपति के विरुद्ध महाभियोग लगा सकती हैं। 
  • यदि राज्यसभा महाभियोग लगाती है तो लोकसभा आरोपों की जांच करती है
  • भारत की संचि‍त नि‍धि‍ या भारत के लोक लेखे में से धन प्राप्‍त करना।

संसद की सदस्यता के लिए योग्यता क्या है?

लोकसभा क्या है और इसकी शक्तियां व कार्य क्या हैं (Loksabha in Hindi) जानने के साथ ही संसद यानि लोकसभा की योग्यता जानना जरूरी है। इसलिए आपको बता दें कि संसद का सदस्य चुने जाने के लिए, व्यक्ति को भारत का नागरिक होना चाहिए और राज्यसभा के मामले में उसकी आयु 30 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए और लोकसभा के मामले में उसकी आयु 25 वर्ष से कम नहीं होनी चाहिए। अतिरिक्त योग्यताएं संसद द्वारा कानून द्वारा निर्धारित की जा सकती हैं।

लोकसभा और राज्यसभा में क्या अंतर है?

लोकसभा और राज्यसभा में अंतर यहां बताया जा रहा है जो आपके लिए उपयोगी है-

विशेषतालोकसभाराज्यसभा
स्थापना वर्ष19501952
सदस्यों का चयनप्रत्यक्ष चुनावअप्रत्यक्ष चुनाव
कुल सदस्य संख्या552 (अधिकतम)250 (अधिकतम)
कार्यकाल5 वर्षस्थायी, 1/3 सदस्य हर 2 वर्ष में सेवानिवृत्त
धन विधेयक का अधिकारकेवल लोकसभा में पारित होता हैसमीक्षा कर सकती है, लेकिन संशोधित नहीं।

FAQs

एक वर्ष में लोकसभा के कि‍तने सत्र होते हैं?

1 वर्ष में लोकसभा के 3 सत्र आयोजि‍त कि‍ए जाते हैंः बजट सत्र (फरवरी-मई), मानसून सत्र (जुलाई-अगस्‍त), शीतकालीन सत्र (नवंबर-दिसंबर)।

‘प्रश्‍नकाल’ क्‍या होता है?

सभा को प्रत्‍येक बैठक का पहला घंटा जि‍समें प्रश्‍न पूछे जाते हैं और उनका उत्तर दि‍या जाता है उसे प्रश्‍नकाल कहलाता है।

वि‍धेयक क्‍या है?

वि‍धेयक सभा के सामने उसकी अनुमति के लि‍ए लाए गए वि‍धायी प्रस्‍ताव का एक प्रारूप है।

Loksabha in Hindi क्या है?

लोकसभा (Loksabha in Hindi) वयस्क मताधिकार के आधार पर प्रत्यक्ष चुनाव द्वारा चुने गए लोगों के प्रतिनिधियों से बनी है। संविधान द्वारा परिकल्पित सदन की अधिकतम शक्ति अब 552 है।

भारतीय संसद में लोकसभा की क्या भूमिका है?

लोकसभा के कई प्रमुख कार्य- कानून बनाना: यह धन विधेयकों सहित विधेयकों पर बहस करती है और उन्हें पारित करती है। वित्तीय निरीक्षण: यह केंद्रीय बजट और अन्य वित्तीय मामलों को मंजूरी देती है। सरकार की जवाबदेही: यह सुनिश्चित करती है कि सरकार नीतियों पर बहस करके और अपने कार्यों की जांच करके जिम्मेदारी से काम करे। प्रधानमंत्री का चुनाव: लोकसभा में बहुमत वाली पार्टी (या गठबंधन) प्रधानमंत्री की नियुक्ति करती है।

लोकसभा का कार्यकाल कितना होता है?

लोकसभा का कार्यकाल 5 वर्ष का होता है, जिसके बाद आम चुनाव होते हैं। हालाँकि, भारत के राष्ट्रपति ज़रूरत पड़ने पर लोकसभा को पहले भी भंग कर सकते हैं, जैसे कि राजनीतिक संकट की स्थिति में।

लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव कैसे होता है?

लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव उसके सदस्यों द्वारा किया जाता है। अध्यक्ष सदन में अनुशासन बनाए रखने और यह सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार होता है कि कार्यवाही सुचारू रूप से और निष्पक्ष रूप से चले। अध्यक्ष राष्ट्रपति और अन्य अधिकारियों के साथ बातचीत में भी लोकसभा का प्रतिनिधित्व करता है।

लोकसभा में विभिन्न प्रकार के सत्र क्या हैं?

लोकसभा हर साल तीन मुख्य सत्रों के लिए मिलती है: बजट सत्र (फरवरी-मार्च), मानसून सत्र (जुलाई-अगस्त) और शीतकालीन सत्र (नवंबर-दिसंबर)।इन सत्रों का उपयोग विभिन्न विधेयकों, नीतियों और राष्ट्रीय मुद्दों पर चर्चा करने के लिए किया जाता है। प्रत्येक सत्र के बाद आम तौर पर एक ब्रेक होता है।

क्या लोकसभा भंग की जा सकती है?

हां, भारत के राष्ट्रपति के पास किसी भी समय लोकसभा को भंग करने का अधिकार है, आम तौर पर जब सरकार अपना बहुमत खो देती है या जब पांच साल का कार्यकाल खत्म होने वाला होता है। इसके बाद नए सदस्यों को चुनने के लिए आम चुनाव आयोजित किए जाते हैं।

लोकसभा में सीटें कैसे आवंटित की जाती हैं?

लोकसभा में सीटें राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को जनसंख्या के आधार पर आवंटित की जाती हैं। अधिक आबादी वाले राज्यों में सीटों की संख्या अधिक होती है, जबकि छोटे राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में कम होती है। प्रत्येक जनगणना के बाद आवंटन में संशोधन किया जाता है।

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आशा है कि इस ब्लाॅग Loksabha in Hindi में आपको लोकसभा क्या है और इसकी शक्तियां व कार्य क्या हैं? के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। एग्जाम की तैयारी और बेहतर करने व UPSC में पूछे जाने वाले क्वैश्चंस के बारे में अधिक जानकारी के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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