गुलज़ार साहब को भला कौन नहीं जानता। गुलज़ार साहब ने अपने काम से पूरी दुनिया में अपनी अलग छाप छोड़ी है। गुलज़ार ने जिस गाने को छूआ उसको उन्होंने हमेशा के अमर कर दिया। गुलजार हिंदी शायरी के बहुमूल्य हीरा हैं। Hindi Shayari by Gulzar के इस ब्लॉग में आप जानेंगे इनकी सदाबहार शायरियों के बारे में। यह लोकप्रिय Hindi Shayari by Gulzar आपका मन मोह लेंगी। इस ब्लॉग में विस्तार से जानते हैं इनकी शायरियों के बारे में।
This Blog Includes:
- गुलज़ार साहब और उनके शुरुआती जीवन के बारे में
- गुलज़ार साहब की शायरियां
- गुलज़ार साहब की सबसे बढ़िया शायरियां
- गुलज़ार के अनमोल विचार
- गुलज़ार के कुछ अन्य अनमोल विचार
- जीवन पर गुलज़ार की शायरियां
- 2 लाइनों में गुलज़ार की शायरियां
- गुलज़ार शायरी इन हिंदी लिरिक्स
- गुलज़ार के महत्वपूर्ण विचार
- गुलज़ार दर्द शायरी
- दोस्ती पर गुलज़ार की शायरियां
- गुलज़ार की अन्य उम्दा शायरियां
- FAQs
गुलज़ार साहब और उनके शुरुआती जीवन के बारे में
गुलज़ार उर्फ़ सम्पूर्ण सिंह कालरा का जन्म दीना, झेलम जिले, ब्रिटिश भारत में 18 अगस्त 1934 को एक खत्री-सिख परिवार में हुआ था, जो अब पाकिस्तान में है। इनके माता-पिता का नाम सुजन कौर और माखन सिंह कालरा है। उन्होंने स्कूल में अनुवाद में टैगोर की रचनाओं को पढ़ा था, जिसे उन्होंने अपने जीवन के कई मोड़ में से एक बताया। विभाजन (बंटवारे) के परिणामस्वरूप उनका परिवार बिखर गया था, और उन्हें अपने परिवार का समर्थन करने के लिए अपनी पढ़ाई छोड़नी पड़ी और फिर मुंबई आ बसे। उन्होंने मुंबई में कई तरह की पार्ट-टाइम नौकरियां की थी। एक लेखक के रूप में शुरुआत करने के लिए उनके पिता ने हमेशा उनका पीछा किया था। उन्होंने कलम का नाम गुलज़ार दीनवी अपनाया, जिसे बाद में उन्होंने बदलकर केवल गुलज़ार कर दिया।
राज्यसभा टीवी के साथ उनके एक इंटरव्यू में, उन्होंने कहा था कि एक चित्रकार के रूप में अपने काम का कितना आनंद उठाया, अब वह एक बेहतरीन और प्रसिद्ध भारतीय गीतकार, कवि, लेखक, पटकथा लेखक और फिल्म निर्देशक हैं जो गुलज़ार या गुलज़ार साहब के नाम से जाने जाते हैं। उन्होंने 1963 की फ़िल्म बंदिनी में प्रसिद्ध संगीत निर्देशक एसडी बर्मन के साथ गीतकार के रूप में अपने करियर की शुरुआत की और इसके बाद आरडी बर्मन, सलिल चौधरी, विशाल भारद्वाज और एआर रहमान के साथ सहयोग किया। कहानियाँ और शायरी लिखना, गुलज़ार का जुनून। 2004 में, उन्हें भारत का तीसरा सबसे बड़ा नागरिक पुरस्कार, पद्म भूषण, साथ ही साहित्य अकादमी पुरस्कार और दादा साहेब फाल्के पुरस्कार, भारत का सर्वोच्च भारतीय सिनेमा पुरस्कार मिला। उन्होंने कई भारतीय राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार, 21 फिल्मफेयर पुरस्कार, एक अकादमी पुरस्कार और एक ग्रेमी पुरस्कार भी प्राप्त किया है। गुलज़ार साहब ने 21 फिल्मों का निर्देशन भी किया है, जिसमें से एक माचिस नाम की प्रख्यात फिल्म भी थी।
गुलज़ार साहब की शायरियां
1.हम समझदार भी इतने हैं के
उनका झूठ पकड़ लेते हैं
और उनके दीवाने भी इतने के फिर भी
यकीन कर लेते है
Ham samajhdar bhi itne Hain Ki
Unka Jhooth pakad lete hain
Aur unke Deewane bhi itne Hain Ki fir bhi
Yakin kar lete hain
2. दौलत नहीं शोहरत नहीं,न वाह चाहिए
“कैसे हो?” बस दो लफ़्जों की परवाह चाहिए
Daulat nahi Shohrat nahin na vaah chahie
“kaise ho?” bss Do Lafzon Ki Parwah chahiye
3. कभी जिंदगी एक पल में गुजर जाती है
कभी जिंदगी का एक पल नहीं गुजरता
Kabhi jindagi ek pal me gujar jaati hai
Kabhi jindagi ka ek pal nhi gujarta
4. जब से तुम्हारे नाम की मिसरी होंठ से लगाई है
मीठा सा गम मीठी सी तन्हाई है।
Jab Se Tumhare Naam Ki Misri Honth se lagai hai
Meetha Sa Gam Meethi Si Tanhai hhai
5. मेरी कोई खता तो साबित कर
जो बुरा हूं तो बुरा साबित कर
तुम्हें चाहा है कितना तू क्या जाने
चल मैं बेवफा ही सही
तू अपनी वफ़ा साबित कर।
Meri koi Khata to sabit kar
Jo Bura Hun To Bura sabit kar
Tumhen Chaha Hai Kitna tu kya Jaane
Chal Main Bewafa Hi Sahi
Tu Apni Wafa sabit Kar
6.पलक से पानी गिरा है, तो उसको गिरने दो,
कोई पुरानी तमन्ना, पिंघल रही होगी।
Palak se Pani Gira Hai To usko Girne do
koi purani Tamanna pighal Rahi Hogi
7.आदतन तुम ने कर दिए वादे,
आदतन हमने ऐतबार किया।
तेरी राहो में बारहा रुक कर,
हम ने अपना ही इंतज़ार किया।।
अब ना मांगेंगे जिंदगी या रब,
ये गुनाह हमने एक बार किया।।।
Aadatan tum ne kar Diye waade
Humne Aitbaar Kiya
Teri Rahon Mein barha ruk kar
Humne apna hi Intezar Kiya
Ab Na mangenge Jindagi ya rab
Yeh Gunah Humne Ek Bar Kiya
8.मैंने मौत को देखा तो नहीं,
पर शायद वो बहुत खूबसूरत होगी।
कमबख्त जो भी उससे मिलता हैं,
जीना ही छोड़ देता हैं।।
Maine Maut Ko Dekha To Nahin
Par Shayad vo bahut Khubsurat Hogi Kambakht jo bhi usse Milta Hai
Jina Hi Chhod deta hain
9.टूट जाना चाहता हूँ, बिखर जाना चाहता हूँ,
में फिर से निखर जाना चाहता हूँ।
मानता हूँ मुश्किल हैं,
लेकिन में गुलज़ार होना चाहता हूँ।।
Tut Jana chahta hun bikhar Jana chahta hun
main fir se nikhar chahta hun
Manta hun Mushkil Hai
Lekin Main guljar Hona chahta hun
10.सामने आए मेरे, देखा मुझे, बात भी की,
मुस्कुराए भी, पुरानी किसी पहचान की ख़ातिर,
कल का अख़बार था, बस देख लिया, रख भी दिया।।
Samne Aaye Mere Dekha mujhe baat bhi ki
muskurae bhi purani kisi pahchan ke khaatir
Kal ka Akhbar tha bss dekh liya rakh bhi Diya
यहां 10 Hindi Shayari by Gulzar पूरी हुई।
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11.किसने रास्ते मे चांद रखा था,
मुझको ठोकर लगी कैसे।
वक़्त पे पांव कब रखा हमने,
ज़िंदगी मुंह के बल गिरी कैसे।।
आंख तो भर आयी थी पानी से,
तेरी तस्वीर जल गयी कैसे।।।
Kisne Raste Mein Chand Rakha tha
Mujhko Thokar Lagi Kaise
Waqt pe Paon kab Rakha Humne
Jindagi Munh ke bal Giri Kaise
Aankh To Bhari Thi Pani Se
Teri tasvir Jal Gai Kaise
12.दर्द हल्का है साँस भारी है,
जिए जाने की रस्म जारी है।
Dard Halka Hai Saans Bhari Hai
Jiye Jaane Ki Rachna Jari hai
13.उधड़ी सी किसी फिल्म का एक सीन थी बारिश,
इस बार मिली मुझसे तो गमगीन थी बारिश।
कुछ लोगों ने रंग लूट लिए शहर में इस के,
जंगल से जो निकली थी वो रंगीन थी बारिश।।
Udhdi si Kisi film ka ek scene Ki Barish
Is bar Mili Mujhse to gumgeen thi barish
Kuchh Logon Ne Rang loot liye Shahar Mein is ke
Jungle se jo Nikali Thi vah Rangeen Ki Barish
14.देर से गूंजते हैं सन्नाटे,
जैसे हम को पुकारता है कोई।
हवा गुज़र गयी पत्ते थे कुछ हिले भी नहीं,
वो मेरे शहर में आये भी और मिले भी नहीं।।
Der Se Guzarte hain Sannatte
Jaise Humko Pukarta Hai Koi
Hawa Gujar Gai Patte the Kuchh hile bhi nhi
Vo Mere Shahar Mein Aaye bhi aur Mile Bhi Nhi
15.बीच आसमां में था बात करते- करते ही,
चांद इस तरह बुझा जैसे फूंक से दिया,
देखो तुम इतनी लम्बी सांस मत लिया करो।।
Beech Aasman Mein Tha baat karte karte hi
Chand Is Tarah Bujha Jaise Fhuunk Diya
Dekho Tum Itni lambi Sans mat liya karo
16.वो मोहब्बत भी तुम्हारी थी नफरत भी तुम्हारी थी,
हम अपनी वफ़ा का इंसाफ किससे माँगते..
वो शहर भी तुम्हारा था वो अदालत भी तुम्हारी थी
Vo Mohabbat Bhi Tumhari Thi Nafrat bhi Tumhari Thi
Ham Apni Wafa ka Insaaf kisse mangte
Vo Shahar bhi Tumhara tha vo Adalat bhi Tumhari thi
17.यूँ भी इक बार तो होता कि समुंदर बहता
कोई एहसास तो दरिया की अना का होता
Yun bhi Ek Bar Hota ki Samundar Behta
Koi Ehsas to Dariya bhi aane ka hota
18.बेशूमार मोहब्बत होगी उस बारिश की बूँद को इस ज़मीन से,
यूँ ही नहीं कोई मोहब्बत मे इतना गिर जाता है!
Beshumar Mohabbat Hogi uss barish Ki Boond ko is Jameen se
Kyunki yuh hi Nahin Koi Mohabbat Mein Itna Gir Jata
19.आप के बाद हर घड़ी हम ने
आप के साथ ही गुज़ारी है
Aap ke bad Har Ghadi Humne
Aapke sath hi Gujari hai
20.तुमको ग़म के ज़ज़्बातों से उभरेगा कौन,
ग़र हम भी मुक़र गए तो तुम्हें संभालेगा कौन!
Tumko Gam Ke jazbaaton se ubharega Kaun
Ham bhi Mukar Gaye to Tumhen sambhalega Kaun
गुलज़ार साहब की सबसे बढ़िया शायरियां
21. तुम्हे जो याद करता हुँ, मै दुनिया भूल जाता हूँ ।
तेरी चाहत में अक्सर, सभँलना भूल जाता हूँ ।
Tumhen Jo Yad Karta Hun Main Duniya Bhul Jata Hun
Teri Chahat Mein Aksar sambhalna Bhul jata hun
22.कुछ अलग करना हो तो
भीड़ से हट के चलिए,
भीड़ साहस तो देती हैं
मगर पहचान छिन लेती हैं
Kuchh alag karna ho to
Bheed se hatt kar Chaliye
Bheed Sahas to Deti Hai
Magar pahchan se Leti Hai
23.अच्छी किताबें और अच्छे लोग
तुरंत समझ में नहीं आते हैं,
उन्हें पढना पड़ता हैं
Achi kitabe aur acche log
turant Samajh Mein Nahin Aate Hain
unhen padhna padta hai
24.इतना क्यों सिखाए जा रही हो जिंदगी
हमें कौन से सदिया गुजारनी है यहां
Itna Kyon Sikhaye ja rahi ho Jindagi
Hamen kaun se Sadiya Gujarni Hai Yahan
25.थोड़ा सा रफू करके देखिए ना
फिर से नई सी लगेगी
जिंदगी ही तो है
Thoda sa rafu Karke dekhiye na
phir se nahin si Lagegi
Jindagi Hi To Hai
26.मैं वो क्यों बनु जो तुम्हें चाहिए
तुम्हें वो कबूल क्यों नहीं
जो मैं हूं
Main vo kyon Banu Jo Tumhen chahie
Tumhen vo Qubool Kyon Nhi
Jo Main Hun
27.बहुत छाले हैं उसके पैरों में
कमबख्त उसूलों पर चला होगा
Bahut chhale Hain Uske Pairon Mein
Kambakht usool on per Chalna hoga
28.सुनो…
जब कभी देख लुं तुमको
तो मुझे महसूस होता है कि
दुनिया खूबसूरत है
Suno
Jab Kabhi Dekh Lun Tumko
to mujhe mahsus Hota Hai Ki
Duniya Khubsurat hai
29.मैं दिया हूँ
मेरी दुश्मनी तो सिर्फ अँधेरे से हैं
हवा तो बेवजह ही मेरे खिलाफ हैं
Mai Diya hun
Meri Dushmani to sirf andhere Se Hai
Hawa To bewajah Hi Mere khilaf Hai
30.बहुत अंदर तक जला देती हैं,
वो शिकायते जो बया नहीं होती
Bahut andar Tak Jala Deti Hai
vo Shikayate Jo byaa Nahin Hoti
31.एक सपने के टूटकर चकनाचूर हो जाने के बाद
दूसरा सपना देखने के हौसले का नाम जिंदगी हैं
Ek Sapne ke Tutkar Chaknachoor ho jane ke bad
dusra Sapna dekhne ke hosle ka naam Jindagi hai
32.तकलीफ़ ख़ुद की कम हो गयी,
जब अपनों से उम्मीद कम हो गईं
Taklif Khud ki kam ho gai
Jab Apno Se ummid Kam ho gai
33.घर में अपनों से उतना ही रूठो
कि आपकी बात और दूसरों की इज्जत,
दोनों बरक़रार रह सके
Ghar mein apnon se utna hi Rutho
ki aapki baat aur dusron ki ijjat
dono Barkrar Rah sake
34.लोग कहते है की
खुश रहो
मगर मजाल है
की रहने दे
Log Kehte Hain Ki
khush raho
Magar majal hai
ki Rahane De
35.देर से गूंजते हैं सन्नाटे,
जैसे हमको पुकारता है कोई.
कल का हर वाक़िया था तुम्हारा,
आज की दास्ताँ है हमारी
Der se gunjte hain sannate
jaise Humko Pukarta Hai Koi
kal ka Har Waqia tha Tumhara
Aaj Ki Dastan Hai Hamari
36.अपने साये से चौंक जाते हैं,
उम्र गुजरी है इस क़दर तनहा.
Apne saaye se Chaunk Jaate Hain
Umra Gujari Hai Is Kadar Tanha
37.मिलता तो बहुत कुछ है
ज़िन्दगी में
बस हम गिनती उन्ही की
करते है जो हासिल न हो सका
Milta to Bahut Kuch Hai
Zindagi Mein
bss Ham ginti unhi ki
Karte Hain Jo Hasil Na Ho saka
38.सहम सी गयी है ख्वाइशें
ज़रूरतों ने शायद उन से
ऊँची आवाज़ में बात की होगी
Saham Si gayi hai Khwahishein
jarurato ne Shayad Unse
Unchi awaz mein baat ki Hogi
39.गुलाम थे तो
हम सब हिंदुस्तानी थे
आज़ादी ने हमें
हिन्दू मुसलमान बना दिया
Gulam the to
Hum Sab Hindustani the
Azadi Ne Hamen
Hindu Musalman bana diya
गुलज़ार के अनमोल विचार
40.गए थे सोचकर की बात
बचपन की होगी
मगर दोस्त मुझे अपनी
तरक्की सुनाने लगे
Gaye the Soch kar Ki Baat
bachpan ki Hogi
Magar dost Mujhe Apni
Tarakki sunane Lage
यहां 40 Hindi Shayari by Gulzar पूरी हुई।
41.दिल के रिश्ते हमेशा किस्मत से ही बनते है,
वरना मुलाकात तो रोज हजारों 1000 से होती है
Dil Ke Rishte Hamesha Kismat Se hi Nahin bante Hain
Varna Mulakat to Roj Hajaro 1000 Se Hoti Hai
42.वह जो सूरत पर सबकी हंसते है,
उनको तोहफे में एक आईना दीजिए
Vah Jo Surat per Sabki Hanste Hain
unko tohfe me ek aaina dijiye
43. बहुत मुश्किल से करता हूं
तेरी यादों का कारोबार मुनाफा कम है
पर गुज़ारा हो ही जाता है
Bahut Mushkil se karta hun
Teri Yadon ka Karobar munafa kam hai
per Gujara ho hi jata hai
44. यूं तो ऐ जिंदगी तेरे सफर से
शिकायते बहुत थी
मगर दर्द जब दर्ज करने पहुंचे
तो कतारें बहुत थी
Yun to ye Zindagi Tere Safar Se
Shikayat bahut thi
Magar Dard Jab darj karne pahunche
to Katare bahut thi
45. खुद की कीमत गिर जाती है
किसी को कीमती बनाने की
चाह में!
Khud ki kimat gir jati hai
Kisi ko kimti bnane ki
Chah me!
46.बदल दिए है अब
हमने नाराज होने के तरीके,
रूठने के बजाय बस हल्के से
मुस्कुरा देते है।
Badal diye hai ab
Humne naraj hone ke tarike,
Ruthne ke bjay bas halke se
Muskura dete hai.
47. कौन कहता है
हम झूठ नहीं बोलते
एक बार खैरियत
पूछ कर तो देखो
Kon kehta hai
Hum jhut nhi bolte
Ek bar kheriyat
Puch kar to dekho
48. जिंदगी ये तेरी खरोंचे है मुझ पर
या फिर तू मुझे तराशने की कोशिश में है…
Jindgi ye teri khroenche hai mujh par
Ya fir tu mujhe tarashne ki kosis me hai…
49. तस्वीरें लेना भी जरूरी है जिंदगी में साहब
आईने गुजरा हुआ वक्त नहीं बताया करते
Tasviren lena bhi jaruri hai jindgi me sahab
Aaine gujra hua vakt nhi btaya karte
50. एक ना एक दिन हासिल कर ही लूंगा मंजिल..
ठोकरें ज़हर तो नहीं जो खा कर मर जाऊंगा।
Ek na ek din hasil kar hi lunga manjil
Thokare zahar to nahi jo kha kar mar jaunga.
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गुलज़ार के कुछ अन्य अनमोल विचार
51. खुदकुशी हराम है साहब,
मेरी मानो तो इश्क़ कर लो
52. सलीका अदब का तो बरकरार रखिए जनाब,
रंजिशे अपनी जगह है सलाम अपनी जगह।।
53. इतने बेवफा नहीं है की तुम्हें भूल जाएंगे,
अक्सर चुप रहने वाले प्यार बहुत करते हैं।।
54. तुम्हारा साथ तसल्ली से चाहिए मुझे ,
जन्मों की थकान लम्हों में कहाँ उतरती है।।
55. मेरी किस्मत में नहीं था तमाशा करना,
बहुत कुछ जानते थे मगर ख़ामोश रहे।।
56. मुहब्बत लिबास नहीं जो हर रोज बदल जाए
मोहब्बत कफन है जो पहन कर उतारा नहीं जाता।।
57. इतनी सी ज़िन्दगी है पर ख्वाब बहुत है
जुर्म तो पता नहीं साहब पर इल्जाम बहुत है।।
58. नहीं करता मैं तेरी ज़िक्र किसी तीसरे से
तेरे बारे में बात सिर्फ़ ख़ुदा से होती है ।।
59.जो चाहे हो जाए वह दर्द कैसा और
जो दर्द को महसूस ना कर सके वो हमदर्द कैसा
60.उसने एक ही बार कहा दोस्त हूं
फिर मैंने कभी नहीं कहा व्यस्त हूं।।
जीवन पर गुलज़ार की शायरियां
61.शाम से आँख में नमी सी है, आज फिर आप की कमी सी है
दफ़्न कर दो हमें के साँस मिले, नब्ज़ कुछ देर से थमी सी है
62.कभी तो चौक के देखे कोई हमारी तरफ़,
किसी की आँखों में हमको भी को इंतजार दिखे।
63.बेहिसाब हसरते ना पालिये,
जो मिला हैं उसे सम्भालिये।
64.रात को चाँदनी तो ओढ़ा दो,
दिन की चादर अभी उतारी है।
65.रोई है किसी छत पे, अकेले ही में घुटकर,
उतरी जो लबों पर तो वो नमकीन थी बारिश।
66.तेरे बिना ज़िन्दगी से कोई
शिकवा तो नहीं
तेरे बिना पर ज़िन्दगी भी लेकिन
ज़िन्दगी तो नहीं
67.उम्र जाया कर दी लोगो ने
औरों में नुक्स निकालते निकालते
इतना खुद को तराशा होता
तो फरिश्ते बन जाते
68.मैं हर रात सारी ख्वाहिशों को खुद से पहले सुला देता,
हूँ मगर रोज़ सुबह ये मुझसे पहले जाग जाती है।
69.वक़्त रहता नहीं कहीं टिक कर,
आदत इस की भी आदमी सी है।
70.बचपन में भरी दुपहरी में नाप आते थे पूरा मोहल्ला,
जब से डिग्रियां समझ में आयी पांव जलने लगे हैं।
2 लाइनों में गुलज़ार की शायरियां
71.मैंने दबी आवाज़ में पूछा? मुहब्बत करने लगी हो?
नज़रें झुका कर वो बोली! बहुत।
72.उसने कागज की कई कश्तिया पानी उतारी और,
ये कह के बहा दी कि समन्दर में मिलेंगे।
73.तकलीफ़ ख़ुद की कम हो गयी,
जब अपनों से उम्मीद कम हो गईं।
74.एक ही ख़्वाब ने सारी रात जगाया है,
मैं ने हर करवट सोने की कोशिश की।
75.हाथ छुटे भी तो रिश्ते नहीं नहीं छोड़ा करते,
वक्त की शाख से लम्हें नहीं तोडा करते।
76.तन्हाई की दीवारों पर घुटन का पर्दा झूल रहा हैं,
बेबसी की छत के नीचे, कोई किसी को भूल रहा हैं।
77.कल का हर वाक़िआ तुम्हारा था,
आज की दास्ताँ हमारी है।
78.एक सो सोलह चाँद की रातें ,
एक तुम्हारे कंधे का तिल।
गीली मेहँदी की खुश्बू झूठ मूठ के वादे,
सब याद करादो, सब भिजवा दो,
मेरा वो सामान लौटा दो।।
79.मैंने मौत को देखा तो नहीं,
पर शायद वो बहुत खूबसूरत होगी।
कमबख्त जो भी उससे मिलता हैं,
जीना ही छोड़ देता हैं।।
80.लकीरें हैं तो रहने दो,
किसी ने रूठ कर गुस्से में शायद खींच दी थी,
उन्ही को अब बनाओ पाला, और आओ कबड्डी खेलते हैं।।
गुलज़ार शायरी इन हिंदी लिरिक्स
81.“एक बार तो यूँ होगा, थोड़ा सा सुकून होगा,
ना दिल में कसक होगी, ना सर में जूनून होगा।”
82.ज़रा ये धुप ढल जाए ,तो हाल पूछेंगे ,
यहाँ कुछ साये , खुद को खुदा बताते हैं।
83. तेरे जाने से तो कुछ बदला नहीं, रात भी आयी थी और चाँद भी था , हाँ मगर नींद नहीं।
84.सेहमा सेहमा डरा सा रहता है
जाने क्यों जी भरा सा रहता है।
85.चांदी उगने लगी है बालों में , के उम्र तुम पर हसीन लगती है !
86.हाथ छूटें भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते
वक्त की शाख से लम्हे नहीं तोड़ा करते
87.ये रोटियाँ हैं ये सिक्के हैं और दाएरे हैं
ये एक दूजे को दिन भर पकड़ते रहते हैं
88.ख़ुशबू जैसे लोग मिले अफ़्साने में
एक पुराना ख़त खोला अनजाने में
89.ज़िंदगी यूँ हुई बसर तन्हा,
क़ाफ़िला साथ और सफ़र तन्हा।
90.खाली कागज़ पे क्या तलाश करते हो?
एक ख़ामोश-सा जवाब तो है।
गुलज़ार के महत्वपूर्ण विचार
91.और खामोश हो जाऊं माना कि मौसम भी बदलते हैं मगर धीरे-धीरे तेरे बदलने की रफ्तार से हवाएं भी हैरान है
92.ज़िन्दगी सूखी हुई नहीं बस थोड़ी सी प्यासी है, इसमें रस लाना है तो दरियादिल बन कर तो देखो।
93.ज़िन्दगी का हर पल कुछ ऐसा रहे की मर कर भी अमर रहे।
94.थक कर बहुत सो चुके हो अब हर दिन हँस कर जागना शुरू कर दो।
95.ज़िन्दगी गुलज़ार है इसलिए यहाँ ग़मों को बांटना बेकार है।
96.ज़िन्दगी और जुबां तब तक शांत रहती जब तक सब कुछ बेहतर रहता है।
97.परायों से जीतने में इतनी ख़ुशी नहीं मिलती जितनी कभी-कभी अपनों से हार कर मिल जाती है।
98.ज्यादा वो नहीं जीता जो ज्यादा सालों तक ज़िंदा रहता है, बल्कि ज़्यादा वो जीता है जो ख़ुशी से जीता है।
99.दूर से सबको दूसरों की ज़िन्दगी अच्छी लगती है पर अगर सब नज़दीक से अपनी ज़िन्दगी देखेंगे तो सबको अपनी ज़िन्दगी अच्छी लगने लगेगी।
100.शायर बनना बहुत आसान हैं,
बस एक अधूरी मोहब्बत की मुकम्मल डिग्री चाहिए।
यहां 100 Shayari by Gulzar पूरी हुई।
गुलज़ार दर्द शायरी
101. एक सुकून सा मिलता है तुझे सोचने से भी,
फिर कैसे कह दूँ मेरा इश्क़ बेवजह सा है ।।
102. अजीब सी दुनिया है यह साहब,
यहां लोग मिलते कम एक दूसरे में झांकते ज्यादा है।।
103. जिसे पा नहीं सकते जरूरी नहीं ,
कि उसे प्यार करना भी छोड़ दिया जाए।।
104. तेरे बगैर किसी और को देखा नहीं मैंने,
सूख गया वो तेरा गुलाब लेकिन फेंका नहीं मैंने।।
105.पहले लगता था तुम ही दुनिया हो,
अब लगता है तुम भी दुनिया हो।।
106. तो कभी हुआ नहीं,
गले भी लगे और छुआ नहीं।।
107. जरा ठहरो तो नजर भर देखु,
ज़मीं पे चांद कहां रोज-रोज उतरता है।।
108. आंसू बहाने से कोई अपना नहीं होता ,
जो अपना होता है वो रोने ही कहां देता है।।
109. एक बार फिर इश्क़ करेंगे हम,
अभी सिर्फ भरोसा उठा है जनाजा नहीं।।
110. मुझे खौफ कहां मौत का,
मैं तो जिंदगी से डर गया हूं।।
दोस्ती पर गुलज़ार की शायरियां
- बेवजह है तभी तो दोस्ती है… वजह होती तो साजिश होती…!!!
112. दुश्मनी में भी दोस्ती का सिला रहने दिया उसके सारे खत जलाये बस पता रहने दिया
113. दोस्तों के नाम का एक ख़त जेब में रख कर क्या चला ..! क़रीब से गुज़रने वाले पूछते इत्र का नाम क्या है…!!
- गये थे सोचकर कि बात बचपन की होगी
मगर दोस्त मुझे अपनी तरक्क़ी सुनाने लगे….
115. सोचता हूँ दोस्तों पर मुकदमा कर दूँ, इसी बहाने तारीखों पर मुलाक़ात तो होगी..!!!
116. दोस्ती और मोहब्बत में फर्क सिर्फ इतना है बरसों बाद मिलने पर मोहब्बत नजर चुरा लेती और दोस्ती सीने से लगा लेती है
117. मैंने जिंदगी में दोस्त नहीं ढूँढे, मैंने एक दोस्त में जिंदगी ढूँढी है.
118. कुछ रिश्तो में मुनाफा नहीं होता पर ज़िन्दगी को अमीर बना देते है
119. दौलत नहीं, शोहरत नहीं, न वाह वाह चाहिए, कैसे हो..? बस दो लफ्ज़ों की परवाह चाहिए !
120. कब आ रहे हो मुलाकात के लिए मैंने चांद टोका है एक रात के लिए
121. जिंदगी छोटी नहीं होती है, लोग जीना ही देरी से शुरू करते हैं.
122. ये दोस्ती का गणित है साहब यहां दो में से एक गया तो कुछ नहीं बचता..
123. आज़माना अपनी यारी को पतझड़ में मेरे दोस्त सावन में तो हर पत्ता हरा नजर आता है..
124. फिर वहीं लौट के जाना होगा यार ने कैसी रिहाई दी है
125. कभी तो चौंक के देखे कोई हमारी तरफ किसी की आँख में हम को भी इंतजार दिखे
गुलज़ार की अन्य उम्दा शायरियां
गुलजार हिंदी शायरी के जाने-माने शायर हैं, नीचे उनकी अन्य उम्दा शायरियां दी गई हैं-
126. कोई पुछ रहा हैं मुझसे मेरी जिंदगी की कीमत,
मुझे याद आ रहा है तेरा हल्के से मुस्कुराना।
127. तेरे जाने से तो कुछ बदला नहीं,
रात भी आयी और चाँद भी था, मगर नींद नहीं।
128. हम तो समझे थे कि हम भूल गए हैं उनको,
क्या हुआ आज ये किस बात पे रोना आया?
129. सुना हैं काफी पढ़ लिख गए हो तुम,
कभी वो भी पढ़ो जो हम कह नहीं पाते हैं।
130. बदल जाओ वक़्त के साथ या वक़्त बदलना सीखो,
मजबूरियों को मत कोसो, हर हाल में चलना सीखो!
FAQs
गुलज़ार का असली नाम सम्पूर्ण सिंह कालरा है।
गुलज़ार को पद्म भूषण से 2004 में सम्मानित किया गया था।
गुलज़ार के माता-पिता का नाम मक्खन सिंह कालरा और सूजन कौर है।
गुलज़ार भारत के जाने-माने कवि, गीतकार, लेखक, पटकथा लेखक और फिल्म निर्देशक हैं।
सम्पूर्ण सिंह कालरा से गुलज़ार नाम ऐसा पड़ा क्योंकि जब शायरी लिखना शुरू की तो अपना तख़ल्लुस/उपनाम “गुलज़ार” दीनवी रख लिया।
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धन्यवाद
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10 comments
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धन्यवाद
bahut achha post
आभार। ऐसे ही आप हमारी https://leverageedu.com/ वेबसाइट पर बने रहिये।
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आपका धन्यवाद
𝑽𝒆𝒓𝒚 𝒗𝒆𝒓𝒚 𝒈𝒐𝒐𝒅 𝒒𝒖𝒐𝒕𝒆𝒔
अनिल जी आपका शुक्रिया।