हमारे दादी-दादा (ग्रैंडपैरेंट्स) के स्नेह से हमे एक अलग प्रेम महसूस होता है। दादी-दादा के इस प्रेम के प्रति आभार जताने के लिए हर वर्ष 12 सितंबर को ग्रैंडपैरेंट्स डे मनाया जाता है, इस वर्ष आप ग्रैंडपैरेंट्स डे पर अपने दादी-दादी को अपने शब्दों के मध्याम से गौरव की अनुभूति करा सकते हैं। इस ब्लॉग में आपको ग्रैंडपैरेंट्स डे पर आधारित शायरी पढ़ने को मिलेंगी, जिन्हें आप अपने दीदी-दादा को समर्पित कर सकते हैं। Dada Dadi Shayari पढ़ने के लिए आपको इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ना पड़ेगा।
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टॉप Dada Dadi Shayari
Dada Dadi Shayari के इस ब्लॉग में आप उनके प्यार को दर्शाने वाली शायरी पढ़ने को मिलेंगी, जो कि निम्नलिखित है-
“दादी की ममता ने मुझे खुश रहना सिखाया है
दादा जी आपकी आहट ने मेरे दुखों को मिटाया है…”
-मयंक विश्नोई
“बचपन से आजतक मुझे कभी किसी चीज की कमी नहीं खलने दी
मेरे दादी-दादा ने, मेरे बचपन की यादों को तिजोरी में संभाल कर रखा है…”
-मयंक विश्नोई
“दादी ने हमेशा अपना सारा लाड मुझ पर लुटाया है
ददा जी ने मेरी खुशियों का हर अंतिम मोल चुकाया है…”
-मयंक विश्नोई
“पापा को भी डांट देते हैं दादा जी मेरे प्यार में
मेरी फ़िक्र में दादी मुझे पलकों पर बैठा कर रखती हैं…”
-मयंक विश्नोई
“मासूमियत है उनकी बातों में बहुत,
मेरे दादी-दादा में रत्ती भर भी झूठ या फरेब नहीं…”
-मयंक विश्नोई
“दादी की कहानियों में ही मेरा बचपन बीता है
दादा की दिखाई राहों पर चलकर मैंने जीवन जीना सीखा है…”
-मयंक विश्नोई
“मुझमें साहस की कमी नहीं, चाहे परिस्थिति कैसी भी क्यों न हो
दादी-दादा का लाडला हूँ मैं, चाहे स्तिथि कैसी भी क्यों न हो…”
-मयंक विश्नोई
ग्रैंडपैरेंट्स डे पर आधारित शायरी
इस ब्लॉग में आप ग्रैंडपैरेंट्स डे पर आधारित शायरी पढ़ सकते हैं, जो कुछ इस प्रकार है-
“संघर्षों से गुजर कर मेरी सफलता का आधार है
मुझे जिसने संभाला सदा, वो मेरे दादी-दादा का प्यार है…”
-मयंक विश्नोई
“ना कभी डांटा मुझे और ना ही सताया कभी
जैसे ही मैं निराश हुआ, उन्होंने मुझे गले से लगाया तभी…”
-मयंक विश्नोई
“कुछ नहीं है मेरी दादी के बिना मेरी कहानी का कोई भी किस्सा
मेरी दादी ने ही हमेशा मुझ पर, मेरी माँ से ज्यादा ममता लुटाई…”
-मयंक विश्नोई
“मेरी दादी आज भी मुझे हताश देख, सारा घर सर पर उठा लेतीं हैं
मेरे दादा की बूढ़ी दहाड़ आज भी मेरी उदासी को घुटने पर ला देती है…”
-मयंक विश्नोई
“बचपन से ही मैं अपने दादी-दादा की दुलारी रहीं हूँ
बचपन से ही मैं नटखट, मासूम और प्यारी ही रहीं हूँ…”
-मयंक विश्नोई
दादा जी की याद में लिखी शायरी
Dada Dadi Shayari के इस ब्लॉग में आप दादा जी की याद में लिखी शायरी पढ़ सकते हैं, जो कुछ इस प्रकार है-
“अब कौन मेरे साथ कदम से कदम मिलकर चलेगा
दादाजी आपके बिना अब कहाँ मुझे आपका प्यार मिलेगा…”
-मयंक विश्नोई
“आपकी याद आती है, पहले गांव और फिर शहर के बदल जाने पर
मैं मायूसी में अक्सर रोने लगता हूँ, संकट के काले बादल छाने पर…”
-मयंक विश्नोई
“मैं अभी तक नहीं समझ पाया दादा जी कि मैंने देश क्यों छोड़ा था
मैं अभी तक नहीं जान पाया कि मैंने आपसे मुँह क्यों मोड़ा था…”
-मयंक विश्नोई
“आपसे बिछड़ने का ग़म मुझे अंदर ही अंदर मार देगा मैंने सोचा नहीं था
आपकी याद का अँधेरा मुझे खाने लगेगा, मैंने कभी सोचा नहीं था…”
-मयंक विश्नोई
“दादा जी आपकी याद मुझे बहुत आती है
आपके बिना जीना ऐसा है, जैसे जीते जी मर जाना…”
-मयंक विश्नोई
दादी जी की ममता पर आधारित शायरी
इस ब्लॉग में आप दादी जी की ममता पर आधारित शायरी पढ़ सकते हैं, जो कुछ इस प्रकार है-
“दादी आपकी ममता में मैंने सारे संसार का सुख पाया है
आपकी गढ़ी कहानियों ने मुझे आज कहानीकार बनाया है…”
-मयंक विश्नोई
“दादी आपके आँगन में ही मेरा बचपन बीता है
आपके बिना पाया हर लम्हा फीका-फीका है…”
-मयंक विश्नोई
“दादी आपकी आहट ही मुझे मुझसे मिला रही है
मेरी हर उम्र को आपकी नसीहत, आईना दिखा रही है…”
-मयंक विश्नोई
“मेरे हर अच्छे-बुरे समय में आपकी ममता मेरा सहारा है
आपकी नसीहत ही दादी, मेरे अच्छे दौर का इशारा है…”
-मयंक विश्नोई
“आपकी आहट मुझे खुलकर जीना सिखाती रहेगी
आपकी ममता यकीनन मेरी नादानियों को अपनाती रहेगी…”
-मयंक विश्नोई
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