एयर ट्रैवल और ट्रांसपोर्टेशन, सभी सिस्टम के सही और सुरक्षित तरीके से चलने पर निर्भर करता है। इसके लिए अनुभवी प्रोफेशनल्स द्वारा ज़रूरी इंस्पेक्शन और निगरानी की आवश्यकता होती है। फ्लाइट इंजीनियर ही ऐसे प्रोफेशनल्स हैं, जिन्हें सुरक्षा की दृष्टि से प्री-फ्लाइट, इन-फ्लाइट और पोस्ट-फ्लाइट प्रोसेस पर व्यापक ट्रेनिंग दी जाती है। Flight engineer की पोस्ट एविएशन इंडस्ट्री की एक बहुत ही ज़रूरी और मांग वाला पोस्ट है। इस ब्लॉग में, आप फ़्लाइट इंजीनियर कौन होते हैं, वे क्या करते हैं, फ़्लाइट इंजीनियर कैसे बनते हैं और फ़्लाइट इंजीनियरों के करियर स्कोप के बारे में विस्तार से जानेंगे।
प्रोफाइल | फ्लाइट इंजीनियर |
क्षेत्र | एविएशन |
योग्यता | बीटेक एयरोस्पेस इंजीनियरिंग या मैथमेटिक्स, फिजिक्स, कंप्यूटर सांइस जैसे संबंधित क्षेत्र में बैचलर्स डिग्री |
प्रवेश परीक्षा | JEE Mains, AICET, IMU CET आदि। |
स्किल्स | कम्युनिकेशन स्किल्स, फिजिकल स्ट्रेंथ, कस्टमर सर्विस स्किल्स आदि। |
सैलरी | INR 4.80 लाख से 10 लाख प्रति वर्ष |
This Blog Includes:
- फ्लाइट इंजीनियर किन्हें कहते हैं?
- फ्लाइट इंजीनियर के काम
- फ्लाइट इंजीनियर बनने के लिए आवश्यक कौशल
- फ्लाइट इंजीनियर कैसे बनें?
- फ्लाइट इंजीनियर बनने के लिए आवश्यक कोर्सेज़
- दुनिया की टॉप यूनिवर्सिटीज़
- भारत की टॉप यूनिवर्सिटीज़
- जरूरी कोर्सेज़ के लिए योग्यता
- आवेदन प्रक्रिया
- प्रवेश परीक्षाएं
- फ्लाइट इंजीनियर के रूप में करियर
- FAQs
फ्लाइट इंजीनियर किन्हें कहते हैं?
एक फ्लाइट इंजीनियर, जिसे एयर इंजीनियर या एयर मैकेनिक भी कहा जाता है, एक एविएशन प्रोफेशनल है। फ्लाइट इंजीनियर, फ्लाइट के दौरान हवाई जहाज के सिस्टम और इंस्ट्रूमेंटेशन को बनाए रखने और उसकी निगरानी के लिए जिम्मेदार होता है। एक फ्लाईट इंजीनियर हवाई जहाज नहीं चलाता बल्कि यह सुनिश्चित करता है कि सभी मैकेनिकल और टेक्निकल घटक ठीक से काम कर रहे हैं। वे सुरक्षा, नेविगेशनल और सिस्टम की जानकारी के लिए पायलट और चालक दल के अन्य सदस्यों के साथ मिलकर काम करते हैं।
फ्लाइट इंजीनियर के काम
उड़ान से पहले और उड़ान के दौरान उड़ान इंजीनियरों के कई कार्य होते हैं, जिनमें शामिल हैं:
- उड़ान से पहले सुरक्षा की दृष्टि से इंजन, इंस्ट्रूमेंटेशन और अन्य मैकेनिकल सिस्टम सहित एयरक्राफ्ट के सभी घटकों का निरीक्षण करना।
- प्लेन में उड़ान के लिए पर्याप्त ईंधन की जांच करना और उड़ान के दौरान ईंधन के उपयोग की निगरानी करना।
- उड़ान के दौरान मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल सिस्टम की निगरानी करना और आवश्यकतानुसार एडजस्टमेंट करना जिसमें विंग फ्लैप, फ्यूल गेज और प्रेशर इंडिकेटर शामिल हैं।
- इंस्ट्रूमेंटेशन, ईंधन और अन्य प्रणालियों की स्थिति के बारे में पायलट, चालक दल के सदस्यों और डिस्पैचर के साथ कम्युनिकेट करना।
- केबिन के दबाव, इंजन की शक्ति और एयर कंडीशनिंग को रेगुलेट करना।
- उड़ान के दौरान पायलट की सहायता करना।
- फ्लाइट के दौरान मौसम की स्थिति की निगरानी करना।
फ्लाइट इंजीनियर बनने के लिए आवश्यक कौशल
फ्लाइट इंजीनियरों को विभिन्न प्रकार के तकनीकी और पारस्परिक कौशल की आवश्यकता होती है, जिनमें शामिल हैं-
- फिजिकल एबिलिटी: फ्लाइट इंजीनियरों को एक फिजिकल टेस्ट पास करना पड़ता है। फिजिकल फिटनेस का निर्धारण करने के लिए इस टेस्ट में देखने और सुनने की क्षमता, फेफड़े, हृदय और अन्य आवश्यक अंगो का आकलन किया जाता है। अतः आपको फिजिकली स्ट्रॉन्ग होने की ज़रूरत होती है।
- मैकेनिकल स्किल्स: Flight engineer एयरक्राफ्ट मैकेनिकल सिस्टम के साथ बड़े पैमाने पर काम करते हैं। उन्हें मेंटनेंस प्रोसीजर के साथ साथ एअरक्राफ्ट इक्विपमेंट्स और सिस्टम के अन्दर के वर्किंग सिस्टम का ज्ञान होना चाहिए।
- टेक्निकल स्किल्स: फ्लाइट इंजीनियरों को एअरक्राफ्ट सिस्टम और उससे जुड़े सभी इक्विपमेंट्स की डीप नॉलेज होनी चाहिए।
- लीडरशिप स्किल्स: फ़्लाइट इंजीनियर फ़्लाइट क्रू के हायर लेवल के सदस्य होते हैं और उन्हें अन्य क्रू मेंबर्स को काम समझने और निर्देश देने में सक्षम होना चाहिए। उन्हें एमरजेंसी सिचुएशंस के दौरान शांतिपूर्वक और स्पष्ट रूप से दूसरों का नेतृत्व करने में सक्षम होना चाहिए।
- कम्युनिकेशन स्किल्स: लिखित और मौखिक कम्युनिकेशन स्किल्स एक फ्लाइट इंजीनियर के रूप में सफलतापूर्वक काम करने के लिए महत्वपूर्ण हैं। आपको रिपोर्ट लिखनी होती है, महत्वपूर्ण जानकारी के बारे में फ्लाइट क्रू और डिस्पैचर्स के साथ कम्युनिकेट करना होता है और मैकेनिकों को किसी भी मुद्दे को रिले करना होता है। अतः इन सबके लिए कम्युनिकेशन स्किल्स आवश्यक है।
फ्लाइट इंजीनियर कैसे बनें?
फ्लाइट इंजीनियर के रूप में अपना करियर शुरू करने के लिए आपको नीचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो करना चाहिए-
- सही स्कूली शिक्षा प्राप्त करें : फिजिक्स, केमिस्ट्री और मैथमेटिक्स विषयों के साथ 10+2 अच्छे अंको से पास करें।
- डिग्री प्राप्त करें : अपना फ़्लाइट इंजीनियर करियर शुरू करने के लिए, सबसे पहले आपको सही शिक्षा प्राप्त करनी चाहिए। बीटेक एयरोस्पेस इंजीनियरिंग या मैथमेटिक्स, फिजिक्स, कंप्यूटर सांइस जैसे संबंधित क्षेत्र में बैचलर्स डिग्री आमतौर पर एंप्लॉयर्स को आकर्षित करती है।
- सर्टिफिकेट प्राप्त करें : बैचलर्स डिग्री हासिल करने के बाद किसी मान्यता प्राप्त फ्लाइट इंस्टीट्यूट में शामिल हो और ट्रेनिंग या इंटर्नशिप के ज़रिए एक कुशल flight engineer के रूप में सर्टिफिकेट प्राप्त करें।
- फ्लाइट इंजीनियर के रूप में एंट्री लेवल की पोस्ट प्राप्त करें : एक बार जब आप इंजीनियरिंग की डिग्री प्राप्त करके सर्टिफिकेट प्राप्त कर लेते हैं, तो आप आमतौर पर एंट्री लेवल के Flight engineer के रूप में अपना करियर शुरू कर सकते हैं। आप जिस प्रकार की फ़्लाइट इंजीनियर की भूमिका निभा रहे हैं, उसके आधार पर आप आगे के लिए एक्सपेरिंस प्राप्त करें।
फ्लाइट इंजीनियर बनने के लिए आवश्यक कोर्सेज़
फ्लाइट इंजीनियर बनने के लिए आवश्यक कोर्सेज़ की लिस्ट नीचे दी गई है-
- Aerospace Engineering
- Aircraft Maintenance Engineering
- Advanced Diploma in Aviation Technology – Aircraft Maintenance and Management; Diploma in Aviation Technician
- BTech Aerospace Engineering
- BSc (Hons) in Aircraft Maintenance Systems and Management
- Diploma in Aircraft Maintenance Engineering
- Bachelor of Science in Aviation Technologies, Aircraft Maintenance
- BSc (Hons) in Aircraft Maintenance Engineering
- Diploma in Engineering Technology in Aeroplane Maintenance
- Diploma in Aircraft Maintenance Engineering
दुनिया की टॉप यूनिवर्सिटीज़
नीचे कुछ प्रमुख विश्वविद्यालय दिए गए हैं, जिनके माध्यम से आप इंजीनियरिंग के इस विशेष क्षेत्र में क्वालिटी एजुकेशन प्राप्त कर सकते हैं–
- मेसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी
- यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन
- साउथेम्प्टन विश्वविद्यालय
- मिशिगन यूनिवर्सिटी
- मेलबर्न विश्वविद्यालय
- ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय
- टेक्सास ए एंड एम विश्वविद्यालय
- तस्मानिया विश्वविद्यालय
- वाशिंगटन विश्वविद्यालय
- हीरियट–वाट यूनिवर्सिटी
भारत की टॉप यूनिवर्सिटीज़
फ्लाइट इंजीनियरिंग कोर्सेज़ और सर्टिफिकेट कोर्सेज़ की पेशकश करने वाले कुछ टॉप भारतीय विश्वविद्यालयों और कॉलेजों की लिस्ट नीचे दी गई है–
- इंस्टिट्यूट ऑफ़ फ्लाइट इंजीनियरिंग, गोरखपुर
- इंडियन एयरोनॉटिकल इंस्टीट्यूट, नई दिल्ली
- इंडियन इंस्टीट्यूट्स ऑफ एयरोनॉटिक्स, पटना
- जेआरएन इंस्टीट्यूट ऑफ एविएशन एंड टेक्नोलॉजी, नई दिल्ली
- स्टार एविएशन एकेडमी, गुरुग्राम
- रीजनल एविएशन इंस्टीट्यूट, केरल
- आंध्र यूनिवर्सिटी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, विशाखापत्तनम
- एनआईटी सुरथकल – नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी कर्नाटक
जरूरी कोर्सेज़ के लिए योग्यता
फ्लाइट इंजीनियरिंग कोर्सेज़ के लिए कुछ सामान्य योग्यताएं इस प्रकार हैं–
- फ्लाइट इंजीनियरिंग में बैचलर्स डिग्री प्रोग्राम के लिए ज़रुरी है कि उम्मीदवारों ने किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से PCM (फिजिक्स, केमिस्ट्री, गणित) से 10+2 प्रथम श्रेणी से पास किया हो।
- भारत में इंजीनियरिंग में बैचलर्स के लिए कुछ कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज में JEE mains, JEE Advanced जैसे प्रवेश परीक्षा के स्कोर अनिवार्य हैं। साथ ही कुछ कॉलेज और यूनिवर्सिटीज अपनी स्वयं की प्रवेश परीक्षाएं आयोजित करतीं हैं।
- विदेश में इन कोर्सेज़ के लिए यूनिवर्सिटी द्वारा निर्धारित आवश्यक ग्रेड आवश्यकताओं को पूरा करना जरुरी है, जो हर यूनिवर्सिटी और कोर्स के अनुसार अलग–अलग हो सकती है।
- विदेश की अधिकतर यूनिवर्सिटीज बैचलर्स के लिए SAT और मास्टर्स कोर्सेज़ के लिए GRE स्कोर की मांग करते हैं।
- विदेश की यूनिवर्सिटीज में एडमिशन के लिए IELTS या TOEFL टेस्ट स्कोर, अंग्रेजी प्रोफिशिएंसी के प्रमाण के रूप में ज़रूरी होते हैं।
- विदेश यूनिवर्सिटीज में पढ़ने के लिए SOP, LOR, सीवी/रिज्यूमे और पोर्टफोलियो भी जमा करने की जरूरत होती है।।
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आवेदन प्रक्रिया
विभिन्न फ्लाइट इंजीनियरिंग कोर्सेज़ के लिए भारत और विदेशी विश्वविद्यालयों में आवेदन प्रक्रिया के बारे में नीचे बताया गया है–
विदेश में आवेदन प्रक्रिया
विदेश के यूनिवर्सिटीज़ में प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया इस प्रकार है-
- आपकी आवेदन प्रक्रिया का फर्स्ट स्टेप सही कोर्स और यूनिवर्सिटी का चुनाव है।
- कोर्स और यूनिवर्सिटी के चुनाव के बाद उस कोर्स के लिए उस यूनिवर्सिटी की योग्यता के बारे में रिसर्च करें।
- आवश्यक टेस्ट स्कोर और दस्तावेज एकत्र करें।
- यूनिवर्सिटी की साइट पर जाकर एप्लीकेशन फॉर्म भरें या फिर आप Leverage Edu एक्सपर्ट्स की भी सहायता ले सकते हैं।
- ऑफर की प्रतीक्षा करें और सिलेक्ट होने पर इंटरव्यू की तैयारी करें।
- इंटरव्यू राउंड क्लियर होने के बाद आवश्यक ट्यूशन शुल्क का भुगतान करें और स्कॉलरशिप, छत्रवीजा , एजुकेशन लोन और छात्रावास के लिए आवेदन करें।
एक आकर्षक SOP लिखने से लेकर कंप्लीट एप्लीकेशन प्रोसेस में मदद के लिए आप Leverage Edu के एक्सपर्ट्स की सहायता ले सकते हैं।
आवश्यक दस्तावेज़
कुछ जरूरी दस्तावेजों की लिस्ट नीचे दी गई हैं-
- ऑफिशियल एकेडमिक ट्रांस्क्रिप्ट
- स्कैन किए हुए पासपोर्ट की कॉपी
- IELTS या TOEFL, आवश्यक टेस्ट स्कोर
- प्रोफेशनल/एकेडमिक LORs
- SOP
- निबंध (यदि आवश्यक हो)
- पोर्टफोलियो (यदि आवश्यक हो)
- अपडेट किया गया सीवी / रिज्यूमे
- पासपोर्ट और छात्र वीजा
- बैंक डिटेल्स
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भारतीय यूनिवर्सिटीज़ में आवेदन प्रक्रिया
भारत के यूनिवर्सिटीज़ में आवेदन प्रक्रिया, इस प्रकार है-
- सबसे पहले अपनी चुनी हुई यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट में जाकर रजिस्ट्रेशन करें।
- यूनिवर्सिटी की वेबसाइट में रजिस्ट्रेशन के बाद आपको एक यूजर नेम और पासवर्ड प्राप्त होगा।
- फिर वेबसाइट में साइन इन के बाद अपने चुने हुए कोर्स का चयन करें जिसे आप करना चाहते हैं।
- अब शैक्षिक योग्यता, वर्ग आदि के साथ आवेदन फॉर्म भरें।
- इसके बाद आवेदन फॉर्म जमा करें और आवश्यक आवेदन शुल्क का भुगतान करें।
- यदि एडमिशन, प्रवेश परीक्षा पर आधारित है तो पहले प्रवेश परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन करें और फिर रिजल्ट के बाद काउंसलिंग की प्रतीक्षा करें। प्रवेश परीक्षा के अंको के आधार पर आपका चयन किया जाएगा और लिस्ट जारी की जाएगी।
आवश्यक दस्तावेज
कुछ जरूरी दस्तावेजों की लिस्ट नीचे दी गई हैं-
- आपकी दसवीं या बारहवीं की परीक्षा की मार्कशीट और पास सर्टिफिकेट
- बर्थ सर्टिफिकेट
- ट्रांसफर सर्टिफिकेट
- डोमिसाइल सर्टिफिकेट / रेजिडेंशियल प्रूफ या सर्टिफिकेट
- प्रोविजनल सर्टिफिकेट
- कैरेक्टर सर्टिफिकेट
- अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछड़ी जाति प्रमाण पत्र
- विकलांगता का प्रूफ (यदि कोई हो)
- प्रवासन प्रमाणपत्र (माइग्रेशन)
प्रवेश परीक्षाएं
यहां उन सभी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त प्रवेश परीक्षाओं की सूची दी गई है जिनका उपयोग भारत और विदेशों के विश्वविद्यालय इंजीनियरिंग डिग्री के लिए छात्रों को प्रवेश देने के लिए करते हैं–
SAT (विदेश में बैचलर्स के लिए) | GRE (विदेश में मास्टर्स के लिए) |
JEE Mains | JEE Advanced |
AICET | IMU CET |
MERI Entrance Exam | AME CET |
AIMEE | AIAEE |
AMECAT | IAEEE |
फ्लाइट इंजीनियर के रूप में करियर
फ्लाइट इंजीनियर के रूप में करियर रोजगार के कई अवसर प्रदान करता है। इस क्षेत्र में योग्यता और अनुभव के आधार पर, किसी के पास फ़्लाइट इंजीनियर के रूप में विकसित होने का अवसर होगा। फ्लाइट इंजीनियरों के पास आवश्यक विभिन्न लाइसेंस प्राप्त करके पायलट या सह पायलट बनने का भी अवसर होता है। Flight engineer सबसे अधिक भुगतान करने वाले जॉब प्रोफाइल्स में से एक है। उम्मीदवार लाइसेंस प्राप्त इंजीनियर बन सकते हैं, जिनकी यात्रा करने वाली एयरलाइनों, अंतरराष्ट्रीय एयरलाइनों आदि सहित सभी स्तरों पर उच्च मांग है।
एम्प्लॉयमेंट सेक्टर
फ्लाइट इंजीनियर्स के लिए कुछ प्रमुख एम्प्लॉयमेंट सेक्टर हैं-
- लाइन मेंटेनेंस
- प्लेन के कल-पुर्ज़े बनाने वाली कंपनियाँ
- वेयरहाउसिंग कंपनियां
- एविएशन कॉर्पोरेशन
- फ्लाइंग क्लब और एकेडमिक्स
- सिविल डिफेंस फोर्स
- आर्म्ड फोर्सेज
टॉप रिक्रूटर्स
फ्लाइट इंजीनियर्स को काम पर रखने वाले कुछ प्रमुख रिक्रूटर्स हैं-
- Air India
- Pawan Hans
- Helicopter Corporation of India
- Flying Clubs
- Private Airlines and Government Owned Air Service
- Hindustan Aeronautical Ltd
- Defence Research and Development Laboratories
- National Aeronautical Lab
- Aeronautical Development Establishment
- Civil Aviation Department and other places
- Missile Development Programme
- Civil and Military Aircraft Manufacture Company
फ्लाइट इंजीनियर की सैलरी
एक फ्लाइट इंजीनियर की नौकरी में, वेतन की मात्रा को प्रभावित करने वाला अहम फैक्टर एक्सपीरियंस है। जितना अधिक वर्क एक्सपीरियंस होगा उतना अधिक वेतन होगा क्योंकि कार्य अनुभव की लंबी अवधि व्यक्ति के स्किल सेट को भी तेज करती है। अनुमानित तौर पर payscale के अनुसार एक Flight engineer का वार्षिक वेतन 4.80 लाख INR से 10 लाख INR के बीच होता है।
FAQs
एक फ्लाइट इंजीनियर, जिसे एयर इंजीनियर या एयर मैकेनिक भी कहा जाता है, एक एविएशन प्रोफेशनल है। Flight engineer, फ्लाइट के दौरान हवाई जहाज के सिस्टम और इंस्ट्रूमेंटेशन को बनाए रखने और उसकी निगरानी के लिए जिम्मेदार होता है। एक फ्लाईट इंजीनियर हवाई जहाज नहीं चलाता बल्कि यह सुनिश्चित करता है कि सभी मैकेनिकल और टेक्निकल घटक ठीक से काम कर रहे हैं।
उड़ान से पहले सुरक्षा की दृष्टि से इंजन, इंस्ट्रूमेंटेशन और अन्य मैकेनिकल सिस्टम सहित एयरक्राफ्ट के सभी घटकों का निरीक्षण करना। प्लेन में उड़ान के लिए पर्याप्त ईंधन की जांच करना और उड़ान के दौरान ईंधन के उपयोग की निगरानी करना। उड़ान के दौरान मैकेनिकल और इलेक्ट्रिकल सिस्टम की निगरानी करना और आवश्यकतानुसार एडजस्टमेंट करना जिसमें विंग फ्लैप, फ्यूल गेज और प्रेशर इंडिकेटर शामिल हैं।
एक flight engineer की नौकरी में, वेतन की मात्रा को प्रभावित करने वाला अहम फैक्टर एक्सपीरियंस है। जितना अधिक वर्क एक्सपीरियंस होगा उतना अधिक वेतन होगा क्योंकि कार्य अनुभव की लंबी अवधि व्यक्ति के स्किल सेट को भी तेज करती है। अनुमानित तौर पर payscale के अनुसार एक फ्लाइट इंजीनियर का वार्षिक वेतन 4.80 लाख INR से 10 लाख INR के बीच होता है।
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