अर्थशास्त्र केवल संख्याओं और आर्थिक नीतियों का अध्ययन भर नहीं है, बल्कि यह समाज, सरकार और व्यक्तियों के आर्थिक निर्णयों को प्रभावित करने वाली विज्ञान और कला का समागम है। यह विषय हमारे दैनिक जीवन से लेकर राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर तक हर आर्थिक गतिविधि को नियंत्रित करता है। जब हम बाजार में कोई वस्तु खरीदते हैं, जब सरकार बजट बनाती है, जब कोई उद्योगपति निवेश करता है या जब कोई विद्यार्थी अपने करियर की योजना बनाता है – यह सभी गतिविधियाँ प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से अर्थशास्त्र से जुड़ी होती हैं। अर्थशास्त्र को सरल शब्दों में समझें तो यह संसाधनों के सीमित होते हुए भी अधिकतम लाभ प्राप्त करने की कला और विज्ञान है। यह न केवल धन और व्यापार का विश्लेषण करता है, बल्कि समाज में संसाधनों के न्यायसंगत वितरण, आय-व्यय, उत्पादन, उपभोग, मुद्रा प्रवाह और विकास दर जैसी महत्वपूर्ण अवधारणाओं पर भी ध्यान केंद्रित करता है। इस लेख में आप अर्थशास्त्र क्या है? इसकी परिभाषा, महत्व, उपयोग और करियर स्कोप के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त कर पाएंगे। यदि आप अर्थशास्त्र विषय के बारे में सभी महत्वपूर्ण जानकारी चाहते हैं, तो इस ब्लॉग को अवश्य ही पूरा पढ़ें।
पात्रता मापदंड | 10th या 12th |
प्रवेश का मानदंड | प्रवेश परीक्षा |
प्रासंगिक फ़ील्ड | इकोनॉमिक्स |
सेक्टर/उद्योग | अर्थशास्त्री, रिसर्च एनालिस्ट, प्रोजेक्ट मैनेजर, चार्टर्ड एकाउंटेंट, प्रोफेसर आदि। |
औसत वार्षिक वेतन (INR) | 4-10 लाख |
This Blog Includes:
- अर्थशास्त्र क्या है?
- अर्थशास्त्र के प्रकार
- व्यष्टि और समष्टि अर्थशास्त्र में अंतर
- अर्थशास्त्र विषय का सिलेबस
- अर्थशास्त्र विषय पढ़ाने वाली टॉप यूनिवर्सिटीज
- अर्थशास्त्र विषय पढ़ने के लिए आवश्यक योग्यता
- अर्थशास्त्र पढ़ने के लिए टॉप यूनिवर्सिटीज में आवेदन प्रक्रिया
- अर्थशास्त्र विषय पढ़ने के लिए आवश्यक दस्तावेज
- अर्थशास्त्र विषय की सर्वश्रेष्ठ पुस्तकें
- अर्थशास्त्र विषय के लिए एंट्रेंस एग्जाम
- अर्थशास्त्र विषय चुनने के बाद करियर स्कोप
- अर्थशास्त्र पढ़ने के बाद मिलने वाली जॉब प्रोफाइल्स व सैलरी
- अर्थशास्त्र से जुड़ें कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर के साथ
- FAQs
अर्थशास्त्र क्या है?
अर्थशास्त्र सामाजिक विज्ञान की वह शाखा है, जिसके अन्तर्गत वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन, वितरण, विनिमय और उपभोग का अध्ययन किया जाता है। ‘अर्थशास्त्र’ शब्द संस्कृत शब्दों अर्थ (धन) और शास्त्र की संधि से बना है, जिसका शाब्दिक अर्थ है – ‘धन का अध्ययन’। अर्थशास्त्र एक सामाजिक विज्ञान है जो वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन, वितरण और उपभोग से संबंधित है। यह अध्ययन करवाता है कि कैसे व्यक्ति, व्यवसाय, सरकारें और राष्ट्र संसाधनों को आवंटित करने के तरीके के बारे में चुनाव करते हैं। चूंकि हमारी आवश्यकताएं असीमित है और संसाधन सीमित है। सीमित संसाधनों को काम में लेने के कई अलग-अलग तरीके हैं, यह निर्धारित करना अर्थशास्त्र का कार्य है कि कौन से तरीके सर्वोत्तम परिणाम देते हैं।
अर्थशास्त्र के प्रकार
अर्थशास्त्र के प्रकार दो हैं जो इस प्रकार हैं:
- व्यष्टि अर्थशास्त्र (Micro Economics)
- समष्टि अर्थशास्त्र (Macro Economics)
व्यष्टि अर्थशास्त्र
व्यष्टि या सूक्ष्म यानि माइक्रो, जैसा कि इसके नाम से ही इसके बारे में समझ में आता है। यह अर्थशास्त्र एक व्यक्ति या एक फर्म के व्यवहार का अध्ययन करता है। इसमें व्यक्ति या एक फर्म के उन आर्थिक निर्णयों को समझने का प्रयास किया जाता है, जो वह किसी भी आर्थिक गतिविधि को सम्पन्न करने से पहले लेता है। जैसे किसी वस्तु की कीमत घट या बढ़ गई तो उस वस्तु को खरीदने को लेकर क्या निर्णय रहेगें। यानि अर्थशास्त्र उपभोक्ता के रूप में उसके व्यवहार को समझने का प्रयास करती है। माइक्रो अर्थशास्त्र यह समझाने की कोशिश करता है कि अलग-अलग वस्तुओं का अलग-अलग मूल्य कैसे और क्यों होता है, कैसे व्यक्ति वित्तीय निर्णय लेते हैं और कैसे व्यक्ति एक-दूसरे के साथ सबसे अच्छा व्यापार, समन्वय और सहयोग करते हैं।
व्यष्टि अर्थशास्त्र की शाखाएं
व्यष्टि अर्थशास्त्र की शाखाओं के बारे में विस्तार से नीचे बताया गया है :
उपभोक्ता व्यवहार का सिद्धांत
उपभोक्ता व्यवहार के सिद्धांत में निम्न मुख्य बिन्दु शामिल हैं-
- उपयोगिता का विश्लेषण
- मांग का नियम
- उपभोक्ता की बचत
- उपभोक्ता के प्रकट अधिमान सिद्धांत
उत्पादन फलन के सिद्धांत
उत्पादन फलन के सिद्धांत में निम्न मुख्य बिन्दु शामिल हैं-
- आगम या राजस्व सिद्धांत
- साधनो के प्रतिफल
- परिवर्तनशील साधन
- पैमाने के प्रतिफल का स्द्धिांत
- लागतों का सिद्धांत
बाजार अवधारणा और कीमत निर्धारण सिद्धांत
बाजार अवधारणा और कीमत निर्धारण सिद्धांत में निम्न मुख्य बिन्दु शामिल हैं-
- पूर्ण प्रतियोगिता के बाजार में कीमत निर्धारण
- एकाधिकार प्रतियोगिता और कीमत निर्धारण
वितरण सिद्धांत
वितरण सिद्धांत में निम्न मुख्य बिन्दु शामिल हैं-
- विभिन्न बाजारों में साधानों की कीमत निर्धारण
- मजदूरी
- लगान सिद्धांत
- ब्याज का सिद्धांत
- लाभ का सिद्धांत
- गैम थोरी
कल्याण अर्थशास्त्र
कल्याण अर्थशास्त्र में निम्न मुख्य बिन्दु शामिल हैं-
- पैरेटों का इष्टतम कल्याण सिद्धांत
- नव कल्याण अर्थशास्त्र
समष्टि अर्थशास्त्र
मैक्रोइकॉनॉमिक्स में अर्थव्यवस्था का समग्र अध्ययन किया जाता है। इसके फोकस में एक विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्र, एक देश, एक महाद्वीप या यहां तक कि पूरी दुनिया शामिल हो सकती है। इसके अध्ययन के प्राथमिक क्षेत्र आवर्तक आर्थिक चर और व्यापक आर्थिक विकास और विकास हैं। अध्ययन किए गए विषयों में विदेश व्यापार, सरकारी राजकोषीय और मौद्रिक नीति, बेरोजगारी दर, मुद्रास्फीति का स्तर और ब्याज दरें, सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में परिवर्तन के रूप में परिलक्षित कुल उत्पादन उत्पादन की वृद्धि, और व्यापार चक्र शामिल हैं, जिसके परिणामस्वरूप विस्तार होता है। उछाल, मंदी और अवसाद आदि इसमें शामिल है।
समष्टि अर्थशास्त्र का क्षेत्र
समष्टि अर्थशास्त्र के क्षेत्र के बारे में नीचे बताया गया है:
- क्लासिकल, कीन्सियन, नव क्लासिकल और नव कीन्सियन अर्थशास्त्र
- समष्टिगत आर्थिक गतिविधियां
- राष्ट्रीय आय और इसकी मूलभूत धारणाएं
- मुद्रा का सिद्धांत
- मुद्रा की पूर्ति का सिद्धांत
- मुद्रा स्फीति
- उत्पत्ति व रोजगार का निर्धारण
- क्लासिकल व कीन्सियन मॉडल्र
- गुणक व त्वरक की अवधारणा
- व्यापार चक्र
- बैंकिंग
- मौद्रिक नीति
- राजकोषीय नीति
यह मूलत: दो ही प्रकार की होती है-व्यष्टि अर्थशास्त्र और समष्टि अर्थशास्त्र। लेकिन ज्यों-ज्यों अर्थशास्त्र का महत्व और स्कोप बढ़ता गया। इसके आगे और विभाजन होते गए। इस प्रकार अर्थशास्त्र को निम्र भागों में बांट सकते हैं-
- अंतरराष्ट्रीय अर्थशास्त्र
- लोक वित्त
- मुद्रा और बैंकिंग
- व्यावसायिक अर्थशास्त्र
व्यष्टि और समष्टि अर्थशास्त्र में अंतर
जैसा की आप जान गए हैं अर्थशास्त्र के प्रकार दो हैं। अब अर्थशास्त्र के प्रकार के बीच अंतर के बारे में आप जानेंगे। व्यष्टि या सूक्ष्म अर्थशास्त्र जहां एक उपभोक्ता, एक फर्म के व्यवहार और उसकी निर्णय प्रक्रिया का अध्ययन करती है, वहीं व्यष्टि या व्यापक अर्थशास्त्र पूरे समाज, देश और उद्योग का अध्ययन करती है। इसे उदाहरण के रूप में इस तरह समझ सकते हैं कि मान लीजिए एक व्यक्ति बाइक खरीदना चाहता है, तब उसकी मांग का अध्ययन व्यष्टि अर्थशास्त्र में किया जाएगा, पूरे मोटरसाइकिल उद्योग या ऑटोमोबाइल उद्योग की मांग का अध्ययन समष्टि अर्थशास्त्र में किया जाएगा। इसी तरह एक व्यक्ति की आय के स्तर का अध्ययन व्यष्टि में किया जाएगा तो पूरे देश की आय का अध्ययन नेशनल इनकम के रूप में समष्टि अर्थशास्त्र में किया जाएगा।
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अर्थशास्त्र विषय का सिलेबस
इसके सिलेबस में सभी मुख्य विषयों को कवर करने वाले कई मुख्य और वैकल्पिक विषय शामिल हैं। चूंकि वास्तविक सिलेबस विश्वविद्यालय के अनुसार भिन्न हो सकता है, इसलिए हमने इसके तहत सभी प्रमुख टॉपिक्स को नीचे दिया है:
Microeconomics Analysis | quantitative methods |
international business | Statistics and Computer Applications |
Primary statistics | International Finance |
monetary statistics | अभ्यास और वितरण का सिद्धांत |
इलेक्टिव- 1 | अर्थशास्त्र का विकास और विकास |
अंतरराष्ट्रीय वित्त |
विकास का अर्थशास्त्र | परिचयात्मक गणितीय अर्थशास्त्र |
सार्वजनिक अर्थशास्त्र | भारतीय अर्थव्यवस्था की चुनी हुई समस्याएं |
उद्योग का अर्थशास्त्र | कृषि का अर्थशास्त्र |
भारतीय/विदेशी अर्थव्यवस्था में मुद्दे | अर्थशास्त्र में विकास मॉडल |
इलेक्टिव- 2 | अंतरराष्ट्रीय वित्त |
भारतीय सार्वजनिक वित्त |
अर्थशास्त्र विषय पढ़ाने वाली टॉप यूनिवर्सिटीज
यहाँ आपके लिए इस विषय पढ़ाने वाली टॉप यूनिवर्सिटीज की जानकारी दी गई हैं, जिसमें भारतीय और विदेशी यूनिवर्सिटीज शामिल हैं –
अर्थशास्त्र पढ़ाने वाली विदेशी यूनिवर्सिटीज
- ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी
- कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी
- हार्वर्ड यूनिवर्सिटी
- यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, बर्केले
- स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी
- एडिनबर्ग यूनिवर्सिटी
- न्यूकैसल यूनिवर्सिटी
- किंग्स कॉलेज लंदन
- मोनाश यूनिवर्सिटी
- कार्लटन यूनिवर्सिटी
- रायर्सन यूनिवर्सिटी
- ब्रिटिश कोलंबिया यूनिवर्सिटी
- कोवेंट्री यूनिवर्सिटी
- ग्रीनविच यूनिवर्सिटी
- यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्सास एट ऑस्टिन
- मिशिगन यूनिवर्सिटी
- मिडलसेक्स यूनिवर्सिटी
- लंदन साउथ बैंक यूनिवर्सिटी
- एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी
- लंदन स्कूल ऑफ इकॉनॉमिक्स एंड पॉलिटिकल साइंस
अर्थशास्त्र विषय पढ़ाने वाली भारतीय विश्वविद्यालय
- बनारस हिंदू विश्वविद्यालय
- इलाहाबाद विश्वविद्यालय
- दिल्ली विश्वविद्यालय
- गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय
- अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय
- अन्ना विश्वविद्यालय
- लखनऊ विश्वविद्यालय
- मुंबई विश्वविद्यालय
- पुणे विश्वविद्यालय
- लोयोला कॉलेज चेन्नई
- मिरांडा हाउस (दिल्ली)
- मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज
- हिंदू कॉलेज (दिल्ली विश्वविद्यालय)
- श्री वेंकटेश्वर कॉलेज (दिल्ली विश्वविद्यालय)
आप UniConnect के जरिए विश्व के पहले और सबसे बड़े ऑनलाइन विश्वविद्यालय मेले का हिस्सा बनने का मौका पा सकते हैं, जहाँ आप अपनी पसंद के विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि से सीधा संपर्क कर सकेंगे।
अर्थशास्त्र विषय पढ़ने के लिए आवश्यक योग्यता
इसके लिए कुछ सामान्य योग्यताओं के बारे में नीचे बताया गया है–
- बैचलर्स कोर्सेस में प्रवेश लेने के लिए जरूरी है कि उम्मीदवार ने किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से किसी भी स्ट्रीम में 12वीं पूरा किया हो।
- न्यूनतम 50 प्रतिशत अंकों के साथ ग्रेजुएट की डिग्री आवश्यक है, हालांकि प्रतिशत एक कॉलेज से दूसरे कॉलेज में भिन्न हो सकती है।
- भारत में अर्थशास्त्र के लिए कुछ कॉलेज अपनी प्रवेश परीक्षाएं आयोजित करते हैं। (जैसे BHU UET, JNUEE और DUET आदि) जिसके आधार पर छात्रों का चयन किया जाता है। विदेश के कुछ यूनिवर्सिटी के लिए ACT, SAT आदि के स्कोर जरूरी होते हैं।
- मास्टर्स कोर्सेस के लिए जरूरी है कि उम्मीदवार ने किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या कॉलेज से किसी भी स्ट्रीम में बैचलर्स डिग्री प्राप्त की हो।
- मास्टर्स कोर्सेस में एडमिशन के लिए कुछ विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा आयोजित करते हैं इसके बाद ही आप इन कोर्सेस के लिए पात्र हो सकते हैं। विदेश की कुछ यूनिवर्सिटीज में मास्टर्स के लिए GRE स्कोर की अवश्यकता होती है।
- साथ ही विदेश के लिए आपको ऊपर दी गई आवश्यकताओं के साथ IELTS या TOEFL स्कोर की भी आवश्यकता होती है।
- विदेश के विश्वविद्यालयों में एडमिशन के लिए SOP, LOR, CV/रिज्यूमे और पोर्टफोलियो भी जमा करने होंगे।
अर्थशास्त्र पढ़ने के लिए टॉप यूनिवर्सिटीज में आवेदन प्रक्रिया
अर्थशास्त्र पढ़ने के लिए टॉप यूनिवर्सिटीज में आवेदन प्रक्रिया निम्नलिखित है, जिसमें विदेशी और भारतीय यूनिवर्सिटीज में आवेदन प्रक्रिया शामिल हैं –
विदेशी यूनिवर्सिटीज से पढ़ने के लिए आवेदन प्रक्रिया
- आपकी आवेदन प्रक्रिया का फर्स्ट स्टेप सही कोर्स चुनना है, जिसके लिए आप हमारे AI Course Finder की सहायता लेकर अपने पसंदीदा कोर्सेज को शॉर्टलिस्ट कर सकते हैं।
- हमारे एक्सपर्ट्स से कॉन्टैक्ट के पश्चात वे हमारे कॉमन डैशबोर्ड प्लेटफॉर्म के माध्यम से कई विश्वविद्यालयों की आपकी आवेदन प्रक्रिया शुरू करेंगे।
- अगला कदम अपने सभी दस्तावेजों जैसे SOP, निबंध (essay), सर्टिफिकेट्स और LOR और आवश्यक टेस्ट स्कोर जैसे IELTS, TOEFL, SAT, ACT आदि को इकट्ठा करना और सुव्यवस्थित करना है।
- यदि आपने अभी तक अपनी IELTS, TOEFL, PTE, GMAT, GRE आदि परीक्षा के लिए तैयारी नहीं की है, जो निश्चित रूप से विदेश में अध्ययन करने का एक महत्वपूर्ण कारक है, तो आप हमारी Leverage Live कक्षाओं में शामिल हो सकते हैं। ये कक्षाएं आपको अपने टेस्ट में उच्च स्कोर प्राप्त करने का एक महत्त्वपूर्ण कारक साबित हो सकती हैं।
- आपका एप्लीकेशन और सभी आवश्यक दस्तावेज जमा करने के बाद, एक्सपर्ट्स आवास, छात्र वीजा और छात्रवृत्ति / छात्र लोन के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू करेंगे ।
- अब आपके प्रस्ताव पत्र की प्रतीक्षा करने का समय है जिसमें लगभग 4-6 सप्ताह या उससे अधिक समय लग सकता है। ऑफर लेटर आने के बाद उसे स्वीकार करके आवश्यक सेमेस्टर शुल्क का भुगतान करना आपकी आवेदन प्रक्रिया का अंतिम चरण है।
भारतीय यूनिवर्सिटीज से पढ़ने के लिए आवेदन प्रक्रिया
- सबसे पहले अपनी चुनी हुई यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट में जाकर रजिस्ट्रेशन करें।
- यूनिवर्सिटी की वेबसाइट में रजिस्ट्रेशन के बाद आपको एक यूजर नेम और पासवर्ड प्राप्त होगा।
- फिर वेबसाइट में साइन इन के बाद अपने चुने हुए कोर्स का चयन करें जिसे आप करना चाहते हैं।
- अब शैक्षिक योग्यता, वर्ग आदि के साथ आवेदन फॉर्म भरें।
- इसके बाद आवेदन फॉर्म जमा करें और आवश्यक आवेदन शुल्क का भुगतान करें।
- यदि एडमिशन, प्रवेश परीक्षा पर आधारित है तो पहले प्रवेश परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन करें और फिर रिजल्ट के बाद काउंसलिंग की प्रतीक्षा करें। प्रवेश परीक्षा के अंको के आधार पर आपका चयन किया जाएगा और लिस्ट जारी की जाएगी।
अर्थशास्त्र विषय पढ़ने के लिए आवश्यक दस्तावेज
विदेशी विश्वविद्यालय में एडमिशन लेने के लिए नीचे दिए गए डॉक्यूमेंट होने आवश्यक है:
- सभी आधिकारिक शैक्षणिक ट्रांसक्रिप्टस और ग्रेड कार्ड
- पासपोर्ट साइज फोटो
- पासपोर्ट फोटोकॉपी
- वीजा
- अपडेट किया गया रिज्यूमे (professional resume)
- अंग्रेजी भाषा कुशलता परीक्षा के अंक
- सिफारिश पत्र या LOR
- स्टेटमेंट ऑफ़ पर्पस
छात्र वीजा प्रोसेस में मदद के लिए भी हमारे Leverage Edu विशेषज्ञ की सहायता ले सकते हैं।
अर्थशास्त्र विषय की सर्वश्रेष्ठ पुस्तकें
नीचे दी गई किताबें जो ज्यादातर अर्थशास्त्र विषय के लिए टॉप कॉलेजों में संदर्भ के रूप में उपयोग की जाती हैं:
बुक का नाम | लेखक का नाम | यहां से खरीदें |
सूक्ष्म और स्थूल अर्थशास्त्र | चन्द्रशेखरन | यहां से खरीदें |
परिचयात्मक मैक्रोइकॉनॉमिक्स | संदीप गर्ग | यहां से खरीदें |
भारतीय सार्वजनिक वित्त | डॉ एम एल सेठ | यहां से खरीदें |
कर और कॉर्पोरेट कानून | मिस्टर राजेश | यहां से खरीदें |
अर्थशास्त्र विषय के लिए एंट्रेंस एग्जाम
इस विषय के लिए एडमिशन आमतौर पर दो तरीकों से हो सकता है – मेरिट और प्रवेश परीक्षा के आधार पर। हर यूनिवर्सिटी में प्रवेश प्रक्रिया अलग-अलग हो सकती है।
- मेरिट के आधार पर: कुछ यूनिवर्सिटी में अर्थशास्त्र विषय के लिए एडमिशन मेरिट पर आधारित होता है। इसमें यूनिवर्सिटी या कॉलेज में योग्यता और कट ऑफ को पूरा करने वाले आवेदकों को प्रोविजनल प्रवेश की पेशकश की जाती है।
- प्रवेश परीक्षा के आधार पर: अर्थशास्त्र विषय में छात्रों को प्रवेश देने के लिए कई कॉलेज और विश्विद्यालयों द्वारा प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाती हैं। प्रवेश प्रक्रिया के लिए उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट किया जाता है, जिसमें इन प्रवेश परीक्षाओं को पास करने के बाद काउंसलिंग राउंड शामिल हैं। नीचे कुछ प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों के एंट्रेंस एग्जाम के नाम दिए गए हैं :
अर्थशास्त्र विषय चुनने के बाद करियर स्कोप
शिक्षा कभी समाप्त नहीं होती है और यदि स्टूडेंट्स आगे अध्ययन करने की क्षमता और इच्छा करते हैं, तो पीएच.डी. अर्थशास्त्र में या किसी अन्य संबंधित रिसर्च क्षेत्र में वह अपना करियर बना सकते हैं। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी), लोयोला कॉलेज, भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम),ऑक्सफोर्ड, कैम्ब्रिज आदि जैसे शीर्ष विश्वविद्यालय हैं, जो अर्थशास्त्र में पीएचडी की पेशकश करते हैं। अर्थशास्त्र विषय के बाद चुनने के लिए विशिष्ट पाठ्यक्रम नीचे दिए गए हैं जो एक स्टूडेंट आसानी से चुन सकते हैं-
- MPhil (Economics)
- PhD (Agriculture Economics)
- PhD in Economics
- PhD (Business Economics)
अर्थशास्त्र पढ़ने के बाद मिलने वाली जॉब प्रोफाइल्स व सैलरी
यह विषय चुनने के बाद आपके पास रोजगार के बेहतरीन अवसर हैं। आप देश-विदेश में करियर बना सकते हैं। Payscale के अनुसार उनका औसत वार्षिक वेतन नीचे दिया गया हैं:
रोजगार के अवसर | वार्षिक वेतन (INR) |
प्रोफेसर | 3-5 लाख |
अर्थशास्त्री | 7-8 लाख |
प्राथमिक स्कूल शिक्षक | 5-6 लाख |
रिसर्च एनालिस्ट | 5-7 लाख |
डेटा एनालिस्ट | 3-4 लाख |
हाई स्कूल टीचर | 2-4 लाख |
संचालन निदेशक | 8-10 लाख |
प्रोजेक्ट मैनेजर | 10-15 लाख |
आप Leverage Finance की मदद से विदेश में पढ़ाई करने के लिए अपने कोर्स और विश्वविद्यालय के अनुसार एजुकेशन लोन भी पा सकते हैं।
अर्थशास्त्र से जुड़ें कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न उत्तर के साथ
एडम स्मिथ को अर्थशास्त्र का पितामह भी कहा जाता है जो एक ब्रिटिश नीतिवेत्ता, दार्शनिक और राजनैतिक अर्थशास्त्री थे।
‘अर्थशास्त्र’ की रचना ‘शासन-विधि’ के रूप में प्रथम मौर्य सम्राट चन्द्रगुप्त के लिए की गई। अत: इसकी रचना का काल वही मानना उचित है, जो सम्राट चन्द्रगुप्त का काल है।
वर्तमान में अर्थशास्त्र दो प्रकार के होते हैं – व्यष्टि अर्थशास्त्र और समष्टि अर्थशास्त्र।
व्यष्टि अर्थशास्त्र तथा समष्टि अर्थशास्त्र अर्थशास्त्र की दो महत्वपूर्ण शाखाएं हैं।
‘अर्थशास्त्र’ शब्द दो ग्रीक शब्दों ‘इको’ का अर्थ घर और ‘नोमोस’ का अर्थ लेखा से बना है।
इसका अध्ययन हमें अतीत, भविष्य और वर्तमान मॉडलों को समझने और उन्हें समाजों, सरकारों, व्यवसायों और व्यक्तियों पर लागू करने में सक्षम बनाता है।
यह संसाधनों के उपयोग, वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन, उत्पादन की वृद्धि और समय के साथ कल्याण, और समाज के लिए महत्वपूर्ण चिंता के अन्य जटिल मुद्दों की एक बड़ी विविधता का अध्ययन है।
FAQs
कोविड 19 के कारण दुनिया भर में परीक्षा केंद्र बंद होने के कारण, विश्वविद्यालय वर्तमान में TOEFL ऑनलाइन और IELTS संकेतक को मान्य अंग्रेजी दक्षता परीक्षण के रूप में स्वीकार कर रहा है।
आवेदन के साथ यदि आवश्यक हो तो आवेदकों को व्यक्तिगत विवरण और एक अकादमिक विवरण जमा करना होगा।
इंटरनेशनल कॉलेज में कुछ प्रोग्राम्स के लिए इंटरव्यू की आवश्यकता होती है। यदि कोई उम्मीदवार योग्यता के मानदंडों को पूरा नहीं करता है, तो निश्चित रूप से विश्वविद्यालय इंटरव्यू के लिए बुलाता है। यदि उम्मीदवार किसी अन्य देश से है, तो ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इंटरव्यू लिया जाता है।
हार्वर्ड यूनिवर्सिटी, ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय, डलहौजी विश्वविद्यालय, स्टैफोर्डशायर विश्वविद्यालय, अल्बर्टा विश्वविद्यालय, ब्रिटिश कोलंबिया विश्वविद्यालय आदि हैं।
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, इलाहाबाद विश्वविद्यालय,दिल्ली विश्वविद्यालय, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, अन्ना विश्वविद्यालय आदि हैं।
यह मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं –
व्यष्टि अर्थशास्त्र (Micro Economics)
समष्टि अर्थशास्त्र (Macro Economics)
अर्थशास्त्र सामाजिक विज्ञान की वह शाखा है, जिसके अन्तर्गत वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन, वितरण, विनिमय और उपभोग का अध्ययन किया जाता है। ‘अर्थशास्त्र’ शब्द संस्कृत शब्दों अर्थ (धन) और शास्त्र की संधि से बना है, जिसका शाब्दिक अर्थ है – ‘धन का अध्ययन’।
आर्थिक वृद्धि (Economic Growth) केवल वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन में वृद्धि को दर्शाती है, जबकि आर्थिक विकास (Economic Development) किसी देश की समग्र प्रगति, जैसे शिक्षा, स्वास्थ्य और जीवन स्तर में सुधार को भी शामिल करता है।
मुद्रा स्फीति वह स्थिति होती है जब वस्तुओं और सेवाओं की कीमतें लगातार बढ़ती हैं, जिससे मुद्रा का मूल्य घटता है। यह आम लोगों की क्रय शक्ति को प्रभावित कर सकती है और आर्थिक अस्थिरता का कारण बन सकती है।
GDP (Gross Domestic Product) किसी देश के भीतर एक निश्चित समय में उत्पादित सभी वस्तुओं और सेवाओं के कुल मूल्य को दर्शाता है। यह देश की आर्थिक प्रगति को मापने का एक महत्वपूर्ण संकेतक है।
आर्थिक मंदी एक ऐसी स्थिति है जब किसी देश की अर्थव्यवस्था में लगातार दो तिमाही तक GDP गिरावट का सामना करती है। इससे बेरोजगारी बढ़ती है, निवेश घटता है और लोगों की आय पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
भारतीय अर्थव्यवस्था कृषि, विनिर्माण, सेवा क्षेत्र और सूचना प्रौद्योगिकी जैसे विभिन्न क्षेत्रों पर आधारित है। सेवा क्षेत्र (IT और बैंकिंग) भारत की GDP में सबसे अधिक योगदान देता है।
हमें उम्मीद है कि इस लेख में अर्थशास्त्र विषय की विस्तृत जानकारी आपको पसंद आई होंगी। इसी प्रकार के अन्य ब्लॉग्स पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट Leverage Edu के साथ बने रहें।