इकोनॉमिक्स सब्जेक्ट क्या है?

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इकनॉमिक्स एक बड़ा सब्जेक्ट है, लेकिन इसे मोटे तौर पर विभिन्न बाज़ारों के अध्ययन के रूप में समझा जा सकता है। इस विषय में अर्थव्यवस्था शामिल होती है और कैसे बाज़ारों में खरीददार और लेनदार अपने संसाधनों का उपयोग करके आगे बढ़ते हैं। पूरे विश्व की अर्थव्यवस्था कैसे चलती है, जीडीपी, इन्फ्लेशन और अनएम्प्लॉयमेंट जैसे विषयों के बारे में गहराई से पढ़ाया जाता है। इकोनॉमिक्स सब्जेक्ट के बारे में विस्तार से जानने के लिए यह ब्लॉग पढ़ें। 

अर्थशास्त्र क्या है? 

अर्थशास्त्र एक ऐसा विषय है जो वस्तुओं और सेवाओं के उत्पादन, वितरण और उपभोग से संबंधित है। इकोनॉमिक्स में यह सिखाया जाता है कि कैसे व्यक्ति, बिज़नेस, सरकारें और राष्ट्र संसाधनों को आवंटित करने के तरीके के बारे में चुनाव करते हैं। चूंकि हमारी आवश्यकताएं असीमित है और संसाधन सीमित है। सीमित संसाधनों को काम में लेने के कई अलग-अलग तरीके हैं, यह निर्धारित करना अर्थशास्त्र का कार्य है कि कौन से तरीके अच्छे परिणाम देते हैं।

इकोनॉमिक्स के प्रकार 

इकोनॉमिक्स के प्रकार दो हैं जो इस प्रकार हैं:

  1. माइक्रो इकोनॉमिक्स 
  2. मैक्रो इकोनॉमिक्स 

माइक्रो इकोनॉमिक्स  

माइक्रो, जैसा कि इसके नाम से ही इसके बारे में समझ में आता है। यह अर्थशास्त्र एक व्यक्ति या एक फर्म के व्यवहार का अध्ययन करता है। इसमें व्यक्ति या एक फर्म के उन आर्थिक निर्णयों को समझने का प्रयास किया जाता है, जो वह किसी भी आर्थिक गतिविधि को सम्पन्न करने से पहले लेता है। जैसे किसी वस्तु की कीमत घट या बढ़ गई तो उस वस्तु को खरीदने को लेकर क्या निर्णय रहेगें। यानि अर्थशास्त्र उपभोक्ता के व्यवहार को समझने का प्रयास करती है। माइक्रो इकोनॉमिक्स यह समझाने की कोशिश करता है कि अलग-अलग वस्तुओं का अलग-अलग मूल्य कैसे और क्यों होता है, कैसे व्यक्ति वित्तीय निर्णय लेते हैं ।

माइक्रो इकोनॉमिक्स की ब्रांचेस  

माइक्रो इकोनॉमिक्स की ब्रांचेस  के बारे में विस्तार से नीचे बताया गया है :

1. कंज़्यूमर बिहेवियर थ्योरी 

कंज़्यूमर बिहेवियर थ्योरी में निम्न मुख्य बिन्दु शामिल हैं-

  • यूटिलिटी एनालिसिस 
  • लॉ ऑफ़ डिमांड 
  • कंज़्यूमर सेविंग्स 
  • कंस्यूमर मैनिफेस्ट प्रिफरेंस प्रिंसिपल

2. प्रिंसिपल ऑफ़ प्रोडक्शन फंक्शन  

प्रिंसिपल ऑफ़ प्रोडक्शन फंक्शन में निम्न मुख्य बिन्दु शामिल हैं-

  • रेवेन्यू प्रिंसिपल 
  • रिवार्ड्स ऑफ़ रिसोर्सेज 
  • वेरिएबल इंस्ट्रूमेंट 
  • थ्योरी ऑफ़ रिटर्न्स तो स्केल 
  • कॉस्ट थ्योरी 

3. मार्केट कॉन्सेप्ट और प्राइसिंग थ्योरी 

मार्केट कॉन्सेप्ट और प्राइसिंग थ्योरी में निम्न मुख्य बिन्दु शामिल हैं-

  • परफेक्ट कम्पटीशन बाजार में कीमत निर्धारण
  • मोनोपोलिस्टिक बाजार और कीमत निर्धारण

4. डिस्ट्रीब्यूशन थ्योरी 

डिस्ट्रीब्यूशन थ्योरी में निम्न मुख्य बिन्दु शामिल हैं-

  • विभिन्न बाजारों में साधानों की कीमत निर्धारण
  • मजदूरी
  • रेंट प्रिंसिपल 
  • प्रिंसिपल ऑफ़ इंटरेस्ट 
  • प्रॉफिट प्रिंसिपल 
  • गैम थ्योरी 

5. वेलफेयर इकोनॉमिक्स  

वेलफेयर इकोनॉमिक्स में निम्न मुख्य बिन्दु शामिल हैं-

  • पैरेटों की ऑप्टिमम वेलफेयर थ्योरी 
  • वेलफेयर इकोनॉमिक्स 

मैक्रो इकोनॉमिक्स 

मैक्रोइकॉनॉमिक्स में अर्थव्यवस्था का समग्र अध्ययन किया जाता है। इसके फोकस में एक विशिष्ट भौगोलिक क्षेत्र, एक देश, एक महाद्वीप या यहां तक कि पूरी दुनिया शामिल हो सकती है। अध्ययन विषयों में विदेश व्यापार, गवर्नमेंट फिस्कल एंड मोनेटरी पॉलिसी, अनएम्प्लॉयमेंट रेट, इन्फ्लेशन लेवल एंड इंटरेस्ट रेट, द ग्रोथ ऑफ़ एग्रीगेट आउटपुट, आउटपुट अस रिफ्लेक्टेड बाय चेंज इन जीडीपी एंड बिज़नेस साइकिल शामिल हैं, जिसके परिणामस्वरूप विस्तार होता है। उछाल, मंदी और डिप्रेशन आदि इसमें शामिल है।

मैक्रो इकोनॉमिक्स का क्षेत्र 

मैक्रो इकोनॉमिक्स के क्षेत्र के बारे में नीचे बताया गया है:

  • क्लासिकल, कीन्सियन, न्यू क्लासिकल और नव कीन्सियन अर्थशास्त्र
  • मैक्रोइकॉनॉमिक गतिविधियां
  • राष्ट्रीय आय
  • थ्योरी ऑफ़ मनी 
  • थ्योरी ऑफ़ मनी सप्लाई 
  • इन्फ्लेशन 
  • उत्पत्ति व रोजगार का निर्धारण
  • क्लासिकल व कीन्सियन मॉडल्र
  • मल्टीप्लायर एंड एक्सेलरेटर कांसेप्ट 
  • बिज़नेस साइकिल 
  • बैंकिंग
  • मोनेटरी पॉलिसी 
  • राजकोषीय नीति

नोट : अर्थव्यवस्था मूलत: दो ही प्रकार की होती है-व्यष्टि अर्थशास्त्र और समष्टि अर्थशास्त्र। लेकिन ज्यों-ज्यों अर्थशास्त्र का महत्व और स्कोप बढ़ता गया। इसके आगे और विभाजन होते गए। इस प्रकार अर्थशास्त्र को निम्र भागों में बांट सकते हैं-

  • इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स 
  • पब्लिक फाइनेंस 
  • करेंसी एंड बैंकिंग 
  • बिज़नेस इकोनॉमिक्स 

माइक्रो और मैक्रो इकोनॉमिक्स में अंतर

जैसा की आप जान गए हैं अर्थशास्त्र के प्रकार दो हैं। अब अर्थशास्त्र के प्रकार के बीच अंतर के बारे में आप जानेंगे। माइक्रो इकोनॉमिक्स जहां एक उपभोक्ता, एक फर्म के व्यवहार और उसकी निर्णय प्रक्रिया का अध्ययन करती है, वहीं मैक्रो इकोनॉमिक्स पूरे समाज, देश और उद्योग का अध्ययन करती है। इसे उदाहरण के रूप में इस तरह समझ सकते हैं कि मान लीजिए एक व्यक्ति बाइक खरीदना चाहता है, तब उसकी मांग का अध्ययन माइक्रो इकोनॉमिक्स में किया जाएगा, पूरे मोटरसाइकिल उद्योग या ऑटोमोबाइल उद्योग की मांग का अध्ययन मैक्रो इकोनॉमिक्स में किया जाएगा। इसी तरह एक व्यक्ति की आय के स्तर का अध्ययन माइक्रो इकोनॉमिक्स में किया जाएगा तो पूरे देश की आय का अध्ययन नेशनल इनकम के रूप में मैक्रो इकोनॉमिक्स में किया जाएगा।

इकोनॉमिक्स सिलेबस PDF

इकोनॉमिक्स सिलेबस की PDF डाउनलोड करने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें।

इकोनॉमिक्स सब्जेक्ट

इकोनॉमिक्स अपने आप में इतना वाइड क्षेत्र है, जिसमें देश से लेकर पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था शामिल है। वैश्वीकरण के बाद से पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था आपस में जुडी हुई है। एक देश में होने वाली घटना अन्य कई देशों की अर्थव्यवस्था को प्रभावित करती है जैसे- रूस और यूक्रेन के बीच होने वाले युद्ध ने पूरी दुनिया की अर्थव्यवस्था को प्रभावित किया परिणामस्वरूप महंगाई बढ़ गई, तेल की कीमतों ने आसमान छू लिया। ऐसे ही पूरी दुनिया को जोड़ने वाले इकोनॉमिक्स सब्जेक्ट के बारे में नीचे बताया गया है: 

  • माइक्रो इकोनॉमिक्स थ्योरी 
  • माइक्रो इकोनॉमिक्स 
  • मैक्रो इकोनॉमिक्स  
  • इंट्रोडक्टरी मैथेमेटिकल इकोनॉमिक्स 
  • इंट्रोडक्टरी इकोनोमेट्रिक्स
  • इंटरनेशनल ट्रेड 
  • मैक्रोइकॉनॉमिक्स थ्योरी 
  • थ्योरी ऑफ़ प्राइसिंग एंड डिस्ट्रीब्यूशन 
  • इंटरनेशनल फाइनेंस 
  • क्वांटिटेटिव मेथड 
  • डेवलपमेंट इकोनॉमिक्स 
  • इंटरनेशनल इकोनॉमिक्स 
  • इंडस्ट्रियल इकोनॉमिक्स 
  • एनवायर्नमेंटल इकोनॉमिक्स 
  • ग्लोबलाइजेशन एंड इकोनॉमिक्स 
  • पब्लिक इकोनॉमिक्स 
  • इकोनोमेट्रिक्स
  • फाइनेंसियल इकोनॉमिक्स 
  • इकोनॉमिक्स ऑफ़ इंफ्रास्ट्रक्चर 
  • इकोनॉमिक्स डेमोग्राफी 
  • इकनोमिक एंड लॉ 
  • पब्लिक फाइनेंस 
  • मनी एंड बैंकिंग 
  • मार्केट एंड फाइनेंसियल इंस्टीटूशन 
  • इंफ्रास्ट्रक्टर इकोनॉमिक्स 
  • इंस्युरेन्स इकोनॉमिक्स 
  • जेंडर एंड डेवलपमेंट इकोनॉमिक्स 
  • सेक्टर ऑफ़ इंडियन इकोनॉमी 
  • एनवायर्नमेंटल इकोनॉमिक्स 
  • गेम थ्योरी 
  • बिहेवियरल इकोनॉमिक्स
  • इंडियन इकॉनमी  
  • स्टेटिस्टिक्स  
  • मैथेमेटिकल इकोनॉमिक्स  

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इकोनॉमिक्स सब्जेक्ट के लिए विदेशी टॉप विश्वविद्यालय

इकोनॉमिक्स सब्जेक्ट के लिए विदेशी विश्वविद्यालय की लिस्ट नीचे दी गई है–

इकोनॉमिक्स सब्जेक्ट के लिए भारतीय टॉप विश्वविद्यालय 

इकोनॉमिक्स सब्जेक्ट के लिए भारतीय विश्वविद्यालय की लिस्ट नीचे दी गई है–

  • बनारस हिंदू विश्वविद्यालय
  • इलाहाबाद विश्वविद्यालय
  • दिल्ली विश्वविद्यालय
  • गुरु गोबिंद सिंह इंद्रप्रस्थ विश्वविद्यालय
  • अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय
  • अन्ना विश्वविद्यालय
  • लखनऊ विश्वविद्यालय
  • मुंबई विश्वविद्यालय
  • पुणे विश्वविद्यालय
  • लोयोला कॉलेज चेन्नई
  • मिरांडा हाउस (दिल्ली)
  • मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज
  • हिंदू कॉलेज (दिल्ली विश्वविद्यालय)
  • श्री वेंकटेश्वर कॉलेज (दिल्ली विश्वविद्यालय)

आप UniConnect के जरिए विश्व के पहले और सबसे बड़े ऑनलाइन विश्वविद्यालय मेले का हिस्सा बनने का मौका पा सकते हैं, जहाँ आप अपनी पसंद के विश्वविद्यालय के प्रतिनिधि से सीधा संपर्क कर सकेंगे।

इकोनॉमिक्स सब्जेक्ट के लिए योग्यता

इकोनॉमिक्स सब्जेक्ट के लिए कुछ सामान्य योग्यताओं के बारे में नीचे बताया गया है–

  • बैचलर्स कोर्सेस में प्रवेश लेने के लिए जरूरी है कि उम्मीदवार ने किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से किसी भी स्ट्रीम में 12वीं पूरा किया हो। 
  • न्यूनतम 50 प्रतिशत अंकों के साथ ग्रेजुएट की डिग्री आवश्यक है, हालांकि प्रतिशत एक कॉलेज से दूसरे कॉलेज में भिन्न हो सकती है।
  • भारत में अर्थशास्त्र के लिए कुछ कॉलेज अपनी प्रवेश परीक्षाएं आयोजित करते हैं। (जैसे BHU UET, JNUEE और DUET आदि) जिसके आधार पर छात्रों का चयन किया जाता है। विदेश के कुछ यूनिवर्सिटी के लिए ACT, SAT आदि के स्कोर जरूरी होते हैं।
  • मास्टर्स कोर्सेस के लिए जरूरी है कि उम्मीदवार ने किसी मान्यता प्राप्त विश्वविद्यालय या कॉलेज से किसी भी स्ट्रीम में बैचलर्स डिग्री प्राप्त की हो।
  • मास्टर्स कोर्सेस में एडमिशन के लिए कुछ विश्वविद्यालय प्रवेश परीक्षा आयोजित करते हैं इसके बाद ही आप इन कोर्सेस के लिए पात्र हो सकते हैं। विदेश की कुछ यूनिवर्सिटीज में मास्टर्स के लिए GRE स्कोर की अवश्यकता होती है।
  • साथ ही विदेश के लिए आपको ऊपर दी गई आवश्यकताओं के साथ IELTS या TOEFL स्कोर की भी आवश्यकता होती है।
  • विदेश के विश्वविद्यालयों में एडमिशन के लिए SOP, LOR, CV/रिज्यूमे  और पोर्टफोलियो भी जमा करने होंगे।

आवेदन प्रक्रिया 

विदेश के विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया इस प्रकार है–

  • आपकी आवेदन प्रक्रिया का फर्स्ट स्टेप सही कोर्स चुनना है, जिसके लिए आप AI Course Finder की सहायता लेकर अपने पसंदीदा कोर्सेज को शॉर्टलिस्ट कर सकते हैं। 
  • एक्सपर्ट्स से कॉन्टैक्ट के पश्चात वे कॉमन डैशबोर्ड प्लेटफॉर्म के माध्यम से कई विश्वविद्यालयों की आपकी आवेदन प्रक्रिया शुरू करेंगे। 
  • अगला कदम अपने सभी दस्तावेज़ों जैसे SOP, निबंध, सर्टिफिकेट्स और LOR और आवश्यक टैस्ट स्कोर जैसे IELTS, TOEFL, SAT, ACT आदि को इकट्ठा करना और सुव्यवस्थित करना है। 
  • यदि आपने अभी तक अपनी IELTS, TOEFL, PTE, GMAT, GRE आदि परीक्षा के लिए तैयारी नहीं की है, जो निश्चित रूप से विदेश में अध्ययन करने का एक महत्वपूर्ण कारक है, तो आप Leverage Live कक्षाओं में शामिल हो सकते हैं। ये कक्षाएं आपको अपने टेस्ट में उच्च स्कोर प्राप्त करने का एक महत्त्वपूर्ण कारक साबित हो सकती हैं।
  • आपका एप्लीकेशन और सभी आवश्यक दस्तावेज़ जमा करने के बाद, एक्सपर्ट्स आवास, छात्र वीज़ा और छात्रवृत्ति/छात्र लोन के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू करेंगे । 
  • अब आपके प्रस्ताव पत्र की प्रतीक्षा करने का समय है जिसमें लगभग 4-6 सप्ताह या उससे अधिक समय लग सकता है। ऑफर लैटर आने के बाद उसे स्वीकार करके आवश्यक सेमेस्टर शुल्क का भुगतान करना आपकी आवेदन प्रक्रिया का अंतिम चरण है। 

भारत के विश्वविद्यालयों में आवेदन प्रक्रिया, इस प्रकार है–

  • सबसे पहले अपनी चुनी हुई यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट में जाकर रजिस्ट्रेशन करें।
  • यूनिवर्सिटी की वेबसाइट में रजिस्ट्रेशन के बाद आपको एक यूज़र नेम और पासवर्ड प्राप्त होगा।
  • फिर वेबसाइट में साइन इन के बाद अपने चुने हुए कोर्स का चयन करें जिसे आप करना चाहते हैं।
  • अब शैक्षिक योग्यता, वर्ग आदि के साथ आवेदन फॉर्म भरें।
  • इसके बाद आवेदन फॉर्म जमा करें और आवश्यक आवेदन शुल्क का भुगतान करें। 
  • यदि एडमिशन, प्रवेश परीक्षा पर आधारित है तो पहले प्रवेश परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन करें और फिर रिजल्ट के बाद काउंसलिंग की प्रतीक्षा करें। प्रवेश परीक्षा के अंको के आधार पर आपका चयन किया जाएगा और लिस्ट जारी की जाएगी।

आवश्यक दस्तावेज़  

कुछ ज़रूरी दस्तावेज़ों की लिस्ट नीचे दी गई हैं–

इकोनॉमिक्स सब्जेक्ट की बेस्ट बुक्स

नीचे दी गई किताबें जो ज्यादातर इकोनॉमिक्स सब्जेक्ट के लिए शीर्ष कॉलेजों में संदर्भ के रूप में उपयोग की जाती हैं:

बुक का नामलेखक का नामयहां से खरीदें
सूक्ष्म और स्थूल अर्थशास्त्रचन्द्रशेखरनयहां से खरीदें
परिचयात्मक मैक्रोइकॉनॉमिक्ससंदीप गर्गयहां से खरीदें
भारतीय सार्वजनिक वित्तडॉ एम एल सेठयहां से खरीदें
कर और कॉर्पोरेट कानूनमिस्टर राजेश यहां से खरीदें
सार्वजनिक वित्त एवं अन्तर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्र डॉ. जे.पी. मिश्रा और डॉ. के.एल. गुप्तायहाँ से खरीदें 
अंतर्राष्ट्रीय अर्थशास्त्रप्रो. बी. एल. ओझा, मनोज कुमार ओझायहाँ से खरीदें 
अर्थशास्त्र में प्राम्भिक गणितडॉ मेहता और डॉ मदनानीयहाँ से खरीदें 
व्यावसायिक अर्थशास्त्रडॉ. जे.पी. मिश्रायहाँ से खरीदें 
अर्थशास्त्रडॉ. जे.पी. मिश्रायहाँ से खरीदें 

इकोनॉमिक्स सब्जेक्ट के लिए एंट्रेंस एग्जाम 

इकोनॉमिक्स सब्जेक्ट के लिए एडमिशन आमतौर पर दो तरीकों से हो सकता है – मेरिट और प्रवेश परीक्षा के आधार पर। हर यूनिवर्सिटी में प्रवेश प्रक्रिया अलग-अलग हो सकती है।

  • मेरिट के आधार पर: कुछ यूनिवर्सिटी में इकोनॉमिक्स सब्जेक्ट के लिए एडमिशन मेरिट पर आधारित होता है। इसमें यूनिवर्सिटी या कॉलेज में योग्यता और कट ऑफ को पूरा करने वाले आवेदकों को प्रोविजनल प्रवेश की पेशकश की जाती है। 
  • प्रवेश परीक्षा के आधार पर: इकोनॉमिक्स सब्जेक्ट में छात्रों को प्रवेश देने के लिए कई कॉलेज और विश्विद्यालयों द्वारा प्रवेश परीक्षा आयोजित की जाती हैं। प्रवेश प्रक्रिया के लिए उम्मीदवारों को शॉर्टलिस्ट किया जाता है, जिसमें इन प्रवेश परीक्षाओं को पास करने के बाद काउंसलिंग राउंड शामिल हैं। नीचे कुछ प्रसिद्ध विश्वविद्यालयों के एंट्रेंस एग्जाम के नाम दिए गए हैं :
SAT (विदेश में बैचलर्स के लिए)GRE (विदेश में मास्टर्स के लिए)
BHU UETDUET
JNUEEAUCET
CUEETS CPGET

जॉब प्रोफाइल्स व सैलरी

इकोनॉमिक्स सब्जेक्ट चुनने के बाद आपके पास रोजगार के बेहतरीन अवसर हैं। आप देश-विदेश में करियर बना सकते हैं। Payscale के अनुसार उनका औसत वार्षिक वेतन नीचे दिया गया हैं:

रोजगार के अवसरवार्षिक वेतन (INR)
प्रोफेसर3-5 लाख
अर्थशास्त्री7-8 लाख
प्राथमिक स्कूल शिक्षक5-6 लाख
रिसर्च एनालिस्ट5-7 लाख
डेटा एनालिस्ट3-4 लाख
हाई स्कूल टीचर2-4 लाख
संचालन निदेशक8-10 लाख
प्रोजेक्ट मैनेजर10-15 लाख

FAQs  

एक अंतरराष्ट्रीय छात्र के पास अन्य विकल्प क्या हैं यदि वे विश्वविद्यालय में प्रवेश के लिए अंग्रेजी दक्षता परीक्षा नहीं दे सकते हैं?

कोविड 19 के कारण दुनिया भर में परीक्षा केंद्र बंद होने के कारण, विश्वविद्यालय वर्तमान में TOEFL ऑनलाइन और IELTS संकेतक को मान्य अंग्रेजी दक्षता परीक्षण के रूप में स्वीकार कर रहा है।

क्या मुझे आवेदन के साथ कोई अतिरिक्त सहायक दस्तावेज जमा करने की आवश्यकता है?

आवेदन के साथ यदि आवश्यक हो तो आवेदकों को व्यक्तिगत विवरण और एक अकादमिक विवरण जमा करना होगा।

क्या इंटरनेशनल कॉलेज में प्रवेश के लिए इंटरव्यू की आवश्यकता है?

इंटरनेशनल कॉलेज में कुछ प्रोग्राम्स के लिए इंटरव्यू की आवश्यकता होती है। यदि कोई उम्मीदवार योग्यता के मानदंडों को पूरा नहीं करता है, तो निश्चित रूप से विश्वविद्यालय इंटरव्यू के लिए बुलाता है। यदि उम्मीदवार किसी अन्य देश से है, तो ऑनलाइन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से इंटरव्यू लिया जाता है।

अर्थशास्त्र विषय चुनने के लिए प्रमुख भारतीय विश्वविद्यालय कौन-कौन से हैं?

बनारस हिंदू विश्वविद्यालय, इलाहाबाद विश्वविद्यालय,दिल्ली विश्वविद्यालय, अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय, अन्ना विश्वविद्यालय आदि हैं।

अर्थशास्त्र के प्रकार क्या हैं?

अर्थशास्त्र के प्रकार दो हैं :
व्यष्टि अर्थशास्त्र (Micro Economics)
समष्टि अर्थशास्त्र (Macro Economics)

हमें उम्मीद है कि इस ब्लॉग ने आपको इकोनॉमिक्स सब्जेक्ट क्या है के बारे में सभी जानकारी प्रदान की है। यदि आप विदेश में इकोनॉमिक्स की पढ़ाई करना चाहते हैं, तो आज ही 1800 572 000 पर कॉल करके हमारे Leverage Edu के एक्सपर्ट्स के साथ 30 मिनट का फ्री सेशन बुक करें। वे एक उचित मार्गदर्शन के साथ विदेशी विश्वविद्यालय की आवदेन प्रकिया में भी आपकी मदद करेंगे।

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