प्रतियोगी परीक्षाओं में करंट अफेयर्स से जुड़े क्वेश्चन पूछे जाते हैं, क्योंकि करंट अफेयर्स का उद्देश्य मनुष्य की समझ को विस्तार करना है। UPSC में प्री और मेंस एग्जाम के अलावा इंटरव्यू का भी महत्वपूर्ण रोल है, इसलिए कैंडिडेट्स को देश-दुनिया के बारे में जानना होगा और बड़ी घटनाओं को समझना होगा। इस ब्लाॅग में हम भारत के पहले वित्त मंत्री कौन थे के बारे में जानेंगे जिससे आपकी तैयारी को मजबूती मिलेगी।
भारत के पहले वित्त मंत्री कौन थे?
आर. के. शनमुखम चेट्टी स्वतंत्र भारत के पहले वित्त मंत्री थे और उन्होंने पहला बजट पेश किया था। वित्त मंत्री भारत सरकार में वित्त मंत्रालय का प्रमुख होता है। वित्त मंत्री केंद्रीय मंत्रिमंडल की सबसे वरिष्ठ भूमिकाओं में से राजकोषीय नीतियों का प्रभारी है। वित्त मंत्री के प्राथमिक कार्यों में से एक वार्षिक केंद्रीय बजट को संसद में पेश करना है, जिसमें अगले वित्तीय वर्ष के लिए सरकार के कर और खर्च के इरादों का विवरण होता है। बजट में वित्त मंत्री कई विभागों और मंत्रालयों के खर्चों का ब्योरा देते हैं।
आर. के. शनमुखम चेट्टी के बारे में
आर. के. शनमुखम चेट्टी का जन्म 17 अक्टूबर 1892 को कोयंबटूर में हुआ था। उन्होंने मद्रास क्रिश्चियन कॉलेज में अर्थशास्त्र की पढ़ाई की और मद्रास लॉ कॉलेज से लाॅ में स्नातक किया था। अपनी शिक्षा पूरी करने के बाद वह राजनीति में शामिल हो गए और भारतीय राष्ट्रवादी स्वराज पार्टी और जस्टिस पार्टी दोनों में काम किया था।
आर. के. शनमुखम चेट्टी के प्रमुख कार्य
1917 में चेट्टी कोयंबटूर नगर पालिका के पार्षद बने। उन्होंने अपना राजनीतिक जीवन भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के साथ शुरू किया लेकिन बाद में मद्रास की जस्टिस पार्टी में स्थानांतरित हो गए। वे 1920 में मद्रास विधान सभा के लिए चुने गए। 1923 में वे केंद्रीय विधान सभा के लिए चुने गए।
आर. के. शनमुखम चेट्टी 1935 से 1941 तक कोचीन साम्राज्य के दीवान भी रहे। वकील, अर्थशास्त्री, उद्योगपति और राजनीतिज्ञ चेट्टी ने वित्त मंत्री की भूमिका निभाने से पहले 1933 से 1935 तक भारत की केंद्रीय विधान सभा के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया था।
1931 में चेट्टी ने केंद्रीय विधान सभा में एक विधेयक पेश किया जिसमें अछूत समुदाय के खिलाफ भेदभाव को खत्म करने की मांग की गई। चेट्टी अपने आर्थिक और कानूनी कौशल के लिए प्रसिद्ध थे। उन्होंने कई अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत का प्रतिनिधित्व किया, जिनमें 1928, 1929 और 1930 में जिनेवा में अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन सम्मेलन, 1944 में ब्रेटन वुड्स में विश्व मौद्रिक सम्मेलन और 1938 में लीग ऑफ नेशंस की असेंबली शामिल थी।
भारत में वित्त मंत्री के कार्य क्या हैं?
भारत में वित्त मंत्री के कार्य क्या हैं के बारे में यहां बताया जा रहा हैः
वित्त मंत्री वित्त के समग्र पोर्टफोलियो के लिए जिम्मेदार है और निम्नलिखित के लिए जिम्मेदार हैं जैसे- बजट नीति और नीति सलाह, और सरकारी कार्यक्रमों की समीक्षा। ग्रांट और खरीद नीति सहित फाइनेंस, गवर्नेंस और वित्तीय प्रबंधन संरचनाओं (financial management structures) के लिए सरकार की जवाबदेही।
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FAQs
आर. के. शनमुखम चेट्टी 15 अगस्त 1947 से 17 अगस्त 1948 तक स्वतंत्र भारत के पहले वित्त मंत्री थे। उन्होंने 26 नवंबर 1947 को स्वतंत्र भारत का पहला केंद्रीय बजट पेश किया था।
निर्मला सीतारमण स्वतंत्र भारत की वर्तमान वित्त मंत्री हैं। उन्होंने 31 मई 2019 को कार्यभार संभाला था।
इंदिरा गांधी ने 16 जुलाई 1969 से 27 जून 1970 तक स्वतंत्र भारत की पहली महिला वित्त मंत्री के रूप में कार्य किया था।
प्रथम वित्त मंत्री आर के शणमुखम चेट्टी ने स्वतंत्र भारत का पहला बजट पेश किया था।
आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको भारत के पहले वित्त मंत्री कौन थे? के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। एग्जाम की तैयारी और बेहतर करने व UPSC में पूछे जाने वाले क्वैश्चंस के बारे में अधिक जानकारी के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।