Lakshadweep in Hindi: लक्षद्वीप, भारत के दक्षिण में समुद्र के बीच बसे 36 खूबसूरत द्वीपों का एक समूह है। यह भारत का सबसे छोटा केंद्र शासित प्रदेश है, जो अपनी अनोखी संस्कृति, सुंदर समुद्र तटों और प्राकृतिक नज़ारों की वजह से बहुत खास है। लक्षद्वीप का इतिहास और परंपराएं भी बहुत दिलचस्प हैं। बता दें कि UPSC परीक्षा की दृष्टि से लक्षद्वीप का इतिहास विशेष महत्व रखता है। इसके भूगोल, पर्यावरण और सामाजिक संरचना से जुड़े प्रश्न अक्सर प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाते हैं। इसलिए इस ब्लॉग में लक्षद्वीप का इतिहास (Lakshadweep in Hindi), भाषा और संस्कृति के बारे में विस्तार से बताया गया है।
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लक्षद्वीप के बारे में
लक्षद्वीप, भारत का एक केंद्र शासित प्रदेश है, जो दक्षिण-पश्चिमी भारत के तट से अरब सागर में स्थित है। यह द्वीपों का एक समूह है, जो करीब 30,000 वर्ग मील (लगभग 78,000 वर्ग किमी) क्षेत्र में फैला हुआ है। इस समूह में कुल लगभग 36 द्वीप शामिल हैं, जिनमें से केवल 10 द्वीपों पर ही लोग रहते हैं। लक्षद्वीप का प्रशासनिक केंद्र कावारत्ती है, जो सबसे प्रमुख और आबादी वाला द्वीप है। इस क्षेत्र के प्रमुख द्वीपों में मिनिकॉय और अमिंदीवी समूह के द्वीप शामिल हैं। इन द्वीपों की तट रेखा बहुत खूबसूरत है, और यहां के सफेद रेत वाले समुद्र तट और नीले पानी के लैगून पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करते हैं।
लक्षद्वीप का सबसे पूर्वी द्वीप केरल राज्य के तट से लगभग 185 मील (300 किमी) दूरी पर स्थित है। यहां की मुख्य भाषा मलयालम है, हालांकि द्वीप के कुछ हिस्सों में महाल (Mahl) भाषा भी बोली जाती है। बता दें कि ‘मलयालम’ और संस्कृत में लक्षद्वीप का नाम ‘एक लाख द्वीप’ है। लक्षद्वीप का कुल क्षेत्रफल 12 वर्ग मील (लगभग 32 वर्ग किमी) है, और इसकी जनसंख्या 2011 की जनगणना के अनुसार 64,429 है।
लक्षद्वीप का इतिहास
लक्षद्वीप का इतिहास काफी दिलचस्प है। इसका प्रथम उल्लेख पहली शताब्दी में एक यूनानी नाविक द्वारा किया गया था। 7वीं शताब्दी में मुस्लिम व्यापारियों और मिशनरियों के प्रभाव से द्वीपवासियों ने इस्लाम धर्म अपनाया। 1100 के आसपास, द्वीपों पर हिंदू राज्य का शासन था, और बाद में ये ‘कोलाथिरी राजवंश’ के अधीन आ गया। 13वीं शताब्दी में यूरोपीय खोजकर्ता ‘मार्को पोलो’ (Marco Polo) ने भी अपनी यात्रा में लक्षद्वीप का उल्लेख किया है। 1498 में पुर्तगालियों ने इन द्वीपों पर कब्जा किया, और 1545 में द्वीपवासियों ने विद्रोह किया। 1780 के दशक में ‘टीपू सुल्तान’ (Tipu Sultan) ने अमिनदीवी द्वीपों पर कब्जा किया, लेकिन 1799 में उनकी मृत्यु के बाद अंग्रेजों ने इसे अपने नियंत्रण में ले लिया। 1908 में ब्रिटिश शासन ने सीधे नियंत्रण लिया, और 1947 में भारतीय स्वतंत्रता के बाद, लक्षद्वीप भारत का हिस्सा बन गया। वहीं 1956 में इसे केंद्र शासित प्रदेश बनाया गया।
जलवायु और घूमने का सबसे अच्छा समय
लक्षद्वीप का मौसम उष्णकटिबंधीय है, जिसमें तीन मुख्य ऋतुएं होती हैं। गर्मी का मौसम मार्च से मई तक होता है, जब तापमान 30°C से 35°C के बीच रहता है और यहाँ आर्द्रता भी अधिक होती है। जून से सितंबर तक मानसून आता है, जिसमें भारी बारिश होती है और समुद्र में लहरें उठती हैं, जिससे यात्रा पर असर पड़ सकता है। अक्टूबर से फरवरी तक का समय सर्दी का होता है। यह समय लक्षद्वीप घूमने के लिए सबसे अच्छा होता है।
लक्षद्वीप की वनस्पति और जीव-जंतु
लक्षद्वीप की वनस्पति मुख्य रूप से उष्णकटिबंधीय और समुद्री पौधों से बनी हुई है। यहाँ नारियल के पेड़ प्रमुख रूप से पाए जाते हैं, जिनका स्थानीय जीवन और अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण योगदान है। इसके अलावा, यहां घास, ताड़, और कुछ अन्य समुद्री पौधे भी उगते हैं। लक्षद्वीप के जीव-जंतुओं में समुद्री जीवन का अहम स्थान है। यहां की जलवायु और वातावरण समुद्री जीवों के लिए आदर्श होते हैं। समुद्र में मछलियाँ, समुद्री कछुए, डॉल्फ़िन और विभिन्न प्रकार के समुद्री जीव पाए जाते हैं। इसके साथ ही, द्वीपों के आसपास के समुद्र में विभिन्न प्रकार के प्रवाल (corals) और सीप भी होते हैं। लक्षद्वीप में पक्षियों की भी कई प्रजातियाँ पाई जाती हैं।
लक्षद्वीप की संस्कृति और लोग
लक्षद्वीप पर्यटकों को न केवल सुंदर प्राकृतिक वातावरण प्रदान करता है, बल्कि अपनी सादगीपूर्ण जीवनशैली और जीवंत संस्कृति से भी आकर्षित करता है। यहाँ की सांस्कृतिक प्रथाएँ और परंपराएँ इसे खास बनाती हैं। लक्षद्वीप की संस्कृति काफी हद तक केरल राज्य से मिलती-जुलती है। यहाँ के भोजन, नृत्य और संगीत में भी केरल की छाप है। यहाँ की मुख्य भाषा मलयालम है, हालांकि यहाँ अंग्रेजी भी बोली जाती है। यहाँ के अधिकांश लोग इस्लाम धर्म के अनुयायी हैं, और ईद-उल-फित्र, ईद-उल-ज़ुहा जैसे त्यौहार यहाँ के समाज का हिस्सा हैं। लक्षद्वीप में कुछ प्रमुख जनजातियाँ हैं, जैसे कोया, माल्मिस, मेलाचेरिस, अमिनिडिविस और माणिकफांस। लक्षद्वीप के मुख्य उद्योग मछली पकड़ना, नारियल, गुड़, सिरका और कॉयर बनाना हैं। यहाँ के लोग मुख्य रूप से मछली पकड़कर और नारियल के उत्पादों से अपनी आजीविका कमाते हैं। लक्षद्वीप के हस्तशिल्प, जैसे कि सीप और कोरल से बने आभूषण, विश्वभर में प्रसिद्ध हैं।
पर्यटन और प्रमुख स्थल
लक्षद्वीप (Lakshadweep in Hindi), अपने अनूठे प्राकृतिक सौंदर्य, नीले पानी, सफेद रेतीले समुद्र तटों और समृद्ध समुद्री जीवन के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ पर्यटन का मुख्य आकर्षण समुद्र तट, जल क्रीड़ाएं, और शांत वातावरण है। यहाँ के प्रमुख पर्यटन स्थल निम्नलिखित हैं:-
कवरत्ती द्वीप
कवरत्ती लक्षद्वीप का सबसे प्रमुख और विकसित द्वीप है। यहाँ के सफेद रेतीले समुद्र तट, स्वच्छ जल और शांति पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। कवरत्ती में एक प्रसिद्ध मस्जिद और समुद्र तट के किनारे बोटिंग और स्नॉर्कलिंग की सुविधाएं भी उपलब्ध हैं।
अगत्ती द्वीप
अगत्ती द्वीप अपने शानदार समुद्र तट और साफ पानी के लिए जाना जाता है। यह द्वीप पर्यटकों को स्नॉर्कलिंग, डाइविंग, और अन्य जल क्रीड़ाओं का अनुभव प्रदान करता है। यहाँ का समुद्री जीवन भी बहुत विविधतापूर्ण है।
अमिनी द्वीप
अमिनी द्वीप एक शांतिपूर्ण द्वीप है, जो सफेद रेत के समुद्र तट और प्राचीन मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ पर्यटक समुद्र तट पर आराम कर सकते हैं और स्थानीय संस्कृति का अनुभव कर सकते हैं।
मिनिकॉय द्वीप
मिनिकॉय द्वीप अपनी अद्वितीय सांस्कृतिक धरोहर और समुद्री जीवन के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ के समुद्र तट पर पब्लिक और निजी बोटिंग के अनुभव प्रदान किए जाते हैं। यह द्वीप समुद्र के शौकिनों के लिए एक आदर्श स्थान है।
किल्तान द्वीप
किल्तान द्वीप अपनी सुंदरता और प्राकृतिक वातावरण के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ का शांत वातावरण और आसपास के समुद्र तट पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र है।
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लक्षद्वीप का स्थानीय भोजन
लक्षद्वीप (Lakshadweep in Hindi) के भोजन में समुद्री भोजन प्रमुख है, जिसमें मछली, झींगा, स्क्विड और केकड़े प्रमुख हैं। यहाँ लक्षद्वीप के शीर्ष खाद्य व्यंजनों की एक सूची दी गई है जिन्हें आप अपनी यात्रा पर आज़मा सकते हैं।
- टूना करी – मसालेदार टूना मछली करी, नारियल दूध के साथ।
- कवरत्ती बिरयानी – बासमती चावल, मांस, और मछली के साथ बनाई जाती है।
- मोपला व्यंजन – मटन करी और बिरयानी जैसे स्वादिष्ट व्यंजन।
- मसल्स अचार – मसालेदार मसल्स अचार।
- नारियल आधारित व्यंजन – नारियल दूध से बनी सब्जी स्टू, हलवा, कस्टर्ड।
- कल्लुम्माकाया करी – मसालों और नारियल दूध के साथ पकाई गई मसल्स करी।
- किन्नथप्पम – चावल के आटे, गुड़ और नारियल से बनी मिठाई।
- केले के चिप्स – कच्चे केले से तले हुए स्वादिष्ट चिप्स।
- लॉबस्टर मसाला – टमाटर आधारित मसाले में पकाया गया लॉबस्टर।
- कटहल आधारित व्यंजन – कटहल और मसालों से बना शाकाहारी व्यंजन।
- स्क्विड फ्राई – मसालेदार स्क्विड को पैन-फ्राई किया जाता है।
FAQs
लक्षद्वीप अपनी प्राकृतिक सुंदरता, समृद्ध समुद्री जीवन, और अनोखी संस्कृति के लिए प्रसिद्ध है।
लक्षद्वीप की अधिकांश आबादी मुस्लिम है। यहां के लोग मुख्यतः सुन्नी इस्लाम धर्म का पालन करते हैं।
लक्षद्वीप घूमने का खर्च आपके यात्रा के तरीके और दिनों की संख्या पर निर्भर करता है। आमतौर पर 4-5 दिन की यात्रा के लिए प्रति व्यक्ति खर्च लगभग ₹30,000 से ₹50,000 तक हो सकता है।
लक्षद्वीप की आबादी का लगभग 95% हिस्सा मुस्लिम है। हिंदू और अन्य धर्मों के लोग यहां अल्पसंख्यक हैं। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, हिंदू समुदाय की आबादी 5% से भी कम है।
लक्षद्वीप का भोजन मुख्यतः नारियल और समुद्री मछली पर आधारित होता है। यहां के कुछ प्रसिद्ध व्यंजन हैं: फिश करी, नारियल चटनी, ताजा समुद्री भोजन आदि।
लक्षद्वीप के लोग मुख्यतः इन व्यवसायों पर निर्भर हैं: मछली पकड़ना, नारियल उत्पादन और पर्यटन।
लक्षद्वीप एक केंद्र शासित प्रदेश है और यहां मुख्यमंत्री नहीं होता। केंद्र सरकार द्वारा नियुक्त एक प्रशासक (Administrator) लक्षद्वीप का प्रशासन संभालता है।
लक्षद्वीप में रहने के लिए विशेष अनुमति की आवश्यकता होती है, क्योंकि यह एक संरक्षित क्षेत्र है।
भारतीय नागरिकों को प्रवेश के लिए पर्मिट लेना पड़ता है।
पर्यटक यहां केवल सीमित समय के लिए ठहर सकते हैं।
स्थायी रूप से रहने के लिए सरकार से वि
लक्षद्वीप में मुख्य रूप से मलयालम और महाल (Mahl) भाषा बोली जाती हैं।
लक्षद्वीप में कुल 36 द्वीप हैं।
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