छात्रों के लिए जवाहरलाल नेहरू पर भाषण

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जवाहरलाल नेहरू पर भाषण

जवाहर लाल नेहरू एक भारतीय स्वतंत्रता सेनानी और भारत के पहले प्रधान मंत्री थे। आजादी से पहले और आजादी के बाद भी उन्हें भारतीय राजनीति में एक केंद्रीय योद्धा माना जाता था। वे भारत के पहले प्रधानमंत्री होने के साथ साथ भारत के सबसे लोकप्रिय प्रधानमंत्री भी थे। उन्होंने शिक्षा के लिए कई काम किए। इस कारण से उन्हें एक बेहतरीन शिक्षाविद भी माना जाता है। 

पंडित नेहरू भारत के इतिहास के सबसे महत्वपूर्ण राजनीतिज्ञ रहे हैं। इस वजह से कई राष्ट्रीय महत्व के समारोहों में स्कूल एवं कॉलेज में छात्र पंडित जवाहरलाल नेहरू पर भाषण देते हैं। यहाँ जवाहरलाल नेहरू पर भाषण दिया जा रहा है, ताकि छात्र राष्ट्रीय समारोहों पर स्कूल और कॉलेज में पंडित जवाहरलाल नेहरू पर भाषण दे सकें।

जवाहर लाल नेहरू कौन थे? 

जवाहरलाल नेहरू भारत के प्रथम प्रधानमंत्री थे। उन्होंने देश की आज़ादी के लिए बड़ी भमिका निभाई थी। उनका जन्म 14 नवंबर 1889 को इलाहाबाद में हुआ था और उन्होंने 1947 से 1964 में अपनी मृत्यु तक देश की सेवा की। जवाहर लाल नेहरू का जन्मस्थान प्रयागराज है जो इलाहाबाद में है।

उनके पिता का नाम मोतीलाल नेहरू है जिन्होंने 1919 और 1928 में भारतीय प्रधान मंत्री के रूप में कार्य किया। उनकी माँ का नाम स्वरूप रानी थुस्सू है और वह मोतीलाल की दूसरी पत्नी थीं। जवाहर लाल नेहरू की 2 बहनें थीं और वह सभी में सबसे बड़े थे। विजय लक्ष्मी सबसे बड़ी बहन थीं जो बाद में संयुक्त राष्ट्र महासभा की अध्यक्ष बनीं। और सबसे छोटी बहन कृष्णा हथीसिंग एक प्रसिद्ध लेखिका थीं।

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जवाहरलाल नेहरू पर 100 शब्दों में भाषण 

यहाँ जवाहरलाल नेहरू पर 100 शब्दों में भाषण दिया जा रहा है : 

नमस्कार साथियों एवं सभी गुरुजन, 

आज हम भारत के प्रथम प्रधानमंत्री और आधुनिक भारत के निर्माता, पंडित जवाहरलाल नेहरू जी को याद कर रहे हैं।

नेहरू जी का जन्म 14 नवंबर 1889 को इलाहाबाद में हुआ था। वे एक विद्वान, वकील, स्वतंत्रता सेनानी और कुशल राजनेता थे। उन्होंने महात्मा गांधी के नेतृत्व में भारत के स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय भूमिका निभाई।

15 अगस्त 1947 को भारत की स्वतंत्रता के बाद, नेहरू जी को देश का पहला प्रधानमंत्री चुना गया। उन्होंने 17 साल तक इस पद पर कार्य करते हुए भारत को एक आधुनिक, लोकतांत्रिक और समृद्ध राष्ट्र बनाने का प्रयास किया।

उनके नेतृत्व में, भारत ने अनेक क्षेत्रों में प्रगति हासिल की। उन्होंने शिक्षा, स्वास्थ्य, विज्ञान और प्रौद्योगिकी, कृषि, उद्योग और बुनियादी ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने गुटनिरपेक्ष आंदोलन की स्थापना में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

नेहरू जी बच्चों से बहुत प्यार करते थे और उन्हें “चाचा नेहरू” के नाम से जाना जाता है। उन्होंने बच्चों के विकास और शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया। 14 नवंबर, उनके जन्मदिन को भारत में बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है।

27 मई 1964 को नेहरू जी का निधन हो गया। वे एक महान नेता थे जिन्होंने भारत के विकास में अमूल्य योगदान दिया।

आइए हम नेहरू जी के आदर्शों को अपनाकर, उनके सपनों का भारत बनाने का प्रयास करें।

जय हिंद!

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जवाहरलाल नेहरू पर 300 शब्दों में भाषण

यहाँ जवाहरलाल नेहरू पर 300 शब्दों में भाषण दिया जा रहा है : 

नमस्कार,

आज हम भारत के प्रथम प्रधानमंत्री और आधुनिक भारत के निर्माता, पंडित जवाहरलाल नेहरू जी को स्मरण कर रहे हैं।

नेहरू जी का जन्म 14 नवंबर 1889 को इलाहाबाद में हुआ था। वे एक विद्वान, वकील, स्वतंत्रता सेनानी और दूरदर्शी नेता थे। उन्होंने महात्मा गांधी के नेतृत्व में भारत के स्वतंत्रता संग्राम में अग्रणी भूमिका निभाई।

15 अगस्त 1947 को भारत की स्वतंत्रता के पश्चात्, नेहरू जी को देश का पहला प्रधानमंत्री चुना गया। उन्होंने 17 वर्षों तक इस पद पर कार्यभार संभाला और इस दौरान उन्होंने भारत को एक आधुनिक, लोकतांत्रिक और समृद्ध राष्ट्र बनाने के लिए अथक प्रयास किए।

नेहरू जी ने शिक्षा, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, कृषि, उद्योग और बुनियादी ढांचे के विकास पर विशेष ध्यान दिया। उन्होंने पंचवर्षीय योजनाओं का शुभारंभ किया, जिसने भारत को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

उन्होंने गुटनिरपेक्ष आंदोलन की भी स्थापना की, जिसका उद्देश्य शीत युद्ध के दौरान महाशक्तियों के प्रभाव से दूर रहकर विश्व शांति को बढ़ावा देना था।

नेहरू जी बच्चों से अत्यधिक प्रेम करते थे और उन्हें “चाचा नेहरू” के नाम से जाना जाता था। उन्होंने 14 नवंबर को अपना जन्मदिन “बाल दिवस” के रूप में मनाने की घोषणा की।

27 मई 1964 को नेहरू जी का निधन हो गया। नेहरू जी का जीवन और कार्य हम सभी के लिए प्रेरणा का स्रोत है। वे एक महान नेता थे जिन्होंने भारत को एक बेहतर राष्ट्र बनाने के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया।

आइए हम उनके विचारों और आदर्शों को अपनाकर उनके सपनों का भारत बनाने का प्रयत्न करें।

जय हिंद! 

जवाहरलाल नेहरू पर 500 शब्दों में भाषण

यहाँ जवाहरलाल नेहरू पर 500 शब्दों में भाषण दिया जा रहा है : 

प्रिय साथियों,

आज हम एक ऐसे महान व्यक्ति की बात करने के लिए एकत्रित हुए हैं, जिसने भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। मैं बात कर रहा हूं हमारे पहले प्रधानमंत्री, पंडित जवाहर लाल नेहरू की। उनका जन्म 14 नवम्बर 1889 को इलाहाबाद में हुआ था। नेहरू जी न केवल एक प्रमुख स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे, बल्कि उन्होंने स्वतंत्र भारत के निर्माण में भी अत्यंत महत्वपूर्ण योगदान दिया।

नेहरू जी का प्रारंभिक जीवन विशेष रूप से उल्लेखनीय है। उनके पिता, मोतीलाल नेहरू, एक प्रतिष्ठित वकील थे, और उनकी माता, स्वरूपरानी थुस्सू, कश्मीर के एक समृद्ध ब्राह्मण परिवार से थीं। नेहरू जी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा हैरो और इटन जैसी प्रतिष्ठित संस्थाओं से प्राप्त की, और फिर उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से प्राकृतिक विज्ञान में डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने इंग्लैंड में इनर टेम्पल से वकालत की पढ़ाई पूरी की।

नेहरू जी का राजनीतिक जीवन 1912 में भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से जुड़ने के बाद शुरू हुआ। महात्मा गांधी के नेतृत्व में चलाए गए विभिन्न आंदोलनों में उन्होंने सक्रिय रूप से भाग लिया। असहयोग आंदोलन, नमक सत्याग्रह और भारत छोड़ो आंदोलन जैसे प्रमुख आंदोलनों में नेहरू जी ने अपनी भूमिका बखूबी निभाई। 1929 में, लाहौर में कांग्रेस अधिवेशन में, नेहरू जी ने पूर्ण स्वराज का प्रस्ताव रखा, जो आगे चलकर भारत की स्वतंत्रता का आधार बना।

15 अगस्त 1947 को जब भारत स्वतंत्र हुआ, तो नेहरू जी देश के पहले प्रधानमंत्री बने। उनके नेतृत्व में भारत ने सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक क्षेत्रों में कई महत्वपूर्ण कदम उठाए। उनकी दूरदर्शिता और नेतृत्व ने भारत को एक मजबूत और संगठित राष्ट्र के रूप में स्थापित किया। नेहरू जी ने पंचवर्षीय योजनाओं की शुरुआत की, जिससे भारत में औद्योगिक और कृषि विकास को गति मिली। उन्होंने विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) और परमाणु ऊर्जा आयोग जैसे संस्थानों की स्थापना नेहरू जी के विज्ञान और प्रौद्योगिकी के प्रति समर्पण का प्रतीक है।

नेहरू जी ने विदेश नीति में भी एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने गुटनिरपेक्ष आंदोलन की नींव रखी, जिससे भारत ने वैश्विक मंच पर अपनी स्वतंत्र पहचान बनाई। उन्होंने हमेशा शांति और सहअस्तित्व के सिद्धांतों का समर्थन किया। नेहरू जी के अनुसार, शांति और प्रगति केवल संवाद और सहयोग के माध्यम से ही संभव है।

नेहरू जी का बच्चों के प्रति विशेष स्नेह था। वे हमेशा बच्चों के बीच समय बिताना पसंद करते थे और उन्हें देश का भविष्य मानते थे। उनके इसी स्नेह और प्रेम के कारण ही उनका जन्मदिन, 14 नवम्बर, भारत में बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। वे बच्चों को प्रोत्साहित करते थे कि वे अपने सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करें और एक उज्ज्वल भविष्य का निर्माण करें।

नेहरू जी की मृत्यु 27 मई 1964 को हुई, लेकिन उनके विचार और आदर्श आज भी जीवित हैं। उन्होंने जो विकास की नींव रखी थी, उसी पर आज का आधुनिक भारत खड़ा है। उनकी दूरदर्शिता और नेतृत्व ने भारत को एक प्रगतिशील और समृद्ध राष्ट्र बनाने में अहम भूमिका निभाई।

अंत में, पंडित जवाहर लाल नेहरू के योगदान को शब्दों में समेटना असंभव है। वे एक महान नेता, एक महान विचारक और एक सच्चे देशभक्त थे। उन्होंने अपने जीवन का हर क्षण भारत की सेवा में समर्पित किया। हमें उनके आदर्शों और सिद्धांतों का पालन करते हुए भारत को और भी प्रगति के पथ पर आगे ले जाना चाहिए।

धन्यवाद।

FAQs

नेहरू ने भारत में कैसे योगदान दिया?

15 अगस्त 1947 को नेहरू स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री बने। वह 1964 में अपनी मृत्यु तक इस पद पर रहे। उन्होंने उदारवादी समाजवादी आर्थिक सुधारों को लागू किया और भारत को औद्योगीकरण की नीति के लिए प्रतिबद्ध किया । नेहरू ने भारत के विदेश मंत्री के रूप में भी कार्य किया।

नेहरू प्रधानमंत्री कैसे बने?

मुस्लिम लीग के केवल 28 सदस्य अंततः भारतीय असेंबली में शामिल हुए। बाद में देशी रियासतों से 93 सदस्य मनोनीत किये गये। इस प्रकार कांग्रेस ने 82% का बहुमत हासिल कर लिया। जवाहरलाल नेहरू ने 15 अगस्त 1947 को भारत के पहले प्रधान मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला और अपने मंत्रिमंडल के लिए 15 अन्य सदस्यों को चुना।

भारत के पहले पीएम कौन थे?

भारत के पहले पीएम पंडित जवाहरलाल नेहरू थे।

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