ध्वजारोहण (Flag Hoisting) एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जो हमारे देश की एकता, अखंडता और सम्मान का प्रतीक है। यह प्रक्रिया विशेष रूप से स्वतंत्रता दिवस जैसे राष्ट्रीय पर्वों पर की जाती है, जबकि गणतंत्र दिवस पर झंडा फहराया जाता है। कई लोगों को इन दोनों बातों के अंतर के बारे में नहीं पता होता, बता दें कि ध्वजारोहण में ध्वज नीचे से ऊपर की ओर ले जाया जाता है जो आजादी का प्रतीक है, जबकि झंडा फहराने के लिए रस्सी को खींचकर तिरंगे को खोला जाता है। ध्वजारोहण के नियमों का पालन करना हर नागरिक का कर्तव्य है, ताकि राष्ट्रीय ध्वज का मान और गरिमा बनी रहे। आइए, सरल और स्पष्ट भाषा में समझते हैं कि भारतीय ध्वजारोहण के नियम (Indian Flag Hoisting Rules in Hindi) और इनका महत्व क्या है?
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ध्वजारोहण के नियम क्या हैं? (Indian Flag Hoisting Rules in Hindi)
ध्वजारोहण के नियम (Indian Flag Hoisting Rules in Hindi) इस प्रकार हैंः
- तिरंगे को हमेशा आदर और सम्मान की स्थिति में रखना चाहिए।
- कभी भी क्षतिग्रस्त या गंदा झंडा प्रदर्शित नहीं करना चाहिए।
- झंडे को उल्टा करके, नीचे केसरिया पट्टी लगाकर नहीं फहराना चाहिए।
- किसी भी व्यक्ति या वस्तु को सलामी देने के लिए राष्ट्रीय ध्वज को डुबाना अनुचित है।
- किसी भी अन्य झंडे को तिरंगे के ऊपर, उससे ऊंचा या उसके बगल में नहीं लगाया जाना चाहिए।
- फूल, माला या प्रतीकों को ध्वज-स्तंभ पर या उसके ऊपर रखने की अनुमति नहीं है जहां से झंडा फहराया जा रहा है।
- राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग उत्सव, रोसेट या बंटिंग के रूप में सजावट के लिए नहीं किया जाना चाहिए।
- झंडे को जमीन, फर्श या पानी की सतह को छूने से रोकें।
- अन्य झंडों के साथ-साथ प्रदर्शन की अनुमति नहीं है।
- तिरंगे को कमर से नीचे पहने जाने वाले कपड़ों या वर्दी का हिस्सा नहीं होना चाहिए।
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राष्ट्रीय ध्वज के नियमों का महत्व
राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग भारतीय संविधान के तहत निर्धारित नियमों के अनुसार होना चाहिए। इन नियमों का उल्लंघन करना न केवल कानूनन अपराध है, बल्कि यह हमारे देश की गरिमा को ठेस पहुंचाने के समान भी है। स्कूल और कॉलेज के छात्रों और युवा पीढ़ी को इस बात की जानकारी अवश्य होनी चाहिए कि ध्वजारोहण करते समय किन प्रमुख बातों का ध्यान रखना चाहिए।
26 जनवरी को झंडा कितने बजे फहराया जाता है?
26 जनवरी को गणतंत्र दिवस वाले दिन सुबह 8 बजे से 9.45 बजे तक झंडा फहराया जाता है। इसके बाद 9:30 बजे और 10 बजे के बीच परेड शुरू होती है, जिसमें दुनिया को भारत की ताकत के साथ-साथ, अलग-अलग राज्यों की सांस्कृतिक थीम पर आधारित झांकियां भी देखने को मिलती हैं।
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FAQs
ध्वजारोहण के नियम भारतीय ध्वज संहिता (Flag Code of India) और राष्ट्रीय गौरव अपमान निवारण अधिनियम, 1971 के तहत निर्धारित किए गए हैं। इन नियमों में तिरंगे के सही उपयोग, प्रदर्शन और सम्मान से संबंधित प्रावधान शामिल हैं।
तिरंगे का आकार आयताकार होना चाहिए और इसका अनुपात 3:2 होना चाहिए।
हाँ, तिरंगे को उल्टा फहराना या उसका अपमान करना भारतीय कानून के तहत दंडनीय अपराध है।
हाँ, तिरंगा रात में भी फहराया जा सकता है, लेकिन यह सुनिश्चित करना आवश्यक है कि उस पर उचित प्रकाश व्यवस्था हो।
तिरंगे को सूर्योदय से सूर्यास्त तक ही फहराया जा सकता है, जब तक कि विशेष परिस्थितियों में 24 घंटे फहराने की अनुमति न हो।
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