भारत के संविधान के निर्माता डॉ. भीमराव अंबेडकर एक ऐसी व्यक्ति थे जिन्होंने न केवल सदियों पुरानी रूढ़िवादी परम्पराओं को तोड़ने का साहस किया बल्कि एक समाज सुधारक के रूप में नागरिकों के लिए समानता और न्याय सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ऐसे महान समाज सुधारक ने भारत इतिहास में कई महत्वपूर्ण योगदान दिए। अंबेडकर जी के जीवन से जुड़ी कई ऐसी जानकारियां हैं जिनके बारे में स्टूडेंट्स को पता होना चाहिए। इसलिए आज के इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि डॉ. भीमराव अंबेडकर की मृत्यु कहाँ हुई थी?
डॉ. भीमराव अंबेडकर के बारे में
लोकतांत्रिक भारत के स्तम्भ डॉ. भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल 1891 को मध्यप्रदेश के महू जिले के एक छोटे से गाँव में हुआ था। अंबेडकर जी का जन्म दलित परिवार में हुआ था जिसके कारण उन्हें बचपन से ही जातिवाद और भेदभाव का सामना करना पड़ा। उनके पिता का नाम रामजी मालोजी सकपाल और माता का नाम भीमाबाई मुरबादकर था।
डॉ भीमराव अंबेडकर का निधन
अपने जीवन में डॉ. भीमराव आंबेडकर ने कई किताबें भी लिखीं। उनकी लिखी आखिरी किताब ‘द बुद्ध एंड हिज़ धम्म’ थी। इस किताब को पूरा करने के कुछ ही दिन बाद 6 दिसंबर 1956 को उनका निधन हो गया। ऐसा कहा जाता है कि सन 1948 से डॉ अंबेडकर मधुमेह (डायबिटीज) के रोग से पीड़ित थे और वह 1954 तक बहुत बीमार रहे। 6 दिसंबर 1956 को उन्होंने अंतिम सांस ली थी।
डॉ. भीमराव अंबेडकर की मृत्यु कहाँ हुई थी?
6 दिसंबर 1956 को उन्होंने अपने घर दिल्ली में अंतिम सांस ली थी। बता दें कि बाबा साहेब का अंतिम संस्कार चौपाटी समुद्र तट पर बौद्ध शैली में किया गया। उनकी पुण्य तिथि को (6 दिसंबर) भारत में महापरिनिर्वाण दिवस के रूप मनाया जाता है।
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