Data Privacy Day in Hindi : जानिए क्यों मनाया जाता है डेटा प्राइवेसी डे और इससे जुड़े तथ्य

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Data Privacy Day in Hindi

आज का समय डिजिटलाइज़ेशन का समय है, लोग शॉपिंग से लेकर बैंकिंग तक हर काम ऑनलाइन ही करते हैं। जिस तरह से ऑनलाइन काम करने का चलन बढ़ रहा है उस कारण से ऑनलाइन फ्रॉड का ख़तरा भी उतना ही बढ़ता जा रहा है। दैनिक जीवन में हम किसी न किसी ऑनलाइन धोखधड़ी की खबर सुनते ही रहते हैं। यूज़र्स को ऑनलाइन सेफ्टी और डेटा सिक्योरिटी को देखते हुए Data Privacy Day in Hindi मनाया जाता है। 

डेटा गोपनीयता दिवस क्यों मनाया जाता है? 

Data Privacy Day in Hindi  निम्नलिखित कारणों से मनाया जाता है : 

  • डेटा गोपनीयता दिवस लोगों को डेटा प्राइवेसी के बारे में सावधान करने के लिए मनाया जाता है।   
  • इसका उद्देश्य लोगों को ऑनलाइन फ्रॉड से बचाना है और लोगों में डाटा सेफ्टी के प्रति जागरूकता फैलाना है। 
  • इसके तहत लोगों को वे तरीके बताए जाते हैं जिनकी मदद से वे अपना डाटा सेफ रख सकते हैं। 

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डेटा गोपनीयता दिवस का इतिहास 

अब Data Privacy Day in Hindi के इतिहास के बारे में जाने : 

डेटा प्राइवेसी डे का इतिहास 1981 से शुरू होता है। जब यूरोपियन यूनियन ने 28 जनवरी को “डेटा प्राइवेसी डे” के रूप में मनाया जाना घोषित किया। इस तारीख को इसलिए चुना गया क्योंकि इसी दिन 1981 को यूरोपियन यूनियन ने डेटा संरक्षण कन्वेंशन (कन्वेंशन 108) पर हस्ताक्षर किए थे। यह कन्वेंशन पर्सनल डाटा के संग्रह प्रसंस्करण को विनियमित करके व्यक्तिगत अधिकारों की रक्षा करता है। 

2009 में यूएसए ने 28 जनवरी को डेटा प्राइवेसी डे के रूप में मनाया जाना घोषित किया। इससे डेटा प्राइवेसी के महत्व के संबंध में जागरूकता बढ़ाने में सहायता प्रदान की। तब से हर साल 28 जनवरी के दिन डेटा प्राइवेसी डे मनाया जाता है। 

डेटा गोपनीयता दिवस का महत्व 

यहाँ Data Privacy Day in Hindi का महत्व बताया जा रहा है : 

  • ऑनलाइन डाटा की प्राइवेसी को बनाए रखने के लिए और इसका किसी शरारती तत्व के द्वारा गलत इस्तेमाल किए जाने से बचाए रखने के लिए डाटा गोपनीयता ज़रूरी है। 
  • डेटा प्राइवेसी डे एक ऑनलाइन सुरक्षा का एक अंग है जिसे स्टॉप, थिंक और कनेक्ट के रूप में जाना जाता है।  
  • इसके माध्यम से साइबर सुरक्षा पर ज़ोर दिया जाता है और साइबर अपराध की रोकथाम के लिए प्रयास किए जाते हैं।  

भारत में डाटा संरक्षण क़ानून 

  • भारत में डाटा संरक्षण क़ानून वर्ष 2018 से डाटा प्रोटेक्शन के क्षेत्र में काम कर रहा है। 
  • वर्ष 2019 में डाटा सेफ्टी बिल लोकसभा में पेश किया गया था। 
  • इसमें कुछ संसोधन के कारण इस बिल को वापस ले लिया गया। 
  • वर्ष 2022 में एक बार फिर डाटा संरक्षण विधेयक का ड्राफ्ट तैयार किया गया।

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डाटा सेफ्टी क्यों ज़रूरी है? 

  • डेटा सुरक्षा व्यक्तिगत डेटा को अनधिकृत पहुंच, उपयोग, या प्रकटीकरण से बचाती है। इससे लोगों को यह आश्वस्त करने में मदद मिलती है कि उनका डेटा सुरक्षित है और इसका दुरुपयोग नहीं किया जाएगा।
  • डेटा सुरक्षा व्यवसायों को उनके डेटा की सुरक्षा करने में मदद करती है, जिससे उन्हें वित्तीय नुकसान, प्रतिष्ठा को नुकसान, और कानूनी कार्रवाई से बचाया जा सकता है।
  • डेटा सुरक्षा सरकारों को उनके डेटा की सुरक्षा करने में मदद करती है, जिससे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने वाले खतरों से बचाया जा सकता है।

डाटा सेफ्टी के उपाय 

यहाँ डाटा सेफ्टी के उपाय बताए जा रहे हैं : 

  • सुरक्षित पासवर्ड और प्रमाणीकरण का उपयोग: मजबूत पासवर्ड एवं प्रमाणीकरण का इस्तेमाल अनधिकृत इंटरनेट यूज़र्स को अन्य लोगों के डेटा तक पहुँच बनाने से रोकता है। 
  • डेटा बैकअप : डेटा बैकअप डेटा हानि की स्थिति में डेटा को दोबारा प्राप्त करने में मदद करते हैं। 
  • डेटा सुरक्षा नीतियां : डेटा सुरक्षा नीतियां डेटा सुरक्षा की प्रथाओं को लागू करने में मददगार होती हैं। 

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सरकार द्वारा डाटा सेफ्टी के लिए किए गए प्रयास 

डाटा सुरक्षा के लिए सरकार द्वारा निम्नलिखित प्रयास किए गए हैं : 

  • डेटा सुरक्षा शिक्षा: सरकार ने स्कूलों और कॉलेजों में डेटा सुरक्षा शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए भी कदम उठाए हैं। इन कदमों में डेटा सुरक्षा के बारे में पाठ्यक्रमों को शामिल करना और शिक्षकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करना शामिल है।
  • डाटा सुरक्षा के बारे में जागरूकता अभियान: सरकार ने डेटा सुरक्षा से संबंधित जागरूकता फ़ैलाने के लिए कई प्रकार के अभियान चलाए हैं। इन अभियानों में डेटा सुरक्षा के बारे में कोर्सेज में पढ़ाया जाना और शिक्षकों को इससे संबंधित ट्रेनिंग आदि देना शामिल हैं। 

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डाटा सुरक्षा से संबंधित चुनौतियाँ 

डाटा सुरक्षा से संबंधित निम्नलिखित चुनौतियां हैं : 

  • सुरक्षा जागरूकता का अभाव: अभी भी अधिकतर लोग डेटा सुरक्षा के महत्व और इससे संबंधित खतरों के बारे में नहीं जानते हैं। 
  • सुरक्षा प्रौद्योगिकी की कमी : अभी भी अधिकतर लोगों और संगठनों के पास डेटा सुरक्षा से संबंधित साधनों की कमी है। 
  • सुरक्षा नियमों का उल्लंघन : कुछ कंपनियां डेटा सुरक्षा नियमों का सही प्रकार से पालन नहीं करते हैं। 

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FAQs 

28 जनवरी को कौन सा दिवस मनाया जाता है?

डेटा गोपनीयता दिवस प्रति वर्ष 28 जनवरी को विश्व स्तर पर मनाया जाता है।

हम डाटा प्राइवेसी डे क्यों मनाते हैं?

डेटा गोपनीयता दिवस का उद्देश्य जागरूकता बढ़ाना और गोपनीयता और डेटा सुरक्षा सर्वोत्तम प्रथाओं को बढ़ावा देना है । 

डाटा प्राइवेसी डे की शुरूआत किसने की थी?

28 जनवरी के दिन को यूरोपीय परिषद द्वारा देता प्राइवेसी डे के रूप में मनाया जाना तय किया गया था। 

आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको डेटा प्राइवेसी डे (Data Privacy Day in Hindi) के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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