राष्ट्रकवि और बाल साहित्य के जनक सोहनलाल द्विवेदी का जीवन परिचय – Sohanlal Dwivedi Biography in Hindi

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Sohanlal Dwivedi Biography in Hindi

Sohanlal Dwivedi Biography in Hindi: “लहरों से डरकर नौका पार नहीं होती कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती” इन पंक्तियों को सार्थक करने वाले राष्ट्रकवि सोहनलाल द्विवेदी हिंदी भाषा के सशक्त हस्ताक्षर हैं। वहीं, सोहनलाल द्विवेदी हिंदी साहित्य जगत में बच्चों के महाकवि और बाल साहित्य के जनक के रूप में विख्यात हैं। बता दें कि उनका साहित्यिक जीवन बालकवि के रूप में प्रारंभ हुआ। जहाँ उन्होंने कई बाल कविताएं भी लिखी और ‘बालसखा’ (बाल साहित्य की पत्रिका) का संपादन किया। 

सोहनलाल द्विवेदी द्वारा रचित कई कृतियां और रचनाएं जो विद्यालयी पाठ्यक्रम का हिस्सा बनीं। इसके साथ ही साहित्य में अपना अतुलनीय योगदान देने के लिए पंडित सोहनलाल द्विवेदी को भारत सरकार द्वारा ‘पद्मश्री पुरस्कार’ से नवाजा गया। आपको बता दें कि इस वर्ष सोहनलाल द्विवेदी की 118वीं जयंती मनाई जाएगी। आइए अब हम राष्ट्रकवि और बाल साहित्य के जनक सोहनलाल द्विवेदी का जीवन परिचय (Sohanlal Dwivedi Biography in Hindi) और उनकी साहित्यिक रचनाओं के बारे में विस्तार से जानते हैं। 

नाम सोहनलाल द्विवेदी (Sohanlal Dwivedi) 
जन्म 22 फरवरी 1906 
जन्म स्थान फतेहपुर जिला, उत्तर प्रदेश 
शिक्षा बनारस हिंदू विश्वविद्यालय
पेशा कवि, लेखक, संपादक 
भाषा हिंदी 
विधाएँ कविता, बाल साहित्य 
संपादन बालसखा (बाल साहित्य की पत्रिका), अधिकार (दैनिक पत्र)
पुरस्कार “पद्मश्री” 
निधन 1 मार्च 1988  कानपुर, उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में हुआ था जन्म 

राष्ट्रकवि सोहनलाल द्विवेदी का जन्म 22 फरवरी 1906 को उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में बिंदकी तहसील के सिजौली नामक गांव में हुआ था। उनके माता-पिता के बारे में विस्तृत जानकारी प्राप्त नहीं होती। माना जाता है कि उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा राजकीय इंटर कॉलेज हुई। इसके बाद वह उच्च शिक्षा के लिए ‘बनारस हिंदू विश्वविद्यालय’ आ गए। 

महामना मदनमोहन मालवीय का मिला सानिध्य  

अपनी कॉलेज की शिक्षा के दौरान उनकी भेंट ‘महामना मदनमोहन मालवीय’ से हुई। वहीं, मालवीय जी के सानिध्य में रहकर उन्होंने राष्ट्रीयता से ओतप्रोत रचनाएं लिखना शुरू किया। इसके साथ ही उनकी शुरुआती रचनाएँ बाल साहित्य पर आधारित रही। 

सोहनलाल द्विवेदी की साहित्यिक रचनाएँ 

सोहनलाल द्विवेदी के साहित्य में राष्ट्र, लोक संस्कृति और ग्राम्य जीवन के कई संजीव चित्रण देखने को मिलते हैं। सोहनलाल द्विवेदी ने साहित्य में अपना विशेष योगदान देने के साथ ही बाल पत्रिका ‘बालसखा’ का संपादन भी किया है। यहाँ सोहनलाल द्विवेदी का जीवन परिचय (Sohanlal Dwivedi Biography in Hindi) के साथ ही उनकी संपूर्ण साहित्यिक रचनाओं के बारे में विस्तार से बताया गया है। जो कि इस प्रकार हैं:-

प्रमुख साहित्यिक रचनाएँ 

  • किसान 
  • भैरवी 
  • कुणाल 
  • पूजा गीत 
  • दूध-बताशा 
  • बाँसुरी 
  • चेतना 
  • झरना 
  • बाल-भारती 
  • हँसो हँसाओ

संपादन 

  • बालसखा (बाल साहित्य की पत्रिका)
  • अधिकार (दैनिक पत्र)

निधन

कई दशकों तक हिंदी साहित्य जगत में अनुपम कृतियों का सृजन करने वाले राष्ट्रकवि सोहनलाल द्विवेदी का 01 मार्च 1988 को 82 वर्ष की आयु में निधन हुआ। लेकिन उनकी रचनाओं के लिए आज भी साहित्य जगत में उन्हें याद किया जाता है। 

सोहनलाल द्विवेदी की कविताएँ 

यहाँ राष्ट्रकवि और बाल साहित्य के जनक सोहनलाल द्विवेदी का जीवन परिचय (Sohanlal Dwivedi Biography in Hindi) के साथ ही उनकी कुछ लोकप्रिय कविताओं के बारे में भी बताया जा रहा है, जो कि इस प्रकार हैं:-

लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती

लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती

नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है
चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है

मन का विश्वास रगों में साहस भरता है
चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है

आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती

डुबकियां सिंधु में गोताखोर लगाता है
जा जा कर खाली हाथ लौटकर आता है

मिलते नहीं सहज ही मोती गहरे पानी में
बढ़ता दुगना उत्साह इसी हैरानी में

मुट्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होती
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती

असफलता एक चुनौती है, स्वीकार करो
क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो

जब तक न सफल हो, नींद चैन को त्यागो तुम
संघर्ष का मैदान छोड़ मत भागो तुम

कुछ किये बिना ही जय जय कार नहीं होती
कोशिश करने वालों की हार नहीं होती

– सोहनलाल द्विवेदी

वंदना के इन स्वरों में

वंदना के इन स्वरों में, एक स्वर मेरा मिला लो। 
वंदिनी माँ को न भूलो

राग में जब मत्त झूलो 
अर्चना के रत्नकण में, एक कण मेरा मिला लो। 

जब हृदय का तार बोले
शृंखला के बंद खोले 
हों जहाँ बलि शीश अगणित, एक सिर मेरा मिला लो।

– सोहनलाल द्विवेदी

पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित 

सोहनलाल द्विवेदी को हिंदी साहित्य में अपना विशेष योगदान देने के लिए भारत सरकार द्वारा ‘पद्मश्री पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया था। 

पढ़िए भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय 

यहाँ राष्ट्रकवि और बाल साहित्य के जनक सोहनलाल द्विवेदी का जीवन परिचय (Sohanlal Dwivedi Biography in Hindi) के साथ ही भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय की जानकारी भी दी जा रही हैं। जिसे आप नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं:-

के.आर. नारायणनडॉ. एपीजे अब्दुल कलाममहात्मा गांधी
पंडित जवाहरलाल नेहरूसुभाष चंद्र बोस बिपिन चंद्र पाल
गोपाल कृष्ण गोखलेनामवर सिंह सरदार वल्लभभाई पटेल
चन्द्रधर शर्मा गुलेरी मुंशी प्रेमचंद रामधारी सिंह दिनकर 
सुमित्रानंदन पंतअमरकांत आर.के. नारायण
मृदुला गर्ग अमृता प्रीतम मन्नू भंडारी
मोहन राकेशकृष्ण चंदरउपेन्द्रनाथ अश्क
फणीश्वर नाथ रेणुनिर्मल वर्माउषा प्रियंवदा
हबीब तनवीरमैत्रेयी पुष्पा धर्मवीर भारती
नासिरा शर्माकमलेश्वरशंकर शेष
असग़र वजाहतसर्वेश्वर दयाल सक्सेनाचित्रा मुद्गल
ओमप्रकाश वाल्मीकिश्रीलाल शुक्लरघुवीर सहाय
ज्ञानरंजनगोपालदास नीरजकृष्णा सोबती
रांगेय राघवसच्चिदानंद हीरानंद वात्स्यायन ‘अज्ञेय’माखनलाल चतुर्वेदी 
दुष्यंत कुमारभारतेंदु हरिश्चंद्रसाहिर लुधियानवी
जैनेंद्र कुमारभीष्म साहनीकाशीनाथ सिंह
विष्णु प्रभाकरसआदत हसन मंटोअमृतलाल नागर 
राजिंदर सिंह बेदीहरिशंकर परसाईमुनव्वर राणा

FAQs 

सोहनलाल द्विवेदी का जन्म कहाँ हुआ था?

सोहनलाल द्विवेदी का जन्म 22 फरवरी 1906 को उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में बिंदकी तहसील के सिजौली नामक गांव में हुआ था। 

सोहनलाल द्विवेदी ने कहाँ से उच्च शिक्षा प्राप्त की थी?

बताया जाता है कि सोहनलाल द्विवेदी ने बनारस हिंदू विश्वविद्यालय से उच्च शिक्षा प्राप्त की थीं। 

सोहनलाल द्विवेदी ने किस बाल पत्रिका का संपादन किया था?

उन्होंने बालसखा पत्रिका का संपादन किया था। 

सोहनलाल द्विवेदी का निधन कब हुआ था?

सोहनलाल द्विवेदी का 01 मार्च 1988 को 82 वर्ष की आयु में निधन हुआ था।

आशा है कि आपको राष्ट्रकवि और बाल साहित्य के जनक सोहनलाल द्विवेदी का जीवन परिचय (Sohanlal Dwivedi Biography in Hindi) पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध कवियों और महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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