लोहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल के अविस्मरणीय योगदान का ही परिणाम है कि आज भारत अखंड है। सरदार पटेल उन स्वतंत्रता सेनानियों में से एक हैं, जिन्होंने आधुनिक भारत के लिए आचार्य चाणक्य की भांति अपनी भूमिका निभाई। सरदार वल्लभभाई पटेल की दूरदृष्टिता और आसाधारण निर्णयों के लिए उन्हें भारत का “बिस्मार्क” कहा जाता है। सरदार पटेल स्वतंत्र भारत की राष्ट्रीय एकता के अद्वितीय शिल्पकार थे, उनका योगदान भारतीय इतिहास में असाधारण है, जिनके कारण उन्हें देश की एकता और अखंडता के प्रतीक के रूप में सम्मान दिया जाता है। बता दें कि उनके अद्वितीय नेतृत्व ने भारत को एकजुट करने और स्वतंत्रता के बाद देश को संगठित रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इस ब्लॉग के माध्यम से आप जानेंगे कि सरदार वल्लभ भाई पटेल ने देश के लिए क्या किया, जिसके लिए आपको इस ब्लॉग को अंत तक पढ़ना पड़ेगा।
सरदार वल्लभ भाई पटेल ने देश के लिए क्या किया?
भारत को अखंड बनाए रखने के लिए सरदार वल्लभभाई पटेल जी ने, स्वतंत्रत भारत की हर छोटी-बड़ी रियासत को एकता सूत्र में बांधने का काम किया। सरदार पटेल जी की उपलब्धियों को आप निम्नलिखित बिंदुओं के माध्यम से समझ सकते हैं;
- सरदार वल्लभभाई पटेल ने भारतीय सनातन संस्कृति का सम्मान करते हुए सोमनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार करवाया, जिसने भारत की आत्मा को जगाने का काम किया।
- लोहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल ने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में अपना सर्वस्व न्योछावर किया।
- बारडोली सत्याग्रह का कुशल नेतृत्व कर उन्होंने समाज का एकीकरण शुरू किया, इस आंदोलन के बाद वहां की महिलाओं ने वल्लभ भाई पटेल जी को ‘सरदार’ की उपाधि दी।
- भारत की हर रियासत को सफलतापूर्वक भारत में विलय करवाने के लिए उन्हें “भारत का बिस्मार्क” के नाम से जाना जाने लगा।
- वर्ष 1917 में भारत में प्लेग और 1918 में अकाल जैसी आपदाएँ भी आईं, जिसमें दोनों ही मौकों पर सरदार पटेल ने संकट निवारण के लिए महत्वपूर्ण कार्य किए।
- वर्ष 1917 में उन्हें ‘गुजरात सभा’ का सचिव चुना गया, जो एक राजनीतिक संस्था थी। इसी सभा ने गांधीजी को उनके अभियानों में बहुत मदद की थी।
- स्वतंत्रत भारत को खंडित करने के अंग्रेजों के सपने को चकनाचूर करते हुए, सरदार पटेल जी ने लगभग 562 रियासतों का भारत में विलय कराया।
- अपने कड़े और सख्त फैसलों से उन्होंने जूनागढ़ और हैदराबाद की रियासतों को भारत में मिलाया। उनके दृढ़ संकल्पित होने के कारण ही उन्हें “लोहपुरुष” की उपाधि मिली।
- सरदार वल्लभ भाई पटेल राष्ट्रवाद की अलख को युवाओं में जगाने के लिए अग्रणी भूमिका निभाते थे, जिनके एक आदेश पर लाखों युवा तत्पर रहते थे।
- विश्व के इतिहास में ऐसा पहली बार था कि किसी व्यक्ति ने किसी देश में इतनी रियासतों का विलीनीकरण करवाया। इसके लिए 5 जुलाई 1947 को एक रियासत विभाग की स्थापना की गयी।
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FAQs
सरदार पटेल का जन्म 31 अक्टूबर, 1875 को नडियाद, गुजरात में हुई थी।
सरदार पटेल को लौह पुरुष की उपाधि महात्मा गांधी ने नीतिगत दृढ़ता के लिए दी थी।
सरदार वल्लभ भाई पटेल की शादी वर्ष 1893 में हुई थी।
सरदार वल्लभभाई पटेल ने आचार्य चाणक्य की ही भांति देश की लगभग 562 छोटी-बड़ी रियासतों को एक ध्वज के नीचे लाकर, उनका विलय भारतीय संघ में कराया और खंड-खंड हुए भारत को पुनः अखंड बनाया था।
स्वतंत्र भारत में सरदार पटेल का महत्वपूर्ण कार्य भारत राष्ट्र को सशक्त, अखंड, सुरक्षित और संपन्न राष्ट्र बनाना था। विभाजन के समय पर सरदार पटेल ने राष्ट्रहित में कई बड़े निर्णय लिए थे, जिनका प्रभाव आज तक हम महसूस कर पाते हैं।
अपने साहसिक निर्णयों और कार्यों तथा अपने दृढ़ व्यक्तित्व के चलते ही सरदार वल्लभ भाई पटेल को लौह पुरुष की उपाधि मिली थी।
आशा है कि आपको ‘सरदार वल्लभ भाई पटेल ने देश के लिए क्या किया’ पर आधारित यह ब्लाॅग जानकारी से भरपूर लगा होगा। इसी तरह के अन्य जनरल नॉलेज के ब्लॉग्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।