स्वतंत्रता की लड़ाई में अपना सर्वस्व न्यौछावर करने वाले असंख्य स्वतंत्रता सेनानी रहे, जिनमें से एक सरदार पटेल भी थे। भारत को अखंड और स्वतंत्र बनाने के लिए यूँ तो अनेकों बलिदान हुए, जिन्होंने राष्ट्रहित हेतु अपना जीवन समर्पित किया। उन महान स्वतंत्रता सेनानियों में से एक लोहपुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल जी भी थे, सरदार पटेल के ही अथक प्रयासों का परिणाम था कि भारतीय संघ में, भारत की सभी रियासतों का सफलता पूर्वक विलय हुआ। इस विलय ने भारत को एक राष्ट्र के रूप में सशक्त और समृद्ध बनाया। इस पोस्ट के माध्यम से आप लोहपुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल की मूर्ति से संबंधित जानकारी प्राप्त कर पाएंगे, जिसके लिए आपको यह पोस्ट अंत तक पढ़नी पड़ेगी।
सरदार वल्लभ भाई पटेल की मूर्ति
भारत की अखंडता के प्रति सरदार वल्लभ भाई पटेल द्वारा दिए गए अभूतपूर्व योगदान को सम्मानित करने के लिए, भारत सरकार के अथक प्रयासों द्वारा सरदार पटेल की प्रतिमा लगवाई गयी। यह मूर्ति विश्व की सबसे बड़ी मूर्ति है, जिसकी ऊंचाई लगभग 182 मीटर (597 फीट) तथा आधार से जिसकी ऊंचाई 240 मीटर (790 फीट) है। इस मूर्ति का उद्घाटन भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा 31 अक्टूबर 2018 को सरदार वल्लभभाई पटेल जी की 143वीं जयंती पर किया गया था। यह मूर्ति भारत के गुजरात राज्य में, नर्मदा जिले में, नर्मदा नदी के तट पर स्तिथ है।
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FAQs
सरदार पटेल को लौह पुरुष की उपाधि महात्मा गांधी ने नीतिगत दृढ़ता के लिए दी थी।
सरदार पटेल की मूर्ति गुजरात के नर्मदा जिले में नर्मदा नदी के तट पर स्तिथ है।
पूरे विश्व में सबसे बड़ी मूर्ति सरदार वल्लभभाई पटेल जी की है, जिसको स्टेचू ऑफ यूनिटी के नाम से जाना जाता है।
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