Sansad Satra | जानिए क्या है संसद सत्र और यह क्यों महत्वपूर्ण है?

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संसद सत्र

प्रतियोगी परीक्षाओं में करंट अफेयर्स से जुड़े क्वेश्चन पूछे जाते हैं, क्योंकि करंट अफेयर्स का उद्देश्य मनुष्य की समझ को विस्तार करना है। UPSC में प्री और मेंस एग्जाम के अलावा इंटरव्यू का भी महत्वपूर्ण रोल है, इसलिए कैंडिडेट्स को रोजाना हो रहीं आसपास और देश-दुनिया की घटनाओं को समझना होगा। आज हम इस ब्लाॅग में संसद सत्र (Sansad Satra) और इसका कार्य के बारे में जानेंगे, जिसे आप अपनी तैयारी में जोड़ सकते हैं।

संसद सत्र क्या है?

भारत में संसद का सत्र सरकार द्वारा बुलाया जाता है। भारत में कोई निश्चित संसदीय कैलेंडर नहीं है। संसद की बैठक 1 वर्ष में 3 सत्रों के लिए होती है। राष्ट्रपति समय-समय पर संसद के प्रत्येक सदन को बुलाता है। संसद के दो सत्रों के बीच 6 महीने से अधिक का अंतराल नहीं हो सकता, जिसका अर्थ है कि संसद की बैठक 1 वर्ष में कम से कम 2 बार होती है। 

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संसद सत्र कितने प्रकार का होता है?

संसद के सभी सदस्यों को बैठक के लिए बुलाने की प्रक्रिया को संसद का आह्वान कहा जाता है। यह राष्ट्रपति ही है जो संसद को बुलाता है। संसद सत्र इस प्रकार हैं:

  • बजट सत्र (फरवरी से मई)
  • मानसून सत्र (जुलाई से सितंबर)
  • शीतकालीन सत्र (नवंबर से दिसंबर)।

बजट सत्र

बजट सत्र आमतौर पर हर वर्ष फरवरी से मई तक आयोजित होता है। यह संसद का बेहद महत्वपूर्ण सत्र माना जाता है। बजट आमतौर पर फरवरी महीने के आखिरी कार्य दिवस पर पेश किया जाता है। यहां वित्त मंत्री द्वारा बजट पेश करने के बाद सदस्य बजट के विभिन्न प्रावधानों और कराधान से संबंधित मामलों पर चर्चा करते हैं। बजट सत्र आम तौर पर दो अवधियों में विभाजित होता है और उनके बीच एक महीने का अंतर होता है।

संसद सत्र

मानसून सत्र

मानसून सत्र हर साल जुलाई से सितंबर में आयोजित किया जाता है। यह बजट सत्र के बाद दो महीने के ब्रेक के बाद है। इस सत्र में जनहित के मुद्दों पर चर्चा होती है।

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शीतकालीन सत्र

संसद का शीतकालीन सत्र हर साल नवंबर के मध्य से दिसंबर के मध्य में आयोजित किया जाता है। यह सभी सत्रों में सबसे छोटा सत्र है। यह उन मामलों को उठाता है जिन पर पहले विचार नहीं किया जा सका था।

संसद का विशेष सत्र

संसद के विशेष सत्र के अलावा 44वें संशोधन अधिनियम के अनुच्छेद 352(8) के तहत लोकसभा का एक विशेष सत्र आयोजित किया जाता है। यदि लोकसभा के कम से कम 10वें सदस्य राष्ट्रपति (यदि लोकसभा सत्र में नहीं है) या अध्यक्ष को लिखते हैं, तो लोकसभा का एक विशेष सत्र बुलाया जा सकता है (यदि लोकसभा सत्र में है)। इस सत्र के दौरान किसी अन्य कार्य पर विचार नहीं किया जाता है।

संसद सत्र

संसद के सत्र क्यों महत्वपूर्ण हैं?

संसद के सत्र काफी महत्वपूर्ण माने जाते हैं, जोकि यहां बताया जा रहा हैः

  • भारत में लोकतंत्र होने पर उसकी गरिमा रखने के लिए
  • निर्णय लेने में भागीदारी के विचार
  • नागरिकों के हितों के लिए और जनता की बात रखने के लिए
  • लोकतंत्र और यह संस्था में सबसे अच्छी तरह व्यक्त होता है
  • भारतीय लोकतंत्र का प्रतीक और संविधान की मान्यता दिखाने के लिए
  • यह समझाने के लिए कि विधायक कौन है और कैसा है आदि।

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संसद के कितने सत्र होते हैं?

भारत में संसद के 3 सत्र होते हैं और इनमें कई तरह के मुद्दों को उठाया जाता है। संसद सत्र में उठाए जाने वाले मुद्दे जनहित से जुड़े होते हैं और यहीं से देश के विकास की रूपरेखा तय होती है। बजट सत्र में देश में पेश होने वाले बजट को लेकर भी चीजें उठाई जाती हैं। 

FAQs

भारत में संसद में कितने सत्र होते हैं?

भारत में 1 वर्ष में 3 संसद के सत्र आयोजित किए जाते हैं।

संसद का सबसे बड़ा सत्र कौन सा होता है?

संसद का सबसे बड़ा सत्र बजट सत्र माना जाता है।

संसद का सबसे छोटा सत्र कौन सा होता है?

संसद का सबसे छोटा सत्र शीतकालीन सत्र माना जाता है।

आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको संसद सत्र के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। एग्जाम की तैयारी और बेहतर करने व UPSC में पूछे जाने वाले क्वैश्चंस के बारे में अधिक जानकारी के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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