Gandhi Jayanti Essay in Hindi : महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। गांधीजी के द्वारा किए गए कार्यों को याद करने के लिए इस दिन को गांधी जयंती के रूप में मनाया जाता है। गांधीजी एक महान समाज सुधारक और स्वतंत्रता सेनानी थे। उन्होंने ब्रिटिश शासन के खिलाफ स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और भारत को स्वतंत्र कराने में अपने योगदान दिया था। महात्मा गांधी का मुख्य सिद्धांत अहिंसा था। पूरा देश इस दिन उनकी जयंती पर उन्हें श्रद्धांजलि देता है। गांधी जयंती के अवसर पर छात्रों को Gandhi Jayanti Essay in Hindi लिखने के लिए दिया जाता है जिसके बारे में इस ब्लाॅग में विस्तार से बताया जा रहा है।
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गांधी जयंती पर 100 शब्दों में निबंध
Gandhi Jayanti Essay in Hindi 100 शब्दों में निबंध इस प्रकार है:
भारत में गांधी जयंती 2 अक्टूबर को मनाई जाती है। इस दिन गांधी जी का जन्म हुआ था। भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन में उनके योगदान का सम्मान करने और उन्हें याद करने के लिए हम इस दिन को मनाते हैं। महात्मा जयंती के दिन स्कूल और आधिकारिक संस्थान कार्यक्रम आयोजित करते हैं। गांधी जी सत्याग्रह में विश्वास करते थे। गांधी जयंती स्वच्छ भारत के सिद्धांत को भी रेखांकित करती है। 2014 में, भारत सरकार ने देश में स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए स्वच्छ भारत अभियान यानी स्वच्छ भारत अभियान शुरू किया था। यह आंदोलन महात्मा गांधी की शिक्षाओं का पालन करने के लिए शुरू किया गया था।
गांधी जयंती पर 200 शब्दों में निबंध
Gandhi Jayanti Essay in Hindi 200 शब्दों में निबंध नीचे दिया गया है:
भारत में हर साल 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी के जन्मदिन को गांधी जयंती के रूप में मनाया जाता है। 2 अक्टूबर के दिन भारत में राष्ट्रीय अवकाश होता है। इसे अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। संयुक्त राष्ट्र ने 2 अक्टूबर को अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में नामित किया है क्योंकि महात्मा गांधी अहिंसा के प्रतीक माने जाते हैं। महात्मा गांधी के द्वारा दी गई शिक्षाओं को आज भी पूरी दुनिया मानती है। उन्होंने दो आंदोलनों ‘स्वदेशी आंदोलन’ और ‘सत्याग्रह आंदोलन’’ का स्वतंत्रता संग्राम में नेतृत्व किया था। गांधी जयंती स्कूलों, कॉलेजों, कार्यालयों और पूरे देश में मनाई जाती है। इस दिन भारत को स्वतंत्र बनाने के लिए महात्मा गांधी के द्वारा की गई कड़ी मेहनत और अथक प्रयासों के बारे में लोगों को बताया जाता है। महात्मा गांधी स्वदेशी की अवधारणा में भी बहुत विश्वास करते थे। आज वर्तमान में भारत फिर से वैश्विक स्तर पर आत्मनिर्भर बनने के लिए इस अवधारणा को अपनाने की कोशिश कर रहा है। गांधीजी ने अफ्रीका से कानून की शिक्षा प्राप्त की थी और वे सामाजिक उद्देश्य से भारत वापस आए थे। गांधी जयंती के दिन छात्र उनकी शिक्षाओं का पालन करने की शपथ लेते हैं और उनके जन्मदिन को मनाने के लिए विभिन्न गतिविधियाँ करते हैं।
गांधी जयंती पर 300 शब्दों में निबंध
Gandhi Jayanti Essay in Hindi 300 शब्दों में निबंध निम्न प्रकार से है:
प्रतिवर्ष गांधी जयंती 2 अक्टूबर के दिन मनाई जाती है। इस दिन पूरे विश्व में विश्व अहिंसा दिवस भी मनाया जाता है। महत्मा गांधी ने शांति, अहिंसा और सामाजिक न्याय का प्रचार किया था। गांधी जयंती को भारत के साथ साथ दुनिया के बड़े हिस्सों में उत्साह और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है। महत्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। उनका पूरा नाम मोहनदास करमचंद गांधी था। महत्मा गांधी को प्यार से गांधीजी कहा जाता था। महत्मा गांधी ने अपना सम्पूर्ण सादगी और विनम्रता के साथ व्यतीत किया था। जब वे दक्षिण अफ्रीका में थे तब उन्हे लोगों के साथ होने वाले नस्लीय भेदभाव और अन्याय के बारे में पता चला। इस अनुभव से सामाजिक सेवा के लिया प्रेरित हुए थे।
गांधीजी जी ने अपना जीवन अहिंसक प्रतिरोध के प्रति समर्पित कर दिया था। उनका मानना था कि सत्य और अहिंसा के बल पर किसी भी मुश्किल का सामना किया जा सकता है। महत्मा गांधी ने अपने जीवन में कई आंदोलन किए थे उनमें चंपारण सत्याग्रह, असहयोग आंदोलन, नमक सत्याग्रह, दलित आंदोलन और भारत छोड़ो आंदोलन प्रमुख हैं। उन्होंने इन आंदोलनों को बहिष्कार और शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन वाले एक जन आंदोलन में बदल दिया। नमक मार्च के समय गांधीजी में 240 मील की यात्रा की और नमक के उत्पादन पर ब्रिटिश सरकार का जो एकाधिकार था उसका विरोध किया था। गांधीजी अहिंसक विरोध के प्रति अपनी प्रतिबद्धता के लिए जाने जाते हैं। गांधी जयंती राष्ट्रीय अवकाश होने के साथ चिंतन और स्मरण का दिन भी है। इस दिन सभी लोगों को उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करने चाहिए। इसके साथ उनके द्वारा दिए गए सत्य, अहिंसा और सामाजिक सद्भाव के मूल्यों पर भी विचार करना चाहिए।
गांधीजी के विचारों से कई लोग प्रभावित हुए थे, जिनमें मार्टिन लूथर किंग जूनियर और नेल्सन मंडेला जैसे नेताओं को शांति और न्याय के लिए प्रेरित किया है। गांधी जयंती के दिन हमें गांधी जी के जीवन और शिक्षाओं का सम्मान करना चाहिए। वर्तमान दुनिया में जहां भी लोगों के साथ अन्याय किया जाता है, वहां हमें उनके संदेशों की प्रेरणा देनी चाहिए।
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गांधी जयंती पर 500 शब्दों में निबंध
Gandhi Jayanti Essay in Hindi 500 शब्दों में निबंध इस प्रकार है:
प्रस्तावना
देश की आजादी में मूलभूत भूमिका निभाने वाले तथा सभी को सत्य और अहिंसा का मार्ग दिखाने वाले महात्मा गांधी को सर्वप्रथम बापू कहकर, राजवैद्य जीवराम कालिदास ने 1915 में संबोधित किया था। आज दशकों बाद भी संसार उन्हें बापू के नाम से पुकारता है। उनके द्वारा अपनाई गई सादगी, आत्मसंयम और संघर्ष की राह ने न केवल भारत को स्वतंत्रता दिलाई, बल्कि पूरी दुनिया को भी अहिंसक संघर्ष के महत्व से अवगत कराया। गांधी जी ने भारतीय समाज को एक नई दिशा दी, जिसमें उन्होंने देश के हर वर्ग, जाति और धर्म के लोगों को एकजुट कर उनके भीतर आत्मनिर्भरता और स्वतंत्रता का भाव जागृत किया।
गांधी जी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था। गांधी जी के पिता पोरबंदर में राज दीवान थे। गांधीजी के बचपन का नाम मोनिया था। अपने बचपन में गांधीजी को खेलने और घूमने फिरने में बहुत आनंद आता था। गांधी जी में ईमानदारी उनके बचपन से ही थी। वे पढ़ाई में इतने अच्छे नहीं थे लेकिन मेहनत बहुत अधिक करते थे। महज 13 वर्ष की उम्र में गांधीजी की शादी कर दी गई थी। उन्होंने अपने आत्मकथा में बताया है की उस समय उन्हें और उनकी पत्नी कस्तूरबा को शादी के बारे में भी पता नहीं था। 9 वर्ष की उम्र में गांधीजी ने राजकोट के एक स्थानीय स्कूल में प्रवेश लिए था। इसके बाद 11 वर्ष की आयु वे राजकोट के एक हाई स्कूल में गए थे। शादी की वजह से बीच में एक वर्ष तक उनकी पढ़ाई नहीं हो पाई। स्कूली शिक्षा पूर्ण होने के बाद वर्ष 1888 में वे भावनगर में सामलदास कॉलेज में गए। सामलदास कॉलेज में अपनी पढ़ाई की असंतुष्टि के कारण गांधीजी उसे छोड़ कर वर्ष 1888 में ही कानून की पढ़ाई करने के लिए लंदन चले गए। लंदन जाकर उन्होंने इनर टेम्पल कॉलेज में अपनी कानून की पढ़ाई और अभ्यास किया था।
महात्मा गांधी भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में अद्वितीय योगदान दिया था। उनके नेतृत्व में किए गए विभिन्न आंदोलनों ने न केवल भारत को स्वतंत्रता की दिशा में अग्रसर किया, बल्कि दुनिया को भी अहिंसा और सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी। महात्मा गांधी द्वारा किए गए ये आंदोलन न केवल भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महत्वपूर्ण अध्याय हैं, बल्कि वे दुनिया को सत्य और अहिंसा की ताकत का अहसास भी कराते हैं। गांधी जी के नेतृत्व में किए गए ये आंदोलन भारत की स्वतंत्रता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम साबित हुए और आज भी उनकी शिक्षाएं और आदर्श मानवता के लिए प्रेरणा का स्रोत बने हुए हैं।
चंपारण सत्याग्रह महात्मा गांधी द्वारा भारत में किया गया पहला बड़ा आंदोलन था। यह बिहार के चंपारण जिले में हुआ, जहां ब्रिटिश ज़मींदार गरीब किसानों से जबरन नील की खेती करा रहे थे। इस अन्याय का सामना करने के लिए गांधी जी ने सत्याग्रह का मार्ग अपनाया, जिससे ब्रिटिश सरकार को नील की खेती के अत्याचार को समाप्त करने पर मजबूर होना पड़ा। यह आंदोलन भारतीय किसानों की पहली बड़ी जीत थी और गांधी जी के नेतृत्व को पूरे देश ने स्वीकारा।
जलियांवाला बाग हत्याकांड के बाद, गांधी जी ने ब्रिटिश सरकार के खिलाफ असहयोग आंदोलन की शुरुआत की। इस आंदोलन का उद्देश्य ब्रिटिश सरकार की नीतियों का विरोध करना और स्वराज की प्राप्ति करना था। गांधी जी ने लोगों से अपील की कि वे सरकारी नौकरियों, विदेशी वस्त्रों, और ब्रिटिश संस्थानों का बहिष्कार करें। लाखों भारतीयों ने इस आंदोलन में हिस्सा लिया, जिससे ब्रिटिश सरकार को भारी नुकसान हुआ।
महात्मा गांधी द्वारा चलाया गया नमक सत्याग्रह, जिसे दांडी मार्च के नाम से भी जाना जाता है, ब्रिटिश सरकार के नमक कर के खिलाफ एक अहिंसक विरोध था। 12 मार्च 1930 को गांधी जी ने साबरमती आश्रम से दांडी गांव तक 24 दिनों का पैदल मार्च किया और वहां समुद्र से नमक बनाकर ब्रिटिश कानून का उल्लंघन किया था।
द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान महात्मा गांधी ने भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत की, जिसका नारा था “करो या मरो”। इस आंदोलन का उद्देश्य भारत को ब्रिटिश शासन से तत्काल स्वतंत्रता दिलाना था।
वर्ष 1915 में भारत लौट आने के बाद गांधीजी ने गोपाल कृष्ण गोखले को अपना गुरु माना और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस में शामिल हो गए। 1918 में गांधीजी ने बिहार और गुजरात के चंपारण और खेड़ा आंदोलन का नेतृत्व किया था। उस उसके उन्होंने ब्रिटिश सरकार के खिलाफ असहयोग आंदोलन, सविनय अवज्ञा आंदोलन, स्वराज और भारत छोड़ो आंदोलन का नेतृत्व किया। उनके आंदोलनों में सत्य और अहिंसा उनकी पहचान बन गई थी। गांधीजी की विचारधारा सत्याग्रह सच्चे सिद्धांतों और अहिंसा पर आधारित थी। गांधीजी के नेतृत्व ने स्वतंत्रता आंदोलन में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उनके आंदोलनों ने ब्रिटिश शासन को हिला कर रख दिया था।
उपसंहार
महात्मा गांधी के शब्दों में “कुछ ऐसा जीवन जियो जैसे की तुम कल मरने वाले हो, कुछ ऐसा सीखो जिससे कि तुम हमेशा के लिए जीने वाले”। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी इन्हीं सिद्धान्तों पर जीवन व्यतीत करते हुए भारत की आजादी के लिए ब्रिटिश साम्राज्य के खिलाफ अनेक आंदोलन लड़े और भारत को आज़ादी दिलाई।
गांधी जयंती पर 10 लाइन
गांधी जयंती पर 10 लाइन नीचे दी गई है:
- गांधीजी का शांति और एकता का संदेश दुनिया भर के लोगों को एक अधिक न्यायपूर्ण और समतापूर्ण समाज की दिशा में काम करने के लिए प्रेरित करता है।
- ईस्ट इंडिया कंपनी के शासन को समाप्त करने में गांधीजी का बहुत बड़ा योगदान था। उनके इस योगदान को याद करने के लिए यह दिन हर साल उनकी जयंती मनाई जाती है। गांधीजी के संदेशों ने हमें आत्मनिर्भरता, साहस, अहिंसा, सादगी, महिला सशक्तिकरण और शिक्षा का पाठ पढ़ाया है।
- महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 में गुजरात के पोरबंदर में हुआ था।
- महात्मा गांधी ने अहिंसक, सविनय अवज्ञा के माध्यम से भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
- गांधी जयंती के दिन उनकी मूर्ति और बापू के जीवन से संबंधित महत्वपूर्ण स्थानों को मालाओं और कई सारी सजावटी वस्तुओं से सजाया जाता है।
- महात्मा गांधी ने कहा था कि “ऐसे जियो जैसे कि तुम कल मरने वाले हो।” ऐसे सीखें जैसे कि आप हमेशा जीवित रहेंगे”।
- यह दिन स्वच्छ भारत की अवधारणा को भी बढ़ावा देता है क्योंकि स्वच्छता उनके मूल सिद्धांतों में से एक थी।
- इस दिन कई लोग दिल्ली के राजघाट में गांधी के स्मारक पर श्रद्धांजलि देने और प्रार्थना करने जाते हैं।
- 2 अक्टूबर 2024 को महात्मा गांधी की 155वीं जयंती समारोह मनाया जाएगा। महात्मा गांधी की जयंती हर साल 2 अक्टूबर को मनाई जाती है।
- संयुक्त राष्ट्र की तरफ से 2 अक्टूबर को ‘अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस’ घोषित किया है। गांधी जयंती के दिन उनके पसंदीदा भजन रघुपति राघव राजा राम को बजाया जाता है।
FAQs
हर साल 2 अक्टूबर को भारत गांधी जयंती मनाता है, यह दिन राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के जीवन और विरासत का सम्मान करने के लिए समर्पित है। गांधी जयंती उन सिद्धांतों और दर्शन की याद दिलाती है, जिनकी इस महान नेता ने अपने पूरे जीवन में वकालत की। इन स्थायी आदर्शों में से एक “स्वच्छ भारत” या स्वच्छ भारत की अवधारणा है।
गांधी जयंती एक राष्ट्रीय त्योहार है जो देश के महानतम नायक को सम्मान देता है, जिन्होंने लाखों लोगों के अधिकारों के लिए लड़ाई लड़ी और भारत को ब्रिटिश साम्राज्य से आजाद कराया।
महात्मा गांधी मोहनदास करमचंद गाँधी था। उनका जन्म 2 अक्टूबर 1869 को वर्तमान गुजरात राज्य के पोरबंदर जिले के मध्यमवर्गीय परिवार में हुआ था।
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