FLN की फुल फॉर्म ‘Foundational Literacy and Numeracy’ होती है जिसका हिंदी अर्थ ‘मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता’ होता है। बता दें कि FLN में एक बच्चे के बुनियादी पाठ पढ़ने और आधारभूत गणित के सवालों (जैसे- जोड़ और घटाव) को हल करने की उसकी क्षमता के रूप में संकल्पित किया गया है। एफएलएन की फुल फॉर्म (FLN Full Form in Hindi) और इससे जुड़ी अन्य जानकारी के लिए लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।
FLN Full Form in Hindi | मूलभूत साक्षरता और संख्यात्मकता (Foundational Literacy and Numeracy) |
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FLN के बारे में
- FLN राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP 2020) के प्रमुख घटकों में से एक है, जिसका उद्देश्य बच्चों में प्रारंभिक शिक्षा कौशल विकसित करना है।
- 2021 में निपुण-भारत (NIPUN Bharat) कार्यक्रम लॉन्च किया गया, जिसके तहत FLN को बढ़ावा दिया गया।
- इसका मुख्य लक्ष्य वर्ष 2026-27 तक कक्षा 3 के सभी बच्चों के लिए सार्वभौमिक साक्षरता और संख्यात्मकता सुनिश्चित करना है।
- इस कार्यक्रम के तहत बच्चों को अक्षरों की पहचान, शब्दों को जोड़कर पढ़ने, सरल वाक्य समझने, मौखिक गणना करने और तार्किक सोच विकसित करने में सक्षम बनाया जाता है।
- FLN कार्यक्रम का उद्देश्य छात्रों में आत्मविश्वास बढ़ाना और उनकी बौद्धिक क्षमता का विकास करना है, ताकि वे आगे की शिक्षा में बेहतर प्रदर्शन कर सकें।
FLN के प्रमुख घटक
FLN को प्रभावी रूप से लागू करने के लिए इसे विभिन्न घटकों में विभाजित किया गया है, जिनमें मुख्य रूप से शामिल हैं:
- भाषाई कौशल (Literacy Skills): अक्षरों की पहचान, शब्द निर्माण, वाचन क्षमता, लेखन और भाषा का सही उच्चारण।
- संख्यात्मक क्षमता (Numeracy Skills): गणितीय संक्रियाएँ (जोड़, घटाव, गुणा, भाग), संख्या पहचान, तर्कशक्ति और गणनात्मक कौशल।
- संज्ञानात्मक विकास (Cognitive Development): तार्किक सोच, समस्या समाधान और निर्णय लेने की क्षमता विकसित करना।
FLN का महत्व
- बच्चों के शुरुआती शिक्षा स्तर को मजबूत बनाता है, जिससे वे आगे की कक्षाओं में आसानी से सीख सकें।
- प्रारंभिक साक्षरता और गणितीय समझ विकसित करने से ड्रॉपआउट दर कम होती है।
- गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का आधार तैयार करता है और बच्चों को बौद्धिक रूप से सक्षम बनाता है।
- UNESCO और अन्य वैश्विक संगठनों के अनुसार, FLN शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है।
FLN से संबंधित प्रमुख सरकारी योजनाएँ
भारत में FLN को लागू करने और इसे मजबूत बनाने के लिए कई सरकारी योजनाएँ चलाई जा रही हैं, जिनमें शामिल हैं:
- निपुण भारत मिशन (NIPUN Bharat Mission)
- समग्र शिक्षा अभियान (Samagra Shiksha Abhiyan)
- एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालय योजना (Eklavya Model Residential Schools)
- बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ (Beti Bachao, Beti Padhao)
FAQs
FLN का मुख्य उद्देश्य बच्चों में प्रारंभिक साक्षरता और संख्यात्मकता कौशल विकसित करना है, ताकि वे पढ़ने, लिखने और गणितीय संक्रियाओं को आसानी से समझ सकें। इसका लक्ष्य कक्षा 3 तक के बच्चों को मूलभूत शिक्षा में निपुण बनाना है।
प्राथमिक विद्यालय में FLN का मतलब बच्चों को मौलिक भाषा और गणितीय अवधारणाओं की समझ देना है। यह शिक्षा नीति के तहत लागू किया गया एक कार्यक्रम है, जो बच्चों को अक्षरों की पहचान, शब्दों को जोड़कर पढ़ने, सरल वाक्य समझने और गणनात्मक कौशल विकसित करने में मदद करता है।
FLN मिशन का अर्थ ‘निपुण भारत’ (NIPUN Bharat Mission) से जुड़ा है, जिसे 2021 में शिक्षा मंत्रालय द्वारा लॉन्च किया गया था। इसका उद्देश्य 2026-27 तक कक्षा 3 के सभी बच्चों के लिए सार्वभौमिक साक्षरता और संख्यात्मकता सुनिश्चित करना है, जिससे वे आगे की शिक्षा में बेहतर प्रदर्शन कर सकें।
FLN कार्यक्रम को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए इसे पाँच प्रमुख स्तंभों में विभाजित किया गया है। पहला स्तंभ शिक्षण और अधिगम सामग्री से जुड़ा है, जिसमें बच्चों के लिए उपयुक्त पाठ्यक्रम और गतिविधियाँ तैयार की जाती हैं। दूसरा स्तंभ शिक्षकों के प्रशिक्षण और क्षमता निर्माण से संबंधित है, जिससे वे बच्चों को बेहतर तरीके से पढ़ा सकें। तीसरा स्तंभ मूल्यांकन और निगरानी पर केंद्रित है, जो बच्चों की सीखने की प्रगति पर नजर रखने में मदद करता है। चौथा स्तंभ सामुदायिक भागीदारी सुनिश्चित करता है, जिसमें अभिभावकों और समुदाय को बच्चों की शिक्षा से जोड़ा जाता है। पाँचवाँ स्तंभ नीति और प्रशासनिक सहयोग से जुड़ा होता है, जिसमें सरकार द्वारा योजनाओं को सही ढंग से लागू करने की व्यवस्था की जाती है।
FLN के दो प्रमुख घटक होते हैं। पहला घटक मूलभूत साक्षरता से संबंधित है, जिसमें भाषा को पढ़ने, लिखने और समझने की क्षमता विकसित की जाती है। दूसरा घटक संख्यात्मकता से जुड़ा होता है, जिसमें बच्चों को बुनियादी गणितीय संक्रियाएँ जैसे जोड़, घटाव, गुणा और भाग सिखाई जाती हैं।
बालवाटिका एक पूर्व-प्राथमिक शिक्षा कार्यक्रम है, जो छोटे बच्चों (3-6 वर्ष) के लिए तैयार किया गया है। इसमें खेल-आधारित और गतिविधि-आधारित शिक्षण पर जोर दिया जाता है, ताकि बच्चों की सीखने की क्षमता को शुरुआती स्तर से ही मजबूत किया जा सके।
FLN प्रशिक्षण शिक्षकों और अभिभावकों के लिए एक विशेष कार्यक्रम है, जिसमें शिक्षकों को प्रारंभिक साक्षरता और संख्यात्मकता सिखाने की तकनीकें प्रदान की जाती हैं। यह प्रशिक्षण ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों माध्यमों से उपलब्ध होता है, जिससे शिक्षक बच्चों को अधिक प्रभावी ढंग से शिक्षित कर सकें।
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