Maharana Pratap Jayanti in Hindi: भारत के वीर योद्धाओं की जब-जब चर्चा होती है, तब-तब हमारे सामने महाराणा प्रताप की छवि जरूर आती है। बता दें कि साहस, स्वाभिमान और स्वतंत्रता की प्रतिमूर्ति महाराणा प्रताप न केवल मेवाड़ राज्य के महान शासक थे, बल्कि भारतीय इतिहास में ऐसी मिसाल बन गए, जिन्हें हर पीढ़ी ने गर्व के साथ याद किया है। हर वर्ष महाराणा प्रताप जयंती को बड़े सम्मान और श्रद्धा के साथ मनाया जाता है, बता दें कि भारत के विभिन्न भागों में लोग उन्हें सिर्फ एक योद्धा नहीं, बल्कि आज़ादी की पहली लौ मानते हैं और उनकी जयंती को धूमधाम से मनाते हैं।
महाराणा प्रताप का जन्म हिंदू कैलेंडर के अनुसार ज्येष्ठ शुक्ल की तृतीया तिथि को हुआ था, इसलिए भारत में कई लोग उनकी जयंती को हिंदू कैलेंडर के अनुसार ज्येष्ठ शुक्ल की तृतीया तिथि को मनाते हैं। तो वहीं, कई लोग उनकी जयंती को अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 9 मई को मनाते हैं। इस लेख में आपके लिए महाराणा प्रताप जयंती (Maharana Pratap Jayanti in Hindi) की जानकारी दी गई है, जिसके लिए आपको इस लेख को अंत तक पढ़ना पड़ेगा।
This Blog Includes:
- महाराणा प्रताप कौन थे?
- महाराणा प्रताप जयंती (Maharana Pratap Jayanti in Hindi) का इतिहास
- महाराणा प्रताप जयंती कब मनाई जाती है?
- महाराणा प्रताप जयंती का महत्व क्या है?
- महाराणा प्रताप द्वारा लड़े गए युद्ध कौनसे हैं?
- महाराणा प्रताप जयंती क्यों मनाई जाती हैं?
- महाराणा प्रताप जयंती कैसे मनाते हैं?
- महाराणा प्रताप से जुड़े तथ्य
- महाराणा प्रताप की शिक्षाएँ और मूल्य
- FAQs
महाराणा प्रताप कौन थे?
महाराणा प्रताप का जन्म मेवाड़ के राजपूत परिवार में हुआ था और वह एक राजपूत राजा थे जिन्हें ‘मेवाड़ी राणा’ के नाम से जाना जाता था। वह लोगों के बीच साहस और वीरता के प्रतीक थे और भारत में उन्हें मुगल साम्राज्य के प्रति उनके सैन्य प्रतिरोध के लिए सम्मानित किया जाता है। महाराणा प्रताप का विवाह बिजोलिया के अजबदे पुनवार से हुआ था। उन्होंने अकबर के खिलाफ कई महत्वपूर्ण लड़ाइयाँ लड़ीं जिनमें 1576 में हल्दीघाटी की लड़ाई भी शामिल थी। उनकी बहादुरी ने कई अन्य लोगों को प्रेरित किया जिन्होंने बाद में मुगलों के खिलाफ विद्रोह किया।
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महाराणा प्रताप जयंती (Maharana Pratap Jayanti in Hindi) का इतिहास
महाराणा प्रताप का जन्म राजस्थान के मेवाड़ राज्य के शासक राजा, महाराणा उदय सिंह द्वितीय के यहाँ हुआ था। पिता के निधन के बाद महाराणा प्रताप युवराज बनकर राजगद्दी पर बैठे। महाराणा प्रताप ने अपने शुरुआती वर्षों में बहुत सारी लड़ाइयाँ लड़ीं और देश में आजादी की पहली लड़ाई भी छेड़ी। हल्दीघाटी के युद्ध में महाराणा प्रताप ने सम्राट अकबर के साथ लड़ाई लड़ी। जनवरी 1597 में एक शिकार दुर्घटना के बाद महाराणा प्रताप को काफी चोटें आईं और उसी वर्ष 29 जनवरी को उनका निधन हो गया।
महाराणा प्रताप जयंती कब मनाई जाती है?
जूलियन कैलेंडर के अनुसार महाराणा प्रताप का जन्म 9 मई 1540 को हुआ था। हालाँकि उनकी जयंती हिंदू कैलेंडर के अनुसार ज्येष्ठ शुक्ल की तृतीया तिथि को भी मनाई जाती है।
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महाराणा प्रताप जयंती का महत्व क्या है?
महाराणा प्रताप अपनी वीरता और बहादुरी के लिए जाने जाते हैं। राजस्थान के कई शाही परिवारों द्वारा उनकी पूजा की जाती है। महाराणा प्रताप राजपूतों के सिसौदिया वंश से थे और उन्होंने अपना पूरा जीवन अपने राष्ट्र, अपने लोगों और अपने राज्य के लिए समर्पित कर दिया। इसी कारण हर साल उनके सम्मान में महाराणा प्रताप जयंती मनाई जाती है।
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महाराणा प्रताप द्वारा लड़े गए युद्ध कौनसे हैं?
महाराणा प्रताप द्वारा लड़े गए प्रसिद्ध युद्ध यहाँ दिए गए हैं :
संख्या | युद्ध का नाम | युद्ध की तारीख |
1 | हल्दीघाटी का युद्ध (Battle of Haldighati) | 18 जून 1576 |
2 | मेवाड़ पर पुनः कब्ज़ा (Reconquest of Mewar) | 1582 |
3 | चित्तौड़गढ़ की घेराबंदी (Siege of Chittorgarh) | – |
4 | डेवेर की लड़ाई (Battle of Dewair) | – |
5 | गोगुंदा का युद्ध (Battle of Gogunda) | जून 1576 (युद्ध की शुरुआत) |
6 | रक्ततलाई का युद्ध (Battle of Rakhtalai) | 18 जून 1576 |
महाराणा प्रताप जयंती क्यों मनाई जाती हैं?
महाराणा प्रताप जयंती (Maharana Pratap Jayanti in Hindi) मेवाड़ के राजपूत राजा महाराणा प्रताप सिंह की याद में मनाया जाने वाला त्योहार है। महाराणा प्रताप एक सच्चे देशभक्त के रूप में प्रसिद्ध हैं जिन्होंने प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत की थी। उन्होंने हल्दीघाटी की लड़ाई में सबसे प्रसिद्ध मुगल सम्राटों में से एक अकबर के साथ लड़ाई लड़ी। इसलिए उनके सम्मान में हर साल यह जयंती मनाई जाती है।
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महाराणा प्रताप जयंती कैसे मनाते हैं?
महाराणा प्रताप जयंती (Maharana Pratap Jayanti in Hindi) पर लोग उनकी प्रतिमा के दर्शन करके और उनकी विरासत को याद करने के लिए परेड और धार्मिक अनुष्ठान आयोजित करते हैं। साथ ही राष्ट्रसेवा के संकल्प के साथ लोग महाराणा प्रताप की जयंती को बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं।
महाराणा प्रताप से जुड़े तथ्य
यहाँ आपके लिए महाराणा प्रताप से जुड़े तथ्य बताए गए हैं, जो आपको उनके जीवन के बारे में गहराई से बताएंगे –
- 9 मई 1540 में महाराणा प्रताप का जन्म हुआ था और उनका पूरा नाम महाराणा प्रताप सिंह सिसोदिया था।
- महाराणा प्रताप का बचपन का नाम कीका था।
- महाराणा प्रताप के 17 बेटे, 5 बेटियां और 11 पत्नियां थीं।
- महाराणा प्रताप के घोड़े का नाम ‘चेतक’ था जो की अपने मालिक के प्रति वफादारी के लिए जाना जाता है।
- हल्दी घाटी पर महाराणा प्रताप के घोड़े चेतक का मंदिर भी बनाया गया है।
- रामप्रसाद महाराणा प्रताप के हाथी का नाम था जिसने हल्दीघाटी के युद्ध में अकबर के 40 हाथियों को अकेले मार गिराया था।
- महाराणा प्रताप सिसोदिया राजपूत वंश के 13वें शासक थे।
- भारतीय इतिहास में महाराणा प्रताप की तलवार को सबसे भरी तलवार माना जाता है जिसका का वजन 1.799 किलो था।
- महाराणा प्रताप का भाला 81 किलो और छाती का कवच 72 किलो का था।
महाराणा प्रताप की शिक्षाएँ और मूल्य
महाराणा प्रताप की शिक्षाएँ और मूल्य सदियों तक भारतीय जनमानस की चेतना को जगाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती रहेंगी। महाराणा प्रताप की शिक्षाएँ और मूल्य हमें स्वाभिमानी और सच्चा राष्ट्रभक्त बनाएंगी, जो इस प्रकार हैं –
- महाराणा प्रताप के जीवन संघर्ष की गाथाएं हमें आत्मसम्मान के साथ जीवनयापन करना सिखाती हैं।
- उनके वीरगाथाएं हमें स्वतंत्रता का महत्व बताती हैं और अपनी स्वतंत्रता के संरक्षण के लिए लड़ना सिखाती हैं।
- उनका जीवन हमें सिखाता है कि हमें संघर्ष के समय में घबराकर अपने कदम पीछे नहीं हटाने चाहिए, बल्कि साहस के साथ उनका सामना करना चाहिए।
- उनके लिए गए निर्णयों ने आज तक भारत राष्ट्र को सदैव मातृभूमि के प्रति समर्पित रहने का मंत्र दिया है। राष्ट्रहित सर्वोपरि की भावना के साथ उनका जीवन हमें देशभक्ति का पाठ पढ़ाता है।
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FAQs
महाराणा प्रताप का जन्म 1540 में हुआ था।
महाराणा प्रताप की मृत्यु 19 जनवरी 1597 को हुई थी।
महाराणा प्रताप की 14 पत्नियां थीं।
महाराणा प्रताप मेवाड़ के राजपूतों के सिसौदिया वंश से थे।
महाराणा प्रताप की जिसका वजन 1.799 किलो था।
महाराणा प्रताप का पूरा नाम महाराणा प्रताप सिंह सिसोदिया था।
महाराणा प्रताप को उनकी वीरता, आत्मसम्मान और मुगलों के खिलाफ संघर्ष के लिए जाना जाता है, विशेष रूप से हल्दीघाटी की लड़ाई के लिए।
उनके घोड़े का नाम चेतक था, जो अपनी स्वामीभक्ति और युद्ध के समय महाराणा प्रताप को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाने के लिए प्रसिद्ध है।
महाराणा प्रताप का जीवन हमें स्वाभिमान, साहस, मातृभूमि के प्रति निष्ठा और कभी न झुकने की प्रेरणा देता है।
इस दिन भाषण प्रतियोगिता, निबंध लेखन, चित्रकला, पोस्टर मेकिंग और वीरता से जुड़े सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।
आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको महाराणा प्रताप जयंती (Maharana Pratap Jayanti in Hindi) से जुड़ी पूरी जानकारी मिल गई होगी। इसी तरह के अन्य ट्रेंडिंग आर्टिकल्स पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।