उर्दू के मशहूर शायर और पाकिस्तान के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘निशान-ए-इम्तियाज़’ से सम्मानित फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ विश्व साहित्य में एक चर्चित नाम हैं। आधुनिक उर्दू शायरी को अंतराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने में भी उनकी अहम भूमिका रही है। फ़ैज़ उर्दू के महान शायर होने के साथ ही वह ब्रिटिश भारतीय सेना में ऑफिसर, पाकिस्तान के दो प्रमुख अखबारों के एडिटर और लाहौर के एक कॉलेज में लेक्चरर भी रहे थे। इसके अलावा राजनीति में भी वह बहुत सक्रिय रहे।
क्या आप जानते हैं कि फ़ैज़ का नाम ‘नोबेल पुरस्कार’ के लिए भी नामित किया गया था। फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ ने मौलवी अब्दुल हक, ‘साहिर लुधियानवी’, ‘कैफ़ी आज़मी’, ‘सज्जाद जहीर’ और ‘फ़िराक़ गोरखपुरी’ जैसे विख्यात साहित्यकारों के सहयात्री रहने के बाद भी उर्दू साहित्य जगत में अपनी एक विशिष्ठ पहचान बनाई थी।
बता दें कि फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ की कई रचनाएँ को बी.ए. और एम.ए. के सिलेबस में विभिन्न विश्वविद्यालयों में पढ़ाया जाता हैं। वहीं बहुत से शोधार्थियों ने उनके साहित्य पर पीएचडी की डिग्री प्राप्त की हैं। इसके साथ ही UGC/NET में उर्दू विषय से परीक्षा देने वाले स्टूडेंट्स के लिए भी फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ का जीवन परिचय और उनकी रचनाओं का अध्ययन करना आवश्यक हो जाता है। आइए अब हम मशहूर शायर फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ का जीवन परिचय (Faiz Ahmed Faiz ka Jivan Parichay) और उनकी साहित्यिक रचनाओं के बारे में विस्तार से जानते हैं।
नाम | फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ (Faiz Ahmed Faiz) |
जन्म | 13 फरवरी, 1911 |
जन्म स्थान | सियालकोट जिला, पंजाब (वर्तमान पाकिस्तान) |
शिक्षा | एम.ए, लॉ (कैंब्रिज यूनिवर्सिटी) |
पेशा | शायर, संपादक, लेक्चरर |
विधाएँ | नज़्म, गजल, अनुवाद, संपादन |
प्रमुख कृतियाँ | नक़्श-ए-फ़र्यादी, दस्त-ए-सबा, ज़िंदाँ नामा, दस्त-ए-तह-ए-संग |
अनुवाद | दागिस्तान के कवि रसूल गमज़ातोव की कुछ कविताएँ, बलूच कवि मीर खान नासिर की कविता |
संपादन | पाकिस्तान टाइम्स, इमरोज़ (दैनिक) लैला-ओ-निहार (साप्ताहिक) |
पुरस्कार एवं सम्मान | “लेनिन शांति पुरस्कार”, “निगार पुरस्कार”, “निशान-ए-इम्तियाज़”, “नोबेल पुरस्कार” के लिए नामित (1984) |
निधन | 20 नवंबर, 1984 |
This Blog Includes:
पाकिस्तान के सियालकोट जिले में हुआ था जन्म
विख्यात शायर फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ का जन्म 13 फरवरी, 1911 को पाकिस्तान के सियालकोट जिले में हुआ था। उनके पिता का नाम ‘मुहम्मद सुलतान ख़ां’ था जो कि पेशे से बैरिस्टर थे। फ़ैज़ की प्रारंभिक शिक्षा उर्दू, अरबी व फ़ारसी में हुई जिसमें क़ुरआन को कंठस्थ करना भी शामिल था। फ़ैज़ ने अंग्रेजी और अरबी में एम.ए की डिग्री हासिल की थी। वहीं गर्वनमेंट कॉलेज, लाहौर में ‘पतरस बुख़ारी’ और ‘ग़ुलाम मुस्तफ़ा तबस्सुम’ उनके गुरु रहे थे। फ़ैज़ ने इंग्लैंड की ‘कैंब्रिज यूनिवर्सिटी’ से लॉ की पढ़ाई भी की थी।
विस्तृत रहा कार्यक्षेत्र
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ ने अपने करियर की शुरुआत लाहौर के एक कॉलेज में लेक्चरर के रूप में की। वहीं इस दौरान ही उनका साहित्य जगत में पर्दापण हो चुका था। वर्ष 1936 में उनके शेरों का पहला संग्रह ‘नक़्श-ए-फ़र्यादी’ नाम से प्रकाशित हुआ। इस दौरान वह ‘अदब-ए-लतीफ़’ के संपादक रहे और वर्ष 1947 में ‘पाकिस्तान टाइम्स’ व बाद में ‘इमरोज़’ (दैनिक) के प्रधान संपादक के रूप में कार्यभार संभाला।
वर्ष 1951 में फ़ैज़ को सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने के आरोप में गिरफ्तार भी किया गया और उन्हें कुछ वर्ष जेल में भी रहना पड़ा। वर्ष 1955 में जेल से रिहा होने के बाद उन्होंने जीवन के कुछ वर्ष लंदन में भी बिताए। किंतु उन्होंने अपना लेखन कार्य जारी रखा। वर्ष 1958 में पुनः अपने देश लौटने के बाद उन्हें कम्युनिस्ट साहित्य प्रकाशित करने और बांटने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया। वर्ष 1960 में जेल से दूसरी बार रिहा होने के बाद उन्होंने पाकिस्तान सरकार में विभिन्न पदों पर कार्य किया। जिनमें ‘संस्कृति मंत्रालय’ के सलाहकार का पद भी शामिल था।
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ की साहित्यिक रचनाएँ
यहाँ उर्दू के मशहूर शायर फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ का जीवन परिचय (Faiz Ahmed Faiz ka Jivan Parichay) के साथ ही उनकी साहित्यिक रचनाओं के बारे में भी बताया जा रहा है, जो कि इस प्रकार हैं:-
काव्य-संग्रह
- नक़्श-ए-फ़र्यादी
- दस्त-ए-सबा
- ज़िंदाँ नामा
- दस्त-ए-तह-ए-संग
- सर वादी-ए- सीना
- शाम-ए-शहर-ए-याराँ
- मेरे दिल मेरे मुसाफ़िर
अनुवाद
- दागिस्तान के कवि रसूल गमज़ातोव की कुछ कविताएँ
- बलूच कवि मीर खान नासिर की कविता
पुरस्कार एवं सम्मान
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ (Faiz Ahmed Faiz ka Jivan Parichay) को आधुनिक उर्दू साहित्य में विशेष योगदान देने के लिए सरकारी और ग़ैर सरकारी संस्थाओं द्वारा कई पुरस्कारों व सम्मान से पुरस्कृत किया जा चुका है, जो कि इस प्रकार हैं:-
- “निशान-ए-इम्तियाज़”
- “लेनिन शांति पुरस्कार”
- “निगार पुरस्कार”
- वर्ष 1984 में फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ का नाम नोबेल पुरस्कार के लिए भी नामित किया गया था।
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ की कुछ लोकप्रिय नज़्म
यहाँ उर्दू के मशहूर शायर फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ का जीवन परिचय (Faiz Ahmed Faiz ka Jivan Parichay) के साथ ही उनकी कुछ लोकप्रिय नज्मों के बारे में भी बताया जा रहा है, जो कि इस प्रकार हैं:-
मुझ से पहली सी मोहब्बत मिरी महबूब न माँग
मुझ से पहली सी मोहब्बत मिरी महबूब न माँग
मैं ने समझा था कि तू है तो दरख़्शाँ है हयात
तेरा ग़म है तो ग़म-ए-दहर का झगड़ा क्या है
तेरी सूरत से है आलम में बहारों को सबात
तेरी आँखों के सिवा दुनिया में रक्खा क्या है
तू जो मिल जाए तो तक़दीर निगूँ हो जाए
यूँ न था मैं ने फ़क़त चाहा था यूँ हो जाए
और भी दुख हैं ज़माने में मोहब्बत के सिवा
राहतें और भी हैं वस्ल की राहत के सिवा
अन-गिनत सदियों के तारीक बहीमाना तिलिस्म
रेशम ओ अतलस ओ कमख़ाब में बुनवाए हुए
जा-ब-जा बिकते हुए कूचा-ओ-बाज़ार में जिस्म
ख़ाक में लुथड़े हुए ख़ून में नहलाए हुए
जिस्म निकले हुए अमराज़ के तन्नूरों से
पीप बहती हुई गलते हुए नासूरों से
लौट जाती है उधर को भी नज़र क्या कीजे
अब भी दिलकश है तिरा हुस्न मगर क्या कीजे
और भी दुख हैं ज़माने में मोहब्बत के सिवा
राहतें और भी हैं वस्ल की राहत के सिवा
मुझ से पहली सी मोहब्बत मिरी महबूब न माँग
– फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
दिल में अब यूँ तेरे भूले हुये ग़म आते हैं
दिल में अब यूँ तेरे भूले हुये ग़म आते हैं
जैसे बिछड़े हुये काबे में सनम आते हैं
इक इक कर के हुये जाते हैं तारे रौशन
मेरी मंजिल की तरफ़ तेरे क़दम आते हैं
रक़्स-ए-मय तेज़ करो, साज़ की लय तेज़ करो
सू-ए-मैख़ाना सफ़ीरान-ए-हरम आते हैं
कुछ हमीं को नहीं एहसान उठाने का दिमाग
वो तो जब आते हैं माइल-ब-करम आते हैं
और कुछ देर न गुज़रे शब-ए-फ़ुर्क़त से कहो
दिल भी कम दुखता है वो याद भी कम आते हैं
– फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
कुछ इश्क़ किया कुछ काम किया
कुछ इश्क़ किया कुछ काम किया
वो लोग बहुत ख़ुश-क़िस्मत थे
जो इश्क़ को काम समझते थे
या काम से आशिक़ी करते थे
हम जीते-जी मसरूफ़ रहे
कुछ इश्क़ किया कुछ काम किया
काम इश्क़ के आड़े आता रहा
और इश्क़ से काम उलझता रहा
फिर आख़िर तंग आ कर हम ने
दोनों को अधूरा छोड़ दिया
– फ़ैज़ अहमद फ़ैज़
निधन
आधुनिक उर्दू साहित्य को अपनी अनुपम रचनाओं से रौशन करने वाले फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ का 20 नवंबर 1984 को निधन हो गया। लेकिन आज भी उनकी नज़्मों और गजलों को देश-विदेश में गाया और सुना जाता हैं। वहीं शायरी जगत में उनका नाम ‘मिर्ज़ा ग़ालिब’, ‘अल्लामा इक़बाल’ और ‘मोहम्मद इब्राहिम ज़ौक़’ जैसे महान शायरों के साथ लिया जाता है।
पढ़िए भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय
यहाँ मशहूर शायर फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ का जीवन परिचय (Faiz Ahmed Faiz ka Jivan Parichay) के साथ ही भारत के महान राजनीतिज्ञ और साहित्यकारों का जीवन परिचय की जानकारी भी दी जा रही हैं। जिसे आप नीचे दी गई टेबल में देख सकते हैं:-
FAQs
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ का जन्म 13 फरवरी, 1911 को पाकिस्तान के सियालकोट जिले में हुआ था।
वर्ष 1936 में उनके शेरों का पहला संग्रह ‘नक़्श-ए-फ़र्यादी’ नाम से प्रकाशित हुआ था।
बता दें कि वर्ष 1963 में उन्हें ‘लेनिन शांति पुरस्कार’ से नवाजा गया था।
फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ का 20 नवंबर 1984 को निधन हो गया था।
आशा है कि आपको मशहूर शायर फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ का जीवन परिचय (Faiz Ahmed Faiz ka Jivan Parichay) पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध कवियों और महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।