आपने भारत में कई स्टैच्यू देखे होंगे, लेकिन क्या आपने कभी स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के बारे में सुना है? जिसके बारे में कहा जाता है कि इस विशाल प्रतिमा को तूफान या भूकंप तक नहीं हिला सकता। दुनिया की यह सबसे विशाल प्रतिमा गुजरात राज्य के केवड़िया में ‘सरदार सरोवर बांध’ के निकट स्थापित की गई है। जिसे ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ (Statue of Unity) के नाम से जाना जाता है और इसकी कुल लंबाई ‘182 मीटर’ (597 फीट) हैं, जिसके बारे में स्टूडेंट्स को पता होना चाहिए और इससे जुड़े सवाल प्रतियोगी परीक्षाओं में भी पूछ लिए जाते हैं। इसलिए आज के इस ब्लॉग में हम Facts About Statue of Unity in Hindi के बारे में जानेंगे।
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Facts About Statue of Unity in Hindi
रिसर्च, स्टडी और रिपोर्ट्स के अनुसार स्टूडेंट्स के लिए Facts About Statue of Unity in Hindi यहाँ दिए गए हैं:
- स्टैच्यू ऑफ यूनिटी गुजरात राज्य के नर्मदा जिले में केवड़िया में ‘सरदार सरोवर बांध’ के निकट स्थापित की गई है।
- स्टैच्यू ऑफ यूनिटी को विश्व की एक बहुत बड़ी प्रतिमा के रूप में जाना जाता है।
- स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की कुल लंबाई ‘182 मीटर’ (597 फीट) हैं।
- स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का कुल वजन 1700 टन है। जिसमें पैर की ऊंचाई 80 फीट, हाथ की 70 फीट, कंधे की 140 फीट और चेहरे की ऊंचाई 70 फीट है।
- इस भव्य मूर्ति के भीतर एक लाइब्रेरी भी है, जहां पर सरदार वल्लभ भाई पटेल से जुड़े हुए इतिहास को दर्शाया गया है।
- स्टैच्यू ऑफ यूनिटी की आधारशिला वर्ष 2014 में भारत के ‘लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल’ के जन्म दिवस की 138वीं वर्षगांठ पर रखी गई थी।
- स्टैच्यू ऑफ यूनिटी के निर्माण में 4 वर्ष यानी तकरीबन 44 महीनों का समय लगा था।
- इस मूर्ति को बनाने में लगभग तीन हजार करोड़ रुपए खर्च हुए हैं।
- स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का उद्घाटन वर्ष 2018 में सरदार पटेल की 142वीं वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री ‘नरेंद्र मोदी’ के द्वारा किया गया था।
- स्टैच्यू ऑफ यूनिटी का निर्माण कार्य भारत के सुप्रसिद्ध मूर्तिकार ‘राम वी. सुतार’ (Ram V. Sutar) की देखरेख में हुआ था।
जानिए स्टैच्यू ऑफ यूनिटी से जुड़े कुछ रोचक तथ्य
स्टैच्यू ऑफ यूनिटी से जुड़े कुछ रोचक तथ्य यहाँ दिए गए हैं :
- स्टैच्यू ऑफ यूनिटी (Statue of Unity) का निर्माण कार्य बहुराष्ट्रीय कंपनी ‘लार्सन एंड टूब्रो’ (Larsen & Toubro (L&T) ने किया है।
- लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की इस प्रतिमा के लिए ‘लोहा दान’ कैंपेन चलाया गया था। देश के कई कोने-कोने से आम लोगों से लोहा दान में मांगा गया था। जिसे पिघला कर प्रतिमा को बनाने में इस्तेमाल किया गया।
- इस प्रतिमा को पूरा करने के लिए 300 इंजीनियरों और 3000 श्रमिकों ने काम किया था।
- स्टैच्यू के अंदर चार हाई-स्पीड लिफ्ट हैं।
- प्राकृतिक उम्र बढ़ने की प्रक्रिया के कारण 100 वर्षों में स्टैच्यू ऑफ यूनिटी अपने मूल कांस्य रंग से हरे रंग में बदल जाएगी।
- यह प्रतिमा भूकंप और करीब 100 किलोमीटर प्रति सेकंड की रफ्तार वाली हवा को झेलने में सक्षम है।
- इस भव्य प्रतिमा का निर्माण 70,000 टन सीमेंट, 25,000 टन स्टील और 12,000 कांस्य पैनलों का उपयोग करके किया गया था।
- यह प्रतिमा एकता और अखंडता के आदर्शों का प्रतिनिधित्व करती है।
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