Nagarhole Rashtriya Udyan: नागरहोल नेशनल पार्क क्यों प्रसिद्ध है? जानें इसका इतिहास और प्रमुख आकर्षण केंद्र

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Nagarhole Rashtriya Udyan

Nagarhole Rashtriya Udyan: भारत विविध जैवविविधता और समृद्ध प्राकृतिक धरोहरों के लिए पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। बता दें कि कर्नाटक के मैसूर पठार और तमिलनाडु के नीलगिरि पर्वतों के बीच स्थित ‘नागरहोल नेशनल पार्क’ (Nagarhole Rashtriya Udyan) भी इसी धरोहर का एक अहम हिस्सा है। बता दें कि इस उद्यान का नाम ‘नागरहोल’ दो कन्नड़ शब्दों ‘नागरा’ (साँप) और ‘होले’ (नदी) से मिलकर बना है, जो यहाँ की घुमावदार नदियों और जलधाराओं को दर्शाता है। वहीं इस लेख में आपके लिए नागरहोल नेशनल पार्क (Nagarhole Rashtriya Udyan) की विस्तृत जानकारी दी गई है। नागरहोल नेशनल पार्क के बारे में जानने के लिए इस लेख को अंत तक जरूर पढ़ें।

उद्यान का नामनागरहोल राष्ट्रीय उद्यान (Nagarhole Rashtriya Udyan)
स्थानकर्नाटक के मैसूर पठार और तमिलनाडु के नीलगिरि पर्वतों के बीच स्थित है।
स्थापना वर्ष1955 में वन्यजीव अभयारण्य के रूप में; 1988 में राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा प्राप्त।
क्षेत्रफललगभग 640 वर्ग किलोमीटर
प्रमुख नदीनागरहोल, लक्ष्मण तीर्थ, काबिनी; काबिनी नदी नागरहोल और बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान को विभाजित करती है।
प्रमुख वन्यजीव प्रजातियाँप्रमुख वन्यजीवों में बाघ, तेंदुआ, धोल (जंगली कुत्ता), सुस्त भालू, गौर (भारतीय बाइसन), सांभर, चीतल, और चार-सींग वाला मृग शामिल हैं। 
पक्षी प्रजातियाँ270 से अधिक प्रजातियाँ; प्रमुख: नीलगिरी वुड पिजन, मलाबार ग्रे हॉर्नबिल, सफेद पीठ वाला गिद्ध, ग्रेटर स्पॉटेड ईगल।
वनस्पति विविधतानम और शुष्क पर्णपाती वन; प्रमुख वृक्ष: सागौन, चंदन, गुलाबी लकड़ी, सिल्वर ओक।
यात्रा के लिए सर्वोत्तम मौसमनवंबर से फरवरी तक
प्रमुख आकर्षणइरुप्पु जलप्रपात, ईश्वर मंदिर, कुट्टा गाँव; ट्रेकिंग, बर्ड वॉचिंग, प्रकृति फोटोग्राफी के लिए उपयुक्त।
प्रवेश शुल्कभारतीयों के लिए 50 रुपये प्रति व्यक्ति
विदेशी पर्यटकों के लिए 1500 रुपये प्रति व्यक्ति

नागरहोल नेशनल पार्क के बारे में

नागरहोल राष्ट्रीय उद्यान न केवल जैव विविधता का खजाना है, बल्कि यह भारत के वन्यजीव संरक्षण प्रयासों का एक प्रमुख उदाहरण भी है। नागरहोल राष्ट्रीय उद्यान कर्नाटक के मैसूर पठार और तमिलनाडु के नीलगिरि पर्वतों के बीच स्थित, नागरहोल 640 वर्ग किलोमीटर का अभयारण्य है जो वन्यजीवों की प्रचुर विविधता का घर है।

यह उद्यान भारत के प्रमुख जैव विविधता वाले क्षेत्रों में से एक है और इसे UNESCO द्वारा घोषित नीलगिरी बायोस्फीयर रिजर्व का हिस्सा माना जाता है। इस उद्यान की ऊँचाई समुद्र तल से 600 से 900 मीटर के बीच है, और यहाँ का वार्षिक वर्षा औसतन 1500 मिमी है।

नागरहोल नेशनल पार्क क्यों प्रसिद्ध है?

नागरहोल राष्ट्रीय उद्यान (Nagarhole Rashtriya Udyan) न केवल अपने समृद्ध वन्यजीव और हरियाली के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि इसे अब नागरहोल टाइगर रिज़र्व के नाम से भी जाना जाता है। बताना चाहेंगे यहाँ दिए गए निम्नलिखित कारणों के चलते नागरहोल राष्ट्रीय उद्यान प्रसिद्ध है;-

  • यह उद्यान बाघों की उच्च घनत्व वाली आबादी वाला क्षेत्र है।
  • नागरहोल, नीलगिरी बायोस्फीयर रिज़र्व का हिस्सा है, जो एशियाई हाथियों की सबसे बड़ी आबादी का घर है।
  • इस उद्यान में समृद्ध जैव विविधता के साथ-साथ,वनस्पति की विविधता को देखा जा सकता है।
  • स्थानीय समुदायों को संरक्षण प्रयासों में शामिल किया गया है, जिससे उन्हें आर्थिक लाभ भी प्राप्त हो रहा है।
  • काबिनी नदी (Kabini River) और तराका जलाशय जैसे जल स्रोतों के कारण भी यह उद्यान बेहद प्रसिद्ध है।

नागरहोल नेशनल पार्क का इतिहास

नागरहोल राष्ट्रीय उद्यान के इतिहास पर नज़र डाली जाए, तो आप जानेंगे कि नागरहोल राष्ट्रीय उद्यान की स्थापना वर्ष 1955 में एक वन्यजीव अभयारण्य के रूप में हुई थी, और वर्ष 1988 में इसे राष्ट्रीय उद्यान का दर्जा प्राप्त हुआ। इसके साथ ही वर्ष 1999 में इसे नीलगिरि बायोस्फीयर रिजर्व का हिस्सा बनाया गया। वर्तमान में, यह उद्यान लगभग 640 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला हुआ है और बाघों की सुरक्षा के लिए ‘प्रोजेक्ट टाइगर’ के अंतर्गत संरक्षित है। यह उद्यान पश्चिमी घाट और दक्षिणी पठार के संगम पर स्थित है, जिससे इसकी पारिस्थितिकी और जलवायु विविधता में अनूठापन आता है।

नागरहोल नेशनल पार्क की जैव विविधता

इस उद्यान की जैव विविधता अत्यधिक समृद्ध है। यहाँ 270 से अधिक पक्षी प्रजातियाँ पाई जाती हैं, जिनमें हॉर्नबिल, ईगल, पेलिकन, किंगफिशर, बत्तख, चील, बाज, शिकरा, तीतर, मोर, लैपविंग, वैगेट, सैंडपाइपर, वुडपेकर, सनबर्ड, वॉर्बलर, बब्बल, उल्लू आदि शामिल हैं। सरीसृपों की बात करें तो यहाँ किंग कोबरा, क्रेट, इंडियन रॉक पायथन,रसेल वाइपर, बेल सांप, कछुआ, मग्गर, भेड़िया, सांप, चूहा सांप (पाइटास म्यूकोसस), बांस पिट वाइपर, पाइथन मोलुरस, भारतीय मॉनिटर छिपकली, आम टॉड आदि पाए जाते हैं।

इस उद्यान में वनस्पतियों की कई प्रजातियां जैसे – चंदन, चांदी की ओक, शीशम, भारतीय कीनो पेड़, ग्रेविया टिलिफोलिया, शीशम और ओक्सलेवूड, लेगरोस्ट्रोइया माइक्रोकार्पा, कदाम, कपास के पेड़, शिलेकेरा ट्रेजुगा आदि प्रजातियाँ पाई जाती हैं। इसके साथ ही यहाँ नेटटल्स, टिक क्लोवर, हेलिसटेरेस प्रजातियाँ, लैंटाना, गोल्डन शावर ट्री, जंगल की लौ, सागौन और क्लंपिंग बांस बहुतायत में पाए जाते हैं।

नागरहोल नेशनल पार्क के प्रमुख आकर्षण केंद्र

नागरहोल राष्ट्रीय उद्यान (Nagarhole Rashtriya Udyan) के प्रमुख आकर्षण केंद्र की जानकारी निम्नलिखित है;-

  • नागरहोल राष्ट्रीय उद्यान में बाघ, तेंदुआ, हाथी, भालू, सियार, सांभर, चीतल, नीलगाय, और जंगली सूअर जैसे विभिन्न प्रजातियों के वन्यजीवों का वास है। इस कारण से यह उद्यान आकर्षण का मुख्य केंद्र भी है।
  • नागरहोल में जंगल सफारी का अनुभव पर्यटकों के लिए आकर्षण का प्रमुख केंद्र है। यह सफारी सुबह और शाम के समय आयोजित की जाती है, क्योंकि इस दौरान वन्यजीवों को सक्रिय देखा जा सकता है।
  • यहाँ मौजूद पक्षियों की प्रजातियां भी इस उद्यान का मुख्य आकर्षण का केंद्र हैं।
  • उद्यान के भीतर स्थित जलाशय और नदियां जैसे काबिनी नदी, वन्यजीवों के लिए जल स्रोत प्रदान करती हैं, साथ ही इनके माध्यम से पर्यटकों को प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने का अवसर भी मिल जाता है।

नागरहोल नेशनल पार्क से संबंधित रोचक तथ्य

नागरहोल राष्ट्रीय उद्यान सिर्फ एक पर्यटन स्थल नहीं, बल्कि एक संरक्षित प्राकृतिक धरोहर है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मिसाल की तरह है। इससे जुड़े कुछ रोचक तथ्य निम्नलिखित हैं;-

  • यह उद्यान पहले मैसूर के राजाओं का निजी शिकारगाह था, जिसे बाद में अभयारण्य और फिर राष्ट्रीय उद्यान के रूप में घोषित किया गया।
  • ‘नागरहोल’ दो कन्नड़ शब्दों से मिलकर बना है – ‘नागरा’ (साँप) और ‘होल’ (नदी/धारा), जो इस क्षेत्र की घुमावदार नदियों और समृद्ध पारिस्थितिकी तंत्र को दर्शाता है।
  • बताना चाहेंगे नागरहोल नेशनल पार्क के दक्षिण में काबिनी नदी है, जो बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान से इसे अलग करती है।

FAQs

नागरहोल राष्ट्रीय उद्यान कहाँ स्थित है?

नागरहोल राष्ट्रीय उद्यान कर्नाटक के मैसूर पठार और तमिलनाडु के नीलगिरि पर्वतों के बीच स्थित है।

नागरहोल राष्ट्रीय उद्यान का क्या महत्व है?

यह उद्यान भारत के प्रमुख बाघ संरक्षण क्षेत्रों में से एक है और यह नीलगिरि जैवमंडल का हिस्सा है। यहाँ हाथी, बाघ, तेंदुआ और कई दुर्लभ पक्षियों की प्रजातियाँ पाई जाती हैं।

नागरहोल राष्ट्रीय उद्यान में घूमने का सबसे अच्छा समय कौन सा है?

इस उद्यान में घूमने का सबसे अच्छा समय नवंबर से फरवरी के बीच होता है, जब मौसम सुहावना और वन्यजीवों की गतिविधियाँ अधिक होती हैं।

नागरहोल राष्ट्रीय उद्यान में कौन-कौन से प्रमुख जानवर पाए जाते हैं?

इस उद्यान में बाघ, एशियाई हाथी, तेंदुआ, जंगली कुत्ते, सांभर, चीतल, गौर और कई प्रकार के पक्षी देखे जा सकते हैं।

नागरहोल राष्ट्रीय उद्यान के पास कौन-कौन से अन्य पर्यटन स्थल हैं?

इस उद्यान के पास काबिनी नदी, बांदीपुर राष्ट्रीय उद्यान, कूर्ग की पहाड़ियाँ और इरुप्पु जलप्रपात जैसे खूबसूरत स्थल भी देखने लायक हैं।

नागरहोल राष्ट्रीय उद्यान में ठहरने की क्या व्यवस्था है?

यहाँ कई सरकारी और निजी लॉज, रिसॉर्ट्स और कैंपिंग साइट्स उपलब्ध हैं जो पर्यटकों के लिए आरामदायक ठहराव प्रदान करते हैं।

नागरहोल राष्ट्रीय उद्यान में पर्यटकों के लिए क्या सावधानियाँ जरूरी हैं?

जंगल में सफारी के दौरान शांत रहना, गाइड के निर्देशों का पालन करना, प्लास्टिक या कूड़ा न फैलाना और वन्यजीवों से उचित दूरी बनाए रखना जरूरी है।

नागरहोल टाइगर रिजर्व से कौन सी नदी बहती है?

नागरहोल टाइगर रिजर्व से काबिनी नदी बहती है।

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उम्मीद है कि इस ब्लाॅग में आपको नागरहोल नेशनल पार्क (Nagarhole Rashtriya Udyan) की संपूर्ण जानकारी मिल गई होगी। ऐसे ही सामान्य ज्ञान और UPSC से जुड़े अन्य ब्लॉग पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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