Gugamal Rashtriya Udyan: गुगामल राष्ट्रीय उद्यान का इतिहास, वनस्पति और जीव-जंतु

1 minute read
Gugamal Rashtriya Udyan

Gugamal Rashtriya Udyan: गुगामल नेशनल पार्क महाराष्ट्र के सतपुड़ा पहाड़ों में एक बहुत सुंदर जंगल है। यहाँ बहुत सारे पेड़-पौधे और अलग-अलग तरह के जानवर मिलते हैं, इसलिए यह प्रकृति और जानवरों को पसंद करने वालों के लिए एक शानदार जगह है। यहाँ शांति है और आप बाघ, तेंदुआ, भालू और कई तरह के हिरण देख सकते हैं। रंगीन पक्षियों की आवाज़ें जंगल को और भी खुशनुमा बनाती हैं। शहर के शोर से दूर, गुगामल की कुदरती सुंदरता और जानवरों की दुनिया देखने लायक है। अगर आप एक रोमांचक हॉलिडे प्लान कर रहे हैं तो ये जगह आपकी उमीदों पर खड़ी उतरी। इस ब्लॉग में गुगामाल राष्ट्रीय उद्यान (Gugamal Rashtriya Udyan) से सम्बंधित सम्पूर्ण जानकारी दी गई है।

विशेषताजानकारी
नामगुगामल राष्ट्रीय उद्यान (Gugamal National Park)
खासियतअपनी घनी दक्षिणी उष्णकटिबंधीय शुष्क पर्णपाती वनस्पति, विविध वन्यजीव (जैसे बाघ, तेंदुआ, भालू, हिरण), शांत वातावरण और सतपुड़ा पर्वतमाला में स्थित होने के कारण प्रकृति प्रेमियों और वन्यजीव उत्साही लोगों के लिए विशेष आकर्षण। यहाँ तवा जलाशय के मनोरम दृश्य भी मिलते हैं।
स्थापना कब हुई1975 (वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत)
किसने स्थापित कियामहाराष्ट्र सरकार
कहाँ स्थित हैभारतीय राज्य महाराष्ट्र के अमरावती जिले में, मेलघाट टाइगर रिजर्व का उत्तरी भाग बनाता है। यह सतपुड़ा पर्वतमाला में स्थित है।
क्षेत्रफललगभग 361.28 वर्ग किलोमीटर
महत्वपूर्ण वन्यजीवबंगाल टाइगर, भारतीय तेंदुआ, सुस्त भालू, जंगली कुत्ता (धोल), सांभर हिरण, चीतल, भौंकने वाला हिरण, चौसिंघा, नीलगाय, उड़ने वाली गिलहरी, विभिन्न प्रकार के पक्षी, सरीसृप और उभयचर।
प्रमुख वनस्पतिदक्षिणी उष्णकटिबंधीय शुष्क पर्णपाती वन (Southern Tropical Dry Deciduous Forests) प्रमुख हैं, जिनमें सागौन (Teak), ऐन, धावड़ा, तेंदू, पलाश और बांस के जंगल शामिल हैं।
आसपास के आकर्षणमेलघाट टाइगर रिजर्व (जिसका यह हिस्सा है), तवा जलाशय, भीमकुंड, देवी पॉइंट।
घूमने का सर्वोत्तम समयअक्टूबर से मई

Gugamal Rashtriya Udyan कहां है?

गुगामल राष्ट्रीय उद्यान, महाराष्ट्र राज्य के अमरावती जिले में स्थित वन्यजीव संरक्षण क्षेत्र है। यह उद्यान सतपुड़ा पर्वतमाला के उत्तरी भाग में फैला हुआ है और मेलघाट टाइगर रिजर्व का हिस्सा है। इसकी स्थापना वर्ष 1975 में वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 के तहत की गई थी, जिसका मुख्य उद्देश्य इस क्षेत्र की समृद्ध जैव विविधता और प्राकृतिक सौंदर्य को संरक्षित करना था। लगभग 361.28 वर्ग किलोमीटर के विशाल क्षेत्र में फैला यह उद्यान घनी वनस्पति, ऊबड़-खाबड़ भूभाग और शांत वातावरण के लिए जाना जाता है। 

गुगामाल राष्ट्रीय उद्यान किसके लिए प्रसिद्ध है?

गुगामल नेशनल पार्क कई चीजों के लिए जाना जाता है:

  • यह बाघों का घर है और यहाँ उनकी अच्छी खासी आबादी है।
  • यहाँ अलग-अलग तरह के पेड़-पौधे और जानवर मिलते हैं, जिससे यह प्रकृति प्रेमियों के लिए खास है।
  • यह सतपुड़ा की पहाड़ियों में है, जो इसे बहुत सुंदर बनाता है।
  • इसके पास तवा नाम का एक बड़ा तालाब है, जिसका नज़ारा बहुत अच्छा लगता है।
  • यहाँ बहुत सारे पक्षी भी दिखते हैं, इसलिए यह बर्डवॉचिंग के लिए भी बढ़िया जगह है।

गुगामल नेशनल पार्क के फ़्लोरा और फौना इस प्रकार हैं:

  • यहाँ ऐसे पेड़ हैं जो गरम और नमी वाली जगह पर उगते हैं। 
  • यहाँ बारिश कम होती है और लगभग आधे साल सूखा रहता है। 
  • यहाँ सागौन, ऐन, धावड़ा, तेंदू, पलाश और बांस के बहुत घने जंगल हैं।
  • ये जंगल कई तरह के जानवरों के लिए घर जैसा हैं। 
  • गुगामल खास बंगाल का बाघ के लिए मशहूर है। 
  • यहाँ तेंदुआ, भालू, जंगली कुत्ते, कई तरह के हिरण और नीलगाय जैसे जानवर भी मिलते हैं। रंग-बिरंगे पक्षी और तितलियाँ इस जंगल को और भी सुंदर बनाते हैं।

गुगामल नेशनल पार्क सिर्फ जानवरों और पेड़-पौधों को बचाने के लिए ही ज़रूरी नहीं है, बल्कि यह घूमने आने वालों को प्रकृति के पास आने और शांति महसूस करने का मौका भी देता है। इस पार्क के अंदर एक बहुत सुंदर तालाब है, जिसका नाम तवा जलाशय है, और उसे देखना लोगों को बहुत अच्छा लगता है। इसके आसपास मेलघाट टाइगर रिजर्व के दूसरे हिस्से, भीमकुंड और देवी पॉइंट जैसी और भी अच्छी जगहें हैं, जो गुगामल की यात्रा को और भी यादगार बना देती हैं। यहाँ घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से मई तक होता है, क्योंकि तब मौसम अच्छा रहता है और जानवरों को देखना भी आसान होता है।

गुगामाल नेशनल पार्क का इतिहास क्या है?

गुगामल राष्ट्रीय उद्यान का इतिहास मेलघाट टाइगर रिजर्व से जुड़ा है। जब भारत में बाघों की संख्या कम होने लगी, तो उन्हें बचाने के लिए 1973 में प्रोजेक्ट टाइगर शुरू किया गया। मेलघाट को इस प्रोजेक्ट के शुरुआती नौ बाघों के सुरक्षित क्षेत्रों में से एक बनाया गया, जिसकी शुरुआत 22 फरवरी 1974 को हुई।

गुगामल राष्ट्रीय उद्यान, जो मेलघाट टाइगर रिजर्व का सबसे अंदरूनी और महत्वपूर्ण हिस्सा है, को 5 सितंबर 1975 को आधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय उद्यान घोषित किया गया। इसका मुख्य लक्ष्य मेलघाट इलाके की खास प्रकृति और यहाँ पाए जाने वाले अलग-अलग प्रकार के जीव-जंतुओं को बचाना था। इस राष्ट्रीय उद्यान का कुल इलाका लगभग 361.28 वर्ग किलोमीटर है।

इस तरह, गुगामल राष्ट्रीय उद्यान की कहानी बाघों को बचाने की कोशिश के रूप में शुरू हुई और यह इलाका महाराष्ट्र में बाघों के रहने की सबसे ज़रूरी जगहों में से एक बन गया। धीरे-धीरे, इसने न सिर्फ बाघों बल्कि दूसरे जानवरों और पेड़-पौधों को भी बचाने में बड़ी भूमिका निभाई है।

गुगामाल राष्ट्रीय उद्यान की वनस्पति और जीव-जंतु कौन-कौन से हैं?

गुगामल राष्ट्रीय उद्यान की वनस्पति और जीव-जंतु इस प्रकार हैं:

वनस्पति

गुगामल राष्ट्रीय उद्यान में मुख्य रूप से दक्षिणी उष्णकटिबंधीय शुष्क पर्णपाती वन पाए जाते हैं। यहाँ के प्रमुख वृक्षों में सागौन (Teak), ऐन (Ain), धावड़ा (Dhawada), तेंदू (Tendu), पलाश (Palash), और बांस (Bamboo) शामिल हैं। ऊपरी पहाड़ी क्षेत्रों में कुछ आर्किड और स्ट्रोबिलैंथेस भी मिलते हैं। यह क्षेत्र विभिन्न प्रकार की औषधीय पौधों से भी समृद्ध है।

जीव-जंतु

गुगामल राष्ट्रीय उद्यान वन्यजीवों से भरा हुआ है। यहाँ पाए जाने वाले प्रमुख जीव-जंतुओं में शामिल हैं:

  • बंगाल टाइगर, भारतीय तेंदुआ, सुस्त भालू, जंगली कुत्ता (धोल), भारतीय सियार, धारीदार लकड़बग्घा, चौसिंघा, सांभर, गौर, भौंकने वाला हिरण, हनी बेजर, उड़ने वाली गिलहरी, चीतल, नीलगाय, जंगली सूअर, लंगूर, रीसस बंदर और मकाक।
  • यहाँ लगभग 25 प्रकार की मछलियाँ पाई जाती हैं।
  • उद्यान में विभिन्न प्रकार की रंग-बिरंगी तितलियाँ भी देखने को मिलती हैं।
  • मगरमच्छों को 1990 और 1991 में यहाँ फिर से लाया गया। इसके अलावा, यहाँ भारतीय कोबरा, अजगर और विभिन्न प्रकार की छिपकलियाँ भी पाई जाती हैं।
  • गुगामल पक्षी देखने वालों के लिए भी एक शानदार जगह है जहाँ लगभग 260 प्रजातियों के पक्षी पाए जाते हैं, जिनमें सर्प चील और स्वर्ग फ्लाईकैचर प्रमुख हैं।

गुगामाल नेशनल पार्क के प्रमुख आकर्षण क्या हैं?

गुगामल नेशनल पार्क में घूमने और देखने लायक बहुत कुछ है:

  • बाघ: यहाँ बहुत सारे बाघ हैं, जो इसे बाघों को देखने के लिए खास जगह बनाते हैं।
  • अलग-अलग जानवर: यहाँ तेंदुआ, भालू, जंगली कुत्ते, हिरण और नीलगाय जैसे कई तरह के जानवर मिलते हैं।
  • बहुत सारे पक्षी: अगर आपको पक्षी देखना पसंद है, तो यहाँ लगभग 260 तरह के पक्षी हैं।
  • घने जंगल: यह पार्क घने जंगलों से भरा है, जिनमें सागौन और बांस जैसे पेड़ हैं।
  • सुंदर नज़ारे: यह सतपुड़ा की पहाड़ियों में है, इसलिए यहाँ के दृश्य बहुत शांत और सुंदर हैं।
  • तवा जलाशय: पास में एक बड़ा तालाब है, जिसका नज़ारा बहुत अच्छा लगता है।
  • जंगल घूमना: आप सफारी करके जंगल में घूम सकते हैं और जानवरों को देख सकते हैं।
  • चिखलदरा के पास: यह चिखलदरा नाम की एक ठंडी जगह के पास है, जहाँ जाना आसान है।

FAQs 

गुगामल राष्ट्रीय उद्यान कहाँ स्थित है?

गुगामल राष्ट्रीय उद्यान भारत के महाराष्ट्र राज्य के अमरावती जिले में स्थित है। 

गुगामाल राष्ट्रीय उद्यान से कौन सी नदी बहती है?

गुगामाल राष्ट्रीय उद्यान से ताप्ती नदी और उसकी सहायक नदियाँ इस क्षेत्र से होकर बहती हैं

गुगामाल राष्ट्रीय उद्यान में कौन सा जानवर प्रसिद्ध है?

गुगामाल राष्ट्रीय उद्यान में बाघ प्रसिद्ध है। 

Gugamal Rashtriya Udyan की वनस्पति क्या है?

Gugamal Rashtriya Udyan में मुख्य रूप से सागौन, ऐन, भारतीय करौदा, लेंडिया, धावड़ा और कुसुम के पेड़ हैं। 

गुगामाल राष्ट्रीय उद्यान क्यों महत्वपूर्ण है?

गुगामाल राष्ट्रीय उद्यान पर्यटकों को लुभाने और बाघों की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण हैं। 

गुगामाल राष्ट्रीय उद्यान कब बना था?

गुगामाल राष्ट्रीय उद्यान 22 फरवरी, 1974 में बना था। 

क्या गुगामल राष्ट्रीय उद्यान में सफारी उपलब्ध है? 

हाँ, पर्यटकों के लिए वन्यजीवों और प्राकृतिक सुंदरता को देखने के लिए सफारी उपलब्ध हैं। ये सफारी आमतौर पर खुली जीपों में अनुभवी गाइडों के साथ आयोजित की जाती हैं।

गुगामल राष्ट्रीय उद्यान घूमने का सबसे अच्छा समय कब है?

यहाँ घूमने का सबसे अच्छा समय अक्टूबर से जून तक है। सर्दियों के महीने (नवंबर से फरवरी) मौसम के लिहाज से सबसे सुखद होते हैं। मानसून के दौरान (जुलाई से सितंबर) भारी बारिश के कारण उद्यान आमतौर पर बंद रहता है।

गुगामल राष्ट्रीय उद्यान के अंदर जाने के लिए टिकट लगता है?

हाँ, जंगल में जाने और सफारी करने के लिए टिकट लेना पड़ता है। यह टिकट वहीं पर या ऑनलाइन मिल सकता है।

गुगामल राष्ट्रीय उद्यान में कैसे पेड़-पौधे हैं?

यहाँ ज़्यादातर सूखे पत्ते वाले जंगल हैं, जिनमें सागौन, तेंदू और बांस जैसे पेड़ हैं।

संबंधित आर्टिकल

उम्मीद है कि इस ब्लाॅग में आपको गुगामाल राष्ट्रीय उद्यान (Gugamal Rashtriya Udyan) की जानकारी मिल गई होगी। ऐसे ही UPSC से जुड़े ब्लॉग पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

Leave a Reply

Required fields are marked *

*

*