ऑटोमोटिव डिज़ाइनर कैसे बनें?

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Automotive Design

जब कभी भी डिज़ाइनर की बात आती है तो हमारा ध्यान सिर्फ फैशन डिज़ाइनर और इंटीरियर डिजाइनर पर ही जाता है। लेकिन डिज़ाइनर अलग-अलग फील्ड में कई तरह के होते हैं। इन ही में से एक हैं ऑटोमोटिव डिज़ाइनर। आज के इस ब्लॉग के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि ऑटोमोटिव डिज़ाइनर कैसे बनें साथ ही जानें इससे जुड़ी सभी जानकारियां।

ऑटोमोटिव डिज़ाइन क्या है?

ऑटोमोटिव डिज़ाइन को बनाने के लिए एयरोडायनामिक, एस्थेटिक्स और अर्गोनोमिक्स की जरूरत सबसे ज्यादा होती है। एक ऑटोमोटिव डिज़ाइनर ऑटोमोबाइल की इंटीरियर एंड एक्सटेरियर बॉडी का ड्राफ्ट बनाने के लिए ज़िम्मेदार होता है, जिसमें बाहरी डिज़ाइन के साथ शेप, कर्व्स, वैज के साथ कई सारी चीज़े आती है। ऑटोमोबाइल डिज़ाइन न केवल प्रैक्टिकल होना चाहिए बल्कि कम्फर्ट आवश्यकता भी पूरा करने वाला होना चाहिए।

ऑटोमोटिव डिज़ाइनर कौन होते हैं?

ऑटोमोटिव डिज़ाइनर वो व्यक्ति होते है जो अपनी बेहतरीन क्रिएटीविटी से बस, कार, ट्रकों और जीप जैसे गड़ियों के स्ट्रक्चर को बेहतर डिज़ाइन के साथ लोगों के सामने पेश करते हैं। वे प्रत्येक वाहन के लिए एक डिज़ाइन और सुरक्षा योजना तैयार कर सर्वे एंड कंसल्टेशन लेकर ही अपना डिज़ाइन बनाते हैं। ऑटोमोटिव डिज़ाइनर अपनी डिजाइनिंग प्रक्रिया में काफी रिसर्च करते हैं। वे उत्पादन की लागत, पूरा होने की समय, वाहन के प्रकार और उपयोग और डिज़ाइन के मसौदे को आखिरी रूप देने के लिए जिम्मेदार होते हैं। वे कंप्यूटर एडेड तकनीक और एआई तकनीक का इस्तेमाल करने के बाद ही अपना डिजाइन फाइनल करते हैं।

ऑटोमोटिव डिज़ाइनर बनने के लिए ज़रूरी स्किल्स

किसी भी फिल्म में बेहतर करियर बनाने के लिए आपके पास कुछ जरूरी स्किल्स की जरूरत होती है। ठीक वैसे ही ऑटोमोटिव डिज़ाइनर बनने की स्किल्स नीचे दी गई है।

  • (2D और 3D) में डिजाइनिंग की स्किल्स होना चाहिए।
  • मैथेमेटिकल और एनालिटिकल स्किल होनी चाहिए।
  • बिज़नेस इनसाइट
  • जटिल समस्या को सुलझाने की स्किल्स होनी चाहिए।
  • ऑटोमोबाइल डिजाइन में इंटरेस्ट होना चाहिए।
  • लेटेस्ट डिजाइनिंग सॉफ्टवेयर के बारे में अप-टू-डेट जानकारी होनी चाहिए।

ऑटोमोटिव डिज़ाइनर के टॉप कोर्सेज

ऑटोमोटिव डिजाइनिंग कोर्स एयरोडायनामिक और ऑटोमोटिव इंजीनियरिंग में बैचलर्स एंड मास्टर्स लेवल के लिए मौजूद है। स्टूड़ेट्स अपनी डिजाइनिंग स्किल्स को मजबूत करने के लिए डिप्लोमा और सर्टिफिकेट कोर्स का विकल्प चुन सकते हैं। बैचलर्स एंड मास्टर्स लेवल के लिए कुछ कोर्स नीचे दिए गए है:

बैचलर्स लेवल कोर्स

  • Bachelor in Automotive Engineering
  • Bachelor in Vehicle Engineering
  • Bachelor in Automotive Performance Engineering
  • Bachelor in Automotive and Transport Design
  • Bachelor in Automotive Design
  • Bachelor in Mechanical Engineering (Automotive)

मास्टर्स लेवल कोर्स

  • Masters in Automotive Computing and Communication
  • Masters in Vehicle Engineering
  • Masters in Automation Engineering
  • Masters in Automotive and Motorsport Engineering

विश्व की टॉप यूनिवर्सिटीज़

ऑटोमोटिव डिज़ाइनर बनने के लिए स्टूड़ेट्स नीचे दी गई विश्व की बेस्ट यूनिवर्सिटीज़ से ऑटोमोटिव डिज़ाइनर कोर्स कर अपना बेहतर करियर बना सकते हैं।

भारत में ऑटोमोटिव डिजाइनिंग के टॉप कॉलेज

ऑटोमोटिव डिजाइनिंग का कोर्स करने के लिए भारत में भी कई कॉलेज है, नीचे दी गई लिस्ट में हमने भारत के टॉप कॉलेजों के बारे में बताया है।

  • आईआईटी बॉम्बे
  • धन्वंतरि इंस्टिट्यूट ऑफ़ डिज़ाइन एंड टेक्नोलॉजी
  • इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ इनफार्मेशन टेक्नोलॉजी डिज़ाइन एंड मैन्युफैक्चरिंग
  • राष्ट्रीय डिज़ाइन इंस्टिट्यूट
  • केआर मंगलम विश्वविद्यालय
  • स्ट्रेट स्कूल ऑफ़ डिज़ाइन
  • इंडस्ट्रियल डिज़ाइन सेंटर

योग्यता

ऑटोमोटिव डिज़ाइनर बनने के लिए नीचे दी गई योग्यता इच्छुक स्टूड़ेट्स के पास होनी ज़रूरी है।

  • उम्मीदवारों को किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से अपनी 10 + 2 की शिक्षा पूरी करनी चाहिए और साइंस और मैथ्स का बैंकग्राउड़ होना चाहिए।
  • पीजी कोर्स के लिए, उम्मीदवार के पास इंजीनियरिंग या इंडस्ट्रियल एंड ट्रांसपोर्टेशन डिज़ाइन की फील्ड में ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त होनी चाहिए।
  • इसके अलावा अंग्रेजी प्रवीणता परीक्षा जैसे-IELTS, TOEFL आदि एग्जाम देना आवश्यक है।
  • इसके अलावा कुछ यूनिवर्सिटीज़ में ग्रेजुएशन के कोर्स में एडमिशन लेने के लिए स्टूड़ेट्स को GRE स्कोर जमा करवाना होगा।

आवेदन प्रक्रिया 

विदेश के विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया इस प्रकार है–

  • आपकी आवेदन प्रक्रिया का फर्स्ट स्टेप सही कोर्स चुनना है, जिसके लिए आप AI Course Finder की सहायता लेकर अपने पसंदीदा कोर्सेज को शॉर्टलिस्ट कर सकते हैं। 
  • एक्सपर्ट्स से कॉन्टैक्ट के पश्चात वे कॉमन डैशबोर्ड प्लेटफॉर्म के माध्यम से कई विश्वविद्यालयों की आपकी आवेदन प्रक्रिया शुरू करेंगे। 
  • अगला कदम अपने सभी दस्तावेज़ों जैसे SOP, निबंध, सर्टिफिकेट्स और LOR और आवश्यक टैस्ट स्कोर जैसे IELTS, TOEFL, SAT, ACT आदि को इकट्ठा करना और सुव्यवस्थित करना है। 
  • यदि आपने अभी तक अपनी IELTS, TOEFL, PTE, GMAT, GRE आदि परीक्षा के लिए तैयारी नहीं की है, जो निश्चित रूप से विदेश में अध्ययन करने का एक महत्वपूर्ण कारक है, तो आप Leverage Live कक्षाओं में शामिल हो सकते हैं। ये कक्षाएं आपको अपने टेस्ट में उच्च स्कोर प्राप्त करने का एक महत्त्वपूर्ण कारक साबित हो सकती हैं।
  • आपका एप्लीकेशन और सभी आवश्यक दस्तावेज़ जमा करने के बाद, एक्सपर्ट्स आवास, छात्र वीज़ा और छात्रवृत्ति/छात्र लोन के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू करेंगे । 
  • अब आपके प्रस्ताव पत्र की प्रतीक्षा करने का समय है जिसमें लगभग 4-6 सप्ताह या उससे अधिक समय लग सकता है। ऑफर लैटर आने के बाद उसे स्वीकार करके आवश्यक सेमेस्टर शुल्क का भुगतान करना आपकी आवेदन प्रक्रिया का अंतिम चरण है। 

भारत के विश्वविद्यालयों में आवेदन प्रक्रिया, इस प्रकार है–

  • सबसे पहले अपनी चुनी हुई यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट में जाकर रजिस्ट्रेशन करें।
  • यूनिवर्सिटी की वेबसाइट में रजिस्ट्रेशन के बाद आपको एक यूज़र नेम और पासवर्ड प्राप्त होगा।
  • फिर वेबसाइट में साइन इन के बाद अपने चुने हुए कोर्स का चयन करें जिसे आप करना चाहते हैं।
  • अब शैक्षिक योग्यता, वर्ग आदि के साथ आवेदन फॉर्म भरें।
  • इसके बाद आवेदन फॉर्म जमा करें और आवश्यक आवेदन शुल्क का भुगतान करें। 
  • यदि एडमिशन, प्रवेश परीक्षा पर आधारित है तो पहले प्रवेश परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन करें और फिर रिजल्ट के बाद काउंसलिंग की प्रतीक्षा करें। प्रवेश परीक्षा के अंको के आधार पर आपका चयन किया जाएगा और लिस्ट जारी की जाएगी।

आवश्यक दस्तावेज़  

कुछ ज़रूरी दस्तावेज़ों की लिस्ट नीचे दी गई हैं–

ऑटोमोटिव डिज़ाइनर कोर्स करने के बाद जॉब और सैलरी

छात्र कई तरह की फील्ड्स में अपना करियर बना सकते हैं। इन फील्ड में वे कितने पैसे कमाते है इसके बारे में नीचे दी गई टेबल में देखा जा सकता है।

जॉब प्रोफ़ाइलअनुमानित सालाना सैलरी
ऑटोमोटिव डिज़ाइनर INR 44-73 लाख
ऑटोमोटिव इंजीनियर INR 44-64 लाख
प्रोडक्ट डिज़ाइनर INR 41-72 लाख
ड्राफ्टर INR 23-35 लाख
प्रोडक्शन इंजीनियर INR 41-57 लाख
मरीन इंजीनियर INR 45-72 लाख

FAQs

ऑटोमोटिव डिज़ाइनर बनने के लिए आपको किन योग्यताओं की आवश्यकता है?

कंपनी ट्रेनिंग योजना में शामिल होने से पहले आपको आमतौर पर एक फाउंडेशन डिग्री, हायर नेशनल डिप्लोमा या डिग्री की आवश्यकता होगी। प्रासंगिक विषयों में मैकेनिकल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल या इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियरिंग शामिल हैं।

ऑटोमोटिव डिज़ाइनर बनने में कितना समय लगता है?

एक MFA or Master of Industrial Design (MID) डिग्री प्रोग्राम में 2-4 साल लग सकते हैं और कमर्शियल-ओरिएंटेड प्रोजेक्ट के साथ वास्तविक दुनिया के अनुभव पर जोर देते हुए रिसर्च की आवश्यकता होती है।

ऑटोमोटिव डिजाइनिंग क्या एक अच्छा करियर है?

ऑटोमोटिव डिजाइनिंग के लिए क्रिएटिविटी की आवश्यकता होती है। ऑटोमोबाइल के प्रति सच्ची रुचि और जुनून होना चाहिए। उनके पास एक विज़न और अलग सोच रखने की क्षमता होनी चाहिए। ऑटोमोटिव डिजाइनिंग एक बहुत ही प्रतिस्पर्धी क्षेत्र है; प्रवेश स्तर की नौकरी की तलाश में उच्च स्तर की शैक्षणिक डिग्री उपयोगी होती है।

मैं एक ऑटोमोटिव इंजीनियर कैसे बनूँ?

ऑटोमोटिव इंजीनियर बनने के लिए आपके पास मैकेनिकल इंजीनियरिंग में बैचलर्स डिग्री होनी चाहिए और कम से कम तीन साल का अनुभव होना चाहिए। आपको मुद्दों को हल करने और समस्याओं का मूल्यांकन करने में सक्षम होना चाहिए। ऑटोमोटिव इंजीनियर को कंप्यूटर का ज्ञान होना चाहिए और मशीन वेल्डिंग, असेंबली और डिज़ाइन सॉफ्टवेयर सिस्टम का ज्ञान होना चाहिए।

क्या ऑटोमोटिव डिज़ाइनर की मांग है?

देश में ऑटो डिज़ाइनर की मांग बढ़ रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगले सात वर्षों में भारत में 10,000 ऑटोमोटिव डिज़ाइनर की आवश्यकता होगी।

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