केमिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा इंजीनियरिंग के क्षेत्र में सबसे अधिक मांग वाले कोर्सेज में से एक है। यह एक बहु-विषयक ब्रांच है जो माइक्रोबायोलॉजी, बायोलॉजी और बायोकेमिकल जैसे लाइफ सांइस को फिजिक्स और केमिस्ट्री जैसे एक्सपेरिमेंटल सांइस से जोड़ती है। केमिकल इंजीनियरिंग औद्योगिक गतिविधियों को डिजाइन करने, विकसित करने, बदलने और मैनेज करने में मदद करता है। यदि आप भी इस कोर्स की सारी जानकारी चाहते हैं, तो यह ब्लॉग पूरा पढ़ें।
कोर्स | डिप्लोमा केमिकल इंजीनियरिंग |
अवधि | 3 साल |
कोर्स स्तर | डिप्लोमा |
आवश्यकता | कक्षा 10 |
कोर्स प्रकार | सेमेस्टर |
एडमिशन का तरीका | मेरिट और प्रवेश परीक्षा द्वारा आधारित |
कोर्स के बाद जॉब प्रोफाइल | एग्रोनॉमिस्ट, एग्रीकल्चर इंजीनियर, एग्रीकल्चर इंस्पेक्टर आदि। |
वेतन | 2 से 10 लाख INR/वर्ष |
This Blog Includes:
- डिप्लोमा केमिकल इंजीनियरिंग क्या है?
- डिप्लोमा केमिकल इंजीनियरिंग क्यों करें?
- डिप्लोमा केमिकल इंजीनियरिंग के लिए स्किल सेट
- डिप्लोमा केमिकल इंजीनियरिंग का सिलेबस
- डिप्लोमा केमिकल इंजीनियरिंग के लिए विश्व के टॉप विश्वविद्यालय
- डिप्लोमा केमिकल इंजीनियरिंग के लिए भारत के टॉप विश्वविद्यालय
- डिप्लोमा केमिकल इंजीनियरिंग के लिए योग्यता
- आवेदन प्रक्रिया
- प्रवेश परीक्षाएं
- डिप्लोमा केमिकल इंजीनियरिंग के लिए बेस्ट बुक्स
- डिप्लोमा केमिकल इंजीनियरिंग के बाद करियर विकल्प
- डिप्लोमा केमिकल इंजीनियरिंग के बाद वेतन
- FAQs
डिप्लोमा केमिकल इंजीनियरिंग क्या है?
डिप्लोमा केमिकल इंजीनियरिंग 3 साल का कोर्स है। यह कोर्स छात्रों को कच्चे माल और मौजूदा रसायनों से नई सामग्री बनाने के तरीकों के बारे में सिखाता है। नए उत्पाद या पदार्थ बनाने की प्रक्रिया में इकोनॉमिक्स और मैथेमेटिक्स का भी प्रयोग किया जाता है। जो छात्र इस तीन वर्षीय डिप्लोमा कोर्स को चुनते हैं, वे न केवल नई चीजें बनाने की तकनीक में महारत हासिल करते हैं, बल्कि जब तक वे अपनी पढ़ाई पूरी करते हैं, तब तक वे रासायनिक विज्ञान की दुनिया को गहराई से समझते हैं।
डिप्लोमा केमिकल इंजीनियरिंग क्यों करें?
केमिकल इंजीनियरिंग में करियर स्कोप काफ़ी अच्छा है। इंजीनियरिंग का डिप्लोमा स्तर इंजीनियरिंग शाखा की सभी मूल बातें सिखाता है। इस कोर्स के चुने जाने के कुछ कारणों को नीचे व्यक्त किया गया है–
- यह फिजिक्स, केमिस्ट्री और जैविक विज्ञान को एक साथ लागू करना सिखाता है।
- कोर्स में कच्चे माल को नए उत्पादों में बदलने का अध्ययन शामिल है।
- डिप्लोमा केमिकल इंजीनियरिंग कोर्स उम्मीदवारों को उद्योगों से बाहर निकलने वाले रसायनों की सफाई के लिए रीसाइक्लिंग फॉर्म्स और सुधार विधियों को भी सिखाता है। यही वजह है कि इस ब्रांच की लगातार बढ़ते रीसाइक्लिंग उद्योग में भारी मांग है।
- यह कम्युनिकेशन और इनोवेशन पर भी ध्यान केंद्रित करता है जो केमिकल इंजीनियरिंग क्षेत्र में आकर्षक अवसरों को चुनने में मदद कर सकता है।
डिप्लोमा केमिकल इंजीनियरिंग के लिए स्किल सेट
केमिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा ग्रेजुएट्स को अच्छा संचार और सुनने का कौशल विकसित करना चाहिए। केमिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा करने के लिए कुछ आवश्यक कौशल हैं:
- रसायन विज्ञान के लिए योग्यता और रुचि
- आईटी और संख्यात्मक कौशल
- एनालिटिकल स्किल्स
- व्यापारिक जागरुकता
- दबाव में अच्छा काम करने की क्षमता
- कम्युनिकेशन और टीम-वर्क स्किल्स
- समस्या समाधान करने की कुशलताएं
डिप्लोमा केमिकल इंजीनियरिंग का सिलेबस
डिप्लोमा केमिकल इंजीनियरिंग का एक सामान्य सिलेबस यहां दिया गया है-
सेमेस्टर I | सेमेस्टर II |
बेसिक मैथमेटिक्स | बेसिक ऑफ कंप्यूटर सिस्टम |
केमिस्ट्री I | केमिस्ट्री II |
इंजीनियरिंग ड्राइंग I | इंजीनियरिंग ड्राइंग II |
फिजिक्स I | फिजिक्स II |
अप्लाइड मैथेमेटिक्स | कम्युनिकेशन स्किल्स |
डेवोलपिंग ऑफ लाइफ स्किल्स | इंजीनियरिंग मैथेमेटिक्स |
वर्कशॉप | ऑर्गेनिक एंड फिजिकल केमिस्ट्री |
सेमेस्टर III | सेमेस्टर IV |
स्ट्रेंथ ऑफ मटेरियल | प्रिंसिपल ऑफ स्टूचिओमैट्री |
इलेक्ट्रिकल टेक्नोलॉजी | अप्लाइड मैथेमेटिक्स |
पॉलिमर टेक्नोलॉजी | बेसिक इलेक्ट्रॉनिक्स |
पेट्रोलियम रिफाइनिंग एंड पेट्रोकेमिकल | फ्लूइड फ्लो एंड हीट ट्रांसफर |
टेक्नोलॉजी ऑफ इनॉर्गेनिक केमिकल्स | मटेरियल ऑफ कंस्ट्रक्शन |
मैकेनिकल ऑपरेशन | टेक्नोलॉजी ऑफ ऑर्गेनिक केमिकल्स |
सेमेस्टर V | सेमेस्टर VI |
केमिकल इंजीनियरिंग थर्मोडायनामिक | इंट्रोडक्शन टू एनर्जी सिस्टम इंजीनियरिंग |
केमिकल रिएक्शन इंजीनियरिंग | प्रोसेस इंस्ट्रूमेंट एंड कंट्रोल |
इलेक्टिव I | इलेक्टिव II |
स्ट्रेस मैनेजमेंट | सीएडीडी एंड एस्टीमेशन |
केमिकल इंजीनियरिंग ड्राइंग | मास ट्रान्सफर |
प्लांट यूटिलिटीज | प्रोजेक्ट |
इंडस्ट्रियल मैनेजमेंट | – |
फील्ड ट्रेनिंग | _ |
डिप्लोमा केमिकल इंजीनियरिंग के लिए विश्व के टॉप विश्वविद्यालय
डिप्लोमा केमिकल इंजीनियरिंग के लिए विश्व के टॉप विश्वविद्यालय इस प्रकार हैं-
- शेफ़ील्ड विश्वविद्यालय
- वाइकाटो विश्वविद्यालय
- पेंसिल्वेनिया स्टेट यूनिवर्सिटी
- स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी
- इम्पीरियल कॉलेज लंदन
- यूनिवर्सिटी ऑफ़ अल्बर्टा
- हार्वर्ड यूनिवर्सिटी
- ऑकलैंड विश्वविद्यालय
- मैनचेस्टर विश्वविद्यालय
- लौघ्बोरौघ विश्वविद्यालय
- मैसाचुसेट्स लोवेल विश्वविद्यालय
डिप्लोमा केमिकल इंजीनियरिंग के लिए भारत के टॉप विश्वविद्यालय
भारत में यह कोर्स प्रदान करने वाले संस्थानों का नाम यहां बताया गया है-
- इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल टेक्नोलॉजी, मुंबई
- आईआईटी गांधीनगर
- तिरुवल्लुवर विश्वविद्यालय
- पेट्रोकेमिकल इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूट
- हुगली इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी
- एनआईटी जालंधर
- केरल गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक कॉलेज
- गुरु नानक देव पॉलिटेक्निक कॉलेज, दिल्ली
- सीपीसी पॉलिटेक्निक कॉलेज, मैसूर
- गवर्नमेंट इंस्टीट्यूट ऑफ केमिकल इंजीनियरिंग, विशाखापत्तनम
डिप्लोमा केमिकल इंजीनियरिंग के लिए योग्यता
डिप्लोमा केमिकल इंजीनियरिंग के लिए योग्यता इस प्रकार है –
- भारत में प्रवेश के लिए पात्रता सामान्य और ओबीसी के लिए कुल मिलाकर कम से कम 50% अंकों के साथ 10 वीं कक्षा या समकक्ष परीक्षा है और एससी / एसटी, पीएच श्रेणी के लिए 40% है।
- न्यूनतम आयु सीमा 31 जुलाई या उससे पहले 15 वर्ष और अधिकतम आयु सीमा 21 वर्ष होनी चाहिए।
- विदेश में शैक्षणिक योग्यता के अलावा आपको IELTS, TOEFL, PTE जैसी कोई भी भाषा प्रवीणता परीक्षा देनी पड़ सकती है।
- आमतौर पर स्टेटमेंट ऑफ पर्पस (SOP) और लेटर ऑफ रिकमेंडेशन (LORs) जैसे अकादमिक निबंधों की भी आवश्यकता होती है।
आवेदन प्रक्रिया
डिप्लोमा केमिकल इंजीनियरिंग के लिए भारत और विदेशी विश्वविद्यालयों में आवेदन प्रक्रिया के बारे में नीचे बताया गया है–
विदेश में आवेदन प्रक्रिया
विदेश के विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया इस प्रकार है–
- आपकी आवेदन प्रक्रिया का फर्स्ट स्टेप सही कोर्स और यूनिवर्सिटी का चुनाव है।
- कोर्स और यूनिवर्सिटी के चुनाव के बाद उस कोर्स के लिए उस यूनिवर्सिटी की पात्रता मानदंड के बारे में रिसर्च करें।
- आवश्यक टेस्ट स्कोर और दस्तावेज एकत्र करें।
- यूनिवर्सिटी की साइट पर जाकर एप्लीकेशन फॉर्म भरें या फिर आप Leverage Edu एक्सपर्ट्स की भी सहायता ले सकते हैं।
- ऑफर की प्रतीक्षा करें और सिलेक्ट होने पर इंटरव्यू की तैयारी करें।
- इंटरव्यू राउंड क्लियर होने के बाद आवश्यक ट्यूशन शुल्क का भुगतान करें और स्कॉलरशिप, छात्रवीजा, एजुकेशन लोन और छात्रावास के लिए आवेदन करें।
एक आकर्षक SOP लिखने से लेकर वीजा एप्लिकेशन तक, कंप्लीट एप्लिकेशन प्रोसेस में मदद के लिए आप Leverage Edu एक्सपर्ट्स की सहायता ले सकते हैं।
आवश्यक दस्तावेज़
कुछ जरूरी दस्तावेजों की लिस्ट नीचे दी गई हैं–
- आधिकारिक शैक्षणिक ट्रांसक्रिप्ट
- स्कैन किए हुए पासपोर्ट की कॉपी
- IELTS या TOEFL, आवश्यक टेस्ट स्कोर
- प्रोफेशनल/एकेडमिक LORs
- SOP
- निबंध (यदि आवश्यक हो)
- पोर्टफोलियो (यदि आवश्यक हो)
- अपडेट किया गया सीवी/रिज्यूमे
- एक पासपोर्ट और छात्र वीजा
- बैंक विवरण
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भारतीय विश्वविद्यालयों में आवेदन प्रक्रिया
भारत के विश्वविद्यालयों में आवेदन प्रक्रिया, इस प्रकार है–
- सबसे पहले अपनी चुनी हुई यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट में जाकर रजिस्ट्रेशन करें।
- यूनिवर्सिटी की वेबसाइट में रजिस्ट्रेशन के बाद आपको एक यूजर नेम और पासवर्ड प्राप्त होगा।
- फिर वेबसाइट में साइन इन के बाद अपने चुने हुए कोर्स का चयन करें जिसे आप करना चाहते हैं।
- अब शैक्षिक योग्यता, वर्ग आदि के साथ आवेदन फॉर्म भरें।
- इसके बाद आवेदन फॉर्म जमा करें और आवश्यक आवेदन शुल्क का भुगतान करें।
- यदि एडमिशन, प्रवेश परीक्षा पर आधारित है तो पहले प्रवेश परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन करें और फिर रिजल्ट के बाद काउंसलिंग की प्रतीक्षा करें। प्रवेश परीक्षा के अंको के आधार पर आपका चयन किया जाएगा और लिस्ट जारी की जाएगी।
आवश्यक दस्तावेज
कुछ जरूरी दस्तावेजों की लिस्ट नीचे दी गई हैं–
- आपकी दसवीं या बारहवीं की परीक्षा की मार्कशीट और पास सर्टिफिकेट।
- जन्म तिथि का प्रमाण।
- विद्यालय छोड़ने का प्रमाणपत्र
- स्थानांतरण प्रमाणपत्र
- अधिवास प्रमाण पत्र / आवासीय प्रमाण या प्रमाण पत्र
- अस्थायी प्रमाण – पत्र
- चरित्र प्रमाण पत्र
- अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछड़ी जाति प्रमाण पत्र
- विकलांगता का प्रमाण (यदि कोई हो)
- प्रवासन प्रमाणपत्र (माइग्रेशन)
प्रवेश परीक्षाएं
भारत की कुछ प्रमुख प्रवेश परीक्षाएं हैं –
- Central Institute of Plastics Engineering and Technology Joint Entrance Exam
- Chhattisgarh Pre-Polytechnic Test
- Telangana State Polytechnic Common Entrance Test
- Assam Polytechnic Admission Test
डिप्लोमा केमिकल इंजीनियरिंग के लिए बेस्ट बुक्स
डिप्लोमा केमिकल इंजीनियरिंग का अध्ययन करते समय जिन महत्वपूर्ण पुस्तकों का अध्ययन किया जा सकता है वे हैं-
बुक | राइटर | लिंक |
INDUSTRIAL STOICHIOMETRY – For Diploma in Chemical Engineering | के ए गहवाने | Buy here |
CHEMICAL REACTION ENGINEERING – THIRD YEAR DIPLOMA IN CHEMICAL | के ए गहवाने | Buy here |
Perry’s Chemical Engineers’ Handbook. | पैनी | Buy here |
Ullmann’s Encyclopedia of Industrial Chemistry | मेयर कुट्ज | Buy here |
Rubber Toughened Engineering Plastics | ए ए कॉलियर | Buy here |
डिप्लोमा केमिकल इंजीनियरिंग के बाद करियर विकल्प
डिप्लोमा के बाद छात्र केमिकल इंजीनियरिंग में बीएससी , बी-टेक, एमएससी, एम-टेक और पीएचडी का विकल्प भी चुन सकते हैं और अपने करियर को एक नया आयाम दे सकते हैं। इस क्षेत्र के ग्रेजुएट्स के पास निजी और गैर-निजी संगठनों में हमेशा नौकरी के अवसर होते हैं। नौकरी चाहने वाले अपनी शैक्षिक योग्यता और क्षेत्र की रुचि के आधार पर अपने लिए सर्वश्रेष्ठ नौकरी का चयन कर सकते हैं। नौकरी के अवसरों के लिए सबसे अच्छे स्थान सार्वजनिक और निजी संगठन, निजी कंपनियां, विदेशी देश आदि हैं। केमिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा करियर विकल्पों की एक विस्तृत श्रृंखला प्रदान करता है। प्रमुख जॉब प्रोफाइल में मेंटेनेंस टेक्नीशियल, प्रोसेस मैनेजर, प्लांट ऑपरेटर, मार्केट एनालिस्ट, एसोसिएट साइंटिस्ट आदि हैं।
टॉप भर्तीकर्ता
शीर्ष भर्तीकर्ता इस प्रकार हैं-
- Oil and Natural Gas Corporation Limited (ONGC)
- Coal India Limited (CIL)
- Gas Authority of India Ltd. (GAIL)
- Bharat Petroleum Corporation Limited (BPCL)
- Steel Authority of India Limited (SAIL)
- National Thermal Power Corporation Limited (NTPC)
- Piramal Healthcare Limited
- Pfizer Inc.
- Schlumberger Limited
- GlaxoSmithKline
- Deepak Fertilizers and Petrochemicals Corp. Ltd
डिप्लोमा केमिकल इंजीनियरिंग के बाद वेतन
डिप्लोमा केमिकल इंजीनियरिंग के बाद कुछ प्रमुख जॉब प्रोफाइल्स के अंतर्गत वेतन नीचे तालिका में दिया गया है-
जॉब प्रोफाइल | वार्षिक वेतन (INR में) |
मेंटेनेंस टेक्नीशियल | 2 से 3 लाख |
प्रोसेस मैनेजर | 3 से 5 लाख |
फील्ड ऑपरेटर | 2 से 4 लाख |
सुपरवाइज़र | 2 से 3 लाख |
प्लांट ऑपरेटर | 2 से 5 लाख |
मार्केट एनालिस्ट | 2 से 3 लाख |
एसोसिएट साइंटिस्ट | 4 से 6 लाख |
FAQs
डिप्लोमा केमिकल इंजीनियरिंग 3 साल का लंबा कार्यक्रम है। यह कोर्स छात्रों को कच्चे माल और मौजूदा रसायनों से नई सामग्री बनाने के तरीकों के बारे में सिखाता है।
प्रवेश के लिए पात्रता सामान्य और ओबीसी के लिए कुल मिलाकर कम से कम 50% अंकों के साथ 10 वीं कक्षा या समकक्ष परीक्षा है और एससी / एसटी, पीएच श्रेणी के लिए 40% है।
डिप्लोमा के बाद आप एग्रीकल्चर में बीएससी, बी-टेक, एमएससी, एम-टेक और पीएचडी का विकल्प भी चुन सकते हैं और अपनी करियर को एक नया आयाम दे सकते हैं।
केमिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा इंजीनियरिंग क्षेत्र की नई और उभरती शाखाओं में से एक है। जो छात्र इस तीन वर्षीय डिप्लोमा कोर्स को चुनते हैं, वे न केवल नई चीजें बनाने की तकनीक में महारत हासिल करते हैं, बल्कि जब तक वे अपनी पढ़ाई पूरी करते हैं, तब तक वे रासायनिक विज्ञान की दुनिया को गहराई से समझते हैं।
हम आशा करते हैं कि आपको डिप्लोमा केमिकल इंजीनियरिंग की संपूर्ण जानकारी इस ब्लॉग में मिली होगी। यदि आप डिप्लोमा केमिकल इंजीनियरिंग विदेश में करना चाहते हैं तो हमारे Leverage Edu एक्सपर्ट्स से 1800 572 000 पर संपर्क करें और एक उपयुक्त कोर्स और सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय का चयन करने में मार्गदर्शन प्राप्त करें।