Solar engineering, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की एक सब-ब्रांच है। सोलर इंजीनियरिंग के अंतर्गत, सूर्य से प्राप्त ऊर्जा का उपयोग, बिजली आदि की जरूरतों को पूरा करने के लिए उपयुक्त उपाय और कार्य शामिल हैं। सोलर इंजीनियरिंग एक उच्च भुगतान वाला कार्य क्षेत्र है। विभिन्न कंपनियां जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को कम करने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा स्त्रोत से ऊर्जा प्राप्त करने पर निरंतर काम कर रही हैं। इससे सोलर इंजीनियरिंग के क्षेत्र में नौकरियों की मांग में काफ़ी वृद्धि जारी है। विभिन्न देशी और विदेशी यूनिवर्सिटीज़ भी सोलर इंजीनियरिंग के क्षेत्रों में कोर्सेज़ की पेशकश कर रही हैं। इस ब्लॉग में सोलर इंजीनियरिंग क्या है, इसमें करियर के क्या अवसर हैं, आदि के बारे में विस्तार से दिया गया है।
क्षेत्र | Solar Engineering |
प्रमुख कोर्सेज़ | – BTech Solar and Alternate Engineering – BTech Energy Technology – BTech Mechanical/Electrical Engineering – BTech Industrial Engineering |
कोर्स स्तर | डिप्लोमा, बैचलर्स और मास्टर्स डिग्री |
प्रमुख प्रवेश परीक्षाएं | JEE Mains, JEE Advanced (भारत में कोर्सेज के लिए) SAT, ACT (विदेशों में कोर्सेज के लिए) |
आवश्यक स्किल्स | टेक्निकल स्किल्स, कम्युनिकेशन स्किल्स, क्रिटिकल थिंकिंग स्किल्स आदि। |
प्रमुख एम्प्लॉयमेंट सेक्टर | – Solar Electric Power Plants – Balco Power Plant – State Wise Electricity Boards |
प्रमुख जॉब प्रोफाइल | सोलर इंजीनियर, सोलर इंस्टॉलर आदि। |
वेतन | 5 से 12 लाख INR/वर्ष |
This Blog Includes:
- सोलर इंजीनियरिंग क्या है?
- सोलर इंजीनियरिंग क्यों चुनें?
- सोलर इंजीनियर क्या करते हैं?
- सोलर इंजीनियरिंग के लिए ज़रूरी स्किल्स
- सोलर इंजीनियरिंग के प्रमुख कोर्सेज़
- सोलर इंजीनियरिंग के लिए दुनियां की टॉप यूनिवर्सिटीज़
- सोलर इंजीनियरिंग के लिए भारत की टॉप यूनिवर्सिटीज़
- सोलर इंजीनियरिंग कोर्सेज़ के लिए योग्यता
- सोलर इंजीनियरिंग के लिए आवेदन प्रक्रिया
- सोलर इंजीनियरिंग के लिए प्रवेश परीक्षाएं
- सोलर इंजीनियरिंग के लिए बेस्ट बुक्स
- सोलर इंजीनियरिंग के क्षेत्र में करियर और वेतन
- FAQs
सोलर इंजीनियरिंग क्या है?
सोलर इंजीनियरिंग, सौर ऊर्जा के विभिन्न पहलुओं की गहन समझ प्रदान करता है। इसमें सोलर एनर्जी टेक्नोलॉजी और सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन, फोटोवोल्टिक और सोलर थर्मल संबंधित मुद्दे भी शामिल होते है। सोलर इंजीनियरिंग, मुख्य रूप से सूर्य से प्राप्त नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देने से संबंधित है। इसकी बढ़ती मांगों के ज़रिए जीवाश्म ईंधन के अत्यधिक दोहन में भी कमी आयेगी और ऊर्जा व संसाधन खपत जैसे विनाशकारी आदतों को बदलाव आएगा। सीधे शब्दों में कहा जाए, तो सोलर इंजीनियरिंग का उद्देश्य छात्रों को नवीकरणीय ऊर्जा विषयों के साथ सौर ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में गहन समझ प्रदान करना है।
सोलर इंजीनियरिंग क्यों चुनें?
Solar engineering in Hindi को चुनने के कुछ प्रमुख कारण इस प्रकार हैं-
- सोलर इंजीनियरिंग ने पिछले एक दशक में तेजी से विकास देखा है और अब यह इंजीनियरिंग में सबसे अधिक मांग वाले क्षेत्रों में से एक है। नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों पर बढ़ते फोकस के साथ, सोलर इंजीनियरिंग, इस उद्योग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बन गया है।
- सोलर इंजीनियरिंग का अध्ययन करने वाले ग्रेजुएट्स के पास सौर ऊर्जा के सही उपयोग के लिए विस्तृत ज्ञान होता है। इसका अध्ययन करके आपके पास फोटोवोल्टिक सिस्टम को डिजाइन और स्थापित करने, डेटा का विश्लेषण करने और तकनीकी कौशल डेवलप होते हैं।
- सोलर इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स आमतौर पर उच्च वेतन अर्जित करते हैं और उच्च मांग में हैं। हालांकि, इस क्षेत्र में भारत, चीन, जर्मनी और यूएसए में भी काफ़ी अवसर हैं।
- सोलर इंजीनियरिंग तेजी से बढ़ रही है और इस क्षेत्र में प्रवेश करने के इच्छुक स्नातकों के लिए कई अवसर उपलब्ध हैं। चाहे आप करियर में बदलाव की तलाश कर रहे हों या नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के विकास में शामिल होना चाहते हों, सोलर इंजीनियरिंग आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है।
सोलर इंजीनियर क्या करते हैं?
सोलर इंजीनियरों के कुछ प्रमुख कार्य नीचे बताए गए हैं-
- रेसिडेंटल या कमर्शियल भवनों के लिए फोटोवोल्टिक (पीवी) सिस्टम के सोलर थर्मल सिस्टम की डिजाइनिंग करना।
- सोलर इलेक्ट्रिकल सिस्टम के लिए इलेक्ट्रिकल सिंगल-लाइन डायग्राम, कनेक्शन डायग्राम या पैनल शेड्यूल बनाने के लिए कंप्यूटर-एडेड डिज़ाइन (CAD) सॉफ़्टवेयर का उपयोग करना।
- पूरी हो चुकी सोलर पैनल प्रोजेक्ट्स को रिव्यू करना।
- सोलर पॉवर सिस्टम के विकास, निगरानी और मूल्यांकन के लिए योजना बनाना।
- सोलर पैनल इंस्टालेशन के लिए सेफ्टी स्टैंडर्ड्स को बनाए रखने के लिए सही प्रोसीजर डेवलप करना।
सोलर इंजीनियरिंग के लिए ज़रूरी स्किल्स
सोलर इंजीनियरिंग कार्यों को करने के लिए कई तरह के टेक्निकल और सॉफ्ट स्किल्स की आवश्यकता हो सकती है। सौर इंजीनियरिंग कौशल विकसित करने और उन्हें अपने रिज्यूमे में दर्शाने से आपको अपनी पसंद की जॉब पोजीशन सिक्योर करने में मदद मिल सकती है। इन स्किल्स में कुछ प्रमुख हैं-
- टेक्निकल ड्राइंग स्किल्स
- कंप्यूटर सॉफ्टवेयर स्किल्स
- कम्युनिकेशन स्किल्स
- प्रोजेक्ट मैनेजमेंट
- इंजीनियरिंग कॉन्सेप्ट्स का ज्ञान
- बैटरी चालित ड्रिल, पेचकश और एक डिजिटल मल्टीमीटर जैसे उपकरणों का उपयोग करने की क्षमता आदि।
सोलर इंजीनियरिंग के प्रमुख कोर्सेज़
सोलर इंजीनियरिंग कोर्सेज पीवी मॉड्यूल डिजाइन, सिस्टम प्रदर्शन विश्लेषण, व्यवसाय योजना और वित्तीय मॉडलिंग आदि जैसे काई विषयों को कवर करते हैं। सोलर इंजीनियरिंग से संबंधित प्रमुख कोर्सेज की लिस्ट यहां दी गई है-
- BTech Solar and Alternate Engineering
- BTech Energy Technology
- BTech Mechanical/Electrical Engineering
- BTech Industrial Engineering
- BTech Solar Energy Engineering and Technology
- BA (Hons) Renewable Energy Engineering
- Master of Energy Systems
- MSc Solar Energy: Engineering and Economics
- MSc Solar Energy Engineering
- MSc Renewable Energy Systems
- MSc Solar Energy Engineering
- MSc Solar Cell Technology
- PgCert/PgDip/MSc in Solar Energy Systems
- MSc Power Engineering and Sustainable Energy
- MSc Renewable Energy Engineering
- MEng in Energy Systems Engineering
- Certificate in Renewable Energy Management
सोलर इंजीनियरिंग के लिए दुनियां की टॉप यूनिवर्सिटीज़
सोलर इंजीनियरिंग के लिए दुनियां की टॉप यूनिवर्सिटीज़ की लिस्ट यहां दी गई हैं-
- एरिजोना स्टेट यूनिवर्सिटी
- अलस्टर यूनिवर्सिटी
- ओंटारियो टेक यूनिवर्सिटी
- यूनिवर्सिटी ऑफ निकोसिया
- ट्रिनिटी कॉलेज डबलिन
- एवांस यूनिवर्सिटी ऑफ अप्लाइड साइंसेज़
- यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो
- कौनास यूनिवर्सिटी ऑफ अप्लाइड इंजीनियरिंग साइंसेज
- मोंटपेलियर बिजनेस स्कूल
- स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी
सोलर इंजीनियरिंग के लिए भारत की टॉप यूनिवर्सिटीज़
सोलर इंजीनियरिंग के लिए भारत की टॉप यूनिवर्सिटीज़ की लिस्ट यहां दी गई हैं-
- IIT बॉम्बे – इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी
- डीटीयू दिल्ली – दिल्ली टेक्नोलॉजिकल युनिवर्सिटी
- जेएमआई नई दिल्ली – जामिया मिलिया इस्लामिया
- IIT दिल्ली – इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी
- चंडीगढ़ यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़
- IIT खड़गपुर – इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी
- आईआईटी रुड़की – इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी
- आईआईएससी बैंगलोर – इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस
- मणिपाल यूनिवर्सिटी, जयपुर
- IIT हैदराबाद – इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ़ टेक्नोलॉजी
सोलर इंजीनियरिंग कोर्सेज़ के लिए योग्यता
Solar engineering कोर्सेज़ के लिए कुछ सामान्य योग्यताएं इस प्रकार हैं–
- सोलर इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कोर्सेस के लिए 10+2 की योग्यता होना आवश्यक है।
- सोलर इंजीनियरिंग में बैचलर्स डिग्री प्रोग्राम के लिए ज़रुरी है कि उम्मीदवारों ने किसी मान्यता प्राप्त बोर्ड से PCM (फिजिक्स, केमिस्ट्री, गणित) से 10+2 प्रथम श्रेणी से पास किया हो।
- भारत में इंजीनियरिंग में बैचलर्स के लिए कुछ कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज़ में JEE mains, JEE Advanced जैसे प्रवेश परीक्षा के स्कोर अनिवार्य हैं। साथ ही कुछ कॉलेज और यूनिवर्सिटीज़ अपनी स्वयं की प्रवेश परीक्षाएं आयोजित करतीं हैं।
- विदेश में इन कोर्सेज़ के लिए यूनिवर्सिटी द्वारा निर्धारित आवश्यक ग्रेड आवश्यकताओं को पूरा करना जरुरी है, जो हर यूनिवर्सिटी और कोर्स के अनुसार अलग–अलग हो सकती है।
- विदेश की अधिकतर यूनिवर्सिटीज़ बैचलर्स के लिए SAT और मास्टर्स कोर्सेज़ के लिए GRE स्कोर की मांग करते हैं।
- विदेश की यूनिवर्सिटीज़ में एडमिशन के लिए IELTS या TOEFL टेस्ट स्कोर, अंग्रेजी प्रोफिशिएंसी के प्रमाण के रूप में ज़रूरी होते हैं।
- विदेश यूनिवर्सिटीज़ में पढ़ने के लिए SOP, LOR, सीवी/रिज्यूमे और पोर्टफोलियो भी जमा करने की जरूरत होती है।।
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सोलर इंजीनियरिंग के लिए आवेदन प्रक्रिया
विभिन्न सोलर इंजीनियरिंग कोर्सेज़ के लिए भारत और विदेशी यूनिवर्सिटीज़ में आवेदन प्रक्रिया के बारे में नीचे बताया गया है–
विदेश में आवेदन प्रक्रिया
विदेश की यूनिवर्सिटीज़ में प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया इस प्रकार है–
- आपकी आवेदन प्रक्रिया का फर्स्ट स्टेप सही कोर्स और यूनिवर्सिटी का चुनाव है।
- कोर्स और यूनिवर्सिटी के चुनाव के बाद उस कोर्स के लिए उस यूनिवर्सिटी की एलिजिबिलिटी क्राइटेरिया के बारे में रिसर्च करें।
- आवश्यक टेस्ट स्कोर और दस्तावेज एकत्र करें।
- यूनिवर्सिटी की साइट पर जाकर एप्लीकेशन फॉर्म भरें या फिर आप Leverage Edu एक्सपर्ट्स की भी सहायता ले सकते हैं।
- ऑफर की प्रतीक्षा करें और सिलेक्ट होने पर इंटरव्यू की तैयारी करें।
- इंटरव्यू राउंड क्लियर होने के बाद आवश्यक ट्यूशन शुल्क का भुगतान करें और स्कॉलरशिप, छत्रवीजा, एजुकेशन लोन और छात्रावास के लिए आवेदन करें।
एक आकर्षक SOP लिखने से लेकर वीजा एप्लिकेशन तक, कंप्लीट एप्लिकेशन प्रोसेस में मदद के लिए आप Leverage Edu एक्सपर्ट्स की सहायता ले सकते हैं।
आवश्यक दस्तावेज़
कुछ जरूरी दस्तावेजों की लिस्ट नीचे दी गई हैं–
- आधिकारिक शैक्षणिक ट्रांस्किप्ट
- स्कैन किए हुए पासपोर्ट की कॉपी
- IELTS या TOEFL, आवश्यक टेस्ट स्कोर
- प्रोफेशनल/एकेडमिक LORs
- SOP
- निबंध (यदि आवश्यक हो)
- पोर्टफोलियो (यदि आवश्यक हो)
- अपडेट किया गया सीवी / रिज्यूमे
- एक पासपोर्ट और छात्र वीजा
- बैंक विवरण
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भारतीय यूनिवर्सिटीज़ में आवेदन प्रक्रिया
भारत की यूनिवर्सिटीज़ में आवेदन प्रक्रिया, इस प्रकार है–
- सबसे पहले अपनी चुनी हुई यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट में जाकर रजिस्ट्रेशन करें।
- यूनिवर्सिटी की वेबसाइट में रजिस्ट्रेशन के बाद आपको एक यूजर नेम और पासवर्ड प्राप्त होगा।
- फिर वेबसाइट में साइन इन के बाद अपने चुने हुए कोर्स का चयन करें जिसे आप करना चाहते हैं।
- अब शैक्षिक योग्यता, वर्ग आदि के साथ आवेदन फॉर्म भरें।
- इसके बाद आवेदन फॉर्म जमा करें और आवश्यक आवेदन शुल्क का भुगतान करें।
- यदि एडमिशन, प्रवेश परीक्षा पर आधारित है तो पहले प्रवेश परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन करें और फिर रिजल्ट के बाद काउंसलिंग की प्रतीक्षा करें। प्रवेश परीक्षा के अंको के आधार पर आपका चयन किया जाएगा और लिस्ट जारी की जाएगी।
आवश्यक दस्तावेज
कुछ जरूरी दस्तावेजों की लिस्ट नीचे दी गई हैं–
- आपकी दसवीं या बारहवीं की परीक्षा की मार्कशीट और पास सर्टिफिकेट।
- जन्म तिथि का प्रमाण।
- विद्यालय छोड़ने का प्रमाणपत्र
- स्थानांतरण प्रमाणपत्र
- अधिवास प्रमाण पत्र / आवासीय प्रमाण या प्रमाण पत्र
- अस्थायी प्रमाण – पत्र
- चरित्र प्रमाण पत्र
- अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछड़ी जाति प्रमाण पत्र
- विकलांगता का प्रमाण (यदि कोई हो)
- प्रवासन प्रमाणपत्र (माइग्रेशन)
सोलर इंजीनियरिंग के लिए प्रवेश परीक्षाएं
नीचे इंजीनियरिंग के लिए देश की कुछ प्रमुख प्रवेश परीक्षाओं की सूची नीचे दी गई हैं-
बैचलर्स कोर्स के लिए | मास्टर्स कोर्स के लिए |
SAT | UPSEE |
JEE Mains | TANSAT |
AICET | JEE Advanced |
MERI Entrance Exam | OJEE |
BITSAT | WBJEE |
VITEEE | IPU CET |
SRMJEEE | SRMJEEE PG |
KCET | AP PGECET |
Assam CEE | TG PGECET |
KEAM | BHU PET |
– | CUSAT CAT |
सोलर इंजीनियरिंग के लिए बेस्ट बुक्स
Solar engineering का अध्ययन करते समय जिन महत्वपूर्ण पुस्तकों का उपयोग किया जा सकता है वे हैं-
बुक | राइटर |
Solar Energy: Principles of Thermal Collection and Storage | S. P. Sukhatme, |
Solar Photovoltaic Technology and Systems: A Manual for Technicians, Trainers and Engineers | Solanki C.S |
Solar Energy Engineering: Processes and Systems | Soteris Kalogirou |
Solar Energy. The Physics and Engineering of Photovoltaic Conversion, Technologies and Systems | Arno Smets, Klaus Jäger, Olindo Isabella, René van Swaaij |
सोलर इंजीनियरिंग के क्षेत्र में करियर और वेतन
सोलर इंजीनियरिंग में सोलर इंस्टालर, फोटोवोल्टिक डिजाइनर से लेकर सोलर प्रोजेक्ट एनालिस्ट और सोलर इंजीनियर तक कई नौकरी के विकल्प उपलब्ध होते हैं। भारत में सोलर पैनल, फ्रेम्स, इनवर्टर, सोलर लाइट्स और सोलर गैजेट्स आदि जैसे सोलर एनर्जी प्रोडक्शन संबंधित प्रोडक्ट्स के निर्माण के क्षेत्र में 150 से अधिक उद्योग हैं। सोलर इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स पूरे भारत में इन इकाइयों में अच्छी नौकरियां प्राप्त कर सकते हैं। इंटरप्रेन्योरशिप स्किल्स रखने वाले अपनी खुद की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट्स का विकल्प चुन सकते हैं। सोलर इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स जो फील्डवर्क में रुचि रखते हैं, इंस्टॉलर के रूप में काम कर सकते हैं। इंस्टॉलर उच्च मांग में हैं। हालांकि, इंस्टॉलर को विदेशों में काम करने के लिए अनिवार्य लाइसेंस प्राप्त करने की आवश्यकता होती है।
सोलर इंजीनियरिंग के क्षेत्र में प्रमुख रिक्रूटर्स
प्रमुख रिक्रूटर्स हैं-
- Solar Electric Power Plants
- Balco Power Plant
- State Wise Electricity Boards
- Fluor Corporation
- BSNL
- Indian Railways
सोलर इंजीनियरिंग के क्षेत्र में वेतन
सोलर इंजीनियरिंग में वेतन विभिन्न कारकों जैसे जॉब प्रोफाइल, अनुभव, कार्य क्षेत्र और योग्यता के आधार पर भिन्न होता है। हालाँकि, भारत में सोलर साइंस के लिए औसत प्रारंभिक वेतन INR 5 लाख से INR 15 लाख प्रति वर्ष है। आइए कुछ प्रमुख जॉब प्रोफाइल और Payscale के अनुसार वेतन देखते हैं-
जॉब प्रोफाइल | वार्षिक वेतन |
सोलर इंजीनियर | INR 3 लाख से INR 5 लाख |
सोलर मैकेनिकल इंजीनियर | INR 3 लाख से INR 5 लाख |
सीनियर सोलर इंजीनियर | INR 6 लाख से INR 12 लाख |
सोलर स्ट्रक्चरल इंजीनियर | INR 4 लाख से INR 5 लाख |
FAQs
सोलर इंजीनियरिंग, सौर ऊर्जा के विभिन्न पहलुओं की गहन समझ प्रदान करता है। इसमें सोलर एनर्जी टेक्नोलॉजी और सौर ऊर्जा से बिजली उत्पादन, फोटोवोल्टिक और सोलर थर्मल संबंधित मुद्दे भी शामिल होते है। सोलर इंजीनियरिंग, मुख्य रूप से सूर्य से प्राप्त नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देने से संबंधित है।
सौर ऊर्जा के लिए सोलर इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग सबसे अच्छे विकल्प हैं।
रेसिडेंटल या कमर्शियल भवनों के लिए फोटोवोल्टिक (पीवी) सिस्टम के सोलर थर्मल सिस्टम की डिजाइनिंग करना। सोलर इलेक्ट्रिकल सिस्टम के लिए इलेक्ट्रिकल सिंगल-लाइन डायग्राम, कनेक्शन डायग्राम या पैनल शेड्यूल बनाने के लिए कंप्यूटर-एडेड डिज़ाइन (CAD) सॉफ़्टवेयर का उपयोग करना।
सोलर इंजीनियरिंग में सोलर इंस्टालर, फोटोवोल्टिक डिजाइनर से लेकर सोलर प्रोजेक्ट एनालिस्ट और सोलर इंजीनियर तक कई नौकरी के विकल्प उपलब्ध होते हैं। भारत में सोलर पैनल, फ्रेम्स, इनवर्टर, सोलर लाइट्स और सोलर गैजेट्स आदि जैसे सोलर एनर्जी प्रोडक्शन संबंधित प्रोडक्ट्स के निर्माण के क्षेत्र में 150 से अधिक उद्योग हैं। सोलर इंजीनियरिंग ग्रेजुएट्स पूरे भारत में इन इकाइयों में अच्छी नौकरियां प्राप्त कर सकते हैं।
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