सोशल मीडिया डेवलपर कैसे बनें?

1 minute read
social media developer

पिछले एक दशक में टेक्नोलॉजी तेजी से विकसित हुई है और इससे सोशल मीडिया की मांग भी बढ़ी है। भारत में 290 मिलियन एक्टिव सोशल मीडिया यूजर्स अपने मोबाइल के माध्यम से सोशल नेटवर्क का उपयोग करते हैं। इसने दुनिया भर के लोगों को सोशल एंड वर्चुअल दोनों तरह से जोड़ा है। ऐसे में सोशल मीडिया से जुड़ी करियर संभावनाएं भी काफ़ी बढ़ रही हैं, जिनमें सोशल मीडिया डेवलपर की एक प्रमुख भूमिका है। आइए हम social media developer क्या है, उसके कार्य क्या हैं और कोर्स, वेतन आदि के बारे में विस्तार से जानते हैं।

सोशल मीडिया डेवलपर किन्हें कहते हैं?

एक social media developer किसी कम्पनी या आर्गेनाइजेशन के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के टेक्निकल मैनेजमेंट की देखरेख करता है, जिसमें प्रोग्रामिंग, कंटेंट अपलोड और डेली ट्रेंड रिपोर्टिंग आदि शामिल है। सोशल मीडिया डेवलपर आमतौर पर ऑफिस के माहौल में फुलटाइम वर्क करते हैं। वे विभिन्न प्रकार के आर्गेनाइजेशंस के लिए काम कर सकते हैं, जिनमें कंप्यूटर सिस्टम डिजाइन फर्म, सॉफ्टवेयर पब्लिशर या नॉन प्रॉफिट एजेंसियां ​​शामिल हैं।

एक सोशल मीडिया डेवलपर के काम 

संगठन के प्रकार के आधार पर नौकरी की जिम्मेदारियां अलग-अलग हो सकती हैं, हालाँकि एक social media developer की प्रमुख जिम्मेदारियों में आमतौर पर शामिल हैं-

  • एक सोशल मीडिया डेवलपर का प्राइमरी फोकस उन तरीकों को बनाना और लागू करना है जो आर्गेनाइजेशन की ऑडियंस के लिए उपयोगी हों।
  • सामान्य जिम्मेदारियों में सोशल मीडिया एप्लीकेशंस को डेवलप करना, यूजर एक्सपीरियंस को बढ़ाने के तरीके विकसित करने के लिए डेटा की पहचान करना और उसकी जांच करना, आर्गेनाइजेशन के मोबाइल ऐप्स डेवलप करना शामिल है। 
  • सोशल मीडिया डेवलपर्स यह सुनिश्चित करते हैं कि कोई एप्लिकेशन या प्रोग्राम मेंटनेंस, टेस्टिंग और इंप्लीमेंटेशन फेज़ के दौरान ठीक से काम कर रहा है या नहीं।
  • वे किसी आर्गेनाइजेशन के सोशल मीडिया चैनलों में वीडियो जैसे कंटेंट जोड़ने में भी सहायता कर सकते हैं।

सोशल मीडिया डेवलपर बनने के लिए स्किल्स 

यदि आपका लक्ष्य सोशल मीडिया डेवलपर बनना है, तो आपको सोशल मीडिया डेवलपर कैसे बनें जानने के साथ-साथ उनकी स्किल्स को भी जानना बेहद जरूरी है, जो इस प्रकार है- 

  • एनालिटिकल स्किल्स – सोशल मीडिया डेवलपर्स के लिए एनालिटिकल स्किल्स सबसे आवश्यक कौशल हैं क्योंकि उन्हें यूजर्स की जरूरतों को पूरा करने के लिए एप्लिकेशन बनाने में सक्षम होना चाहिए। 
  • टेक्निकल नॉलेज -इफेक्टिव एप्लीकेशंस को डिजाइन करने के लिए आवश्यक टेक्निकल नॉलेज आवश्यक हैं। माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस, एडोब क्रिएटिव सूट (इनडिजाइन और इलस्ट्रेटर सहित) और प्रोग्रामिंग भाषाओं का अनुभव भी फायदेमंद है।
  • कम्युनिकेशन स्किल्स– सोशल मीडिया डेवलपर्स के पास सहकर्मियों के साथ सहयोग करने के लिए उत्कृष्ट कम्युनिकेशन स्किल्स होना चाहिए, वे कर्मियों को इंस्ट्रक्शन दे सकते हैं। वे उन एप्लीकेशंस पर चर्चा कर सकते हैं जिन्हें वे ग्राहकों के साथ डिजाइन करते हैं। 
  • विस्तार पर ध्यान दें- कार्य को तेज गति वाले कार्य वातावरण के साथ बनाए रखने के लिए तेज अवलोकन कौशल की आवश्यकता होती है।
  • लीडरशिप– कुशल वर्कफ़्लो और डिलीवरी के लिए एक टीम का नेतृत्व करना सोशल मीडिया डेवलपर की भूमिका का एक अभिन्न अंग है।

सोशल मीडिया डेवलपर कैसे बनें?

सोशल मीडिया डेवलपर बनने के लिए आप इन चरणों का पालन कर सकते हैं-

  1. उचित शिक्षा प्राप्त करें: कंप्यूटर साइंस, सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग, वेब डिजाइन, या संबंधित क्षेत्र में बैचलर्स की डिग्री प्राप्त करें।
  2. मास्टर्स डिग्री पर विचार करें: इन्हीं महत्वपूर्ण विषयों में से किसी एक में स्पेशलाइजेशन के साथ मास्टर्स डिग्री पूरी करें।
  3. अनुभव प्राप्त करें: स्टोरेज, मैनेजमेंट और एडमिनिस्ट्रेशन में प्रासंगिक कार्य अनुभव प्राप्त करें।
  4. रिज्यूमे तैयार करें: एक प्रभावशाली रिज्यूमे तैयार करें जो आपकी क्वालिफिकेशन और स्किल्स को दिखाता हो।
  5. नौकरी के लिए आवेदन करें: रिलीवेंट नौकरियों के लिए आवेदन करने के लिए कवर लेटर और रिज्यूमे को अपडेट करें और जॉब के लिए अप्लाई करें।

सोशल मीडिया डेवलपर बनने के लिए आवश्यक कोर्सेज

सोशल मीडिया डेवलपर्स को कंप्यूटर साइंस, सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग, वेब डिजाइन, या संबंधित क्षेत्र में बैचलर्स डिग्री की आवश्यकता होगी, हालांकि कुछ पदों के लिए सर्टिफिकेशन कोर्स और कुछ कार्य अनुभव भी स्वीकार किए जाते हैं। सोशल मीडिया डेवलपर्स को इफेक्टिव एप्लीकेशंस को बेहतर ढंग से डिज़ाइन करने के लिए भी सोशल मीडिया स्ट्रेटजी जैसे क्षेत्र के ज्ञान की भी आवश्यकता होती है। नीचे सोशल मीडिया डेवलपमेंट से जुड़े कुछ प्रमुख कोर्सेज़ बताए गए हैं-

सर्टिफिकेशन कोर्सेज़

कुछ ऑनलाइन सर्टिफिकेशन कोर्सेज़ की लिस्ट नीचे दी गई है-

कोर्स प्लेटफार्म
Web Development with React SpecializationCoursera (द हांगकांग यूनिवर्सिटी ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी)
The Web Developer BootcampUdemy
Basic of Web Development and Coding SpecializationCoursera (यूनिवर्सिटी ऑफ़ मिशिगन)
Professional Web Developer (Nanodegree certification)Udacity
Beginner Full Stack Web Development HTML,
CSS, React & Node
Udemy
Become Web Developer courseLinkedIn Learning Lynda
App Development SpecializationCoursera (द हांगकांग यूनिवर्सिटी ऑफ़ साइंस एंड टेक्नोलॉजी)
Responsive Website Development and Design SpecializationCoursera (यूनिवर्सिटी ऑफ़ लंदन)

टॉप यूनिवर्सिटीज़

यहां कुछ महत्वपूर्ण विश्वविद्यालयों की सूची दी गई है, जहां से आप अपनी शिक्षा प्राप्त कर सकते हैं- 

भारत के टॉप विश्वविद्यालय

ऐप या वेब डेवलपमेंट के लिए टॉप भारतीय विश्वविद्यालयों की लिस्ट नीचे दी गई हैं-

  1. हिंदू कॉलेज, दिल्ली यूनिवर्सिटी
  2. शारदा विश्वविद्यालय, ग्रेटर नोएडा
  3. श्याम इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी, नई दिल्ली
  4. लोयोला कॉलेज, चेन्नई
  5. हिंदुस्तान कॉलेज ऑफ आर्ट्स एंड साइंस, [एचसीएएस] चेन्नई
  6. तमिलनाडु ओपन यूनिवर्सिटी, [TNOU] चेन्नई
  7. सेंट फ्रांसिस कॉलेज, हैदराबाद
  8. जागृति डिग्री और पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज, [जेडीपीजीसी] हैदराबाद
  9. एमआईटी वर्ल्ड पीस यूनिवर्सिटी, [एमआईटी-डब्ल्यूपीयू] पुणे
  10. एएसएम ग्रुप ऑफ इंस्टीट्यूट, पुणे

ज़रूरी कोर्सेज़ के लिए योग्यता

वेब डेवलपमेंट कोर्सेज़ के लिए विदेश में योग्यता इस प्रकार है-

  • बैचलर्स कोर्सेज में प्रवेश के लिए आपको सम्बन्धित स्ट्रीम कॉमर्स या अन्य से कक्षा 12 उत्तीर्ण किया होना चाहिए।
  • मास्टर्स के लिए अच्छे अंकों के साथ बैचलर्स की डिग्री जरूरी होती है।
  • विदेशों में ऐसे कई विश्वविद्यालय और कॉलेज हैं जो इस क्षेत्र में रेगुलर और इंटीग्रेटेड पीएचडी कार्यक्रमों की पेशकश करते हैं, जिनके लिए पोस्टग्रेजुएट स्तर की डिग्री की आवश्यकता नहीं होती है और छात्रों को बैचलर्स की शिक्षा पूरी करने के तुरंत बाद उन्हें प्रवेश दिया जाता है। 
  • इसमें मास्टर्स के लिए GRE या GMAT स्कोर की मांग की जाती है।
  • अंग्रेजी भाषा के प्रमाण के रूप में IELTS या TOEFL स्कोर भी जरूरी होते हैं।
  • विदेश के विश्वविद्यालयों में एडमिशन के लिए SOP, LOR, CV/रिज्यूमे  और पोर्टफोलियो  भी जमा करने होते हैं।

जब भारत में वेब डेवलपमेंट कोर्स करने की बात आती है, तो योग्यताएं विदेश से थोड़ी अलग होती हैं-

  • बैचलर्स कोर्सेज में प्रवेश के लिए आपको सम्बन्धित स्ट्रीम से कक्षा 12 उत्तीर्ण किया होना चाहिए।
  • मास्टर्स के लिए अच्छे अंकों के साथ बैचलर्स की डिग्री जरूरी होती है।
  • इंजीनियरिंग जैसे कोर्सेज़ के चयन पर आपको कुछ प्रवेश परिक्षाएं दिलानी पड़ सकती हैं। जैसे सॉफ्टवेयर इंजीनियरिंग के लिए GATE, IMU CET प्रमुख प्रवेश परीक्षाएं हैं।

आवेदन प्रक्रिया

विभिन्न कोर्सेज़ के लिए भारत और विदेशी विश्वविद्यालयों में आवेदन प्रक्रिया के बारे में नीचे बताया गया है–

विदेश में आवेदन प्रक्रिया

विदेश के विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया इस प्रकार है–

  • आपकी आवेदन प्रक्रिया का फर्स्ट स्टेप सही कोर्स और यूनिवर्सिटी का चुनाव है। कोर्स और यूनिवर्सिटी के चुनाव के बाद उस कोर्स के लिए उस यूनिवर्सिटी के लिए आवश्यक योग्यता के बारे में रिसर्च करें। 
  • आवश्यक टेस्ट स्कोर और दस्तावेज एकत्र करें।अपने सभी दस्तावेजों जैसे SOP, निबंध (essay), सर्टिफिकेट्स और LOR और आवश्यक टेस्ट स्कोर जैसे IELTS, TOEFL, SAT, ACT आदि को एकत्र करें। 
  • यदि आपने अभी तक अपनी IELTS, TOEFL, PTE, GMAT, GRE आदि परीक्षा के लिए तैयारी नहीं की है, जो निश्चित रूप से विदेश में अध्ययन करने का एक महत्वपूर्ण कारक है, तो आप Leverage Live की कक्षाओं में शामिल हो सकते हैं। ये कक्षाएं आपको अपने टेस्ट में उच्च स्कोर प्राप्त करने का एक महत्त्वपूर्ण कारक साबित हो सकती हैं।
  • आपका एप्लीकेशन और सभी आवश्यक दस्तावेज जमा करने के बाद, एक्सपर्ट्स आवास, छात्र वीजा और छात्रवृत्ति / छात्र लोन के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू करेंगे । 
  • अब आपके प्रस्ताव पत्र की प्रतीक्षा करने का समय है जिसमें लगभग 4-6 सप्ताह या उससे अधिक समय लग सकता है। ऑफर लेटर आने के बाद उसे स्वीकार करके आवश्यक सेमेस्टर शुल्क का भुगतान करना आपकी आवेदन प्रक्रिया का अंतिम चरण है। 

एक आकर्षक SOP लिखने से लेकर कंप्लीट एप्लीकेशन प्रोसेस में मदद के लिए आप Leverage Edu के एक्सपर्ट्स की सहायता ले सकते हैं। 

आवश्यक दस्तावेज़

कुछ जरूरी दस्तावेजों की लिस्ट नीचे दी गई हैं–

क्या आप विदेश में पढ़ने के लिए एजुकेशन लोन की तलाश में हैं, तो आज ही Leverage Finance का लाभ उठाएं और अपने कोर्स और विश्वविद्यालय के आधार पर एजुकेशन लोन पाएं।

भारतीय विश्वविद्यालयों में आवेदन प्रक्रिया

भारत के विश्वविद्यालयों में आवेदन प्रक्रिया, इस प्रकार है–

  1. सबसे पहले अपनी चुनी हुई यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट में जाकर रजिस्ट्रेशन करें।
  2. यूनिवर्सिटी की वेबसाइट में रजिस्ट्रेशन के बाद आपको एक यूजर नेम और पासवर्ड प्राप्त होगा।
  3. फिर वेबसाइट में साइन इन के बाद अपने चुने हुए कोर्स का चयन करें जिसे आप करना चाहते हैं।
  4. अब शैक्षिक योग्यता, वर्ग आदि के साथ आवेदन फॉर्म भरें।
  5. इसके बाद आवेदन फॉर्म जमा करें और आवश्यक आवेदन शुल्क का भुगतान करें। 
  6. यदि एडमिशन, प्रवेश परीक्षा पर आधारित है तो पहले प्रवेश परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन करें और फिर रिजल्ट के बाद काउंसलिंग की प्रतीक्षा करें। प्रवेश परीक्षा के अंको के आधार पर आपका चयन किया जाएगा और लिस्ट जारी की जाएगी।

आवश्यक दस्तावेज

कुछ जरूरी दस्तावेजों की लिस्ट नीचे दी गई हैं–

  • आपकी दसवीं या बारहवीं की परीक्षा की मार्कशीट और पास सर्टिफिकेट
  • जन्म तिथि का प्रमाण
  • विद्यालय छोड़ने का प्रमाणपत्र
  • स्थानांतरण प्रमाणपत्र
  • अधिवास प्रमाण पत्र / आवासीय प्रमाण या प्रमाण पत्र
  • अस्थायी प्रमाण – पत्र
  • चरित्र प्रमाण पत्र
  • अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/अन्य पिछड़ी जाति प्रमाण पत्र
  • विकलांगता का प्रमाण (यदि कोई हो)
  • प्रवासन प्रमाणपत्र (माइग्रेशन)

सोशल मीडिया डेवलपर के रूप में करियर और वेतन

सोशल मीडिया डेवलपर्स का रोजगार अगले दस वर्षों में 21 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है, जो सभी व्यवसायों के औसत से बहुत तेज है। एप्लिकेशन डेवलपर्स और सिस्टम डेवलपर्स दोनों में वृद्धि का प्राथमिक कारण कंप्यूटर सॉफ्टवेयर की मांग में भारी वृद्धि है। स्मार्टफोन और टैबलेट पर नए सोशल एप्लिकेशन की आवश्यकता सोशल मीडिया डेवलपर के लिए मांग बढ़ाने में मदद करेगी। यह उम्मीद की जाती है कि स्वास्थ्य और चिकित्सा बीमा या पुनर्बीमा कंपनियों को नई स्वास्थ्य देखभाल नीति के लिए और मौजूदा नीतियों को डिजिटल रूप से मैनेज करने के लिए भी नए वेबसाइटों की आवश्यकता होगी। आज, वैश्विक तकनीकी कुशल पेशे के 75 प्रतिशत के साथ भारत डिजिटल सोर्सिंग बाजार और आईटी समाधानों के लिए एक वैश्विक केंद्र बन गया है। दुनिया की 17 प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में भारत दूसरी सबसे तेज डिजिटलीकरण वाली अर्थव्यवस्था है। अतः आप अब समझ ही सकते हैं कि social media developer के रूप में करियर काफ़ी उज्वल है।

सोशल मीडिया डेवलपर की सैलरी

एक सोशल मीडिया डेवलपर की एवरेज सैलरी लगभग ₹24 हजार प्रति माह है। आपकी सैलरी आपकी चुनी हुई इंडस्ट्री, कंपनी और स्थान पर निर्भर हो सकती है। उदाहरण के लिए, महाराष्ट्र में एक सोशल मीडिया डेवलपर का औसत वेतन INR 85 हजार प्रति माह है, जो देश में सबसे अधिक है। इसके विपरीत, नई दिल्ली में एक सोशल मीडिया डेवलपर का अनुमानित औसत वेतन लगभग ₹30 हजार प्रति माह है।

FAQs

सोशल मीडिया डेवलपर किसे कहते हैं?

एक social media developer किसी कम्पनी या आर्गेनाइजेशन के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के टेक्निकल मैनेजमेंट की देखरेख करता है, जिसमें प्रोग्रामिंग, कंटेंट अपलोड और डेली ट्रेंड रिपोर्टिंग आदि शामिल है। सोशल मीडिया डेवलपर आमतौर पर ऑफिस के माहौल में फुलटाइम वर्क करते हैं।

सोशल मीडिया डेवलपर की क्या भूमिका होती है?

एक सोशल मीडिया डेवलपर का प्राइमरी फोकस उन तरीकों को बनाना और लागू करना है जो आर्गेनाइजेशन की ऑडियंस के लिए उपयोगी हों। सामान्य जिम्मेदारियों में सोशल मीडिया एप्लीकेशंस को डेवलप करना, यूजर एक्सपीरियंस को बढ़ाने के तरीके विकसित करने के लिए डेटा की पहचान करना और उसकी जांच करना, आर्गेनाइजेशन के मोबाइल ऐप्स डेवलप करना शामिल है। 

क्या सोशल मीडिया डेवलपर के रूप में करियर अच्छा विकल्प है?

सोशल मीडिया डेवलपर्स का रोजगार अगले दस वर्षों में 21 प्रतिशत बढ़ने का अनुमान है, जो सभी व्यवसायों के औसत से बहुत तेज है। एप्लिकेशन डेवलपर्स और सिस्टम डेवलपर्स दोनों में वृद्धि का प्राथमिक कारण कंप्यूटर सॉफ्टवेयर की मांग में भारी वृद्धि है। अतः आप अब समझ ही सकते हैं कि social media developer के रूप में करियर काफ़ी उज्वल है।

हम आशा करते हैं कि इस ब्लॉग से आप social media developer के बारे में जान गए होंगे। यदि आप वेब डेवलपिंग से संबंधित कोर्स विदेश से करना चाहते हैं तो आप आज ही हमारे Leverage Edu एक्सपर्ट्स के साथ 30 मिनट का फ्री सेशन बुक करने के लिए हमें 1800 572 000 पर कॉल करें और उचित मार्गदर्शन प्राप्त करें।

प्रातिक्रिया दे

Required fields are marked *

*

*