कुँवर नारायण: समादृत कवि-आलोचक और अनुवादक का जीवन परिचय

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कुँवर नारायण का जीवन परिचय

‘भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार’ से सम्मानित कुँवर नारायण आधुनिक हिंदी साहित्य के समादृत कवि, आलोचक और अनुवादक माने जाते हैं। उन्होंने साहित्य जगत में अनेक अनुपम काव्य रचनाओं के साथ-साथ कहानियाँ, चिंतनपरक लेख, फिल्म समीक्षा और अन्य कलाओं पर महत्वपूर्ण समीक्षाएं लिखी हैं। अनुवाद के क्षेत्र में भी उनका योगदान उल्लेखनीय रहा है। उन्होंने कई विदेशी कवियों के काव्य और गद्य का अनुवाद किया, जिनमें पाब्लो नेरूदा, होर्खे लुइस बोर्खेस, गुंटर ग्रास और कंस्तांतिन कवाफ़ी जैसे विश्व-प्रसिद्ध लेखक शामिल हैं। हिंदी साहित्य में उनके विशेष योगदान के लिए भारत सरकार ने वर्ष 2009 में उन्हें ‘पद्म भूषण’ से सम्मानित किया। इस लेख में कुँवर नारायण का जीवन परिचय और उनकी प्रमुख रचनाओं की जानकारी दी गई है।

नाम कुँवर नारायण
जन्म 19 सितंबर 1927
जन्म स्थान अयोध्या, उत्तर प्रदेश 
शिक्षा एम.ए अंग्रेजी (लखनऊ विश्वविद्यालय)
पेशा कवि, आलोचक, अनुवादक, फिल्म समीक्षक  
विधाएँ कविता, कहानी, समीक्षा, अनुवाद 
भाषा हिंदी 
काव्य-संग्रह चक्रव्यूह, परिवेश: हम तुम, अपने सामने, कोई दूसरा नहीं आदि। 
कहानी-संग्रह आकारों के आस-पास 
समीक्षा आज और आज से पहले 
पुरस्कार एवं सम्मान पद्म भूषण, भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार, साहित्य अकादमी पुरस्कार, व्यास सम्मान, प्रेमचंद पुरस्कार आदि। 
निधन 15 नवंबर 2017 

उत्तर प्रदेश के फ़ैज़ाबाद जिले में हुआ जन्म 

हिंदी साहित्य के प्रतिष्ठित साहित्यकार कुँवर नारायण का जन्म 19 सितंबर 1927 को उत्तर प्रदेश के फ़ैज़ाबाद जिले के अयोध्या में एक संपन्न परिवार में हुआ था। वहीं जीवन के कुछ प्रारंभिक वर्ष अयोध्या और फ़ैज़ाबाद में बीतने के बाद वह लखनऊ आ गए। यहीं से उन्होंने बी.ए और ‘लखनऊ विश्वविद्यालय’ से अंग्रेजी में एम.ए की डिग्री हासिल की। 

लेखन के साथ विभिन्न विषयों में रूचि 

अपनी शिक्षा के दौरान कुँवर नारायण के परिवार के निकट संपर्क में रहे भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी ‘आचार्य नरेंद्र देव’, ‘राम मनोहर लोहिया’ व ‘आचार्य जे. बी कृपलानी’ का उनपर बहुत गहरा प्रभाव पड़ा। इन महान व्यक्तियों के प्रभाव के कारण ही वह गंभीर अध्ययन और स्वतंत्र चिंतन की ओर प्रेरित हुए। 

कुँवर नारायण ने साठ के दशक में ‘नई कहानी आंदोलन’ से जुड़ने के बाद साहित्य की कई विधाओं में अनुपम रचनाओं का सृजन किया। इसके साथ ही उन्होंने इतिहास, समकालीन विश्व साहित्य, क्लासिकल साहित्य, पुरातत्व, सिनेमा, कला, आधुनिक चिंतन, संस्कृति विमर्श व बौद्ध दर्शन आदि विषयों का भी गंभीर अध्ययन किया। लखनऊ में उनका आवास साहित्यिक गतिविधियों और संगीत सभाओं का केंद्र माना जाता था। 

विदेशी रचनाओं का किया अनुवाद 

कुँवर नारायण एक प्रतिष्ठित रचनाकार होने के साथ साथ कुशल अनुवादक भी थे। उन्होंने कई विदेशी कवियों और लेखकों की रचनाओं का अनुवाद किया था। इनमें मुख्य रूप से ‘पाब्लो नेरूदा’,‘होर्खे लुइस बोर्खेस’, ‘गुंटर ग्रास’ और ‘कंस्तांतिन कवाफ़ी’ आदि जैसे कई विख्यात कवियों और लेखकों की रचनाएँ शामिल थीं। 

विदेश यात्राएँ 

कुँवर नारायण ने अपने साहित्यिक जीवन में कई विदेश यात्राएँ भी की थी। वर्ष 1955 में वह भारत के पड़ोसी देश चीन व रूस, चेकस्लोवाकिया, पोलैंड देशों की यात्रा पर रहें। इसके बाद उन्होंने विश्व के अन्य देशों की यात्राएँ की और दुनिया के विख्यात साहित्यकारों से मुलाकात की। इसके साथ ही हिंदी और विश्व साहित्य के बीच एक पुल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की। 

कुँवर नारायण की साहित्यिक रचनाएँ 

कुँवर नारायण ने ‘नई कहानी आंदोलन’ में कई विधाओं में साहित्य का सृजन किया। इनमें मुख्य रूप से कविता, कहानी, समीक्षा और अनुवाद कार्य शामिल हैं। यहां उनकी प्रमुख साहित्यिक रचनाओं की सूची दी गई है:-

कविता-संग्रह 

कविता-संग्रह प्रकाशन 
चक्रव्यूहवर्ष 1956 
परिवेश: हम तुम वर्ष 1961 
अपने सामने वर्ष 1979 
कोई दूसरा नहीं वर्ष 1993 
इन दिनों वर्ष 2002 
हाशिए का गवाह वर्ष 2009 

कहानी

कहानीप्रकाशन 
आकारों के आसपासवर्ष 1971

प्रबंध काव्य 

प्रबंध काव्य प्रकाशन 
आत्मजयीवर्ष 1965
वाजश्रवा के बहानेवर्ष 2008
कुमारजीववर्ष 2015

समीक्षा और विचार

समीक्षा और विचारप्रकाशन 
आज और आज से पहले वर्ष 1998 
मेरे साक्षात्कारवर्ष 1999
साहित्य के कुछ अंतरवर्ष 2003 

पुरस्कार एवं सम्मान 

आधुनिक हिंदी साहित्य में योगदान के लिए कुँवर नारायण को कई सरकारी और गैर-सरकारी पुरस्कार प्राप्त हुए हैं। उनकी सूची निम्नलिखित है:

  • साहित्य अकादमी पुरस्कार – वर्ष 1995 
  • भारतीय ज्ञानपीठ पुरस्कार – वर्ष 2008 
  • पद्म भूषण – वर्ष 2009 
  • प्रेमचंद पुरस्कार 
  • व्यास सम्मान 
  • शलाका सम्मान 
  • कबीर सम्मान 
  • हिंदुस्तानी अकादमी पुरस्कार 
  • उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान पुरस्कार 
  • तुलसी सम्मान 

निधन 

कुँवर नारायण ने कई दशकों तक साहित्य का सृजन किया। उनकी कई रचनाओं का भारतीय और विदेशी भाषाओं में भी अनुवाद हो चुका हैं। इनमे मुख्य रूप से रूसी, अंग्रेजी, पोलिश, इतालवी, स्पेनिश, एस्टोनियाई, पंजाबी, मराठी, बांग्ला, असमिया, ओड़िया, गुजराती, कन्नड़, डोंगरी में अनूदित पुस्तकें शामिल हैं। वहीं साहित्य जगत को अपने साहित्य का बहुमुल्य खजाना सौंप कर उन्होंने 15 नवंबर, 2017 को 90 वर्ष की आयु में दुनिया को अलविदा कह दिया। 

FAQs 

कुँवर नारायण का जन्म कहाँ हुआ था?

कुँवर नारायण का जन्म 19 सितंबर 1927 को उत्तर प्रदेश के फ़ैज़ाबाद जिले में हुआ था।

कुँवर नारायण कौन से काल के कवि हैं?

कुँवर नारायण आधुनिक हिंदी साहित्य में ‘नई कहानी आंदोलन’ के प्रमुख कवि थे। 

कुँवर नारायण को किस वर्ष पद्म भूषण से नवाजा गया था?

कुँवर नारायण को वर्ष 2009 में ‘पद्म भूषण’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। 

कुँवर नारायण का निधन कब हुआ था?

कुँवर नारायण का निधन 15 नवंबर 2017 को हुआ, उस समय उनकी उम्र 90 वर्ष थी।

आशा है कि आपको समादृत कवि-आलोचक और अनुवादक कुँवर नारायण का जीवन परिचय पर हमारा यह ब्लॉग पसंद आया होगा। ऐसे ही अन्य प्रसिद्ध कवियों और महान व्यक्तियों के जीवन परिचय को पढ़ने के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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