जीवन जीने की प्रेरणा देने वाली कविता एक ऐसा मंच तैयार करेगी, जिसके माध्यम से आप अपने सपनों को साकार कर पाएंगे। जीवन जीने की प्रेरणा देने वाली कविता पढ़कर आप चुनौतियों का डटकर सामना कर पाएंगे। जीवन जीने की प्रेरणा देने वाली कविता आपके संघर्षों के दौरान सफलता के रथ का सारथी बनेंगी। जोश भरने वाली कविताएं मानव में आत्मविश्वास की प्रखर ज्वाला जलने का कार्य करती हैं। इस ब्लॉग के माध्यम से आप जोश भरने वाली कविताएं पढ़ पाएंगे, साथ ही इस ब्लॉग के माध्यम से आप जीवन जीने की प्रेरणा देने वाली कविता के महत्व को भी जान पाएंगे। विद्यार्थियों के विद्यार्थी जीवन में जोश भरने वाली कविताएं ही युवाओं के मन में कुशल नेतृत्व की समझ का संचार करती हैं।
This Blog Includes:
जीवन जीने की प्रेरणा देने वाली कविता
जीवन जीने की प्रेरणा देने वाली कविता हिंदी भाषा के साहित्य में एक मुख्य भूमिका निभाती हैं, जो मानव को बेहतर जीवन जीने के लिए प्रेरित करती हैं। जीवन जीने की प्रेरणा देने वाली कविता पढ़ने से पहले आपको हर मानव के मन में जोश भरने वाली कविताएं तथा उनके कवियों के नाम की सूची पर भी प्रकाश डालना चाहिए, जो कुछ इस प्रकार है;
कविता का नाम | कवि/कवियत्री का नाम |
वीर | रामधारी सिंह ‘दिनकर’ |
अग्निपथ | हरिवंश राय बच्चन |
कलम, आज उनकी जय बोल | रामधारी सिंह ‘दिनकर’ |
नर हो, न निराश करो मन को | मैथिलीशरण गुप्त |
छिप-छिप अश्रु बहाने वालों | गोपालदास “नीरज” |
तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार | शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ |
आओ फिर से दिया जलाएँ | अटल बिहारी वाजपेयी |
कदम मिलाकर चलना होगा | अटल बिहारी वाजपेयी |
मैं अनंत पथ में लिखती जो | महादेवी वर्मा |
यह भी पढ़ें : Poem on Lohri in Hindi
वीर
जीवन जीने की प्रेरणा देने वाली कविता आप में साहस का संचार करेंगी। इस श्रृंखला में राष्ट्रकवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ जी की पहली कविता “वीर” है, जो कुछ इस प्रकार है:
सच है, विपत्ति जब आती है, कायर को ही दहलाती है, सूरमा नहीं विचलित होते, क्षण एक नहीं धीरज खोते, विघ्नों को गले लगाते हैं, काँटों में राह बनाते हैं। मुहँ से न कभी उफ़ कहते हैं, संकट का चरण न गहते हैं, जो आ पड़ता सब सहते हैं, उद्योग-निरत नित रहते हैं, शुलों का मूळ नसाते हैं, बढ़ खुद विपत्ति पर छाते हैं। है कौन विघ्न ऐसा जग में, टिक सके आदमी के मग में? ख़म ठोंक ठेलता है जब नर पर्वत के जाते पाव उखड़, मानव जब जोर लगाता है, पत्थर पानी बन जाता है। गुन बड़े एक से एक प्रखर, हैं छिपे मानवों के भितर, मेंहदी में जैसी लाली हो, वर्तिका-बीच उजियाली हो, बत्ती जो नहीं जलाता है, रोशनी नहीं वह पाता है। -रामधारी सिंह ‘दिनकर’
भावार्थ : इस कविता के माध्यम से कवि ने वीरता और साहस की महिमा को आम जनमानस तक पहुँचाया है। यह कविता युवाओं को उनके जीवन में वीरता और साहस के महत्व को समझाती है। यह कविता बताती है कि वीरता एक ऐसा गुण है जो मनुष्य को जीवन में आने वाली सभी चुनौतियों का सामना करने की शक्ति देता है। यह कविता हमें प्रेरित करती है कि हम भी अपने जीवन में वीरता और साहस का गुण धारण करें। यह कविता हमें हमेशा सत्य और न्याय के लिए लड़ना सिखाती है।
यह भी पढ़ें : राष्ट्रीय युवा दिवस पर कविता
अग्निपथ
जीवन जीने की प्रेरणा देने वाली कविता आप में साहस का संचार करेंगी। इस श्रृंखला में एक कविता “अग्निपथ” है, जो कुछ इस प्रकार है:
वृक्ष हों भले खड़े, हों घने हों बड़े, एक पत्र छाँह भी, माँग मत, माँग मत, माँग मत, अग्निपथ, अग्निपथ, अग्निपथ। तू न थकेगा कभी, तू न रुकेगा कभी, तू न मुड़ेगा कभी, कर शपथ, कर शपथ, कर शपथ, अग्निपथ, अग्निपथ, अग्निपथ। यह महान दृश्य है, चल रहा मनुष्य है, अश्रु श्वेत रक्त से, लथपथ लथपथ लथपथ, अग्निपथ, अग्निपथ, अग्निपथ। -हरिवंश राय बच्चन
भावार्थ : इस कविता के माध्यम से कवि जीवन के संघर्षों और चुनौतियों का सामना करने के लिए युवाओं को एक प्रेरक संदेश देते है। यह कविता हमें सिखाती है कि जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए हमें कभी भी हार नहीं माननी चाहिए और निरंतर प्रयास करते रहना चाहिए। इस कविता के माध्यम से कवि युवाओं को अपने लक्ष्य के लिए अटल रहना सिखाते हैं।
कलम, आज उनकी जय बोल
जीवन जीने की प्रेरणा देने वाली कविता, साहित्य के साथ आपका परिचय करवाएंगी। इस श्रृंखला में राष्ट्रकवि रामधारी सिंह ‘दिनकर’ जी की कविता “कलम, आज उनकी जय बोल” भी है, जो कुछ इस प्रकार है:
जला अस्थियां बारी-बारी चिटकाई जिनमें चिंगारी, जो चढ़ गये पुण्यवेदी पर लिए बिना गर्दन का मोल कलम, आज उनकी जय बोल। जो अगणित लघु दीप हमारे तूफानों में एक किनारे, जल-जलाकर बुझ गए किसी दिन मांगा नहीं स्नेह मुंह खोल कलम, आज उनकी जय बोल। पीकर जिनकी लाल शिखाएं उगल रही सौ लपट दिशाएं, जिनके सिंहनाद से सहमी धरती रही अभी तक डोल कलम, आज उनकी जय बोल। अंधा चकाचौंध का मारा क्या जाने इतिहास बेचारा, साखी हैं उनकी महिमा के सूर्य चन्द्र भूगोल खगोल कलम, आज उनकी जय बोल। -रामधारी सिंह 'दिनकर'
भावार्थ : इस कविता के माध्यम से कवि समाज को देशभक्ति और राष्ट्रीयता की भावना से ओत-प्रोत करने का सफल प्रयास करते हैं। कवि ने इस कविता में उन वीर शहीदों का गुणगान किया है, जिन्होंने अपने देश की स्वतंत्रता के लिए अपना सर्वस्व बलिदान दिया। इस कविता में कवि कहते हैं कि कलम, आज उन वीर शहीदों की जय बोल, जिन्होंने अपना सब कुछ बलिदान करके क्रांति की भावना जागृत की और देश में नई चेतना फैलाई। इन शहीदों ने बिना किसी मूल्य के कर्तव्य की पुण्यवेदी पर स्वयं को न्योछावर कर दिया, जिस कारण हम सभी स्वतंत्र हवाओं में सांस ले पा रहे हैं।
यह भी पढ़ें : विश्व हिंदी दिवस पर कविता
नर हो, न निराश करो मन को
जीवन जीने की प्रेरणा देने वाली कविता, आप में नई ऊर्जा का संचार करेंगी। इस सूची में मैथिलीशरण गुप्त जी की कविता “नर हो, न निराश करो मन को” भी है, जो कुछ इस प्रकार है:
नर हो, न निराश करो मन को कुछ काम करो, कुछ काम करो जग में रह कर कुछ नाम करो यह जन्म हुआ किस अर्थ अहो समझो जिसमें यह व्यर्थ न हो कुछ तो उपयुक्त करो तन को नर हो, न निराश करो मन को। संभलो कि सुयोग न जाय चला कब व्यर्थ हुआ सदुपाय भला समझो जग को न निरा सपना पथ आप प्रशस्त करो अपना अखिलेश्वर है अवलंबन को नर हो, न निराश करो मन को। जब प्राप्त तुम्हें सब तत्त्व यहाँ फिर जा सकता वह सत्त्व कहाँ तुम स्वत्त्व सुधा रस पान करो उठके अमरत्व विधान करो दवरूप रहो भव कानन को नर हो न निराश करो मन को। निज गौरव का नित ज्ञान रहे हम भी कुछ हैं यह ध्यान रहे मरणोंत्तर गुंजित गान रहे सब जाय अभी पर मान रहे कुछ हो न तजो निज साधन को नर हो, न निराश करो मन को। प्रभु ने तुमको कर दान किए सब वांछित वस्तु विधान किए तुम प्राप्त करो उनको न अहो फिर है यह किसका दोष कहो समझो न अलभ्य किसी धन को नर हो, न निराश करो मन को। किस गौरव के तुम योग्य नहीं कब कौन तुम्हें सुख भोग्य नहीं जन हो तुम भी जगदीश्वर के सब है जिसके अपने घर के फिर दुर्लभ क्या उसके जन को नर हो, न निराश करो मन को। करके विधि वाद न खेद करो निज लक्ष्य निरन्तर भेद करो बनता बस उद्यम ही विधि है मिलती जिससे सुख की निधि है समझो धिक् निष्क्रिय जीवन को नर हो, न निराश करो मन को कुछ काम करो, कुछ काम करो। -मैथिलीशरण गुप्त
भावार्थ : इस कविता के माध्यम से कवि मानव जीवन की क्षमता और संभावनाओं पर एक प्रेरक तथा सकारात्मक संदेश देने का काम करते हैं। इस कविता कवि युवाओं को यह सीख देते हैं कि हमें जीवन में आने वाली चुनौतियों और कठिनाइयों से कभी भी निराश नहीं होना चाहिए। यह कविता एक प्रेरक और जीवनदायी रचना है, जो हमें जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए प्रेरित करती है।
यह भी पढ़ें : प्रेरणादायक प्रसिद्ध हिंदी कविताएँ
छिप-छिप अश्रु बहाने वालों
जीवन जीने की प्रेरणा देने वाली कविता, हर परिस्थिति में आपको प्रेरित करने का कार्य करेंगी। इस सूची में भारत के एक लोकप्रिय कवि गोपालदास “नीरज” जी की कविता “छिप-छिप अश्रु बहाने वालों” भी है, जो कुछ इस प्रकार है:
छिप-छिप अश्रु बहाने वालों, मोती व्यर्थ बहाने वालों कुछ सपनों के मर जाने से, जीवन नहीं मरा करता है। सपना क्या है, नयन सेज पर सोया हुआ आँख का पानी और टूटना है उसका ज्यों जागे कच्ची नींद जवानी गीली उमर बनाने वालों, डूबे बिना नहाने वालों कुछ पानी के बह जाने से, सावन नहीं मरा करता है। माला बिखर गयी तो क्या है खुद ही हल हो गयी समस्या आँसू गर नीलाम हुए तो समझो पूरी हुई तपस्या रूठे दिवस मनाने वालों, फटी कमीज़ सिलाने वालों कुछ दीपों के बुझ जाने से, आँगन नहीं मरा करता है। खोता कुछ भी नहीं यहाँ पर केवल जिल्द बदलती पोथी जैसे रात उतार चांदनी पहने सुबह धूप की धोती वस्त्र बदलकर आने वालों! चाल बदलकर जाने वालों! चन्द खिलौनों के खोने से बचपन नहीं मरा करता है। लाखों बार गगरियाँ फूटीं, शिकन न आई पनघट पर, लाखों बार किश्तियाँ डूबीं, चहल-पहल वो ही है तट पर, तम की उमर बढ़ाने वालों! लौ की आयु घटाने वालों! लाख करे पतझर कोशिश पर उपवन नहीं मरा करता है। लूट लिया माली ने उपवन, लुटी न लेकिन गन्ध फूल की, तूफानों तक ने छेड़ा पर, खिड़की बन्द न हुई धूल की, नफरत गले लगाने वालों! सब पर धूल उड़ाने वालों! कुछ मुखड़ों की नाराज़ी से दर्पन नहीं मरा करता है! -गोपालदास "नीरज"
भावार्थ : इस कविता के माध्यम से कवि जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना करने और हार न मानने का संदेश देती है। कवि उन लोगों को प्रेरित करते हैं जो चुनौतियों से घबराकर रोने लगते हैं और हिम्मत हार देते हैं। इस कविता में कवि हमें सिखाते हैं कि जीवन में चुनौतियों का सामना करना ज़रूरी होता है। मानव को हार स्वीकार किए बिना हिम्मत और आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ते रहना चाहिए। यह कविता हमें प्रेरित करती है कि हम जीवन में सकारात्मक सोच रखें और अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हमेशा प्रयास करते रहें।
यह भी पढ़ें : Phanishwar Nath Renu Poem in Hindi
जोश भरने वाली कविताएं
जोश भरने वाली कविताएं आपको आपके लक्ष्य की प्राप्ति में सहायक साबित होंगी। जीवन जीने की प्रेरणा देने वाली कविता मानव को एक उद्देश्य देती है, इस उद्देश्य के साथ आप अपने जीवन को और भी बेहतर बना सकते हैं। आपके जीवन को जोश से भर देने वाली कुछ कविता निम्नलिखित हैं;
तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार
जीवन जीने की प्रेरणा देने वाली कविता, साहित्य का सहारा लेकर सामाज को चुनौतियों का सामना करने की प्रेरणा देती हैं। इस सूची में भारत के एक लोकप्रिय कवि शिवमंगल सिंह ‘सुमन’ जी की कविता “तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार” भी है, जो कुछ इस प्रकार है:
तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार आज सिन्धु ने विष उगला है लहरों का यौवन मचला है आज हृदय में और सिन्धु में साथ उठा है ज्वार तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार लहरों के स्वर में कुछ बोलो इस अंधड़ में साहस तोलो कभी-कभी मिलता जीवन में तूफानों का प्यार तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार यह असीम, निज सीमा जाने सागर भी तो यह पहचाने मिट्टी के पुतले मानव ने कभी न मानी हार तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार सागर की अपनी क्षमता है पर माँझी भी कब थकता है जब तक साँसों में स्पन्दन है उसका हाथ नहीं रुकता है इसके ही बल पर कर डाले सातों सागर पार तूफानों की ओर घुमा दो नाविक निज पतवार -शिवमंगल सिंह ‘सुमन’
भावार्थ : इस कविता के माध्यम से कवि जीवन में चुनौतियों का सामना करने और उनसे हार न मानने का संदेश देते हैं। कवि नाविक को तूफानों की ओर जाने के लिए प्रेरित करते हैं, जो जीवन में आने वाली मुश्किलों का प्रतीक हैं। यह कविता हमें सिखाती है कि जीवन में चुनौतियों का सामना करना ज़रूरी है, साथ ही कविता कहती है कि चुनौतियों का सामना करके ही हम सफलता प्राप्त कर सकते हैं। इस कविता के माध्यम से कवि कहना चाहते हैं कि मानव के जीवन में तूफान आना स्वाभाविक है, इसीलिए हमें तूफानों से डरना नहीं चाहिए, बल्कि उनका सामना करना चाहिए। कविता में कवि के अनुसार हम तूफानों का सामना करके ही सफलता प्राप्त कर सकते हैं।
यह भी पढ़ें : पढ़िए हिंदी की महान कविताएं, जो आपके भीतर साहस का संचार करेंगी
आओ फिर से दिया जलाएँ
जीवन जीने की प्रेरणा देने वाली कविता, युवाओं में नवीन सकारात्मक ऊर्जाओं का संचार करने का कार्य करेंगी। इस श्रृंखला में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अजातशत्रु अटल बिहारी वाजपेयी जी की एक कविता “आओ फिर से दिया जलाएँ” भी है, जो कुछ इस प्रकार है:
भरी दुपहरी में अँधियारा सूरज परछाईं से हारा अंतरतम का नेह निचोड़ें, बुझी हुई बाती सुलगाएँ आओ फिर से दिया जलाएँ हम पड़ाव को समझे मंज़िल लक्ष्य हुआ आँखों से ओझल वतर्मान के मोहजाल में आने वाला कल न भुलाएँ आओ फिर से दिया जलाएँ आहुति बाक़ी यज्ञ अधूरा अपनों के विघ्नों ने घेरा अंतिम जय का वज्र बनाने नव दधीचि हड्डियाँ गलाएँ आओ फिर से दिया जलाएँ -अटल बिहारी वाजपेयी
भावार्थ : इस कविता के माध्यम से कवि अटल बिहारी वाजपेयी जी निराशा से जन्मे अंतर्मन के तमस को मिटाने के लिए, आशाओं की भावना के साथ विश्वास का दीपक जलाने का संदेश देती है। यह कविता आपको प्रेरणा से भरने का प्रयास करती है, जीवन में मिली असफलताओं का सामना करने के लिए यह कविता हमें सक्षम बनाती है।
कदम मिलाकर चलना होगा
जीवन जीने की प्रेरणा देने वाली कविता, युवाओं को संघर्ष की स्थिति में प्रेरित करके सफलता के लिए उनका मार्गदर्शन करेंगी। इस श्रृंखला में भारत के पूर्व प्रधानमंत्री अजातशत्रु अटल बिहारी वाजपेयी जी की एक कविता “कदम मिलाकर चलना होगा” भी है, जो कुछ इस प्रकार है:
बाधाएँ आती हैं आएँ घिरें प्रलय की घोर घटाएँ, पावों के नीचे अंगारे, सिर पर बरसें यदि ज्वालाएँ, निज हाथों में हँसते-हँसते, आग लगाकर जलना होगा। क़दम मिलाकर चलना होगा। हास्य-रूदन में, तूफ़ानों में, अगर असंख्यक बलिदानों में, उद्यानों में, वीरानों में, अपमानों में, सम्मानों में, उन्नत मस्तक, उभरा सीना, पीड़ाओं में पलना होगा। क़दम मिलाकर चलना होगा। उजियारे में, अंधकार में, कल कहार में, बीच धार में, घोर घृणा में, पूत प्यार में, क्षणिक जीत में, दीर्घ हार में, जीवन के शत-शत आकर्षक, अरमानों को ढलना होगा। क़दम मिलाकर चलना होगा। सम्मुख फैला अगर ध्येय पथ, प्रगति चिरंतन कैसा इति अब, सुस्मित हर्षित कैसा श्रम श्लथ, असफल, सफल समान मनोरथ, सब कुछ देकर कुछ न मांगते, पावस बनकर ढलना होगा। क़दम मिलाकर चलना होगा। कुछ काँटों से सज्जित जीवन, प्रखर प्यार से वंचित यौवन, नीरवता से मुखरित मधुबन, परहित अर्पित अपना तन-मन, जीवन को शत-शत आहुति में, जलना होगा, गलना होगा। क़दम मिलाकर चलना होगा। -अटल बिहारी वाजपेयी
भावार्थ : इस कविता के माध्यम से कवि सामूहिकता और एकता के महत्व पर बल देते हैं। कविता में कवि कहते हैं कि जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए हमें एकजुट होकर काम करना होगा। कवि इस कविता के माध्यम से नेतृत्व की सही परिभाषा को समाज के समक्ष रखते हैं। यह कविता हमें सिखाती है कि हमें अपने व्यक्तिगत स्वार्थों को त्यागकर सामूहिक प्रयास करना चाहिए, साथ ही इस कविता से हम राष्ट्रहित के लिए मिलकर काम करने का लक्ष्य प्राप्त करते हैं।
मैं अनंत पथ में लिखती जो
जीवन जीने की प्रेरणा देने वाली कविता, युवाओं का मार्गदर्शन करने का सफल प्रयास करेंगी। इस सूची में भारत के एक लोकप्रिय कवियत्री महादेवी वर्मा जी की कविता “मैं अनंत पथ में लिखती जो” भी है, जो कुछ इस प्रकार है:
मै अनंत पथ में लिखती जो सस्मित सपनों की बाते उनको कभी न धो पायेंगी अपने आँसू से रातें! उड़् उड़ कर जो धूल करेगी मेघों का नभ में अभिषेक अमिट रहेगी उसके अंचल- में मेरी पीड़ा की रेख! तारों में प्रतिबिम्बित हो मुस्कायेंगी अनंत आँखें, हो कर सीमाहीन, शून्य में मँडरायेगी अभिलाषें! वीणा होगी मूक बजाने- वाला होगा अंतर्धान, विस्मृति के चरणों पर आ कर लौटेंगे सौ सौ निर्वाण! जब असीम से हो जायेगा मेरी लघु सीमा का मेल, देखोगे तुम देव! अमरता खेलेगी मिटने का खेल! -महादेवी वर्मा
भावार्थ : इस कविता के माध्यम से कवियत्री अपने लेखन के माध्यम से समाज में व्याप्त अन्याय, अत्याचार, और शोषण के खिलाफ आवाज उठाती हैं। कवियत्री का मानना है कि लेखन एक शक्तिशाली माध्यम है जो समाज को बदलने की क्षमता रखता है। कविता समाज में युवाओं को भी लेखन के लिए प्रेरित करने का काम करती है। कविता में कवियत्री कहती हैं कि वह अपने लेखन के माध्यम से दुनिया को एक बेहतर स्थान बनाना चाहती हैं। वह एक ऐसे समाज का निर्माण करना चाहती हैं जिसमें सभी लोग समान हों और जिसमें किसी के साथ अन्याय न हो। कवियत्री का मानना है कि लेखन के माध्यम से वह इस सपने को साकार कर सकती हैं।
संबंधित आर्टिकल
आशा है कि आपको इस ब्लॉग में आपको जीवन जीने की प्रेरणा देने वाली कविता पढ़ने का अवसर मिला होगा, इस ब्लॉग के माध्यम से आपको भिन्न-भिन्न कवियों की जोश भरने वाली कविताएं पढ़ने का अवसर मिला होगा। यह कविताएं आपको सदा ही प्रेरित करेंगी, आशा है कि यह ब्लॉग आपको इंट्रस्टिंग और इंफॉर्मेटिव भी लगा होगा, इसी प्रकार की अन्य कविताएं पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट Leverage Edu के साथ बने रहें।
-
OUT STANDING
1 comment
OUT STANDING