Poem on Lohri in Hindi : लोहड़ी पर कविताएं पढ़कर करें इस पर्व का भव्य स्वागत!

1 minute read
Poem on Lohri in Hindi

मानव को प्रकृति के प्रति समर्पण भाव सिखाने के लिए, समाज में प्रेम और सद्भावना को बढ़ाने के उद्देश्य से ही पर्वों को पूरे उत्साह और उमंग के साथ मनाया जाता है। भारत को पर्वों की भूमि कहना अनुचित नहीं होगा क्योंकि यहाँ हर ऋतु का स्वागत करने के लिए एक न एक पर्व अवश्य होता है। भारतीय सनातन संस्कृति की मुख्य पहचान के रूप में मनाए जाने वाले पर्वों में से एक “लोहड़ी” का पर्व भी होता है। लोहड़ी को न केवल भारत, बल्कि पूरे विश्व में रह रहे भारतीय समुदाय के लोगों द्वारा पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। Poem on Lohri in Hindi को पढ़कर आप इस लोहड़ी अपने जीवन में सकारात्मक परिवर्तन को महसूस कर सकते हैं। लोहड़ी पर कविताएं पढ़ने के लिए आपको यह ब्लॉग अंत तक पढ़ना पड़ेगा।

Poem on Lohri in Hindi

Poem on Lohri in Hindi आपका मार्गदर्शन करेगी और लोहड़ी पर कविताएं आपको सकारात्मकता के समीप ले जाकर खुश रहने के लिए को प्रेरित करेंगी। इस ब्लॉग में आपको Poem on Lohri in Hindi पढ़कर लोहड़ी पर्व की महत्वता को समझ पाएंगे। लोहड़ी पर कविताएं आपको जीवन का सही अर्थ समझाएंगी।

लोहड़ी आई है

Poem on Lohri in Hindi में से एक कविता “लोहड़ी आई है” भी है, जिसको पढ़कर आप पर्वों की महत्वता को समझ पाएंगे। यह कविता कुछ इस प्रकार है:

“ऋतु बदल रही है, उदासी ढल रही है
खुशियों की दस्तक के साथ लोहड़ी आई है

खेत खिल उठे हैं, आशाओं से मिल उठे हैं
संपन्नता और समृद्धि के साथ लोहड़ी आई है

लोहड़ी की पवित्र अग्नि में
धू-धू कर जलेंगी समाज की कुरीतियां सारी
अन्याय का अंधकार मिटेगा
जग को प्रकाशित करेंगी न्याय की नीतियां सारी
धर्म की जयकार करने को लोहड़ी आई है
प्रेम का प्रचार करने को लोहड़ी आई है

लोहड़ी के आगमन से
आनंदित हर विचार होगा
मतभेद किसी से अब हो कैसे
उत्साहित भावनाओं का विस्तार होगा
संगीत पर थिरकाने को लोहड़ी आई है
मानव की चेतना को जगाने को लोहड़ी आई है…”

-मयंक विश्नोई

भावार्थ : इस कविता के माध्यम से कवि लोहड़ी के आगमन को पूरे उत्साह के साथ कहने का प्रयास करते हैं। कविता का उद्देश्य समाज को पर्वों का महत्व समझाना तो है ही, साथ ही लोहड़ी पर्व का महिमामंडन करना भी है। कविता में लोहड़ी को खुशियों के प्रतीक के रूप में प्रस्तुत किया गया है। इस कविता में कवि लोहड़ी के आगमन के उत्साह को निराले अंदाज़ में कहने का प्रयास करते हैं।

यह भी पढ़ें : National Youth Day Quotes in Hindi : पढ़िए राष्ट्रीय युवा दिवस के वे विचार, जो युवाओं में सकारात्मकता का संचार करेंगे

खिलखिलाते चेहरे

Poem on Lohri in Hindi में से एक कविता “खिलखिलाते चेहरे” भी है, जिसको पढ़कर आप पर्वों की महत्वता को समझ पाएंगे। यह कविता कुछ इस प्रकार है:

“लोहड़ी की संध्या में देखें मैंने
चारो ओर खिलखिलाते चेहरे
लोहड़ी के उत्सव में उत्साहित,
दुःख के लम्हें न पल भर ठहरे

लोहड़ी की संध्या में देखें मैंने
खुशियां मानते, गाते-गुनगुनाते लोग
लोहड़ी की पवित्र अग्नि में
श्रद्धा से अपनी फसल को अर्पित करते लोग

लोहड़ी की संध्या में देखें मैंने
बचपन की सादगी से खिलखिलाते चेहरे
मासूमियत से जीवन को सार्थक बनाते
आपसी मतभेदों को मिटाते जाने-पहचाने चेहरे

लोहड़ी की शाम का जश्न
निराले अंदाज़ में मनाने वाले
ऐसे भी मिले मुझे लोग यहाँ
मायूसी को अपनी छुपाने वाले…”

-मयंक विश्नोई

भावार्थ : इस कविता के माध्यम से कवि लोहड़ी के उन रंगों को दिखाने का प्रयास करते हैं, जो लोहड़ी के उत्सव के चित्रण में रंग भरने का काम करते हैं। कविता में लोहड़ी की शाम को खास माना गया है, इस शाम में होने वाली हलचल को कवि ने कविता के माध्यम से दर्शाने का काम किया है। कविता में कवि लोहड़ी के उत्सव को मनाने के लिए समाज को प्रेरित करते हैं।

यह भी पढ़ें : विश्व हिंदी दिवस क्यों और किसकी याद में मनाया जाता है

लोहड़ी प्रेम का प्रतीक है

Poem on Lohri in Hindi में से एक कविता “लोहड़ी प्रेम का प्रतीक है” भी है, जिसको पढ़कर आप युवाओं को प्रेरित कर पाएंगे। यह कविता कुछ इस प्रकार है:

“सदियों से अन्याय पर होती न्याय की जीत है
लोहड़ी समृद्धि, खुशहाली और प्रेम का प्रतीक है

जीवन को उत्सव की तरह मानाने वाले
पग-पग पर जग में खुशियां लुटाने वाले
लोहड़ी के उत्सव में है उत्साहित,
हँसते चेहरों के पीछे ग़मों को छुपाने वाले
लोहड़ी नवचेतना का लोकगीत है
लोहड़ी नफरत से परे, प्रेम का प्रतीक है

लोकगीतों की धुन में जश्न मनाते लोग
बुराईयों को त्याग, अच्छाईयां अपनाते लोग
लोहड़ी के पर्व में होकर आनंदित,
चिंताओं को त्याग, रात-भर झूमते गाते लोग
आज मतभेदों को मिटाकर, एक-दूसरे के समीप हैं
लोहड़ी पर्व है संपन्नता का, लोहड़ी प्रेम का प्रतीक है…”

-मयंक विश्नोई

भावार्थ : इस कविता के माध्यम से कवि लोहड़ी को प्रेम के प्रतीक के रूप में देखते हैं। इस कविता के शुरुआत में कवि लोहड़ी को अन्याय पर न्याय की जीत के रूप में परिभाषित करते हैं। कविता का उद्देश्य सामाजिक सद्भावना को बढ़ावा देना है। इस कविता में कवि लोहड़ी को प्रेम का प्रतीक मानते हैं, जहाँ हर उम्र, मत-पंथ के लोग आकर उत्सव मनाते हैं।

यह भी पढ़ें : National Youth Day Speech in Hindi : राष्ट्रीय युवा दिवस पर 100, 200 और 400 शब्दों में स्पीच 

लोहड़ी के लोकगीत

Poem on Lohri in Hindi में से एक कविता “लोहड़ी के लोकगीत” भी है, जिसको पढ़कर आप युवाओं को प्रेरित कर पाएंगे। यह कविता कुछ इस प्रकार है:

“संगीत के सुरों पर थिरकते पांव
समाज को संगठित करते हैं
लोहड़ी के लोकगीत जैसे
यादों को एकत्रित करते हैं

सपनों की सदाबहारी का
बच्चों की खिलकारी का
उत्सव होता है लोहड़ी
समृद्धि का, खुशहाली का
नई ऋतु को हाथ पकड़कर लाते हैं
लोहड़ी के लोकगीत जग को राह दिखाते हैं

गुड़ और रबड़ी की मिठास का
खुशियों के अद्भुत एहसास का
आशाओं का उत्सव है लोहड़ी
लोहड़ी पर्व है ज्ञान का, प्रकाश का
सभी को खुले मन से गले लगाते हैं
लोहड़ी के लोकगीत, हर चेहरे पर खुशियां लाते हैं…”

-मयंक विश्नोई

भावार्थ : इस कविता के माध्यम से कवि लोहड़ी के लोकगीतों का महिमामंडन करते हैं, साथ ही कवि इस पर्व को खुशहाली का प्रतीक बताते हैं। इस कविता का उद्देश्य समाज को खुश रहने के लिए प्रेरित करना है, साथ ही यह कविता समाज को सकारात्मकता के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करती है। यह कविता मानव के सपनों की पैरवी करते हुए कहती है कि लोहड़ी के लोकगीतों में जीवन का सार छुपा होता है।

यह भी पढ़ें : हिंदी दिवस पर कुछ पंक्तियाँ 

रिश्तों में मिठास

Poem on Lohri in Hindi में से एक कविता “रिश्तों में मिठास” भी है, जिसको पढ़कर आप युवाओं को प्रेरित कर पाएंगे। यह कविता कुछ इस प्रकार है:

“कवि पूछता है कविता से
क्या ही है रिश्ता हमारा
जो तेरे बिना ज़िंदगी अधूरी है मेरी
जो तू है तो ऐसा है कि किसी पर्व ने मुझे पुकारा

पर्व भी ऐसा जैसे कि हो लोहड़ी
जिसमें खुशियां हैं, सपनों का सम्मान है
रात भर है जश्न है तेरे आँगन में
तेरी आहटों का मुझ पर गहरा निशान है

लोहड़ी का पर्व लोकप्रिय है इतना
आशाओं से मिलता आनंद है जितना
पर्व बढ़ाते हैं रिश्तों में मिठास को
पर्व बढ़ाते हैं आशाओं के एहसास को

कवि का कहना है कविता से
कि तुम मुझसे मिल जाना ऐसे
जैसे रिश्तों में मिठास बढ़ जाए
जैसे साँसों में लोहड़ी का पर्व मनाया जाए…”

-मयंक विश्नोई

भावार्थ : इस कविता के माध्यम से कवि लोहड़ी के पर्व को रिश्तों में मिठास के रूप में देखते हैं। कविता के माध्यम से कवि का मानना है कि जीवन में पर्व ही होते हैं, जो रिश्तों में मिठास घोलने का काम करते हैं। कविता के शुरुआत में कवि अपनी कविता से प्रश्न करते हैं कि उनका रिश्ता उनकी कविता से कैसा है और कैसे कविता लोहड़ी के पर्व की तरह पवित्र, पुण्य और समृद्धशाली है। ऐसे में कवि जीवन में मिले रिश्तों को मिठास के साथ जीने के लिए समाज को प्रेरित करते हैं।

संबंधित आर्टिकल

Rabindranath Tagore PoemsHindi Kavita on Dr BR Ambedkar
Christmas Poems in HindiBhartendu Harishchandra Poems in Hindi
Atal Bihari Vajpayee ki KavitaPoem on Republic Day in Hindi
Arun Kamal Poems in HindiKunwar Narayan Poems in Hindi
Poem of Nagarjun in HindiBhawani Prasad Mishra Poems in Hindi
Agyeya Poems in HindiPoem on Diwali in Hindi
रामधारी सिंह दिनकर की वीर रस की कविताएंरामधारी सिंह दिनकर की प्रेम कविता
Ramdhari singh dinkar ki kavitayenMahadevi Verma ki Kavitayen
Lal Bahadur Shastri Poems in HindiNew Year Poems in Hindi

आशा है कि Poem on Lohri in Hindi पढ़कर आप लोहड़ी के पर्व के महत्व को जान पाए होंगे, जो कि आपको सदा प्रेरित करती रहेंगी। साथ ही यह ब्लॉग आपको इंट्रस्टिंग और इंफॉर्मेटिव भी लगा होगा, इसी प्रकार की अन्य कविताएं पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट Leverage Edu के साथ बने रहें।

प्रातिक्रिया दे

Required fields are marked *

*

*