अक्सर कई छात्र विभिन्न कारणों के चलते एक फुलटाइम इंजीनियरिंग कोर्स नहीं कर पाते हैं। ऐसे छात्रों द्वारा इंजीनियरिंग क्षेत्र की बुनियादी समझ हासिल करने के लिए, इंजीनियरिंग में डिप्लोमा का विकल्प चुना जाता है। इंजीनियरिंग में डिप्लोमा उन छात्रों के लिए भी एक बढ़िया विकल्प है जो तकनीकी शिक्षा हासिल करना चाहते हैं और साथ ही जल्दी काम शुरू करना चाहते हैं। ऐसे डिप्लोमा कोर्सेज कौशल विकास जे साथ साथ उन्नत कंप्यूटिंग, वैज्ञानिक कौशल और गणितीय तकनीकों में महारत हासिल करने पर केन्द्रित होते हैं। यदि आप भी 12वीं के बाद इंजीनियरिंग में उपयुक्त डिप्लोमा कोर्स की तलाश कर रहे हैं, तो इस ब्लॉग को पूरा जरूर पढ़ें।
कोर्स | डिप्लोमा इन इंजीनियरिंग |
अवधि | 2 से 3 साल |
कोर्स स्तर | डिप्लोमा लेवल, अंडरग्रेजुएट |
योग्यता | उम्मीदवार ने मैथ्स या सम्बंधित स्ट्रीम से 10+2 पास की हो। |
एडमिशन का तरीका | मेरिट और प्रवेश परीक्षा द्वारा आधारित |
डिप्लोमा इन इंजीनियरिंग स्पेशलाइजेशन | Diploma in Automobiles, Diploma in Software Engineering, Diploma in Computer Science, Diploma in Electronics and Communication (DETCE) |
कोर्स के बाद रोजगार के अवसर | टीचर, जूनियर इंजीनियर, मैनेजर, मशीन ऑपरेटर |
औसत सालाना सैलरी (INR) | 2-5 लाख |
This Blog Includes:
- इंजीनियरिंग में डिप्लोमा क्या है?
- 12वीं के बाद इंजीनियरिंग में डिप्लोमा क्यों करें?
- इंजीनियरिंग में डिप्लोमा के लिए स्किल सेट
- 12वीं के बाद इंजीनियरिंग में टॉप डिप्लोमा कोर्सेज
- इंजीनियरिंग में डिप्लोमा: विषय और सिलेबस
- इंजीनियरिंग में डिप्लोमा के लिए विश्व के टॉप विश्वविद्यालय
- इंजीनियरिंग में डिप्लोमा के लिए भारत के टॉप विश्वविद्यालय
- 12वीं के बाद इंजीनियरिंग में डिप्लोमा के लिए योग्यता
- आवेदन प्रक्रिया
- प्रवेश परीक्षा
- 12वीं के बाद इंजीनियरिंग में डिप्लोमा के बाद करियर विकल्प
- टॉप रिक्रूटर्स
- FAQs
इंजीनियरिंग में डिप्लोमा क्या है?
इंजीनियरिंग में डिप्लोमा स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद किया जा सकता है। यह उन छात्रों के लिए डिज़ाइन किया गया एक प्रोफेशनल कोर्स है जो बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग (BE) या बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी (बी.टेक) कोर्सेज के लिए जाने से पहले कुछ अतिरिक्त ज्ञान प्राप्त करना चाहते हैं। ये कोर्सेज विश्वविद्यालय के आधार पर, 2-3 वर्षों की अवधि के लिए विभिन्न विषयों में उपलब्ध हैं।
12वीं के बाद इंजीनियरिंग में डिप्लोमा क्यों करें?
12वीं के बाद इंजीनियरिंग में डिप्लोमा चुने जाने के कुछ महत्वपूर्ण कारणों को नीचे व्यक्त किया गया है-
- उच्च पाठ्यक्रम शुल्क के कारण, छात्र बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग या बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी में अपना नामांकन नहीं कर पाते ऐसे में डिप्लोमा के जरिए छात्र पार्श्व योजना द्वारा बी.टेक और बीई कार्यक्रम के दूसरे वर्ष में सीधे प्रवेश पा सकते हैं।
- इंजीनियरिंग क्षेत्र की बुनियादी समझ हासिल करने के लिए, छात्र अक्सर इंजीनियरिंग में डिप्लोमा करते हैं।
- छात्र बुनियादी और सामान्य समस्याओं को हल करने के लिए वैज्ञानिक तरीकों, कंप्यूटिंग और गणितीय तकनीकों के बुनियादी सिद्धांतों को सीखते और समझते हैं।
- इंजीनियरिंग में डिप्लोमा छात्रों को नौकरी पाने में भी मदद करता है।
इंजीनियरिंग में डिप्लोमा के लिए स्किल सेट
इंजीनियरिंग में डिप्लोमा के लिए प्रमुख स्किल सेट इस प्रकार हैं:
तकनीकी ज्ञान | इनोवेशन |
कम्युनिकेशन | जिज्ञासा |
लीडरशिप | इंटरपर्सनल |
क्रिटिकल थिंकिंग | प्रॉब्लम सॉल्विंग |
अंडर प्रेशर में काम की क्षमता | मैनेजमेंट स्किल्स |
12वीं के बाद इंजीनियरिंग में टॉप डिप्लोमा कोर्सेज
12वीं के बाद इंजीनियरिंग में टॉप डिप्लोमा कोर्सेज नीचे दिए गए हैं-
- Diploma in Automobiles
- Diploma in Software Engineering
- Diploma in Computer Science
- Diploma in Electronics and Communication (DETCE)
- Diploma in Mechanical Engineering (DME)
- Diploma in Aeronautics
- Diploma in Information Science
- Diploma in Civil Engineering (DCE)
- Diploma in Electrical Engineering (DEE)
- Diploma in Metallurgical Engineering
- Diploma in Electrical Engineering
- Diploma in Electronic Instrumentation & Control
इंजीनियरिंग में डिप्लोमा: विषय और सिलेबस
इन डिप्लोमा कोर्सेज में मुख्य रूप से कुछ बुनियादी इंजीनियरिंग विषय शामिल होते हैं, नीचे उनमें से कुछ प्रमुख विषय नीचे दिए गए हैं-
- इंजीनियरिंग मैथेमेटिक्स
- इंजीनियरिंग फिजिक्स
- इंजीनियरिंग ड्राइंग / ग्राफिक्स
- कम्युनिकेशन
- एप्लाइड इलेक्ट्रॉनिक्स और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग
- थर्मोडायनामिक
- फ्लूड मैकेनिक्स
- एप्लाइड मैकेनिक्स
- थर्मल इंजीनियरिंग
- डिज़ाइन ऑफ मशीन एलिमेंट्स
- इंडस्ट्रियल डिजाइन
- कॉस्ट एस्टिमेटिंग एंड कॉन्ट्रैक्टिंग
- प्लांट मेंटेनेंस एंड सेफ्टी
- मेट्रोलॉजी और इंस्ट्रुमेंटेशन
इंजीनियरिंग में डिप्लोमा के लिए विश्व के टॉप विश्वविद्यालय
12वीं के बाद छात्र बी. टेक में बैचलर्स स्तर की पढ़ाई मान्यता प्राप्त कॉलेज से कर सकते है जो इंजीनियर बनने की शुरुआत मानी जाती है। किसी भी छात्र के पास कम से कम 3 साल की डिग्री या फिर डिप्लोमा होना चाहिए। 3 साल की पढ़ाई के बाद छात्र कों जिस विषय में सबसे ज्यादा रुचि है उसमें छात्र स्नातकोत्तर (पोस्ट ग्रजुएशन) कर सकता है। विदेशों में विभिन्न कॉलेज और विश्वविद्यालय जो उम्मीदवारों को 12वीं के बाद इंजीनियरिंग में डिप्लोमा की पेशकश करते हैं, उन्हें नीचे सूचीबद्ध किया गया है-
- कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय – रिवरसाइड कैंपस
- मैसाचुसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (एमआईटी)
- स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय
- कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, बर्कले (यूसीबी)
- हार्वर्ड विश्वविद्यालय
- कैलटेक
- जॉर्जिया इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (गैटेक)
- प्रिंसटन विश्वविद्यालय
- विंडसोर विश्वविद्यालय
- सस्केचेवान विश्वविद्यालय
- रेजिना विश्वविद्यालय
- डलहौजी विश्वविद्यालय
- फांशावे कॉलेज
इंजीनियरिंग में डिप्लोमा के लिए भारत के टॉप विश्वविद्यालय
भारत के कुछ प्रमुख संस्थान, जो 12वीं के बाद इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कोर्स प्रदान करते हैं, वे इस प्रकार हैं:
- एसआरएम पॉलिटेक्निक कॉलेज, चेन्नई
- वल्लियमाई पॉलिटेक्निक कॉलेज, चेन्नई
- हिंदुस्तान पॉलिटेक्निक कॉलेज, चेन्नई
- जलपाईगुड़ी पॉलिटेक्निक कॉलेज, पश्चिम बंगाल
- पटना पॉलिटेक्निक कॉलेज, पटना
- लवली प्रोफेशनल यूनिवर्सिटी, जालंधर
- गवर्नमेंट पॉलिटेक्निक कॉलेज, पुणे
- गुरु तेग बहादुर पॉलिटेक्निक संस्थान
12वीं के बाद इंजीनियरिंग में डिप्लोमा के लिए योग्यता
12वीं के बाद इंजीनियरिंग में डिप्लोमा के लिए योग्यता इस प्रकार है:
- भारत में प्रवेश के लिए पात्रता सामान्य और ओबीसी के लिए कुल मिलाकर कम से कम 50% अंकों के साथ 10 वीं कक्षा या समकक्ष परीक्षा है और एससी/एसटी, पीएच श्रेणी के लिए 40% है।
- 12वीं पास छात्र सीधे दूसरे वर्ष में लेटरल एंट्री के माध्यम से जुड़ सकते हैं यदि उन्होंने 12वीं में विज्ञान और गणित विषयों का अध्ययन किया है।
- इस कोर्स में शामिल होने की न्यूनतम आयु 16 वर्ष है।
- विदेश में शैक्षणिक योग्यता के अलावा आपको IELTS, TOEFL, PTE जैसी कोई भी भाषा प्रवीणता परीक्षा देनी पड़ सकती है।
- आमतौर पर स्टेटमेंट ऑफ पर्पस (SOP) और लेटर ऑफ रिकमेंडेशन (LORs) जैसे अकादमिक निबंधों की भी आवश्यकता होती है।
आवेदन प्रक्रिया
इंजीनियरिंग में डिप्लोमा के लिए भारत और विदेशी विश्वविद्यालयों में आवेदन प्रक्रिया के बारे में नीचे बताया गया है–
विदेश में आवेदन प्रक्रिया
विदेश के विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया इस प्रकार है:
- आपकी आवेदन प्रक्रिया का फर्स्ट स्टेप सही कोर्स और यूनिवर्सिटी का चुनाव है।
- कोर्स और यूनिवर्सिटी के चुनाव के बाद उस कोर्स के लिए उस यूनिवर्सिटी की पात्रता मानदंड के बारे में रिसर्च करें।
- आवश्यक टेस्ट स्कोर और दस्तावेज एकत्र करें।
- यूनिवर्सिटी की साइट पर जाकर एप्लीकेशन फॉर्म भरें या फिर आप Leverage Edu एक्सपर्ट्स की भी सहायता ले सकते हैं।
- ऑफर की प्रतीक्षा करें और सिलेक्ट होने पर इंटरव्यू की तैयारी करें।
- इंटरव्यू राउंड क्लियर होने के बाद आवश्यक ट्यूशन शुल्क का भुगतान करें और स्कॉलरशिप, छात्रवीजा, एजुकेशन लोन और छात्रावास के लिए आवेदन करें।
भारतीय विश्वविद्यालयों में आवेदन प्रक्रिया
भारत के विश्वविद्यालयों में आवेदन प्रक्रिया, इस प्रकार है:
- सबसे पहले अपनी चुनी हुई यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट में जाकर रजिस्ट्रेशन करें।
- यूनिवर्सिटी की वेबसाइट में रजिस्ट्रेशन के बाद आपको एक यूजर नेम और पासवर्ड प्राप्त होगा।
- फिर वेबसाइट में साइन इन के बाद अपने चुने हुए कोर्स का चयन करें जिसे आप करना चाहते हैं।
- अब शैक्षिक योग्यता, वर्ग आदि के साथ आवेदन फॉर्म भरें।
- इसके बाद आवेदन फॉर्म जमा करें और आवश्यक आवेदन शुल्क का भुगतान करें।
- यदि एडमिशन, प्रवेश परीक्षा पर आधारित है तो पहले प्रवेश परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन करें और फिर रिजल्ट के बाद काउंसलिंग की प्रतीक्षा करें। प्रवेश परीक्षा के अंको के आधार पर आपका चयन किया जाएगा और लिस्ट जारी की जाएगी।
एक आकर्षक SOP लिखने से लेकर वीजा एप्लिकेशन तक, कंप्लीट एप्लिकेशन प्रोसेस में मदद के लिए आप Leverage Edu एक्सपर्ट्स की सहायता ले सकते हैं।
आवश्यक दस्तावेज़
कुछ जरूरी दस्तावेजों की लिस्ट नीचे दी गई है–
- आधिकारिक शैक्षणिक टेप
- स्कैन किए हुए पासपोर्ट की कॉपी
- IELTS या TOEFL, आवश्यक टेस्ट स्कोर
- प्रोफेशनल/एकेडमिक LORs
- SOP
- निबंध (यदि आवश्यक हो)
- पोर्टफोलियो (यदि आवश्यक हो)
- अपडेट किया गया सीवी / रिज्यूमे
- एक पासपोर्ट और छात्र वीजा
- बैंक विवरण
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प्रवेश परीक्षा
इंजीनियरिंग में डिप्लोमा के लिए कुछ प्रमुख प्रवेश परीक्षाएं इस प्रकार हैं:
- AP POLYCET
- APJEE
- PAT
- DCECE
- CG PPT
- CET
- GUJCET
- HP PAT
12वीं के बाद इंजीनियरिंग में डिप्लोमा के बाद करियर विकल्प
डिप्लोमा इन इंजीनियरिंग कोर्स करने के बाद आपके करियर के सभी विकल्प खुले हैं। दो महत्वपूर्ण विकल्प हैं – आप या तो नौकरी कर सकते हैं या उच्च शिक्षा के लिए जा सकते हैं। इस कोर्स को करने के बाद आप अलग-अलग क्षेत्रों में अलग-अलग भूमिकाओं में काम कर सकते हैं, चाहे वह सरकारी नौकरी हो या निजी क्षेत्र की नौकरी, हर जगह इंजीनियरिंग कोर्स में डिप्लोमा करने वाले छात्रों की मांग है। इंजीनियरिंग कोर्स में डिप्लोमा करने के बाद आपको अलग-अलग भूमिकाओं में काम करने का मौका मिलता है, आपने किस ब्रांच से यह कोर्स किया है और आपके पास कितना अच्छा ज्ञान है, उसके हिसाब से आपको किसी सरकारी या निजी कंपनी में अच्छी भूमिका मिल सकती है।
प्रमुख जॉब प्रोफाइल्स
- जूनियर इंजीनियर
- मैनेजर
- मशीन ऑपरेटर
- टीचर
- ऑफिसर
इंजीनियरिंग में डिप्लोमा के ज्ञान के अंतर्गत आपकी अनुमानित सैलरी होगी-
देश | औसत सालाना सैलरी (INR) |
भारत | 2-5 लाख |
UK | 25-30 लाख |
USA | 25-30 लाख |
कनाडा | 10-20 लाख |
ऑस्ट्रेलिया | 20-25 लाख |
टॉप रिक्रूटर्स
- Railway
- IOCL
- BPCL
- HPCL
- Defense
- Reliance
- ESSAR
- Tata
- Hyundai
- Power Companies
- Airtel
- Jio
- Private Universities
- Electricity Department
- Public Work Department
FAQs
इंजीनियरिंग में डिप्लोमा स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद किया जा सकता है। यह उन छात्रों के लिए डिज़ाइन किया गया एक प्रोफेशनल कोर्स है जो बैचलर ऑफ इंजीनियरिंग (बीई) या बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी (बी.टेक) कोर्सेज के लिए जाने से पहले कुछ अतिरिक्त ज्ञान प्राप्त करना चाहते हैं। ये कोर्सेज विश्वविद्यालय के आधार पर, 2-3 वर्षों की अवधि के लिए विभिन्न विषयों में उपलब्ध हैं।
प्रवेश के लिए पात्रता सामान्य और ओबीसी के लिए कुल मिलाकर कम से कम 50% अंकों के साथ 10 वीं कक्षा या समकक्ष परीक्षा है और एससी/एसटी, पीएच श्रेणी के लिए 40% है।
Diploma in Automobiles, Diploma in Software Engineering, Diploma in Mechanical Engineering (DME), Diploma in Aeronautics, Diploma in Information Science, Diploma in Civil Engineering (DCE), Diploma in Electrical Engineering (DEE)आदि।
डिप्लोमा कोर्स इंजीनियरिंग क्षेत्र में छात्रों को केवल बुनियादी और व्यावहारिक ज्ञान प्रदान करता है और पॉलिटेक्निक डिप्लोमा पूरा करने के बाद प्रोफेशनल कोर्स के लिए जाना सबसे अच्छा विकल्प है।
हम आशा करते हैं कि आपको 12वीं के बाद इंजीनियरिंग में डिप्लोमा की सारी जानकारी मिल गई होंगी। यदि आप इंजीनियरिंग में डिप्लोमा कोर्स विदेश से करना चाहते हैं, तो हमारे Leverage Edu एक्सपर्ट्स से 1800 572 000 पर संपर्क करें और एक उपयुक्त कोर्स और सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय का चयन करने में मार्गदर्शन प्राप्त करें।