Shaheed Diwas Speech in Hindi: शहीद दिवस (30 जनवरी) पर भाषण

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Shaheed Diwas Speech in Hindi

Shaheed Diwas Speech in Hindi: 30 जनवरी 1948 का दिन भारतीय इतिहास में एक काले अध्याय के रूप में याद किया जाता है, जब नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की हत्या कर दी थी। इस दुखद घटना के बाद, हम इस दिन को शहीद दिवस के रूप में मनाते हैं और महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। इस दिन, विभिन्न संस्थानों, स्कूलों और कॉलेजों में शहीद दिवस पर भाषण और विचार-विमर्श कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं। इस ब्लॉग में, शहीद दिवस पर भाषण के सैंपल दिए गए हैं, जिनके माध्यम से हम महात्मा गांधी की वीरता, उनके योगदान और उनके सिद्धांतों को याद कर सकते हैं, साथ ही देश की स्वतंत्रता संग्राम की महिमा को भी समझ सकते हैं।

शहीद दिवस पर भाषण 100 शब्दों में

शहीद दिवस पर भाषण (Shaheed Diwas Speech in Hindi) 100 शब्दों में इस प्रकार है:

माननीय प्रधानाचार्य जी, आदरणीय शिक्षकगण और मेरे प्रिय साथियों,

महात्मा गांधी, जिन्हें हम ‘राष्ट्रपिता’ के नाम से जानते हैं, भारत की स्वतंत्रता के महान सेनानी और सत्य-अहिंसा के प्रतीक थे। उन्होंने आजादी के लिए अपना जीवन समर्पित कर दिया। लेकिन 30 जनवरी 1948 का दिन हमारे इतिहास में एक गहरे शोक के रूप में दर्ज है, जब नाथूराम गोडसे ने उनकी हत्या कर दी। यह घटना देश और दुनिया के लिए असहनीय दुख का कारण बनी। उनकी स्मृति को जीवित रखने के लिए भारत सरकार ने इस दिन को ‘शहीद दिवस’ घोषित किया। आज, हम उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए उनके आदर्शों को अपनाने का संकल्प लें। धन्यवाद!

शहीद दिवस पर भाषण

शहीद दिवस पर भाषण 150 शब्दों में

शहीद दिवस पर भाषण (Shaheed Diwas Speech in Hindi) 150 शब्दों में इस प्रकार है:

आदरणीय प्रधानाचार्य जी, शिक्षकों, और मेरे प्रिय साथियों,
नमस्कार!

आज मैं शहीद दिवस के इस विशेष अवसर पर अपने विचार प्रस्तुत करना चाहता हूँ। जैसा कि हम सभी जानते हैं, 30 जनवरी 1948 का दिन भारतीय इतिहास का एक काला अध्याय है। इसी दिन हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की हत्या नाथूराम गोडसे द्वारा कर दी गई थी। इस दुखद घटना के उपलक्ष्य में, हर वर्ष 30 जनवरी को हम शहीद दिवस के रूप में मनाते हैं।

शहीद दिवस हमें गांधीजी के अहिंसा और सत्य के सिद्धांतों की याद दिलाता है, जो आज भी पूरी दुनिया को प्रेरणा देते हैं। यह दिन संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में भी मान्यता प्राप्त है। इस दिन, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और तीनों सेनाओं के प्रमुख राजघाट पर गांधीजी की समाधि पर श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।

सुबह 11 बजे, पूरे देश में भारतीय शहीदों की स्मृति में दो मिनट का मौन रखा जाता है। यह हमारे लिए उन शहीदों को याद करने और उनके बलिदान को सम्मान देने का समय है, जिन्होंने हमारे देश की आजादी और विकास के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया।

धन्यवाद।

यह भी पढ़ें : बलिदान और देशप्रेम का संदेश देते, शहीद दिवस पर अनमोल विचार

शहीद दिवस पर भाषण 200 शब्दों में

शहीद दिवस पर भाषण (Shaheed Diwas Speech in Hindi) 200 शब्दों में इस प्रकार है:

आदरणीय प्रधानाचार्य जी, शिक्षकों, और मेरे प्रिय साथियों,
नमस्कार!

आज मैं शहीद दिवस के इस महत्वपूर्ण अवसर पर अपने विचार प्रस्तुत करना चाहता हूँ। हर साल 30 जनवरी को हम शहीद दिवस के रूप में मनाते हैं, जो हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की पुण्यतिथि का प्रतीक है। 1948 में बिड़ला हाउस में गांधी स्मृति में उनकी हत्या के बाद, भारत सरकार ने इस दिन को उनकी याद और बलिदान का सम्मान करने के लिए शहीद दिवस घोषित किया।

यह दिन केवल महात्मा गांधी जी के प्रति श्रद्धांजलि का ही नहीं, बल्कि उन सभी शहीदों की स्मृति में भी मनाया जाता है, जिन्होंने देश की आजादी और स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया। शहीद दिवस को संयुक्त राष्ट्र द्वारा अंतर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस के रूप में भी मान्यता प्राप्त है, जो गांधीजी के अहिंसा और शांतिपूर्ण प्रतिरोध के संदेश को वैश्विक स्तर पर प्रेरणा देता है।

30 जनवरी को राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री राजघाट पर जाकर गांधी जी की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित करते हैं। सशस्त्र बल और अंतर-सेवा दल उन्हें सलामी देते हैं, और पूरे देश में दो मिनट का मौन रखकर शहीदों को सम्मान दिया जाता है।

इस दिन स्कूलों, कॉलेजों और अन्य संस्थानों में विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, जहां छात्र देशभक्ति गीत गाते हैं और नाटक प्रस्तुत करते हैं। यह दिन हमें शहीदों के बलिदान को याद करने और उनके दिखाए रास्ते पर चलने के लिए प्रेरित करता है।

धन्यवाद!

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शहीद दिवस पर भाषण 300 शब्दों में

शहीद दिवस पर भाषण (Shaheed Diwas Speech in Hindi) 300 शब्दों में इस प्रकार है:

आदरणीय अध्यक्ष महोदय, सम्मानित शिक्षकगण, और मेरे प्रिय साथियों,
सभी को नमस्कार।

आज हम यहां शहीद दिवस के इस महत्वपूर्ण अवसर पर एकत्रित हुए हैं। सबसे पहले, मैं हमारे देश के उन वीरों को नमन करता हूं जिन्होंने देश के लिए अपने प्राणों की आहुति दी। भारत में सात दिनों को शहीद दिवस के रूप में मनाया जाता है, और इनमें सबसे प्रमुख 30 जनवरी है, जो राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के रूप में मनाई जाती है।

30 जनवरी, 1948 को बिड़ला हाउस में शाम की प्रार्थना के दौरान नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की गोली मारकर हत्या कर दी। इस घटना ने न केवल भारत को, बल्कि पूरे विश्व को झकझोर कर रख दिया था। 

यह दिन भारतीय इतिहास का सबसे दुखद दिन माना जाता है। यह न केवल महात्मा गांधी के बलिदान की याद दिलाता है, बल्कि उनके विचारों, अहिंसा और सत्य के संदेश का महत्व भी दर्शाता है। गांधीजी एक साहसी स्वतंत्रता सेनानी थे जिन्होंने भारत की आजादी, विकास, और समृद्धि के लिए अपना जीवन बलिदान कर दिया।

शहीद दिवस हमें महात्मा गांधी के उन विचारों की याद दिलाता है जो आज भी राष्ट्रीय एकता का प्रतीक हैं। उनकी शिक्षाएं, जैसे सत्य और अहिंसा, आज भी हमें प्रेरित करती हैं। हर साल इस दिन, राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अन्य नेता राजघाट जाकर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। पूरे देश में दो मिनट का मौन रखकर उन वीर जवानों को भी याद किया जाता है जिन्होंने देश की रक्षा के लिए अपने प्राण त्याग दिए।

गांधीजी हमारे आदर्श थे और हमेशा रहेंगे। उनकी जीवन गाथा, उनकी शिक्षाएं, और उनका योगदान हमेशा हमारे दिलों में अमर रहेगा। उन्होंने दिखाया कि कैसे हमें विविधता में एकजुट रहना चाहिए। उनकी शिक्षाएं आने वाली पीढ़ियों को प्रेरणा देती रहेंगी।

इस अवसर पर, हम सभी शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं और यह संकल्प लेते हैं कि उनके दिखाए रास्ते पर चलेंगे। इन शब्दों के साथ मैं अपने भाषण को विराम देता हूं। आशा है कि आपको मेरा यह भाषण पसंद आया होगा।

धन्यवाद।

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शहीद दिवस पर भाषण 500 शब्दों में

शहीद दिवस पर भाषण (Shaheed Diwas Speech in Hindi) 500 शब्दों में इस प्रकार है:

आदरणीय प्रधानाचार्य महोदय, शिक्षकगण, और मेरे सभी साथियों,
सभी को मेरा सादर प्रणाम।

आज हम यहां एक विशेष उद्देश्य से एकत्र हुए हैं – उन वीरों को श्रद्धांजलि देने के लिए, जिन्होंने हमारे देश की आजादी और अखंडता की रक्षा के लिए अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया। 30 जनवरी का यह दिन न केवल हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्यतिथि है, बल्कि उन सभी बलिदानियों को याद करने का दिन है, जिन्होंने हमारे देश के लिए अपनी जान दी।

30 जनवरी, 1948 को एक ऐसी घटना घटी जिसने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया। महात्मा गांधी, जो सत्य और अहिंसा के प्रतीक थे, उनकी नई दिल्ली के बिड़ला हाउस में नाथूराम गोडसे द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गई। यह घटना न केवल हमारे लिए एक अपूरणीय क्षति थी, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक सबक भी। गांधीजी ने अपने जीवन में जो संदेश दिया – सत्य, अहिंसा और एकता – वह आज भी हमारी सोच और समाज को दिशा देता है।

लेकिन शहीद दिवस केवल गांधीजी को याद करने तक सीमित नहीं है। यह उन सभी नायकों की याद में मनाया जाता है जिन्होंने आजादी के लिए संघर्ष किया। भगत सिंह, सुखदेव, राजगुरु जैसे अनगिनत क्रांतिकारियों ने अपनी जान की परवाह न करते हुए हमारे भविष्य को उज्जवल बनाया। यह दिन हमें उनके अद्वितीय साहस और बलिदान की याद दिलाता है।

शहीद दिवस मनाने का असली उद्देश्य केवल शहीदों को श्रद्धांजलि देना नहीं है, बल्कि उनके आदर्शों को अपने जीवन में उतारना है। उन्होंने एक ऐसा भारत देखा था, जो समानता, भाईचारे और न्याय पर आधारित हो। आज का दिन हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या हम उनके सपनों के भारत का निर्माण कर पाए हैं।

इस दिन, राजघाट पर राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और अन्य गणमान्य व्यक्ति महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। पूरे देश में सुबह 11 बजे दो मिनट का मौन रखा जाता है, ताकि हम उन वीरों को याद कर सकें, जिनकी कुर्बानियों ने हमें आज का स्वतंत्र भारत दिया। इसके अलावा, स्कूलों और कॉलेजों में नाटक, भाषण और देशभक्ति गीतों के माध्यम से बच्चों को इस दिन के महत्व से अवगत कराया जाता है।

आज की इस सभा का संदेश यही है कि हम अपने शहीदों के बलिदानों को कभी न भूलें। उनका संघर्ष हमें प्रेरणा देता है कि हम एक जिम्मेदार नागरिक बनें और अपने देश के विकास में योगदान दें।

छात्र जीवन में, यही वह समय है जब हम महात्मा गांधी और अन्य शहीदों के आदर्शों से प्रेरणा लेकर अपने जीवन की दिशा तय कर सकते हैं। हमें समझना होगा कि हमारे पास जो स्वतंत्रता और अधिकार हैं, वे उनके संघर्ष और बलिदान का प्रतिफल हैं। यह हमारा दायित्व बनता है कि हम उनकी शिक्षाओं को अपने जीवन में उतारें और एक ऐसा समाज बनाएं, जो उनके सपनों के भारत के करीब हो।

हमारे शहीदों ने हमें सिखाया कि केवल अपने लिए जीना पर्याप्त नहीं है; हमें अपने देश और समाज के लिए भी योगदान देना चाहिए। अगर उन्होंने अपने जीवन का हर पल देश के लिए समर्पित किया, तो क्या हम उनके बलिदान के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभाने के लिए छोटे-छोटे कदम नहीं उठा सकते?

आइए, हम यह प्रण लें कि हम अपने जीवन में उनके विचारों का अनुसरण करेंगे, अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के साथ-साथ देश और समाज के विकास में भी योगदान देंगे। यही हमारे शहीदों के प्रति हमारी सच्ची श्रद्धा होगी।

धन्यवाद।

शहीद दिवस पर 10 लाइन

शहीद दिवस पर 10 लाइनें इस प्रकार हैं:

  1. महात्मा गांधी की हत्या के शोक में हर साल 30 जनवरी को शहीद दिवस मनाया जाता है।
  2. 30 जनवरी 1948 की शाम को नई दिल्ली के बिड़ला हाउस में नाथूराम गोडसे ने महात्मा गांधी की हत्या कर दी थी।
  3. राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री नई दिल्ली के राजघाट पर महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।
  4. भारत के लोग महात्मा गांधी के सम्मान में दो मिनट का मौन रखते हैं।
  5. शहीद दिवस पर अन्य स्वतंत्रता सेनानियों को भी याद किया जाता है और उन्हें सम्मानित किया जाता है।
  6. शहीदों की याद में विभिन्न सभाओं में प्रार्थना और भजन गाए जाते हैं।
  7. शहीद दिवस भारत के स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास का एक दुखद और महत्वपूर्ण दिन है।
  8. 30 जनवरी और 23 मार्च दोनों दिन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में अत्यधिक महत्वपूर्ण माने जाते हैं।
  9. स्कूल, कॉलेज और अन्य संस्थानों में शहीदों के योगदान को याद करने के लिए भाषण, वाद-विवाद जैसी प्रतियोगिताएँ आयोजित की जाती हैं।
  10. शहीद दिवस महात्मा गांधी के बलिदान के बारे में लोगों में जागरूकता पैदा करने का एक महत्वपूर्ण अवसर होता है।

शहीद दिवस पर भाषण कैसे दें?

शहीद दिवस पर प्रभावी भाषण देने के लिए निम्नलिखित टिप्स दी जा रही हैं:

  1. भाषण की शुरुआत सम्मान से करें
    सबसे पहले, अपनी स्पीच की शुरुआत श्रोताओं को सम्मानित करते हुए करें। प्रमुख व्यक्तियों का अभिवादन करें और शहीद दिवस के महत्व को समझाने का प्रयास करें।
  2. विषय पर स्पष्टता रखें
    भाषण का मुख्य उद्देश्य शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करना है, इसलिए इस विषय पर पूरी तरह से स्पष्ट रहें और उसी के इर्द-गिर्द अपने विचार रखें।
  3. भावनात्मक जुड़ाव बनाए रखें
    शहीद दिवस एक अत्यंत संवेदनशील विषय है, इसलिए भाषण में भावनात्मक जुड़ाव जरूरी है। महात्मा गांधी जैसे महान नेताओं के बलिदान और उनके योगदान पर विचार करें और श्रोताओं को प्रेरित करें।
  4. स्मरणीय तथ्य और आंकड़े जोड़ें
    आप शहीद दिवस से संबंधित तथ्य और आंकड़े शामिल कर सकते हैं, जैसे महात्मा गांधी की हत्या की तारीख, उनके अंतिम शब्द, और शहीदों के बलिदान का महत्व। इससे श्रोताओं का ध्यान आकर्षित होगा।
  5. भाषण को संक्षिप्त रखें
    शहीद दिवस पर भाषण छोटा और संक्षिप्त होना चाहिए, ताकि श्रोताओं का ध्यान बनाए रखा जा सके। 5 से 10 मिनट का भाषण आदर्श होता है।
  6. प्रेरक उद्धरण का इस्तेमाल करें
    भाषण में महात्मा गांधी, भगत सिंह, चंद्रशेखर आज़ाद या अन्य स्वतंत्रता सेनानियों के प्रेरक उद्धरणों का उपयोग करें। यह श्रोताओं पर गहरा प्रभाव डालता है।
  7. आपसी संवाद बनाए रखें
    शहीद दिवस पर भाषण देने के दौरान श्रोताओं के साथ संवाद बनाने की कोशिश करें। जैसे “क्या आप जानते हैं कि महात्मा गांधी के अंतिम शब्द क्या थे?” इस तरह के सवाल श्रोताओं को जोड़ने में मदद करते हैं।
  8. संवेदनशीलता बनाए रखें
    शहीदों का सम्मान करते हुए शब्दों का चयन करें, ताकि भाषण श्रोताओं को प्रभावित करें और संवेदनशील विषय से जुड़ी श्रद्धा कायम हो।
  9. समाप्ति प्रेरणादायक करें
    भाषण के अंत में शहीदों के बलिदान और उनके विचारों को याद करते हुए श्रोताओं को प्रेरित करने वाली बात कहें। उदाहरण के लिए, “आज हम जो स्वतंत्रता का आनंद ले रहे हैं, वह शहीदों के बलिदान का परिणाम है।”
  10. प्रैक्टिस करें
    भाषण से पहले अभ्यास करें ताकि शब्दों के साथ आत्मविश्वास और सही मापदंड बना रहे। अभ्यास से आप अपनी स्पीच को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत कर सकेंगे।

इन टिप्स का पालन करके आप शहीद दिवस पर एक प्रभावी और प्रेरणादायक भाषण दे सकते हैं।

FAQs

शहीद दिवस कब मनाया जाता है?

शहीद दिवस 30 जनवरी को मनाया जाता है।

महात्मा गाँधी की हत्या कब हुई?

महात्मा गाँधी की हत्या 30 जनवरी 1948 में हुई थी।

महात्मा गाँधी की हत्या किसने की?

महात्मा गाँधी की हत्या नाथूराम गोडसे ने की।

महात्मा गाँधी की हत्या कहाँ हुई?

महात्मा गाँधी की हत्या बिड़ला हाउस, नई दिल्ली में हुई। 

30 जनवरी को शहीद दिवस क्यों मनाया जाता है?

30 जनवरी को शहीद दिवस महात्मा गांधी की पुण्यतिथि के रूप में मनाया जाता है, क्योंकि 1948 में इसी दिन उनकी हत्या कर दी गई थी। यह दिन उनके बलिदान और स्वतंत्रता संग्राम में योगदान को याद करने के लिए मनाया जाता है। शहीद दिवस पर महात्मा गांधी और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि दी जाती है और अहिंसा के सिद्धांतों को सम्मानित किया जाता है।

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