रिस्क मैनेजर कैसे बनें?

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क्या आप कॉमर्स में ग्रेजुएशन की डिग्री पूरी कर चुके हैं? क्या आप एक फ्रेशर हैं जो ये तय नहीं कर पा रहें हैं कि अब आगे क्या करना है? कॉमर्स से ग्रेजुएशन की डिग्री पूरी कर लेने के बाद स्पेशलाइजेशन प्राप्त करने के लिए ढेरों विकल्प मौजूद हैं। ह्यूमन रिसोर्सेज, मार्केटिंग, अकाउंटेंसी, बैंकिंग और फाइनेंस कुछ प्रमुख क्षेत्र हैं। इनके अलावा रिस्क मैनेजर तेजी से उभरते करियर के तौर पर इन दिनों काफी प्रचलन में है। अब आप सोच रहे होंगे कि रिस्क मैनेजर कैसे बनें? आपकी मुश्किल को आसान करने के लिए इस ब्लॉग में आपको रिस्क मैनेजर बनने की विस्तृत जानकारी दी गई है। 

रिस्क मैनेजमेंट क्या होता है?

साधारण शब्दों में, रिस्क मैनेजमेंट वो प्रक्रिया है जिसमें कोई भी ऑर्गेनाइजेशन अपने लेन-देन के बराबर या बहुत कम नुकसान और अधिकतम लाभ का मैनेजमेंट करती है। बिजनेस के उतार चढ़ावों में हर ऑर्गेनाइजेशन रिस्क को न्यूनतम रखने का प्रयास करता है। इसलिए, रिस्क मैनेजर वो व्यक्ति होता है जो ऑर्गेनाइजेशन के लिए ईवेंट रिस्क के मैनेजमेंट का कार्य करता है। अब इस क्षेत्र में ऑपरेशनल रिस्क भी शामिल हो चुका है।

रिस्क मैनेजर कौन होते हैं?

रिस्क मैनेजर किसी ऑर्गेनाइजेशन, उसके कर्मचारियों, ग्राहकों, रेपुटेशन, प्रॉपर्टी और स्टेकहोल्डर्स के इंटरेस्ट के रिस्क का मैनेजमेंट करता है। एक रिस्क मैनेजर किसी ऑर्गेनाइजेशन के लिए खतरों की पहचान करते हैं और उनका एसेसमेंट करके अगर चीजें गलत होती हैं तो योजनाएँ तैयार करते हैं। साथ ही रिस्क से कैसे बचा जाए, कम किया जाए या ट्रांसफर किया जाए इसकी जिम्मेदारी भी इन्हीं की होती है। रिस्क मैनेजर्स को बिजनेस में होने वाले कई प्रकार के रिस्कों से निपटने के लिए योजना बनाने, उसे ऑर्गेनाइज करने, लीड करने और कंट्रोल करने जैसे कार्यों का ज़िम्मा भी सौंपा जाता है।

रिस्क मैनेजर के कार्य

रिस्क मैनेजर को निम्न कार्य करने होते हैं:

  • रिस्क को पहचानना
  • रिस्क का ऑब्जरवेशन करना
  • पहचाने हुए रिस्क से निपटने के लिए बेहतरीन तरीकों का चयन
  • रिस्क मैनेजमेंट मेथड को लागू करना
  • प्रोग्राम का लगातार ओवरव्यू और ऑपरेशन करना 

स्किल्स

एक रिस्क मैनेजर में कुछ स्किल्स का होना बहुत जरूरी है जिनमें से कुछ यहाँ हैं:

  • कम्युनिकेशन
  • प्रॉब्लम सॉल्विंग
  • एनालिटिकल स्किल
  • एंटरप्राइज रिस्क मैनेजमेंट
  • स्ट्रेटजिक मैनेजमेंट 
  • लीडरशिप
  • प्रोजेक्ट मैनेजमेंट
  • राइटिंग
  • नेगोशिएशन

रिस्क मैनेजमेंट कोर्सेज

रिस्क मैनेजमेंट में सभी तरह के कोर्स उपलब्ध हैं जिनमें से टॉप कोर्सेज की लिस्ट यहां हैं:

कोर्स लेवलकोर्स
ऑनलाइन सर्टिफिकेट कोर्सेजInformation Systems Auditing,
Controls, and Assurance, 
Introduction to Cybersecurity & Risk Management Specialization, 
Risk Management Professional: Prep for the PMI-RMP Exam, 
Financial Engineering and Risk Management Part II, 
Wholescale real Estate contracts: Flip Houses Risk-Free, 
Fundamentals of Project Planning and Management
डिप्लोमा & PG डिप्लोमाDiploma in Taxation and Risk Management, 
Diploma in Risk Management, 
Diploma in Insurance and Risk Management, 
Post Graduate Diploma in risk Management, 
Post Graduate Diploma in Insurance and Risk Management, 
PG Diploma in Banking and Risk Management Self Finance
अंडर ग्रेजुएटBBA Insurance and Risk Management, 
BBA Risk Management
पोस्ट ग्रेजुएट MBA in Risk and Insurance Management

दुनिया की बेस्ट यूनिवर्सिटीज़

नीचे कुछ सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों की सूची दी गई है जहां रिस्क मैनेजमेंट कोर्सेज मौजूद है :

भारत के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय

रिस्क मैनेजमेंट कोर्स के लिए भारत के सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालय इस प्रकार हैं:

  • इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट
  • इंडियन स्कूल ऑफ बिजनेस
  • फैकल्टी ऑफ मैनेजमेंट स्टडीज
  • बीके स्कूल आफ बिजनेस मैनेजमेंट गुजरात यूनिवर्सिटी, अहमदाबाद 
  • गीतम इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट,  विशाखापट्टनम
  • एएमयू अलीगढ़ – अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी
  • बीएचयू वाराणसी – बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी
  • आईएसबीएम पुणे – इंटरनेशनल स्कूल ऑफ बिजनेस एंड मीडिया
  • जम्मू यूनिवर्सिटी 
  • सीएमजे यूनिवर्सिट, शिलांग 

शैक्षणिक योग्यता

रिस्क मैनेजमेंट कोर्स के लिए सामान्य शैक्षणिक योग्यता मापदंड इस प्रकार है:

  • डिप्लोमा, सर्टिफिकेट या बैचलर्स कोर्स के लिए आपके पास किसी मान्यता प्राप्त इंस्टीट्यूट से 10+2 आवश्यक न्यूनतम अंकों के साथ होना आवश्यक है। 
  • मास्टर्स के लिए अपने द्वारा चुने कोर्स से संबंधित क्षेत्र में ग्रेजुएशन की डिग्री होनी चाहिए।
  • कई विश्वविद्यालय कुछ वर्षों के अनुभव के लिए कह सकता है। यह विश्वविद्यालय और प्रस्तावित कोर्स के अनुसार हो सकता है।
  • इंग्लिश टेस्ट जैसे- IELTS, TOEFL, PTE आदि के स्कोर होने आवश्यक हैं। 
  • SAT और ACT की भी मांग की जा सकती है। 
  • GMAT या GRE 
  • कई बार एडमिशन एंट्रेंस एग्जाम देने की जरूरत भी हो सकती है। जो कई यूनिवर्सिटीज़ द्वारा आयोजित किए जाते हैं। 

आवेदन प्रक्रिया

विदेश के विश्वविद्यालयों में प्रवेश के लिए आवेदन प्रक्रिया इस प्रकार है–

  • आपकी आवेदन प्रक्रिया का फर्स्ट स्टेप सही कोर्स चुनना है, जिसके लिए आप AI Course Finder की सहायता लेकर अपने पसंदीदा कोर्सेज को शॉर्टलिस्ट कर सकते हैं। 
  • एक्सपर्ट्स से कॉन्टैक्ट के पश्चात वे कॉमन डैशबोर्ड प्लेटफॉर्म के माध्यम से कई विश्वविद्यालयों की आपकी आवेदन प्रक्रिया शुरू करेंगे। 
  • अगला कदम अपने सभी दस्तावेजों जैसे SOP, निबंध (essay), सर्टिफिकेट्स और LOR और आवश्यक टेस्ट स्कोर जैसे IELTS, TOEFL, SAT, ACT आदि को इकट्ठा करना और सुव्यवस्थित करना है। 
  • यदि आपने अभी तक अपनी IELTS, TOEFL, PTE, GMAT, GRE आदि परीक्षा के लिए तैयारी नहीं की है, जो निश्चित रूप से विदेश में अध्ययन करने का एक महत्वपूर्ण कारक है, तो आप Leverage Live कक्षाओं में शामिल हो सकते हैं। ये कक्षाएं आपको अपने टेस्ट में उच्च स्कोर प्राप्त करने का एक महत्त्वपूर्ण कारक साबित हो सकती हैं।
  • आपका एप्लीकेशन और सभी आवश्यक दस्तावेज जमा करने के बाद, एक्सपर्ट्स आवास, छात्र वीजा और छात्रवृत्ति / छात्र लोन के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू करेंगे । 
  • अब आपके प्रस्ताव पत्र की प्रतीक्षा करने का समय है जिसमें लगभग 4-6 सप्ताह या उससे अधिक समय लग सकता है। ऑफर लेटर आने के बाद उसे स्वीकार करके आवश्यक सेमेस्टर शुल्क का भुगतान करना आपकी आवेदन प्रक्रिया का अंतिम चरण है। 

भारत के विश्वविद्यालयों में आवेदन प्रक्रिया, इस प्रकार है–

  • सबसे पहले अपनी चुनी हुई यूनिवर्सिटी की ऑफिशियल वेबसाइट में जाकर रजिस्ट्रेशन करें।
  • यूनिवर्सिटी की वेबसाइट में रजिस्ट्रेशन के बाद आपको एक यूजर नेम और पासवर्ड प्राप्त होगा।
  • फिर वेबसाइट में साइन इन के बाद अपने चुने हुए कोर्स का चयन करें जिसे आप करना चाहते हैं।
  • अब शैक्षिक योग्यता, वर्ग आदि के साथ आवेदन फॉर्म भरें।
  • इसके बाद आवेदन फॉर्म जमा करें और आवश्यक आवेदन शुल्क का भुगतान करें। 
  • यदि एडमिशन, प्रवेश परीक्षा पर आधारित है तो पहले प्रवेश परीक्षा के लिए रजिस्ट्रेशन करें और फिर रिजल्ट के बाद काउंसलिंग की प्रतीक्षा करें। प्रवेश परीक्षा के अंको के आधार पर आपका चयन किया जाएगा और लिस्ट जारी की जाएगी।

आवश्यक दस्तावेज़

कुछ जरूरी दस्तावेजों की लिस्ट नीचे दी गई हैं–

करियर स्कोप 

फाइनेंस के क्षेत्र में बढ़ोतरी के साथ रिस्क मैनेजमेंट की आवश्यकता भी बढ़ चुकी है। इस करियर विकल्प में कई भूमिकाएँ और पद मौजूद हैं जिनमें से कोई भी अपने लिए उपयुक्त पद का चुनाव कर आगे बढ़ सकता है। कुछ भूमिकाएँ नीचे दी गई हैं :

  • रिस्क मैनेजर
  • रिस्क सर्वेयर
  • रिस्क मैनेजमेंट एडवाइजर
  • रिस्क एनालिस्ट
  • परफॉर्मेंस एंड रिस्क मैनेजर
  • फ़ाइनेंशियल रिस्क मैनेजर
  • डिजिटल रिस्क मैनेजर
  • सप्लाई चेन रिस्क मैनेजर

रिस्क मैनेजर के लिए रोज़गार क्षेत्र

  • फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन
  • कंस्ट्रक्शन कंपनी
  • साइबर सिक्योरिटी फर्म
  • रिस्क मैनेजमेंट कंसलटिंग फर्म 

जॉब प्रोफाइल्स और सैलरी

रिस्क मैनेजमेंट में कई सारी जॉब प्रोफाइल्स हैं जिनमें से आप अपने लिए चुन सकते हैं। कुछ जॉब प्रोफ़ाइल और Payscale के अनुसार सैलरी यहाँ दी गई है:

जॉब प्रोफ़ाइलअनुमानित सालाना सैलरी
रिस्क एनालिस्टINR 2 लाख-10 लाख
सीनियर सॉफ्टवेयर इंजीनियरINR 8.25 लाख-20 लाख
रिस्क मैनेजमेंट एनालिस्टINR 4.20 लाख-7.95 लाख
सीनियर बिजनेस एनालिस्टINR 4.95 लाख-10 लाख
रिस्क मैनेजमेंट कंसलटेंटINR 4.57 लाख-9.40 लाख
रिस्क मैनेजरINR 3.30 लाख- 20 लाख 

FAQs

रिस्क मैनेजर कौन होते हैं?

रिस्क मैनेजर किसी ऑर्गेनाइजेशन, उसके कर्मचारियों, ग्राहकों, रेपुटेशन, प्रॉपर्टी और स्टेकहोल्डर्स के इंटरेस्ट के रिस्क का मैनेजमेंट करता है। एक रिस्क मैनेजर किसी ऑर्गेनाइजेशन के लिए खतरों की पहचान करते हैं और उनका एसेसमेंट करके अगर चीजें गलत होती हैं तो योजनाएँ तैयार करते हैं। साथ ही रिस्क से कैसे बचा जाए, कम किया जाए या ट्रांसफर किया जाए इसकी जिम्मेदारी भी इन्हीं की होती है। रिस्क मैनेजर्स को बिजनेस में होने वाले कई प्रकार के रिस्कों से निपटने के लिए योजना बनाने, उसे ऑर्गेनाइज करने, लीड करने और कंट्रोल करने जैसे कार्यों का ज़िम्मा भी सौंपा जाता है।

रिस्क मैनेजमेंट क्या होता है?

साधारण शब्दों में, रिस्क मैनेजमेंट वो प्रक्रिया है जिसमें कोई भी ऑर्गेनाइजेशन अपने लेन-देन के बराबर या बहुत कम नुकसान और अधिकतम लाभ का मैनेजमेंट करती है। बिजनेस के उतार चढ़ावों में हर ऑर्गेनाइजेशन रिस्क को न्यूनतम रखने का प्रयास करता है। इसलिए, रिस्क मैनेजर वो व्यक्ति होता है जो ऑर्गेनाइजेशन के लिए ईवेंट रिस्क के मैनेजमेंट का कार्य करता है। अब इस क्षेत्र में ऑपरेशनल रिस्क भी शामिल हो चुका है।

रिस्क मैनेजर के कार्य क्या हैं? 

रिस्क मैनेजर को निम्न कार्य करने होते हैं:
-रिस्क को पहचानना
-रिस्क का ऑब्जरवेशन करना
-पहचाने हुए रिस्क से निपटने के लिए बेहतरीन तरीकों का चयन
-रिस्क मैनेजमेंट मेथड को लागू करना
-प्रोग्राम का लगातार ओवरव्यू और ऑपरेशन करना

रिस्क मैनेजर के पास क्या स्किल्स होनी चाहिए? 

कम्युनिकेशन
प्रॉब्लम सॉल्विंग
एनालिटिकल स्किल
एंटरप्राइज रिस्क मैनेजमेंट
स्ट्रेटजिक मैनेजमेंट 
लीडरशिप
प्रोजेक्ट मैनेजमेंट
राइटिंग
नेगोशिएशन

उम्मीद है, रिस्क मैनेजर बनने के लिए सम्पूर्ण गाइड आपको इस ब्लॉग में मिल गई होगी। यदि आप विदेश में रिस्क मैनेजमेंट कोर्स करना चाहते हैं तो 1800 572 000 पर कॉल करके Leverage Edu एक्सपर्ट्स के साथ 30 मिनट का फ्री सेशन बुक करें। 

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