भारत का सबसे अधिक आबादी वाला और चौथा सबसे बड़ा राज्य उत्तर प्रदेश है। यह राज्य देश के उत्तर-मध्य भाग में है। इस राज्य में सबसे अधिक 403 विधानसभा सीटें हैं। उत्तर प्रदेश का गठन 26 जनवरी 1950 को हुआ था। सभी प्रतियोगी परीक्षाओं और इंटरव्यू में उत्तर प्रदेश से जुड़े करंट अफेयर्स के प्रश्न पूछे जाते हैं, इसलिए इस ब्लाॅग में हम उत्तर प्रदेश की मिट्टी (Uttar Pradesh ki Soil) के बारे में विस्तार से जानेंगे।
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उत्तर प्रदेश की मिट्टी के बारे में
मिट्टी पृथ्वी की परत पर सबसे ऊपरी परत है जो खनिजों और कार्बनिक पदार्थों से युक्त बहुत छोटे कणों से बनी होती है। उत्तर प्रदेश की मिट्टी कार्बनिक पदार्थों से मिलकर जमीन को कवर करती है। उत्तर प्रदेश की मिट्टी को आनुवंशिक मैदानों की मिट्टी, भाबर और तराई क्षेत्र की मिट्टी और दक्षिणी पठार की मिट्टी कहा जाता है।
उत्तर प्रदेश की मिट्टियों के प्रकार क्या हैं?
उत्तर प्रदेश की मिट्टियों के प्रकार में मुख्य रूप से भाबर मिट्टी, तराई मिट्टी, जलोढ़ मिट्टी, बुंदेलीखंड की मिट्टी हैं, यहां हम इनके बारे में विस्तृत जानेंगे-
भाबर की मिट्टी
ये मिट्टी राज्य के सबसे उत्तरी भाग में शिवालिक-तलहटी के साथ एक पट्टी में पाई जाती है। ये पश्चिमी भागों में सहारनपुर और बिजनौर जिलों में प्रमुखता से देखे गए हैं। ये मिट्टी जलोढ़ मूल की हैं और आदिम अवस्था में हैं। इनकी गहराई कम होती है और ऊपरी परत छोटे-छोटे कंकड़-पत्थरों से भरी होती है। ये मिट्टी चनेदार होने के लिए जानी जाती है। ये मिट्टी कृषि के लिए अच्छी नहीं है।
तराई की मिट्टी
ये मिट्टी भाबर क्षेत्र के दक्षिण में तराई क्षेत्र में पाई जाती है। यह मिट्टी नाइट्रोजन और कार्बनिक पदार्थों से समृद्ध है। भूजल के उच्च स्तर के कारण ये मिट्टी नम रहती है। यह भाबर क्षेत्र की मिट्टी की तुलना में महीन कणों से बनी है। मिट्टी चिकनी है। इसे दोमट मिट्टी के रूप में बांटा गया है। यह गन्ना, चावल, गेहूं आदि की खेती के लिए अच्छी मानी जाती है।
गंगा के मैदानों की मिट्टी (जलोढ़)
जलोढ़ मिट्टी उत्तर प्रदेश का सबसे बड़ा मिट्टी ग्रुप है। ये मैदानी क्षेत्रों में पश्चिम से पूर्व तक फैली हुई हैं, उत्तर प्रदेश में जलोढ़ मिट्टी मुख्य रूप से गंगा और उसकी सहायक नदियों द्वारा लायी जाती है।
इसको 2 पार्ट बंजर और खादर भूमि के रूप जाना जाता है। बंजर मिट्टी का रंग गहरा और खुरदरा है। यह खादर की तुलना में कम उपजाऊ है। खादर मिट्टी निचले इलाकों में विकसित होती है जो हर साल बाढ़ के पानी से डूब जाते हैं। ये अधिक उपजाऊ और महीन तथा हल्के रंग के होते हैं।
दक्षिणी पठार की मिट्टी (बुंदेलखंड की मिट्टी)
बुन्देलखण्ड क्षेत्र की मिट्टी ग्रेनाइट और नीस जैसी आग्नेय और रूपांतरित चट्टानों के अपक्षय से प्राप्त हुई है। इसे 2 ग्रुप काली मिट्टी या रेगुर मिट्टी और लाल मिट्टी में बांटा गया हैः
- काली मिट्टी- काली मिट्टी पुरानी और अच्छी तरह से विकसित मिट्टी होती है। ये अपनी नमी धारण क्षमता के लिए जाने जाते हैं। यह नमी से फूल जाता है और सूखने पर दरारें पड़ जाती हैं। यह उपजाऊ होती है।
- लाल मिट्टी- इस मिट्टी की बनावट रेतीली से चिकनी मिट्टी जैसी है। यह उत्तर प्रदेश के बुन्देलखण्ड क्षेत्र में पाई जाती है। यह उर्वरक एवं सिंचाई की उपलब्धता के साथ गेहूं, चना, ज्वार, मक्का आदि की खेती के लिए बढ़िया मानी जाती है।
- परवा मिट्टी- इस मिट्टी को उत्तर प्रदेश के हमीरपुर, जालौन तथा यमुनाल नदी के तटीय भाग विशेषकर बीहड़ों में पाया जाता है। यह हल्के लाल-भूरे रंग की बलुई दोमट मिट्टी है, जिसमें कार्बनिक पदार्थ कम होते हैं। इस मिट्टी को चना और बाजरा की खेती के लिए अच्छा माना जाता है।
- राकर मिट्टी- राकर मिट्टी पहाड़ी एवं पठारी क्षेत्रों के ढलान वाले क्षेत्र में पाई जाती है। इस मिट्टी को गहरी रकार और पतली रकार में बांटा गया है। उर्वरकों के प्रयोग से इस मिट्टी की उर्वरता को बढ़ाया जा सकता है। इस मिट्टी में तिल और चना जैसी फसलें उगाई जाती हैं।
- मोंटा मिट्टी- मोंटा मिट्टी लाल रंग की होती है और इसे बाजरा जैसे अनाज उगाने के लिए अच्छा माना जाता है। पहाड़ी क्षेत्रों में पाई जाने वाली इस मिट्टी का रूप टूटे हुए कंकड़-पत्थर भी होते हैं।
उत्तर प्रदेश की अन्य मिट्टियां
उत्तर प्रदेश की अन्य मिट्टियां इस प्रकार हैंः
- भाट- भाट मिट्टी कुशीनगर जिले में पाई जाती है। इसमें एल्यूमीनियम का भंडार है और यह बाजरा की खेती के लिए उपयुक्त है।
- भूर- भूर बांगर क्षेत्र में रेतीली मिट्टी के लहरदार भंडार हैं।
- डूह- डूह नदी के किनारे जल भराव वाले क्षेत्रों की मिट्टी है।
- माड़- माड़ काली रेगुर मिट्टी के समान होती है। यह चिकनी मिट्टी है।
उत्तर प्रदेश में कौन सी मिट्टी सर्वाधिक पाई जाती है?
उत्तर प्रदेश का अधिकांश क्षेत्र गंगा प्रणाली की धीमी गति से बहने वाली नदियों द्वारा फैली जलोढ़ की गहरी परत से ढका हुआ है। अत्यधिक उपजाऊ जलोढ़ मिट्टी रेतीली से लेकर चिकनी दोमट तक होती है। उत्तर प्रदेश में जलोढ़ मिट्टी अधिकतम मात्रा में पाई जाती है।
संबंधित ब्लाॅग्स
FAQs
उत्तर प्रदेश में कौन सी मिट्टी पाई जाती है?
उत्तर प्रदेश में जलोढ़ या दोमट मिट्टी पाई जाती है।
यूपी के विभिन्न लोक गीत कौन से हैं?
यूपी के विभिन्न लोक गीत सोहर, कहरवा हैं।
काली मिट्टी का दूसरा नाम क्या है?
उत्तर प्रदेश में काली मिट्टी को करेल मिट्टी कहा जाता है।
उत्तर प्रदेश की जलवायु कौन सी है?
उत्तर प्रदेश की जलवायु उष्णकटिबंधीय मानसून वाली है।
उम्मीद है कि इस ब्लाॅग में आपको उत्तर प्रदेश की मिट्टी के बारे में जानकारी मिल गई होगी। अपनी परीक्षाओं की तैयारी और बेहतर करने और उत्तर प्रदेश जीके से जुड़े अन्य ब्लाॅग्स पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट Leverage Edu के साथ बने रहें।