भारत के सदन में लोकसभा और राज्यसभा शामिल है। लोकसभा के संचालन के लिए अध्यक्ष होते हैं। लोकसभा अध्यक्ष सदन के संपूर्ण अधिकार का प्रतिनिधित्व करते हैं। वह उस सदन की गरिमा और शक्ति का प्रतीक हैं, जिसकी वह अध्यक्षता कर रहे हैं। लोकसभा अध्यक्ष दोनों सदनों की संयुक्त बैठक की अध्यक्षता करते हैं और यह टाॅपिक हर तरह से हमारे लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि लोकसभा से संबंधित करंट अफेयर्स के क्वेश्चन UPSC में प्री, मेंस एग्जाम और इंटरव्यू के अलावा अन्य प्रतियोगी परीक्षाओं में भी पूछे जाते हैं। इसलिए इस ब्लाॅग में हम लोकसभा के अध्यक्ष का चुनाव कौन करता है और क्या हैं लोकसभा अध्यक्ष के कार्य एवं शक्तियां? के बारे में जानेंगे।
लोकसभा के अध्यक्ष के बारे में
लोकसभा में सदन का नेता उस पार्टी का संसदीय अध्यक्ष होता है जिसके पास लोकसभा में बहुमत होता है और वह सदन में सरकारी कामकाज के लिए जिम्मेदार होता है। यदि वह चैम्बर के सदस्य हैं तो कार्यालय धारक आमतौर पर प्रधानमंत्री होता है। हालांकि यदि प्रधानमंत्री लोकसभा के सदस्य नहीं है तो वे सदन के नेता की नियुक्ति कर सकते हैं।
लोकसभा के अध्यक्ष का चुनाव कौन करता है?
लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव लोकसभा के सभी सदस्यों द्वारा किया जाता है। लोकसभा की पहली बैठक की अध्यक्षता प्रोटेम स्पीकर करते हैं। वह तब तक लोकसभा के पीठासीन अधिकारी रहेंगे जब तक कि लोकसभा के निर्वाचित अध्यक्ष अपना स्थान ग्रहण नहीं कर लेते। लोकसभा अध्यक्ष के पास यह चुनने का अधिकार है कि कोई विधेयक धन विधेयक है या नहीं।
लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव कैसे होता है?
लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव लोकसभा द्वारा अपने सदस्यों में से (पहली बैठक के बाद यथाशीघ्र) किया जाता है। स्पीकर के चुनाव की तारीख राष्ट्रपति द्वारा तय की जाती है। संविधान कहता है कि स्पीकर को सदन का सदस्य होना चाहिए, लेकिन संसद के संविधान और परंपराओं की समझ एक प्रमुख संपत्ति मानी जाती है। सदन अपने पीठासीन अधिकारी का चुनाव उपस्थित सदस्यों के साधारण बहुमत से करता है, जो सदन में मतदान करते हैं।
आमतौर पर सत्तारूढ़ दल से संबंधित सदस्य को स्पीकर चुना जाता है। यह परंपरा और सूत्र है कि एक बार निर्वाचित होने के बाद स्पीकर को सदन के सभी वर्गों का सम्मान प्राप्त होता है। स्पीकर के चुने जाने के बाद प्रधानमंत्री और विपक्ष के नेता स्पीकर को कुर्सी तक ले जाते हैं।
लोकसभा अध्यक्ष के कार्य एवं शक्तियां क्या हैं?
लोकसभा के अध्यक्ष का चुनाव कौन करता है जानने के साथ ही लोकसभा अध्यक्ष के कार्य एवं शक्तियां समझना जरूरी हैं जोकि इस प्रकार हैंः
- स्पीकर संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक की अध्यक्षता करता है।
- सदन में कोरम के अभाव में सदन को स्थगित करना या कोरम पूरा होने तक किसी भी बैठक को निलंबित करना स्पीकर का कर्तव्य है।
- स्पीकर उस एजेंडे को तय करता है जिस पर संसद सदस्यों की बैठक में चर्चा की जानी चाहिए। अध्यक्ष सदन का अनुशासन सुनिश्चित करता है।
- लोकसभा अध्यक्ष सुनिश्चित करते हैं कि सांसदों को अनियंत्रित व्यवहार के लिए दंडित किया जाए।
- अध्यक्ष अपने चुनाव के दिन से लेकर अपने निर्वाचन क्षेत्र के विघटन के बाद लोकसभा की पहली बैठक से पहले तक पद पर बना रहता है।
- लोकसभा कक्ष में अध्यक्ष का अध्यक्ष अलग से नियुक्त किया जाता है और वह अपनी सीट पर बैठकर पूरे सदन की शासकीय राय प्राप्त करता है।
- सदन की कार्यवाही को विनियमित करने की शक्ति: वह कोरम के अभाव में सदन को स्थगित कर देता है या बैठक स्थगित कर देता है।
- लोकसभा के अध्यक्ष सदन की कार्यवाही का रिकॉर्ड रखने के लिए जिम्मेदार हैं।
- लोकसभा अध्यक्ष के पास लोकसभा सचिवालय को प्रशासित करने की शक्ति है। सचिवालय के कर्मचारियों की नियुक्ति करता है, उनके कार्य के नियम निर्धारित करता है और उनके कार्य का निर्देशन करता है।
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लोकसभा अध्यक्षों की सूची क्या है?
लोकसभा अध्यक्षों की सूची इस प्रकार है:
क्रं सं | अध्यक्ष | कार्यकाल |
1 | गणेश वासुदेव मावलंकर | 15 मई 1952-27 फरवरी 1956 |
2 | एम. ए. अय्यंगार | 8 मार्च 1956-10 मई 1957-11 मई 1957-16 अप्रैल 1962 |
3 | सरदार हुकम सिंह | 17 अप्रैल 1962-16 मार्च 1967 |
4 | नीलम संजीव रेड्डी | 17 मार्च 1967-19 जुलाई 1969 |
5 | गुरदयाल सिंह ढिल्लों | 8 अगस्त 1969-19 मार्च 1971-22 मार्च 1971-1 दिसम्बर 1975 |
6 | बलि राम भगत | 15 जनवरी 1976-25 मार्च 1977 |
7 | नीलम संजीव रेड्डी | 26 मार्च 1977-13 जुलाई 1977 |
8 | के एस हेगड़े | 21 जुलाई 1977-21 जनवरी 1980 |
9 | बलराम जाखड़ | 22 जनवरी 1980-15 जनवरी 1985-16 जनवरी 1985-18 दिसम्बर 1989 |
10 | रबी रे | 19 दिसंबर 1989-9 जुलाई 1991 |
11 | शिवराज पाटिल | 10 जुलाई 1991-22 मई 1996 |
12 | पी. ए. संगमा | 23 मई 1996-23 मार्च 1998 |
13 | जी एम सी बालयोगी | 24 मार्च 1998-19 अक्टूबर 1999-22 अक्टूबर 1999-03 मार्च 2002 |
14 | मनोहर जोशी | 10 मई 2002-02 जून 2004 |
15 | सोमनाथ चटर्जी | 4 जून 2004-30 मई 2009 |
16 | मीरा कुमार | 30 मई 2009-04 जून 2014 |
17 | सुमित्रा महाजन | 6 जून 2014-16 जून 2019 |
18 | ओम बिरला | 18 जून 2019- वर्तमान तक। |
भारत के लोकसभा अध्यक्ष की भूमिका क्या है?
लोकसभा अध्यक्ष सदन में कामकाज का संचालन करता है और यह निर्णय लेता है कि कोई विधेयक धन विधेयक है या नहीं। स्पीकर लोकसभा का प्रमुख और उसका प्रतिनिधि होता है।
वह सदस्यों, समग्र रूप से सदन और उसकी समितियों की शक्तियों और विशेषाधिकारों का संरक्षक है। वह सदन के प्रमुख प्रवक्ता होते हैं और सभी संसदीय मामलों में उनका निर्णय अंतिम होता है।
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FAQs
भारत की प्रथम महिला लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार थीं।
वर्तमान में लोकसभा के अध्यक्ष ओम बिरला हैं।
लोकसभा को लोगों का सदन कहते हैं।
आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको लोकसभा के अध्यक्ष का चुनाव कौन करता है और क्या हैं लोकसभा अध्यक्ष के कार्य एवं शक्तियां? के बारे में पूरी जानकारी मिल गई होगी। एग्जाम की तैयारी और बेहतर करने व UPSC में पूछे जाने वाले क्वैश्चंस के बारे में अधिक जानकारी के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।