भारत में राज्यपाल का कार्यकाल कितना होता है, साथ ही जानें शक्तियां एवं कार्य

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राज्यपाल का कार्यकाल

भारत के राज्यों में राज्यपाल की अहम भूमिका है। किसी राज्य के राज्यपाल को राष्ट्रपति द्वारा पांच वर्ष की अवधि के लिए नियुक्त किया जाता है और वह अपनी इच्छानुसार पद पर बना रहता है। केवल 35 वर्ष से अधिक आयु के भारतीय नागरिक ही इस कार्यालय में नियुक्ति के पात्र हैं। राज्यों के राज्यपाल से संबंधित करंट अफेयर्स के प्रश्न प्रतियोगी परीक्षाओं में पूछे जाते हैं, क्योंकि करंट अफेयर्स का उद्देश्य मनुष्य की समझ को विस्तार करना है। इसलिए आज हम इस ब्लाॅग में राज्यपाल का कार्यकाल कितना होता है जानेंगे, जिसे आप अपनी तैयारी में जोड़ सकते हैं।

राज्यपाल का कार्यकाल कितना होता है?

राज्य कार्यकारिणी में राज्यपाल और मंत्रिपरिषद होती है और इसका प्रमुख मुख्यमंत्री होता है। किसी राज्य के राज्यपाल को राष्ट्रपति द्वारा 5 वर्ष की अवधि के लिए नियुक्त किया जाता है और वह अपनी इच्छानुसार पद पर बना रहता है। केवल 35 वर्ष से अधिक आयु के भारतीय नागरिक ही इस कार्यालय में नियुक्ति के पात्र हैं।

राज्यपाल का कार्यकाल

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राज्यपाल कौन होता है?

केंद्र सरकार प्रत्येक राज्य के लिए राज्यपाल को नामित करती है। राज्यपाल राज्य का कार्यकारी प्रमुख होता है। वह राज्य कार्यकारिणी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा होता है, जहां वह मुख्य कार्यकारी प्रमुख के रूप में कार्य करता है। 

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राज्यपाल की शक्तियां एवं कार्य क्या हैं?

राज्यपाल का कार्यकाल जानने के साथ ही राज्यपाल के कार्यों के बारे में जानना चाहिए, जोकि इस प्रकार हैंः

  • राज्यपाल, मंत्रिपरिषद से परामर्श करने के बाद की जाने वाली कार्रवाई के संबंध में अपना व्यक्तिगत निर्णय लेगा। 
  • मुख्यमंत्री की नियुक्ति राज्यपाल करेगा और अन्य मंत्रियों की नियुक्ति राज्यपाल, मुख्यमंत्री की सलाह पर करेगा तथा मंत्री, राज्यपाल के प्रसादपर्यन्त अपने पद धारण करेंगे
  • किसी राज्य के खातों से संबंधित भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट राज्य के राज्यपाल को सौंपी जाएगी।
  • कोई मंत्री जो लगातार छह महीने की किसी भी अवधि के लिए राज्य के विधानमंडल का सदस्य नहीं है, उस अवधि की समाप्ति पर मंत्री नहीं रहेगा।
  • जिला परिषद और राज्य सरकार के बीच रॉयल्टी के बंटवारे से संबंधित मामलों में राज्यपाल को विवेकाधीन शक्तियां दी गई हैं। 
  • सिक्किम में, राज्यपाल को विशेष जिम्मेदारी दी गई है और जनसंख्या के विभिन्न वर्गों की शांति और सामाजिक और आर्थिक उन्नति शामिल है।
  • किसी राज्य के मुख्यमंत्री की नियुक्ति या राज्य में संवैधानिक मशीनरी की विफलता के बारे में राष्ट्रपति को रिपोर्ट भेजने या विधायिका द्वारा पारित विधेयक पर सहमति से संबंधित मामलों के संबंध में सभी राज्यपाल निर्णय लेते हैं।
राज्यपाल का कार्यकाल

राज्यपाल बनने के लिए न्यूनतम योग्यता क्या है?

राज्यपाल का कार्यकाल जानने के साथ ही राज्यपाल बनने के लिए न्यूनतम योग्यता के बारे में जानना जरूरी है, जोकि इस प्रकार हैः

  • कैंडिडेट भारत का नागरिक हो।
  • कैंडिडेट 35 वर्ष की उम्र पूरी कर चुका हो।
  • कैंडिडेट स्टेट गवर्मेंट या फिर सेंट्रल गवर्मेंट या किसी सार्वजनिक उपक्रम में किसी पोस्ट पर न हो।
  • कैंडिडेट राज्य विधानसभा का सदस्य चुने जाने के योग्य हो।
  • किसी राज्य के विधानमंडल के किसी सदन का सदस्य नियुक्त किया जाएगा राज्यपाल, जिस तारीख को वह राज्यपाल के रूप में अपने पद पर प्रवेश करते हैं, उस दिन यह माना जाएगा कि उन्होंने उस सदन में अपनी सीट खाली कर दी है।
  • राज्यपाल इसके अलावा कोई अन्य पद पर नहीं रहेगा।

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FAQs

राज्यपाल कितने वर्ष तक रहता है?

5 वर्ष तक।

भारत में राज्यपाल कितने हैं?

भारत के राज्यों में राज्यपाल होते हैं।

राज्यपाल को अंग्रेजी में क्या कहते हैं?

गवर्नर (Governor).

आशा है कि इस ब्लाॅग में आपको राज्यपाल का कार्यकाल का पता चला होगा। एग्जाम की तैयारी और बेहतर करने व UPSC में पूछे जाने वाले क्वैश्चंस के बारे में अधिक जानकारी के लिए Leverage Edu के साथ बने रहें।

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