New Year Poems in Hindi: नए साल के स्वागत के लिए दुनियाभर में खूब तैयारियां की जा रही हैं, इस दिन को दुनियाभर में को नववर्ष पर आधारित कविताओं को अवश्य पढ़ना चाहिए। कविताएं ही समाज को जागरूक करती हैं, कविताएं ही सभ्यताओं का गुणगान करती हैं, कविताएं ही मानव को समाज की कुरीतियों और अन्याय के विरुद्ध लड़ना सिखाती हैं। नववर्ष पर लिखी कविताओं को पढ़कर आप सकारात्मकता के साथ नए साल का स्वागत कर सकते हैं। इस ब्लॉग में आपके लिए नव वर्ष पर कविता (New Year Poems in Hindi) दी गई हैं, जिन्हें पढ़कर आप प्रेरित हो सकते हैं।
This Blog Includes:
नव वर्ष पर कविता – New Year Poems in Hindi
नव वर्ष पर कविता (New Year Poems in Hindi) कुछ इस प्रकार हैं, जिन्हें आप इस मौके पर पढ़कर नए साल का जश्न अच्छे से मना सकते हैं –
- नया साल / मयंक विश्नोई
- गए साल की / केदारनाथ अग्रवाल
- नववर्ष / सोहनलाल द्विवेदी
- नए साल की शुभकामनाएँ! / सर्वेश्वरदयाल सक्सेना
- आओ, नूतन वर्ष मना लें / हरिवंशराय बच्चन
- आओ मिलकर गले इस नये साल में / अभिषेक कुमार अम्बर
- आप खुशियाँ मनाएँ नए साल में / कुमार अनिल
- नए वर्ष में करें इरादा / दीनदयाल शर्मा
- नए साल का कार्ड / लीलाधर मंडलोई
- नए साल का गीत / एकांत श्रीवास्तव
- नए साल की तरह / कविता किरण
- नए वर्ष का हर्ष / कन्हैयालाल मत्त
- नई सुबह / कुँअर रवीन्द्र
- नव वर्ष / सौरभ
- नव वर्ष / महेन्द्र भटनागर
- नव वर्ष आया है द्वार / शशि पाधा
- नव वर्ष मंगलमय हो / अनिल करमेले
- नवल हर्षमय नवल वर्ष यह / सुमित्रानंदन पंत
- नवीन वर्ष / हरिवंशराय बच्चन
- नववर्ष / सोहनलाल द्विवेदी
- फिर वर्ष नूतन आ गया / हरिवंशराय बच्चन
- मुबारक हो नया साल / नागार्जुन
- साथी, नया वर्ष आया है / हरिवंशराय बच्चन
- साल की आख़िरी रात / वेणु गोपाल
- साल मुबारक! / अमृता प्रीतम इत्यादि।
नवल हर्षमय नवल वर्ष यह
नवल हर्षमय नवल वर्ष यह,
कल की चिन्ता भूलो क्षण भर;
लाला के रँग की हाला भर
प्याला मदिर धरो अधरों पर!
फेन-वलय मृदु बाँह पुलकमय
स्वप्न पाश सी रहे कंठ में,
निष्ठुर गगन हमें जितने क्षण
प्रेयसि, जीवित धरे दया कर!
-सुमित्रानंदन पंत
यह भी पढ़ें : भारतीय संस्कृति की सजीव झलक प्रस्तुत करती रामनरेश त्रिपाठी की कविताएं
मुबारक हो नया साल
फलाँ-फलाँ इलाके में पड़ा है अकाल
खुसुर-पुसुर करते हैं, ख़ुश हैं बनिया-बकाल
छ्लकती ही रहेगी हमदर्दी साँझ-सकाल
अनाज रहेगा खत्तियों में बन्द!
हड्डियों के ढेर पर है सफ़ेद ऊन की शाल
अब के भी बैलों की ही गलेगी दाल!
पाटिल-रेड्डी-घोष बजाएँगे गाल
थामेंगे डालरी कमंद!
बत्तख हों, बगले हों, मेंढक हों, मराल
पूछिए चलकर वोटरों से मिजाज का हाल
मिला टिकट ? आपको मुबारक हो नया साल
अब तो बाँटिए मित्रों में कलाकंद !
-नागार्जुन
नए वर्ष में करें इरादा
नए वर्ष में करें इरादा
जीवन नई दिशा में मोड़ें
ग़र हो कोई बुरी आदत तो
मन में निश्चय करके छोड़ें।
-दीनदयाल शर्मा
यह भी पढ़ें: दुष्यंत कुमार की कविताएं, जो आपको प्रेरित करेंगी
नए वर्ष की शुभ कामनाएँ
(वृद्धों को)
रह स्वस्थ आप सौ शरदों को जीते जाएँ,
आशीष और उत्साह आपसे हम पाएँ।
(प्रौढ़ों को)
यह निर्मल जल की, कमल, किरन की रुत है।
जो भोग सके, इसमें आनन्द बहुत है।
(युवकों को)
यह शीत, प्रीति का वक्त, मुबारक तुमको,
हो गर्म नसों में रक्त मुबारक तुमको।
(नवयुवकों को)
तुमने जीवन के जो सुख स्वप्न बनाए,
इस वरद शरद में वे सब सच हो जाएँ।
(बालकों को)
यह स्वस्थ शरद ऋतु है, आनंद मनाओ।
है उम्र तुम्हारी, खेलो, कूदो, खाओ।
-हरिवंशराय बच्चन
साथी, नया वर्ष आया है
साथी, नया वर्ष आया है!
वर्ष पुराना, ले, अब जाता,
कुछ प्रसन्न सा, कुछ पछताता
दे जी भर आशीष, बहुत ही इससे तूने दुख पाया है!
साथी, नया वर्ष आया है!
उठ इसका स्वागत करने को,
स्नेह बाहुओं में भरने को,
नए साल के लिए, देख, यह नई वेदनाएँ लाया है!
साथी, नया वर्ष आया है!
उठ, ओ पीड़ा के मतवाले!
ले ये तीक्ष्ण-तिक्त-कटु प्याले,
ऐसे ही प्यालों का गुण तो तूने जीवन भर गाया है!
साथी, नया वर्ष आया है!
-हरिवंशराय बच्चन
यह भी पढ़ें: बेटियों के प्रति सम्मान के भाव को व्यक्त करती बालिका दिवस पर कविता
साल मुबारक!
जैसे सोच की कंघी में से
एक दंदा टूट गया
जैसे समझ के कुर्ते का
एक चीथड़ा उड़ गया
जैसे आस्था की आँखों में
एक तिनका चुभ गया
नींद ने जैसे अपने हाथों में
सपने का जलता कोयला पकड़ लिया
नया साल कुझ ऐसे आया
जैसे दिल के फ़िक़रे से
एक अक्षर बुझ गया
जैसे विश्वास के काग़ज़ पर
सियाही गिर गयी
जैसे समय के होंटो से
एक गहरी साँस निकल गयी
और आदमज़ात की आँखों में
जैसे एक आँसू भर आया
नया साल कुछ ऐसे आया
जैसे इश्क़ की ज़बान पर
एक छाला उठ आया
सभ्यता की बाँहों में से
एक चूड़ी टूट गयी
इतिहास की अंगूठी में से
एक नीलम गिर गया
और जैसे धरती ने आसमान का
एक बड़ा उदास-सा ख़त पढ़ा
नया साल कुछ ऐसे आया
-अमृता प्रीतम
नए साल पर कविताएं – Poems on New Year in Hindi
नए साल पर कविताएं (Poems on New Year in Hindi) कुछ इस प्रकार हैं, जो नए साल के जश्न में चार चाँद लगाएंगी-
नया साल
New Year Poems in Hindi में आपका परिचय नए साल के आने की खुशियों से होगा, नववर्ष के इस शुभावसर पर कविताओं की कड़ी से जुड़ी एक कविता “नया साल” भी आती है। यह कविता कुछ इस प्रकार है;
“संगीत की धुनों पर थिरकती हुई शाम है खुशियों की ख्याति का यह नया आयाम है आशाओं से प्रेरित कल नई सुबह निकलेगी नया साल दस्तक देगा, नई छटाएं बिखरेंगी ज़िंदगी के सफ़र में जब-जब नए मौसम आते हैं तब-तब नई बहारें खिलती हैं फिर नए किस्से बन जाते हैं मन को जब-जब अच्छी दी जाती है मिसाल ऐसा लगता है तब-तब आया हो नया साल सपनों का सत्कार होता है खुशियों का इंतज़ार होता है उत्सव होता है वो दिन बीत जाता है साल जिस दिन जश्न का माहौल हो बस, न हो कोई सवाल हंसी-ख़ुशी से आता देखो, अपना नया साल…”
-मयंक विश्नोई
भावार्थ : इस कविता के माध्यम से कवि नए साल के आगमन के उत्सव को चित्रित करने का प्रयास करता है। कवि कविता के माध्यम से नए साल की ऊर्जा और इसके जश्न में डूबी भावनाओं को महसूस करने की ओर बल देती है। कविता का उद्देश्य नए साल को आशाओं का पिटारा बताकर समाज को प्रेरित करना है, कविता का भाव स्पष्ट है कि नया साल सपनों का सत्कार करते हुए संभावनाओं के नए अवसर अपने साथ लेकर आता है। इसी भाव के साथ कविता हमें प्रेरित करने का काम करती है।
यह भी पढ़ें : प्रेरणादायक प्रसिद्ध हिंदी कविताएँ
गए साल की
New Year Poems in Hindi आपको प्रेरित करने का काम करेगी। नववर्ष के इस शुभावसर पर कविताओं की कड़ी से जुड़ी एक कविता “गए साल की” भी है। यह कविता कुछ इस प्रकार है:
गए साल की ठिठकी-ठिठकी ठिठुरन नए साल क नए सूर्य ने तोड़ी। देश-काल पर, धूप-चढ़ गई, हवा गरम हो फैली, पौरुष के पेड़ों के पत्ते चेतन चमके। दर्पण-देही दसों दिशाएँ रंग-रूप की दुनिया बिम्बित करतीं, मानव-मन में ज्योति-तरंगे उठतीं।
-केदारनाथ अग्रवाल
भावार्थ : इस कविता एक भावपूर्ण कविता है, जो बीते साल को याद करती है और नए साल के आने पर खुशी व्यक्त करती है। कविता के माध्यम से कवि बीते साल की यादों को एक बार फिर से ताज़ा करता है और उस साल से जुड़ी हर अच्छी-बुरी घटनाओं को याद करते हैं। कविता में कवि नए साल से ऐसी आशा करते हैं कि नया साल, बीते साल की गलतियों से सबक ले और एक बेहतर साल बने।
नववर्ष
New Year Poems in Hindi आपको प्रेरणा से भर देंगी। नववर्ष के इस शुभावसर पर कविताओं की कड़ी से जुड़ी एक कविता “नववर्ष” भी है। यह कविता कुछ इस प्रकार है:
स्वागत! जीवन के नवल वर्ष आओ, नूतन-निर्माण लिये, इस महा जागरण के युग में जाग्रत जीवन अभिमान लिये; दीनों दुखियों का त्राण लिये मानवता का कल्याण लिये, स्वागत! नवयुग के नवल वर्ष! तुम आओ स्वर्ण-विहान लिये। संसार क्षितिज पर महाक्रान्ति की ज्वालाओं के गान लिये, मेरे भारत के लिये नई प्रेरणा नया उत्थान लिये; मुर्दा शरीर में नये प्राण प्राणों में नव अरमान लिये, स्वागत!स्वागत! मेरे आगत! तुम आओ स्वर्ण विहान लिये! युग-युग तक पिसते आये कृषकों को जीवन-दान लिये, कंकाल-मात्र रह गये शेष मजदूरों का नव त्राण लिये; श्रमिकों का नव संगठन लिये, पददलितों का उत्थान लिये; स्वागत!स्वागत! मेरे आगत! तुम आओ स्वर्ण विहान लिये! सत्ताधारी साम्राज्यवाद के मद का चिर-अवसान लिये, दुर्बल को अभयदान, भूखे को रोटी का सामान लिये; जीवन में नूतन क्रान्ति क्रान्ति में नये-नये बलिदान लिये, स्वागत! जीवन के नवल वर्ष आओ, तुम स्वर्ण विहान लिये!
-सोहनलाल द्विवेदी
भावार्थ : यह कविता एक उत्साहपूर्ण और आशावादी कविता है, जो नए साल के आगमन पर खुशी और आशाओं के भाव को व्यक्त करती है। इस कविता के माध्यम से कवि नए साल को एक नए अवसर के रूप में देखते हैं और उसे अपने जीवन में कुछ न कुछ अच्छा करने के अवसर के रूप में देखते हैं। कविता में कवि नए साल के आगमन को एक नई सुबह के रूप में देखते हैं। कविता के अनुसार नए साल के साथ-साथ एक नया युग शुरू होता है और सभी के लिए नए अवसर खुलते हैं।
यह भी पढ़ें : सुमित्रानंदन पंत की वो महान कविताएं, जो आपको जीने का एक मकसद देंगी
नए साल की शुभकामनाएँ!
New Year Poems in Hindi आपको साहित्य के सौंदर्य से परिचित करवाएंगी। नववर्ष के इस शुभावसर पर कविताओं की कड़ी से जुड़ी एक कविता “नए साल की शुभकामनाएँ!” भी है, यह कुछ इस प्रकार है:
नए साल की शुभकामनाएँ! खेतों की मेड़ों पर धूल भरे पाँव को कुहरे में लिपटे उस छोटे से गाँव को नए साल की शुभकामनाएं! जाँते के गीतों को बैलों की चाल को करघे को कोल्हू को मछुओं के जाल को नए साल की शुभकामनाएँ! इस पकती रोटी को बच्चों के शोर को चौंके की गुनगुन को चूल्हे की भोर को नए साल की शुभकामनाएँ! वीराने जंगल को तारों को रात को ठंडी दो बंदूकों में घर की बात को नए साल की शुभकामनाएँ! इस चलती आँधी में हर बिखरे बाल को सिगरेट की लाशों पर फूलों से ख़याल को नए साल की शुभकामनाएँ! कोट के गुलाब और जूड़े के फूल को हर नन्ही याद को हर छोटी भूल को नए साल की शुभकामनाएँ! उनको जिनने चुन-चुनकर ग्रीटिंग कार्ड लिखे उनको जो अपने गमले में चुपचाप दिखे नए साल की शुभकामनाएँ!
-सर्वेश्वरदयाल सक्सेना
भावार्थ : यह कविता एक व्यापक और समग्र कविता है जो नए साल के आगमन के अवसर पर सभी को शुभकामनाएँ देती है। इस कविता में कवि नए साल को एक नए अवसर के रूप में देखकर निज जीवन में कुछ न कुछ अच्छा करने का मौका ढूंढते हैं। कविता में कवि नए साल के आगमन को एक नई सुबह के रूप में देखते हैं। कवि का मानना है कि नए साल के साथ एक नया युग शुरू होता है और सभी के लिए नए अवसर खुलते हैं।
आओ, नूतन वर्ष मना लें!
New Year Poems in Hindi में आपका परिचय नए साल के आने की खुशियों से होगा, नववर्ष के इस शुभावसर पर कविताओं की कड़ी से जुड़ी एक कविता “आओ, नूतन वर्ष मना लें!” भी है। यह कविता कुछ इस प्रकार है:
आओ, नूतन वर्ष मना लें! गृह-विहीन बन वन-प्रयास का तप्त आँसुओं, तप्त श्वास का, एक और युग बीत रहा है, आओ इस पर हर्ष मना लें! आओ, नूतन वर्ष मना लें! उठो, मिटा दें आशाओं को, दबी छिपी अभिलाषाओं को, आओ, निर्ममता से उर में यह अंतिम संघर्ष मना लें! आओ, नूतन वर्ष मना लें! हुई बहुत दिन खेल मिचौनी, बात यही थी निश्चित होनी, आओ, सदा दुखी रहने का जीवन में आदर्श बना लें! आओ, नूतन वर्ष मना लें!
-हरिवंशराय बच्चन
भावार्थ : यह एक उत्साहपूर्ण और आशावादी कविता है जो नए साल के आगमन पर खुशी और उम्मीद व्यक्त करती है। कविता के माध्यम से कवि नए साल को एक नए अवसर के रूप में देखते हैं, यह कविता हमें हर पल को ख़ुशी से जीने के लिए प्रेरित करती है। यह कविता आशाओं के दीप जलाकर निराशाओं के तमस का नाश करती है।
संबंधित आर्टिकल
आशा है कि इस ब्लॉग में दी गई नव वर्ष पर कविता (New Year Poems in Hindi) पसंद आई होंगी, जो कि आपको प्रेरित करेंगी। साथ ही यह ब्लॉग आपको इंट्रस्टिंग और इंफॉर्मेटिव भी लगा होगा, इसी प्रकार की अन्य कविताएं पढ़ने के लिए हमारी वेबसाइट Leverage Edu के साथ बने रहें।